तिरंगा की क्या क्या विशेषताएं हैं? - tiranga kee kya kya visheshataen hain?

तिरंगा की क्या क्या विशेषताएं हैं? - tiranga kee kya kya visheshataen hain?

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Indian Flag   |  तस्वीर साभार: BCCL

नई द‍िल्‍ली : राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में तीन रंग केसरिया, सफेद और हरा समाहित हैं। इन तीन रंगों का अपना महत्व है और इनके दार्शनिक मायने भी निकाले जाते हैं। राष्ट्रध्वज के निर्माताओं ने देश को एक सूत्र में बांधने के लिए बहुत सोच-समझकर इन तीन रंगो और अशोक चक्र का उपयोग किया। तिरंगे में मौजूद केसरिया रंग को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है। वहीं सफेद रंग सच्चाई, शांति और पवित्रता की न‍िशानी है। तिरंगे के तीसरे यानी हरे रंग को सन्पन्नता का प्रतीक माना जाता है। ये रंग मिलकर देश के गौरव का प्रतीक बनाते हैं और भाईचारे के संदेश के साथ ही जीवन को लेकर ज्ञान भी देते हैं। 

आध्यात्म से सराबोर रंग है केसरिया
केसरिया रंग को बलिदान का प्रतीक कहते हैं। यह रंग राष्ट्र के प्रति हिम्मत और निस्वार्थ भावनाओं को दिखाता है। यह रंग बौद्ध और जैन जैसे धर्मों के लिए धार्मिक महत्व का रंग है। हालांकि यह रंग सभी धर्मों के अहंकार को मुक्ति और त्याग का भी संदेश देता है और लोगों में एकता बनाने का भी यह प्रतीक माना जाता है। केसरिया रंग को आध्यात्म और उर्जा का प्रतीक भी माना जाता है। 

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तिरंगा की क्या क्या विशेषताएं हैं? - tiranga kee kya kya visheshataen hain?

हिन्दू, बुद्ध, सिख - सभी इस रंग को अपने करीब मानते हैं। आम भाषा में केसरिया रंग को संतरी रंग भी कहा जाता है। इसे हिंदू धर्म की निशानी भी मानते हैं। आमतौर पर किसी भी साधु, ऋषि, मुनि या मंदिर के पंडित को केसरी वस्त्र में ही देखा जाता है जिसकी अलग महत्ता है। 

पूजा-अर्चना के दौरान केसरी रंग के वस्त्र पहनने की मान्यता है। हिन्दू मान्यताओं के आधार पर केसरी रंग अग्नि का प्रतीक है। मनुष्य हवन कुंड में जल रही अग्नि के जरिए ही परमात्मा का बोध करता है। इस आधार पर भी केसरी रंग को आधायत्‍म से जोड़ा जाता है। 

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सद्भाव की न‍िशानी है सफेद रंग
भारतीय तिरंगे के बीच में रहता है सफेद रंग जो शांति और ईमानदारी का प्रतीक माना गया है। भारतीय दर्शन शास्त्र के मुताबिक, सफेद रंग को स्वच्छता और ज्ञान का भी प्रतीक माना गया है। मार्गदर्शन और सच्चाई की राह पर हमेशा चलना चाहिए। 

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खुशहाली और प्रगति का प्रतीक हरा रंग
तिरंगे के सबसे नीचे हरा रंग विश्वास, उर्वरता, खुशहाली, समृद्धि और प्रगति का प्रतीक है। दर्शन शास्त्र के अनुसार, हरे रंग को उत्‍सव के माहौल से भी जोड़ा जाता है। तो फेंगशुई के मुताबिक हरा रंग कई बीमारियों से भी राहत दिलाता है। 

हरा रंग पूरे भारत में हरियाली को दर्शाता है और आंखों को सुकून भी देता है। जिस प्रकार प्रकृति जीवन का संदेश देती है, उसी प्रकार इस रंग से भी जीवन का गहरा संबंध है। फेंगशुई की मानें तो हरा रंग बीमार व्यक्तियों के लिए जीवनदायी औषधि सरीखा है। फेंगशुई ने इसे विकास, स्वास्थ्य और सौभाग्य का भी प्रतीक माना है।

हरे रंग में बेरियम, क्लोरोफिल, तांबा, नाइट्रोजन और निक्कल जैसे तत्व पाए जाते हैं। साथ ही इस रंग के बारे में कहा जाता है कि यह ड‍िप्रेशन यानी अवसाद से भी व्‍यक्‍त‍ि को दूर रखता है। हरा रंग भावनात्मक रूप से राजसी ठाठ और निरंकुशता की प्रकृति को प्रदर्शित करता है।

तिरंगे का इतिहास काफी पुराना है। पहली बार इसे 1906 में बनाया गया। हालांकि इसके रूप में कई बार परिवर्तन भी होता आया है। देश इस बार 26 जनवरी को अपना 70वां गणतंत्र दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाने जा रहा है।

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‘हर घर तिरंगा’ भारत की आज़ादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्‍य में लोगों को अपने घर पर तिरंगा झंडा फहराने के लिए प्रोत्‍साहित करने हेतु ‘आज़ादी के अमृत’ महोत्‍सव के तत्‍वावधान में चलाया जा रहा एक अभियान है। झंडे के साथ हमारा संबंध सदैव व्‍यक्तिगत की बजाए औपचारिक और संस्‍थागत रूप में अधिक रहा है। आज़ादी के 75वें वर्ष के दौरान एक राष्‍ट्र के रूप में झंडे को सामूहिक रूप से घर पर लाना न केवल तिरंगे के साथ हमारे व्‍यक्तिगत संबंध का प्रतीक है बल्कि यह राष्‍ट्र निर्माण में हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। यह पहल लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जागृत करने और भारत के राष्‍ट्रीय झंडे के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए की गई है।

इस महत्‍वपूर्ण अवसर पर आप सबको अपने घरों में 13thअगस्‍त से 15th अगस्‍त, 2022. तक झंडा फहराने के लिए प्रोत्‍साहित किया जाता है। इसके अलावा, आप https://harghartiranga.com, पर वचुर्अल रूप से झंडे को वेबसाइट पर पिन कर सकते हैं और इस पर झंडे के साथ एक सेल्‍फी भी पोस्‍ट कर सकते हैं।

भारतीय राष्‍ट्रीय ध्‍वज के बारे में बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्‍न (एफएक्‍यू)

प्र.1 क्या राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग, प्रदर्शन और फहराने के निर्देश किसी भी व्यापक विधि द्वारा निर्देशित है?

हाँ - ‘भारतीय ध्वज संहिता 2002’ और राष्ट्रीय गौरव के अपमान की रोकथामअधिनियम, 1971।

प्र.2 भारतीय ध्वज संहिता क्या है?

भारतीय ध्वज संहिता राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन से संबधित सभी कानून, परंपराएँ, प्रथाएँ और निर्देशों के बारे में है। यह निजी, सार्वजनिक और सरकारी संस्थानों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन को नियंत्रित करती है। भारतीय ध्वज संहिता 26 जनवरी 2002 को प्रभाव में आई थी।

प्र.3 राष्ट्रीय ध्वज को बनाने के लिए किस सामग्री का उपयोग किया जा सकता है?

भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 30 दिसंबर 2021 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया था जिसके अनुसार पॉलिएस्टर या मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई है। अब, राष्ट्रध्वज हाथ से बुने और हाथ से सिले या मशीन से बने, कॉटन/पॉलीस्टर/ऊन/रेशम/खादी बंटिंग से बनाए जा सकत हैं।

प्र.4 राष्ट्रीय ध्वज का उपयुक्त आकार और अनुपात क्या है?

भारतीय ध्वज संहिता के पैराग्राफ 1.3 और 1.4 के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज आकार में आयताकार होना चाहिए। झंडा किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई और ऊँचाई (चैड़ाई) का अनुपात 3:2 होगा।

प्र.5 क्या मैं अपने घर में राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकता हूँ?

भारतीय ध्वज संहिता के पैराग्राफ 2.2 के अनुसार, एक सार्वजनिक, एक निजी संगठन या एक शैक्षणिक संस्थान का सदस्य राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुसार सभी दिनों या अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा/प्रदर्शित कर सकता है।

प्र.6 खुले में/घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने का समय क्या है?

भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को दिनांक 20 जुलाई, 2002 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया था और भारत की ध्वज संहिता के भाग-।। के पैराग्राफ 2.2 के खंड (गप) को निम्नलिखित खंड द्वारा बदला गया था -

“जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या जनता के किसी सदस्य के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है”

प्र.7 अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शन पर होता है, तो उसे सम्मान की स्थिति में होना चाहिए और स्पष्ट रूप से रखा जाना चाहिए। क्षतिग्रस्त या अस्त-व्यस्त राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित नहीं किया जाना चाहिए।

प्रश्न 8. राष्ट्रीय ध्वज के ग़लत प्रदर्शन से बचने के लिए मुझे क्या ध्यान रखना चाहिए?

  • राष्ट्रीय ध्वज को उल्टे तरीके से प्रदर्शित नहीं किया जाएगा; यथा केसरिया हिस्सा नीचे नहीं होना चाहिए।
  • एक क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज किसी भी व्यक्ति या चीज की सलामी में नहीं झुकाया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज के साथ कोई अन्य ध्वज या ध्वजपट उससे ऊपर या उससे ऊँचा या उसके बराबर नहीं लगाया जाएगा; न ही ध्वजारोहण के दौरान कोई फूल या माला या प्रतीक सहित कोई वस्तु, जिससे राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, ऊपर रखी जाएगी।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग तोरण, फुंदने, ध्वजपट या अन्य किसी तरह की सजावट के लिए नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज को ज़मीन या फर्श या पानी में स्पर्श की अनुमति नहीं दी जाएगी।
  • राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में इसे प्रदर्शित या लगाया नहीं जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज को किसी अन्य ध्वज याझंडे के साथ मस्तूल शिखर (झंडे के स्तंभ के शीर्ष भाग) पर नहीं फहराया जाना चाहिए।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वक्ता को मेज को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा, न ही वक्ता के मंच को इससे लपेटा जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या किसी पहनावे के हिस्से में चित्रित नहीं किया जाएगा, जो किसी भी व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता है और न ही कुशन, रूमाल, नैपकिन, अंतःवस्त्र या किसी कपड़े में कढ़ाई या मुद्रित रूप में किया जाएगा।

प्र.9. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को रोकने के लिए क्या कोई नियम है?

हाँ। राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के स्पष्टीकरण 4 के अनुसार निम्नलिखित नियमों का पालन किया जाना चाहिए:

  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग निजी अंत्येष्टि को लपेटने के साथ ही किसी भी तरह की चीजों को लपेटने के लिए नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी भी पोशाक या वर्दी या पहनावे के हिस्से में चित्रित नहीं किया जाएगा जो किसी भी व्यक्ति के कमर के नीचे पहना जाता है और न ही कुशन, रूमाल, नैपकिन, अंतःवस्त्र या किसी कपड़े में कढ़ाई या मुद्रित रूप में किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग लेखन प्रक्रिया में नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग वस्तुओं को लपटने, प्राप्त करने और वितरित करने के लिए नहीं किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग किसी वाहन के किनारों, पृष्ठ भाग या शीर्ष भाग को ढकने के लिए नहीं किया जाएगा।

प्र.10. राष्ट्रीय ध्वज को खुले में/सार्वजनिक भवनों में लगाने का सही तरीका क्या है?

  • जब राष्ट्रीय ध्वज को समतल या क्षैतिज पटल पर प्रदर्शित किया जाता है, केसरिया पट्टी सबसे ऊपर होगा और लंबवत् प्रदर्शित की जाएगी, राष्ट्रीय ध्वज के संदर्भ में केसरिया पट्टी दाईं ओर अर्थात्, यह सामने वाले व्यक्ति के बाईं ओर होनी चाहिए।
  • जब राष्ट्रीय ध्वज को किसी स्तंभ पर क्षैतिज रूप से या सिल के एक कोण से, बालकनी या इमारत के सामने लगाया जाएगा, केसरिया पट्टी के सबसे दूरस्थ छोर पर होगा।

प्र.11. राष्ट्रीय ध्वज को क्या आधा झुका होना चाहिए?

भारत सरकार द्वारा निर्देशित अवसरों को छोड़कर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका हुआ नहीं फहराया जाएगा। जब आधे मस्तूल पर फहराया जाएगा तो राष्ट्रीय ध्वज को पहले स्तंभ को शिखर/शीर्ष पर फहराया जाएगा, फिर आधे झुके हुए ही उतारना होगा। एक दिन के लिए राष्ट्रीय ध्वज को नीचे करने से पहले इसे फिर से शीर्ष पर उठाना चाहिए।

प्र.12. क्या मैं अपनी गाड़ी में राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर सकता हूँ?

मोटर कार पर राष्ट्रीय ध्वज के फहराने का विशेषाधिकार भारतीय ध्वज संहित 2002 के अनुच्छेद 3.44 के अनुसार केवल निम्नलिखित व्यक्तियों तक सीमित है:

  • राष्ट्रपति
  • उपराष्ट्रपति
  • राज्यपाल और उपराज्यपाल
  • भारतीय मिशन के प्रमुख/
  • प्रधानमंत्री
  • कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री और संघ के उपमंत्री
  • मुख्यमंत्री और राज्य या केंद्रशासित कैबिनेट मंत्री
  • लोकसभा के अध्यक्ष, राज्य सभा के उपाध्यक्ष, लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विधान सभाओं के अध्यक्ष, राज्यों की विधान परिषद् के उपाध्यक्ष, राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की
  • विधान सभाओं के उपाध्यक्ष
  • भारत के मुख्य न्यायाधीश
  • सर्वोच्च न्यायलय के न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश
  • उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश

प्र.13. हम अन्य देशों के झंडों के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज कैसे प्रदर्शित कर सकते हैं?

  • भारतीय ध्वज संहिता के पैरा 3-32 के अनुसार, जब राष्ट्रीय ध्वज को अन्य देशों के ध्वजों के साथ एक सीधी रेखा में प्रदर्शित किया जाता है, तो राष्ट्रीय ध्वज बिलकुल दाईं ओर होगा। अन्य राष्ट्रों के ध्वज राष्ट्रों के नामों के अंग्रेजी वर्णमाला क्रम के अनुसार लगाए जाएँगे।
  • यदिध्वज को गोलनुमा गठन में फहराया जाता है, तो राष्ट्रीय ध्वज को पहले फहराया जाता है और उसके बाद अन्य राष्ट्रध्वजों को गोलाकार रूप में लगाया जाता है।
  • जब ध्वज को किसी अन्य ध्वज के साथ दीवार के साथ प्रदर्शित किया जाता है, तो राष्ट्रीय ध्वज को दाईं ओर प्रदर्शित करना होगा तथा उसके कर्मचारी दूसरे ध्वज के कर्मचारियों के सामने होंगे।
  • जब राष्ट्रीय ध्वज को अन्य राष्ट्रों के ध्वजों के साथ फहराया जाता है, तो ध्वज मस्तूल समान आकार के होंगे।

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प्र.14. राष्ट्रीय ध्वज का निपटान किस प्रकार किया जाना चाहिए?

  • भारतीय ध्वज संहिता के पैरा 2-2 के अनुसार, यदि राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो जाता है, तो राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ध्यान में रखते हुए उसे जलाकर अथवा उसे किसी अन्य विधि द्वारा पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा।
  • यदि राष्ट्रीय ध्वज कागज से बना हो, जिसे आम जनता द्वारा लहराया जाता है, तो इन झंडों को ज़मीन पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए। राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा को ध्यान में रखते हुए उन्हें निजी तौर पर नष्ट कर दिया जाना चाहिए।

    स्रोत:

    www.mha.gov.in/sites/default/files/flagcodeofindia_070214.pdf
    www.mha.gov.in/sites/default/files/Prevention_Insults_National_Honour_Act1971_1.pdf

भारत की ध्‍वज संहिता – 2002 की मुख्‍य विशेषताएं

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज भारत के लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता है। यह हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है तथा राष्ट्रीय ध्वज के प्रति सार्वभौमिक स्नेह, सम्मान तथा निष्ठा है। यह भारत के लोगों की भावनाओं और मानस में एक अद्वितीय और विशेष स्थान रखता है।

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा शासित होता है। भारतीय ध्वज संहिता, 2002 की कुछ प्रमुख विशेषताएँ जनता की जानकारी के लिए नीचे सूचीबद्ध हैं:-

  • भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को 30 दिसंबर 2021 के आदेश के अंतर्गत संशोधित किया गया था और पॉलिएस्टर या मशीन निर्मित ध्वज से बने राष्ट्रीय ध्वज को अनुमति दी गई है। अब हाथ से काते, हाथ से बुने अथवा मशीन से बने हुए राष्ट्रीय ध्वज कपास/पॉलिस्टर/ऊन/रेशम/खादी के होंगे।
  • कोई भी सार्वजनिक/निजी संस्था अथवा शैक्षिक संस्थान का सदस्य सभी दिनों, अवसरों, औपचारिक अथवा अन्य अवसरों पर राष्ट्रीय ध्वज की गरिमा और सम्मान के अनुरूप उसे फहरा सकता है।
  • भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को दिनांक 19 जुलाई 2022 के आदेश द्वारा संशोधित किया गया था तथा भारतीय ध्वज संहिता के भाग-प्प्के पैरा 2-2 के खंड (गप) को निम्नलिखित खंड द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था:-
    (xi) जहाँ ध्वज खुले में प्रदर्शित किया जाता है या जनता के किसी सदस्य के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, उसे दिन-रात फहराया जा सकता हैß
  • राष्ट्रीय ध्वज आकार में आयताकार होगा। ध्वज किसी भी आकार का हो सकता है लेकिन ध्वज की लंबाई और ऊँचाई (चैड़ाई) का अनुपात 3%2 होगा।
  • जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए, तो उसे पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए और उसे प्रत्यक्ष रूप से यथोचित स्थान पर रखा जाना चाहिए।
  • क्षतिग्रस्त या मैला-कुचैला ध्वज प्रदर्शित नहीं किया जाएगा।
  • ध्वज को किसी भी अन्य ध्वज याध्वजों के साथ एक साथ एक ही स्तंभ पर नहीं फहराया जाना चाहिए।
  • ध्वज संहिता के भाग-प्प्प्की धारा प्ग् में उल्लिखित गणमान्य व्यक्तियों जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, राज्यपालों आदि को छोड़कर किसी भी वाहन पर ध्वज नहीं फहराया जाना चाहिए।
  • कोई अन्य ध्वज या बंटिंग राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या साथ-साथ नहीं रखा जाना चाहिए।

नोट:- अधिक जानकारी के लिए, राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 गृह मंत्रालय की वेबसाइट www.mha.gov.in पर उपलब्ध हैं।

'हर घर तिरंगा'अभियान !

'हर घर तिरंगा' अभियान एक जन आंदोलन बन गया है जिसमें हर कोई एक साथ मिल कर राष्ट्रीय ध्वज फहरा रहा है। गांवों से लेकर शहरों तक देशभर के लोग तिरंगा फहरा रहे हैं और हमारे देश के लिए बहादुरी से लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति आभार व्यक्त कर रहे हैं। इस अभियान ने विशेष रूप से युवाओं और बच्चों को प्रभावित किया है तथा उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम की स्मृतियों को संरक्षित करने के लिए प्रोत्साहित किया है। समस्त समारोहों के बीच, भारत ने एक बार फिर से एक मील का पत्थर अर्जित किया है तथा चंडीगढ़ के क्रिकेट स्टेडियम में लहराते हुए ध्वज की सबसे बड़ी मानव छवि बनाने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है। इस अभियान के माध्यम से भारत की एकता में अनेकता की भावना को और अधिक बढ़ावा मिला है।

यहाँ पर देश-विदेश में मनाए जा रहे 'हर घर तिरंगा' अभियान की झलकियाँ दी जा रही हैं :-

अंडमान और निकोबार द्वीप समूह

आंध्र प्रदेश

अरुणाचल प्रदेश

असम

बिहार

चंडीगढ़

छत्तीसगढ़

दादर और नगर हवेली और दमन और दीव

दिल्ली

गोवा

गुजरात

हरियाणा

हिमाचल प्रदेश

जम्मू-कश्मीर

झारखंड

कर्नाटक

केरलKerala

लद्दाख

लक्षद्वीप

मध्य प्रदेश

महाराष्ट्र

मणिपुर

मेघालय

मिजोरम

नागालैंड

ओड़िशा

पुद्दुचेरी

पंजाब

राजस्थान

सिक्किम

तमिलनाडु

तेलंगाना

त्रिपुरा

उत्तराखंड

उत्तर प्रदेश

पश्चिम बंगाल

तिरंगे के रंगों से जगमगाते स्मारक

तिरंगा की क्या क्या विशेषताएं हैं? - tiranga kee kya kya visheshataen hain?

Qutub Minar
Delhi

तिरंगा की क्या क्या विशेषताएं हैं? - tiranga kee kya kya visheshataen hain?

Ancient Site-Dholavira
Gujarat

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Bandra Kurla Complex Connector
Maharashtra

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Brihanmumbai Municipal Corporation
Maharashtra

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Buddhist Site-Salihundam
Andhra Pradesh

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Charminar
Hyderabad

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Jantar Mantar
Delhi

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Chhatrapati Shivaji Terminus
Maharashtra

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Kondareddy Buruji
Andhra Pradesh

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Lower Fort
Andhra Pradesh

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Metcalf Hall
West Bengal

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Pimpri Chinthwad Mahanagar Palika Bhawan
Maharashtra

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Purana Qila
Delhi

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Safdarjung Tomb
Delhi

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Sanchi Stupa
Madhya Pradesh

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Sardar Sarovar Dam
Gujarat

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Sardar Sarovar Dam
Gujarat

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Sarnath Monument
Uttar Pradesh

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Sarnath Monument
Uttar Pradesh

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Sarnath Monument
Uttar Pradesh

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Uttar Pradesh

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Sher Shah Suri Tomb
Bihar

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Sri Veerabhadra Swamy Temple
Andhra Pradesh

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Sun Temple Konark
Odisha

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Thousand Pillar Temple
Telangana

हर घर तिरंगा का अंतरराष्ट्रीय महोत्सव

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Canada

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Canada

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Canada

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Czech Republic

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Czech Republic

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Damascus, Syria

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Democratic Republic of Congo

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Equatorial Guinea

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Frankfurt, Germany

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Guatemala

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Houston, USA

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Lebanon

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Netherlands

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New York, USA

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São Paulo, Brazil

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São Tomé and Príncipe

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Seychelles

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Sydney, Australia

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Turkey

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Turkey

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Tanzania

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United Kingdom

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Venezuela

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Venezuela

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तिरंगे की क्या विशेषताएं हैं?

राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में समान अनुपात में तीन क्षैतिज पट्टियां हैं: केसरिया रंग सबसे ऊपर, सफेद बीच में और हरा रंग सबसे नीचे है। ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। सफेद पट्टी के बीच में नीले रंग का चक्र है। भारत की संविधान सभा ने राष्ट्रीय ध्वज का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया।

तिरंगे का क्या महत्व है?

1) भारत का राष्ट्रीय ध्वज देश की स्वतंत्रता को दर्शाता है। 2) राष्ट्रीय ध्वज देश के गौरव का प्रतीक होता है। 3) राष्ट्र का झंडा उस देश की अखंडता को प्रदर्शित करता है। 4) राष्ट्रीय ध्वज लोगों में देशभक्ति की भावना को प्रेरित करता है।

तिरंगे का मतलब क्या है?

इसमें तीन समान चौड़ाई की क्षैतिज पट्टियाँ हैं, जिनमें सबसे ऊपर केसरिया रंग की पट्टी जो देश की ताकत और साहस को दर्शाती है, बीच में श्वेत पट्टी धर्म चक्र के साथ शांति और सत्य का संकेत है ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी देश के शुभ, विकास और उर्वरता को दर्शाती है।

तिरंगा के रचयिता कौन है?

तिरंगे का निर्माण करने वाले शख्स का नाम पिंगली वेंकैया है। 1921 में पिंगली वेंकैया ने ध्वज का निर्माण किया था।