अधिगम ( Learning ) का अर्थ : अधिगम को शिक्षा मनोविज्ञान का दिल कहा गया है। अधिगम का शिक्षा के क्षेत्र में विशेष स्थान बताया गया है। क्योंकि शिक्षा का सर्व प्रथम उद्देश्य ही सीखना है। हम सभी जानते है मनुष्य का जीवन जन्म से लेकर मृत्यु तक सीखना ही है। घर, स्कूल एवं अपने आस – पास के वातावरण से मनुष्य कुछ ना कुछ सीखता ही रहता है और अपना सर्वपक्षीय विकास करता है। Show आज हम देखते है सीखने की प्रक्रिया द्वारा दुनिया बहुत छोटी हो गई है। विभिन्न प्रकार के अनुभवों की वजह से मनुष्य के स्वाभाविक व्यवहार में जो परिवर्तन होता है उस प्रक्रिया अधिगम या सीखना कहते है। इस उदाहरण द्वारा समझते है – जब कोई छोटा बच्चा जलती हुई दियासलाई को हाथ लगाता है तो उस का हाथ जल जाता है ( उसे कड़वा अनुभव होता है। ) दूसरी बार वह जलती हुई किसी भी वस्तु की तरफ़ हाथ बढ़ाने का साहस नही करेगा । अधिगम को अधिक विस्तार से समझने के लिए नीचे दिये परिभाषाएं को देखे –
उपरोक्त परिभाषाओं के आधार पर कहा जा सकता है कि –
अधिगम के स्वरूप के बारे में द्वाष्टिकोण –
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See also मन्द बुद्धि बालक (Mentally Retarded Children) 10.अधिगम जीवन की मूलभूत प्रक्रिया – अधिगम के बिना जीवन सफलतापूर्वक जीना और इसकी प्राति होना असम्भव है। 11.अधिगम व्यक्ति के सर्वागीण विकास में सहायक – व्यक्ति का संतुलित और सर्वागीण विकास अधिगम के आधार पर हो सकता है। 12.अधिगम सक्रिय तथा सुजात्मक – अधिगम की प्रक्रिया में सीखने वाला सदा सक्रिय रहता है और सृजनात्मक कार्य करता है। इसी से उसे नए अनुभव होते हैं। 13.अधिगम चेतन और अचेतन अनुभव – अनुभव अधिगम सीखने वाले व्यक्ति के द्वारा जानबूझ कर अनजाने में अर्जित किया जा सकता है। 14.अधिगम विकास की प्रक्रिया – अधिगम किसी भी दिशा में हो सकता है लेकिन समाज में इच्छित दिशा में किया गया अधिगम ही स्वीकृत होता है और इसे ही हमेंशा विकास के द्वाष्टिकोण से देखा जाता है। 15.अधिगम द्वारा व्यवहार के सभी पक्ष प्रभावित – अधिगम द्वारा व्यक्ति के व्यवहारों के सभी पक्ष जैसे कौशल ज्ञान दृष्टिकोण, व्यक्तित्व शिष्टाचार, भय और रूचियां प्रभावित होती हैं। शिक्षण अधिगम मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं?शिक्षा मनोविज्ञान सीखने के नियमों, सिद्धान्तों तथा विधियों का ज्ञान प्रदान करता है। प्रभावशाली शिक्षण के लिए यह आवश्यक है कि अध्यापक सीखने की प्रकृति, सिद्धान्त, विधियों के ज्ञान के साथ-साथ सीखने में आने वाली कठिनाइयों को समझे तथा उनको दूर करने के विभिन्न उपायों से भी भलीभांति परिचित हो।
शिक्षा मनोविज्ञान से आप क्या समझते हैं शिक्षा मनोविज्ञान के क्षेत्र का वर्णन कीजिए?शिक्षा मनोविज्ञान, मनोविज्ञान की वह शाखा है जिसका ध्येय शिक्षण की प्रभावशाली तकनीकों को विकसित करना तथा अधिगमकर्ता की योग्यताओं एवं अभिरूचियों का आंकलन करना है। यह व्यवहारिक मनोविज्ञान की शाखा है जो शिक्षण एवं सीखने की प्रकिया को सुधारने में प्रयासरत है।
अधिगम से आप क्या समझते हैं अधिगम के विभिन्न स्तरों की उदाहरणों सहित व्याख्या कीजिए?अधिगम का सामान्य अर्थ सीखना है। अधिगम एक निरंतर चलने वाली सार्वभौमिक प्रक्रिया है। अधिगम का अर्थ सीखना अथवा व्यवहार म परिवर्तन है यह परिवर्तन अनुभव के द्वारा प्राप्त होते है। उदाहरण:- छोटा बच्चा एक भाप निकलती दूध की गिलास को स्पर्श करता है जैसे ही उसका हाथ जलने लगता है वह अपने हाथ को तुरंत हटा लेता है।
शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षा मनोविज्ञान का क्या योगदान है?शिक्षा मनोविज्ञान- शिक्षा को सर्वप्रथम वैज्ञानिक रूप देने का श्रेय शिक्षा मनोविज्ञान को ही जाता है। मनोविज्ञान की इस शाखा में मनोविज्ञान की विषय-वस्तु का उपयोग शैक्षणिक समस्याओं के समाधान करने हेतु किया जाता है। शिक्षा मनोविज्ञान विशेष तौर से विद्यार्थियों के व्यवहार परिवर्तनों का अध्ययन करता है ।
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