व्याख्या- कवि कहता है कि आकाश में उड़ते पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं। वे संदेश देते हैं कि हमें किसी भौगोलिक सीमा में बंधकर नहीं रहना चाहिए। कवि उदाहरण देते हुए कहता है कि ये पक्षी और बादल किसी देश की सीमा में बंध कर नहीं रहते हैं। ये एक देश से दूसरे देश बिना किसी भेदभाव या भय के आते जाते रहते हैं। परंतु हम उनसे कभी भी यह संदेश ग्रहण नहीं करते हैं। जबकि प्रकृति में स्थित पेड़-पौधे पानी और पहाड़ उनके संदेश को बखूबी जानते हैं। अर्थात् उनके संदेश को अच्छी तरह वे जानते हैं। पक्षी इन सभी पर निर्भय होकर बैठते उड़ते हैं। बादल बरसते हैं। पक्षी और बादलों से यह सभी नवजीवन पाते हैं। Show
👉 कक्षा 8 हिंदी के सभी पाठों की विस्तृत व्याख्या, प्रश्नोत्तर(click here) 👉 कक्षा 8 हिंदी वसंत, बाल महाभारत क्विज, एम सी क्यू(click here) हम तो केवल यह आँकते हैं कि एक देश की धरतीदूसरे देश को सुगंध भेजती है। और वह सौरभहवा में तैरते हुए पक्षियों की पाँखों पर तिरता है।और एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है।व्याख्या- पक्षी और बादल बिना किसी रोक-टोक के एक देश से दूसरे देश में भ्रमण करते रहते हैं। उनके इस आवागमन से हम दूसरे देशों की गंध-सुगंध का परीक्षण करते हैं। हवा में उड़ते पक्षियों के साथ-साथ दूसरे देशों की गंध-सुगंध हम तक पहुंचती है। अर्थात दूसरे देशों के बारे में हम जान पाते हैं। इसी तरह एक देश का जल सूरज की किरणों से भाप बनकर बादलों के रूप में दूसरे देश में बरसता है। तात्पर्य यह है कि पक्षियों और बादलों की तरह हमें मिलजुल कर आपस में प्रेम के साथ रहना चाहिए।---------------------- कविता सेप्रश्न-अभ्यास1. कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।उत्तर- कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए कहां है क्योंकि ये दोनों किसी देश की सीमा के बंधन से दूर होते हैं। इनके लिए संपूर्ण पृथ्वी अपना देश है। पक्षियों के माध्यम से जहां हमें ऋतु परिवर्तन का संदेश मिलता है। वहीं बादल वर्षा का संदेश लेकर एक देश से दूसरे देश घूमता रहता है।2. पक्षी और बादल द्वारा लाइ गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं। सोचकर लिखिए।उत्तर- पक्षियों और बादलों द्वारा लाइ गई चिट्ठियों को पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ पढ़ पाते हैं। अर्थात् उनके संदेश को ये लोग अच्छी तरह से समझ जाते हैं। जबकि मनुष्य इन सब बातों की ओर ध्यान नहीं देता है। वह अपने आगे सबको तुच्छ समझता है।3. किन पंक्तियों का भाव है-(क) पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक देश में दुसरे देश को भेजते हैं।(ख) प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा बादल दूसरे देश में बरस जाता है।उत्तर(क)- एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती हैउत्तर-(ख)- और एक देश का भात दूसरे देश में पानी बनकर गिरता है 4. पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?उत्तर- पक्षी और बादल की चिट्ठियों से पेड़ पौधे पानी और पहाड़ ऋतु परिवर्तन के संदेश को पढ़ पाते हैं। उस संदेश को पाकर वे आने वाली ऋतु के अनुसार जीवन जीने या नित्य क्रिया करने की तैयारी करने लगते हैं। 5. "एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है" कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।उत्तर- पक्षी और बादल के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि प्रकृति बंधनों को नहीं स्वीकार करती है। सभी जीव-जंतु एक-दूसरे के पूरक हैं। इसलिए सभी को भौगोलिक बंधन तोड़कर सद्भाव प्रेम और एकता के बंधन में बंधकर रहना चाहिए। यदि लोग इसका सही अर्थ समझ ले तो देशों के बीच कई विवाद अपने आप ही हल हो जाएंगे।पाठ से आगे1. पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को आप किस दृष्टि से देख सकते हैं?उत्तर- पक्षी और बादल की चिट्ठियों के आदान-प्रदान को हम दो देशों के बीच परस्पर प्रेम, सौहार्द और सद्भाव से रहने के रूप में देखते हैं पक्षी और बादल एक देश को दूसरे देश से प्रेम के बंधन में जोड़ने का संदेश दे जाते हैं। पक्षी मानवता और विश्व बंधुता का संदेश हमें देते हैं।2. आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।उत्तर- आज के युग में चारों ओर इंटरनेट का जाल फैला हुआ है। इंटरनेट के द्वारा हम अपने संवाद बड़ी सुगमता व सुविधा पूर्वक ढंग से किसी को भी भेज सकते हैं। यह एक नए युग का आरंभ है। पहले मनुष्य पत्र द्वारा अपने संदेश एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजता था। उसमें लंबा वक्त लग जाता था लेकिन आज सेकंडों में इंटरनेट के माध्यम से अपना संदेश विश्व के किसी भी कोने में लोग भेज सकते हैं। किंतु यदि इंटरनेट की तुलना पक्षी और बादलों की चिट्ठियों से की जाए तो इतनी पवित्रता और निश्चलता के आगे इंटरनेट छोटा ही सिद्ध होता है।NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 6 भगवान के डाकियेप्रश्न-अभ्यास Question 1: Question 2: Question 3: Question 4: Question 5: Question 6: Question 7: Question 8: पेड़ पौधे पानी और पहाड़ क्या बाचते है?पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के भेजे एकता और सद्भावना के संदेश को पढ़ पाते हैं। इसपर अमल करते नदियाँ समान भाव से सभी लोगों में अपने पानी को बाँटती है। पहाड़ भी समान रूप से सबके साथ खड़ा होता है। पेड़-पौधें समान भाव से अपने फल, फूल व सुगंध को बाँटते हैं, कभी भेदभाव नहीं करते।
पेड़ पौधे पानी और पहाड़ किसकी चिट्ठियों को पढ़ पाते हैं *?Solution : पक्षी और बादल की चिट्ठियों में से पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ईश्वर द्वारा दिया गया प्रेम, सद्भाव, परस्पर भाईचारा और एकता का सन्देश पढ़ लेते हैं और उसी को विश्व के आँगन में प्रसारित करते हैं।
पेड़ पौधे पानी और पहाड़ भगवान के संदेश को समझ पाते हैं यह कैसे सिद्ध होता है?पौधों की पत्तियां भी सल्फ़र डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड जैसे ख़तरनाक तत्व अपने में समा लेती हैं और हवा को साफ़ बनाती हैं. यही नहीं, कई तरह के प्रदूषित तत्व पौधों की मख़मली टहनियों और पत्तियों पर चिपक जाते हैं और पानी पड़ने पर धुल कर बह जाते हैं.
पक्षी और बादल की चिड़ियों मे पेड़ पौधे पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते है?Solution : पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ भगवान के द्वारा भेजा हुआ एकता और सद्भावना का <br> सन्देश पढ़ पाते हैं।
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