‘नीलकण्ठ’ दोनों पद किसी अन्य की विशेषता बता रहें हैं अर्थात् दोनों ही पदों की प्रधानता न होकर अन्य पद पधान है अतः यहाँ ‘बहुव्रीहि’ समास है और इसका समास-विग्रह होगा- ‘नीलं कण्ठं यस्य सः’ (शिवः)। Show
‘समसनं समासम्’ संक्षिप्त करना ही समास होता है अर्थात् दो या दो से अधिक पदों के विभक्ति, समुच्चय बोधक च आदि को संक्षेप करके एक पद बनाने को समास कहते है- ‘अनेकाषां पदानां एकपदी भवनं समासः।’ इसमें पूर्व और उत्तर दो पद होते हैं। यथा-
समास भेद:- प्रायः समास के पाँच प्रकार बताये गए हैं- (1) केवलसमास:- ‘विशेषसंज्ञाविनिर्मुक्तः केवल समासः’ अर्थात् विशेष संज्ञा रहित जहाँ केवल समास हो। जैसे:-
(2) अव्ययीभाव:- ‘प्रायेण पूर्वपदार्थप्रधानोऽव्ययीभावो’ अर्थात् जहाँ पूर्व पद प्रधान हो तथा अव्यय हो। जैसे:-
(3) तत्पुरुष:- ‘उत्तरपदार्थप्रधानस्तत्पुरुषः’ अर्थात् जहाँ उत्तरपद प्रधान हो दोनों पद में अलग-अलग और कभी-कभी समान विभक्ति होती है तथा पूर्वपद के विभक्ति का लोप होता है। तत्पुरुष समास के भेद:- इसके दो भेद होते हैं- 1) व्याधिकरण तत्पुरुष:- इसके सात प्रकार होते हैं- द्वितीया तत्पुरुष:- श्रित, अतीत, आगतादि शब्द यदि उत्तरपद हो तो द्वितीया तत्पुरुष समास होता है। जैसे:-
तृतीया तत्पुरुष:- हीन, विद्ध आदि शब्द यदि उत्तरपद हो तो तृतीया तत्पुरुष समास होता है। जैसे:-
चतुर्थी तत्पुरुष:- बलि, अर्थ, तदर्थ आदि शब्द यदि उत्तरपद हो तो चतुर्थी तत्पुरुष समास होता है। जैसे:-
पञ्चमी तत्पुरुष:- भय, मुक्त, पतित आदि शब्द यदि उत्तरपद हो तो पञ्चमी तत्पुरुष समास होता है। जैसे:-
षष्ठी तत्पुरुष:- जब समस्त पद में दोनों पद एक दुसरे से सम्बन्धित हो तो षष्ठी तत्पुरुष होता है। जैसे-
सप्तमी तत्पुरुष:- शौण्ड, चतुर, कुशल आदि शब्द यदि उत्तरपद हो तो सप्तमी तत्पुरुष समास होता है। जैसे:-
नञ् तत्पुरुष:- जहाँ पूर्वपद अ, अन् अथवा न हो वहाँ नञ् तत्पुरुष समास होता है। जैसे:-
2) समानाधिकरण तत्पुरुष:- इसके दो भेद होते हैं- कर्मधारय:- विशेषण-विशेष्य तथा उपमानोपमेय पदों का परस्पर समास हो तो कर्मधारय समास होता है। जैसे:-
द्विगु:- जब विशेषण संख्यावाची हो तो द्विगु समास होता है। जैसे:-
(4) द्वन्द्व:- ‘उभयपदार्थप्रधानो द्वन्द्वः’ जहाँ दोनों पद प्रधान हो। इसके विग्रह में च जुडता है। जैसे:- माता च पिता च = पितरौ
इसके तीन प्रकार हैं-
(5) बहुव्रीहि:- ‘अन्यपदार्थप्रधानो बहुव्रीहिः’ जहाँ अन्य पद प्रधान हो। जैसे:-
Last updated on Nov 24, 2022 The Uttar Pradesh Basic Education Board (UPBEB) has released the UPTET Final Result for the 2021 recruitment cycle. The UPTET exam was conducted on 23rd January 2022. The UPBEB going to release the official notification for the UPTET 2022 soon on its official website. The selection of the candidates depends on the scores obtained by them in the written examination. The candidates who will be qualified for the written test will receive an eligibility certificate that will be valid for a lifetime. Explanation : नीलकंठ कौन-सा समास है ?- Neelkanth Kaun Sa Samas Hai- बहुव्रीहि
Tag - Classes, Rehab, Treatment, Cord Blood, Conference Call, Trading, Software, Cardiologist Ka Meaning Kya Hai in Hindi नीलकंठ में कौन सा समास है?कर्मधारय समास – नीलकंठ शब्द में कर्मधारय समास है।
नीलकंठ का समास विग्रह क्या है?Answer- नीलकंठ का समास विग्रह नीला है जो कंठ है।
नीलकमल का समास विग्रह क्या है?'नीलकमल' कर्मधारय समास का उदाहरण है। 'नीलकमल' का समास विग्रह होगा - नीला है कमल जो।
नीला है जो कांट कौन सा समास है?नीलकंठ', नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव। यहाँ पर दोनों पदों ने मिल कर एक तीसरे पद 'शिव' का संकेत किया, इसलिए यह बहुव्रीहि समास है।
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