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Indian Flag | तस्वीर साभार: BCCL नई दिल्ली : राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा समाहित हैं। इन तीन रंगों का अपना महत्व है और इनके दार्शनिक मायने भी निकाले जाते हैं। राष्ट्रध्वज के निर्माताओं ने देश को एक सूत्र में बांधने के लिए बहुत सोच-समझकर इन तीन रंगो और अशोक चक्र का उपयोग किया। तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। वहीं सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की निशानी है। तिरंगे के तीसरे यानी हरे रंग को सन्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। ये रंग मिलकर देश के गौरव का प्रतीक बनाते हैं और भाईचारे के संदेश के साथ ही जीवन को लेकर ज्ञान भी देते हैं। आध्यात्म से सराबोर रंग है केसरिया Also Read: बाल बता सकते हैं आपका भविष्य, जानें इसके 5 खास तरीके हिन्दू, बुद्ध, सिख - सभी इस रंग को अपने करीब मानते हैं। आम भाषा में केसरिया रंग को संतरी रंग भी कहा जाता है। इसे हिंदू धर्म की निशानी भी मानते हैं। आमतौर पर किसी भी साधु, ऋषि, मुनि या मंदिर के पंडित को केसरी वस्त्र में ही देखा जाता है जिसकी अलग महत्ता है। पूजा-अर्चना के दौरान केसरी रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है। हिन्दू मान्यताओं के आधार पर केसरी रंग अग्नि का प्रतीक है। मनुष्य हवन कुंड में जल रही अग्नि के जरिए ही परमात्मा का बोध करता है। इस आधार पर भी केसरी रंग को आधायत्म से जोड़ा जाता है। Also Read: अगर कभी उठाए हैं सड़क पर गिरे पैसे, जानिए क्या होता है इसका अर्थ सद्भाव की निशानी है सफेद रंग Also Read: लाइफ में मिल रहे हैं ये 5 संकेत, तो शुरू होने वाला है बुरा वक्त खुशहाली और प्रगति का प्रतीक हरा रंग हरा रंग पूरे भारत में हरियाली को दर्शाता है और आंखों को सुकून भी देता है। जिस प्रकार प्रकृति जीवन का संदेश देती है, उसी प्रकार इस रंग से भी जीवन का गहरा संबंध है। फेंगशुई की मानें तो हरा रंग बीमार व्यक्तियों के लिए जीवनदायी औषधि सरीखा है। फेंगशुई ने इसे विकास, स्वास्थ्य और सौभाग्य का भी प्रतीक माना है। हरे रंग में बेरियम, क्लोरोफिल, तांबा, नाइट्रोजन और निक्कल जैसे तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इस रंग के बारे में कहा जाता है कि यह डिप्रेशन यानी अवसाद से भी व्यक्ति को दूर रखता है। हरा रंग भावनात्मक रूप से राजसी ठाठ और निरंकुशता की प्रकृति को प्रदर्शित करता है। तिरंगे का इतिहास काफी पुराना है। पहली बार इसे 1906 में बनाया गया। हालांकि इसके रूप में कई बार परिवर्तन भी होता आया है। देश इस बार 26 जनवरी को अपना 70वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाने जा रहा है। धर्म व अन्य विषयों की Hindi News के लिए आएं Times Now Hindi पर। हर अपडेट के लिए जुड़ें हमारे FACEBOOK पेज के साथ। देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल ‘हर घर तिरंगा’ भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में लोगों को अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘आज़ादी के अमृत’ महोत्सव के तत्वावधान में चलाया जा रहा एक अभियान है। झंडे के साथ हमारा संबंध सदैव व्यक्तिगत की बजाए औपचारिक और संस्थागत रूप में अधिक रहा है। आज़ादी के 75वें वर्ष के दौरान एक राष्ट्र के रूप में झंडे को सामूहिक रूप से घर पर लाना न केवल तिरंगे के साथ हमारे व्यक्तिगत संबंध का प्रतीक है बल्कि यह राष्ट्र निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह पहल लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत करने और भारत के राष्ट्रीय झंडे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर आप सबको अपने घरों में 13thअगस्त से 15th अगस्त, 2022. तक झंडा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा, आप https://harghartiranga.com, पर वचुर्अल रूप से झंडे को वेबसाइट पर पिन कर सकते हैं और इस पर झंडे के साथ एक सेल्फी भी पोस्ट कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू)प्र.1 क्या राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, प्रदर्शन और फहराने के निर्देश किसी भी व्यापक विधि द्वारा निर्देशित है? हाँ - ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ और राष्ट्रीय गौरव के अपमान की रोकथामअधिनियम, 1971। प्र.2 भारतीय ध्वज संहिता क्या है? भारतीय ध्वज संहिता राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबधित सभी कानून, परंपराएँ, प्रथाएँ और निर्देशों के बारे में है। यह निजी, सार्वजनिक और सरकारी संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करती है। भारतीय ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को प्रभाव में आई थी। प्र.3 राष्ट्रीय ध्वज को बनाने के लिए किस सामग्री का उपयोग किया जा सकता है? भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 30 दिसंबर 2021 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया था जिसके अनुसार पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई है। अब, राष्ट्रध्वज हाथ से बुने और हाथ से सिले या मशीन से बने, कॉटन/पॉलीस्टर/ऊन/रेशम/खादी बंटिंग से बनाए जा सकत हैं। प्र.4 राष्ट्रीय ध्वज का उपयुक्त आकार और अनुपात क्या है? भारतीय ध्वज संहिता के पैराग्राफ 1.3 और 1.4 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज आकार में आयताकार होना चाहिए। झंडा किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और ऊँचाई (चैड़ाई) का अनुपात 3:2 होगा। प्र.5 क्या मैं अपने घर में राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकता हूँ? भारतीय ध्वज संहिता के पैराग्राफ 2.2 के अनुसार, एक सार्वजनिक, एक निजी संगठन या एक शैक्षणिक संस्थान का सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुसार सभी दिनों या अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा/प्रदर्शित कर सकता है। प्र.6 खुले में/घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का समय क्या है? भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को दिनांक 20 जुलाई, 2002 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया था और भारत की ध्वज संहिता के भाग-।। के पैराग्राफ 2.2 के खंड (गप) को निम्नलिखित खंड द्वारा बदला गया था - “जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या जनता के किसी सदस्य के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है” प्र.7 अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन पर होता है, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए। क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए। प्रश्न 8. राष्ट्रीय ध्वज के ग़लत प्रदर्शन से बचने के लिए मुझे क्या ध्यान रखना चाहिए?
प्र.9. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को रोकने के लिए क्या कोई नियम है? हाँ। राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के स्पष्टीकरण 4 के अनुसार निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाना चाहिए:
प्र.10. राष्ट्रीय ध्वज को खुले में/सार्वजनिक भवनों में लगाने का सही तरीका क्या है?
प्र.11. राष्ट्रीय ध्वज को क्या आधा झुका होना चाहिए? भारत सरकार द्वारा निर्देशित अवसरों को छोड़कर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका हुआ नहीं फहराया जाएगा। जब आधे मस्तूल पर फहराया जाएगा तो राष्ट्रीय ध्वज को पहले स्तंभ को शिखर/शीर्ष पर फहराया जाएगा, फिर आधे झुके हुए ही उतारना होगा। एक दिन के लिए राष्ट्रीय ध्वज को नीचे करने से पहले इसे फिर से शीर्ष पर उठाना चाहिए। प्र.12. क्या मैं अपनी गाड़ी में राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकता हूँ? मोटर कार पर राष्ट्रीय ध्वज के फहराने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहित 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार केवल निम्नलिखित व्यक्तियों तक सीमित है:
प्र.13. हम अन्य देशों के झंडों के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं?
प्र.14. राष्ट्रीय ध्वज का निपटान किस प्रकार किया जाना चाहिए?
भारत की ध्वज संहिता – 2002 की मुख्य विशेषताएंभारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है तथा राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सार्वभौमिक स्नेह, सम्मान तथा निष्ठा है। यह भारत के लोगों की भावनाओं और मानस में एक अद्वितीय और विशेष स्थान रखता है। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा शासित होता है। भारतीय ध्वज संहिता, 2002 की कुछ प्रमुख विशेषताएँ जनता की जानकारी के लिए नीचे सूचीबद्ध हैं:-
नोट:- अधिक जानकारी के लिए, राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 गृह मंत्रालय की वेबसाइट www.mha.gov.in पर उपलब्ध हैं। 'हर घर तिरंगा'अभियान !'हर घर तिरंगा' अभियान एक जन आंदोलन बन गया है जिसमें हर कोई एक साथ मिल कर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा है। गांवों से लेकर शहरों तक देशभर के लोग तिरंगा फहरा रहे हैं और हमारे देश के लिए बहादुरी से लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। इस अभियान ने विशेष रूप से युवाओं और बच्चों को प्रभावित किया है तथा उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। समस्त समारोहों के बीच, भारत ने एक बार फिर से एक मील का पत्थर अर्जित किया है तथा चंडीगढ़ के क्रिकेट स्टेडियम में लहराते हुए ध्वज की सबसे बड़ी मानव छवि बनाने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस अभियान के माध्यम से भारत की एकता में अनेकता की भावना को और अधिक बढ़ावा मिला है। यहाँ पर देश-विदेश में मनाए जा रहे 'हर घर तिरंगा' अभियान की झलकियाँ दी जा रही हैं :- अंडमान और निकोबार द्वीप समूहआंध्र प्रदेशअरुणाचल प्रदेशअसमबिहारचंडीगढ़छत्तीसगढ़दादर और नगर हवेली और दमन और दीवदिल्लीगोवागुजरातहरियाणाहिमाचल प्रदेशजम्मू-कश्मीरझारखंडकर्नाटककेरलKeralaलद्दाखलक्षद्वीपमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रमणिपुरमेघालयमिजोरमनागालैंडओड़िशापुद्दुचेरीपंजाबराजस्थानसिक्किमतमिलनाडुतेलंगानात्रिपुराउत्तराखंडउत्तर प्रदेशपश्चिम बंगालतिरंगे के रंगों से जगमगाते स्मारकQutub Minar Ancient Site-Dholavira Bandra Kurla Complex Connector Brihanmumbai Municipal Corporation
Buddhist Site-Salihundam Charminar Jantar Mantar Chhatrapati Shivaji Terminus Kondareddy Buruji Lower Fort Metcalf Hall Pimpri Chinthwad Mahanagar Palika Bhawan Purana Qila Safdarjung Tomb Sanchi Stupa Sardar Sarovar Dam Sardar Sarovar Dam Sarnath Monument Sarnath Monument Sarnath Monument Sarnath Monument Sher Shah Suri Tomb Sri Veerabhadra Swamy Temple Sun Temple Konark Thousand Pillar Temple हर घर तिरंगा का अंतरराष्ट्रीय महोत्सवCanada Canada Canada Canada Czech Republic Czech Republic Damascus, Syria Democratic Republic of Congo Equatorial Guinea Frankfurt, Germany Guatemala Houston, USA Houston, USA Houston, USA Jordan Jordan Jordan Lebanon Netherlands New York, USA São Paulo, Brazil São Paulo, Brazil São Paulo, Brazil São Tomé and Príncipe Seychelles Sydney, Australia Turkey Turkey Tanzania United Kingdom United Kingdom United Kingdom United Kingdom United Kingdom United Kingdom Venezuela Venezuela Venezuela तिरंगे की क्या विशेषताएं हैं?राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं: केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे है। ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है। भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया।
तिरंगे का क्या महत्व है?1) भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता को दर्शाता है। 2) राष्ट्रीय ध्वज देश के गौरव का प्रतीक होता है। 3) राष्ट्र का झंडा उस देश की अखंडता को प्रदर्शित करता है। 4) राष्ट्रीय ध्वज लोगों में देशभक्ति की भावना को प्रेरित करता है।
तिरंगे का मतलब क्या है?इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की ताकत और साहस को दर्शाती है, बीच में श्वेत पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है।
तिरंगा के रचयिता कौन है?तिरंगे का निर्माण करने वाले शख्स का नाम पिंगली वेंकैया है। 1921 में पिंगली वेंकैया ने ध्वज का निर्माण किया था।
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