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पेट में कीड़े होना क्या है? मानव पेट के कीड़े या आंतों के कीड़े एक प्रकार के परजीवी होते हैं। ये परजीवी मानव की आंतों में रहते हैं, आंतो की सामग्री खाते हैं और आंतो की परतों से खून चूसते हैं। ये आतों के परजीवी मानव की आंतों से पोषण प्राप्त करते हैं। ये कीड़े आंतों के अंदर जीवित तो रह सकते हैं, लेकिन प्रजनन नहीं कर सकते। परजीवी एक ऐसा जीव होता है जो किसी दूसरे जीव पर आश्रित रहता है। परजीवी अपने जीवन चक्र को चलाने के लिए मेजबान (आतिथेय/ Host) के संसाधनों का उपयोग करता है। पेट के कीड़े गंभीर और जीवन के लिए हानिकारक संक्रमण स्थिति पैदा कर देते हैं, जो मुख्य रूप से बच्चों में होती है। जानवरों के मल या दूषित पानी के संपर्क में आने से व्यक्ति इनसे संक्रमित हो सकते हैं। इनके समूहों की विभिन्न प्रजातियां आंतों के विभिन्न भागों में रह सकती है, जिससे लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। जिन लोगों में पेट के कीड़े कम हैं, हो सकता है उनको कोई लक्षण महसूस ही ना हो। किसी भी व्यक्ति को अगर उसके पेट में कीड़े हैं, तो उनसे छुटकारा पाने के लिए इलाज की आवश्यकता होगी। इसके लिए दवाइयां खाना एक प्रचलित इलाज है लेकिन जिसे इससे आराम न मिलें उन्हें ऑपरेशन की भी जरूरत पड़ सकती है। (और पढ़ें - परजीवी संक्रमण का इलाज) पेट में कीड़े के प्रकार - Types of Intestinal Worms in Hindiपेट के कीड़ों को आंतों के कीड़े और परजीवी कीड़े के नाम से भी जाना जाता है। कुछ सामान्य प्रकार के पेट के कीड़े जिनमें निम्न शामिल है:
पेट में कीड़े के लक्षण - Intestinal Worms Symptoms in Hindiपेट में कीड़े होने पर क्या लक्षण महसूस होते हैं? पेट में कीड़े होने के कुछ सामान्य लक्षण निम्न हो सकते हैं:
पेट में कीड़ों से जुड़े कुछ अन्य लक्षण, जो निम्न हो सकते हैं -
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए – अगर आपको निम्न समस्याएं हो रही हैं, तो डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए:
पेट के कीड़े के कारण - Intestinal Worms Causes in Hindiपेट में कीड़े कैसे और क्यों होते हैं? सूअर या मछली जैसे किसी जानवर/ जीव का अधपका मांस खाना पेट के कीड़ों से संक्रमित कर सकता है। आतों के कीड़े से संक्रमित होने वाले अन्य संभावित कारणों में निम्न शामिल हैं:
राउंडवॉर्म आमतौर पर दूषित मल या मिट्टी के संपर्क में आने से ही फैलते हैं। जब एक बार आप कोई दूषित पदार्थ खा लेते हैं या किसी तरीके से वह आपके अंदर चला जाता है, तो परजीवी आपकी आंतों तक पहुंच जाते हैं। उसके बाद वे आंतों में विकसित होते हैं। विकसित होने के बाद जब वे आकार में बड़े हो जाते हैं, तो इसके लक्षण शुरू होने लगते हैं। आप निम्न की वजह से भी संक्रमित हो सकते हैं:
पेट में कीड़े होने की आशंका किन वजहों से बढ़ जाती है?
पेट में कीड़े होने से कैसे रोकें - Prevention of Intestinal Worms in Hindiपेट में कीड़े होने से कैसे बच सकते हैं? पेट या आंत के कीड़ों की रोकथाम करने के लिए आप निम्न तरीके अपना सकते हैं:
पेट के कीड़े का परीक्षण - Diagnosis of Intestinal Worms in Hindiपेट में कीड़े की समस्या का परीक्षण कैसे किया जा सकता है? ऊपर दिए गए लक्षणों में से आपको कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है, तो आपने डॉक्टर से एक अपॉइंटमेंट लें। आपके डॉक्टर विस्तृत रूप से आपकी पिछली मेडिकल स्थिति का पता करेंगे और आपका शारीरिक परीक्षण करेंगे। इसका परीक्षण करने के लिए नीचे दिए गए टेस्ट किए जा सकते हैं:
पेट में कीड़े का इलाज - Intestinal Worms Treatment in Hindiपेट में कीड़े होने पर उनका इलाज कैसे किया जा सकता है? कुछ लोगों के पेट में कीड़े होने के बावजूद भी उनको इलाज करवाने की जरूरत नहीं पड़ती, क्योंकि ये परजीवी उनके शरीर से अपने आप निकल जाते हैं। कुछ लोगों ऐसे भी होते हैं जिनको यह पता ही नहीं चल पाता कि उनके पेट में कीड़े हैं, क्योंकि उनको किसी प्रकार के लक्षण महसूस नहीं होते। हालांकि, अगर आपके परीक्षण में आंत के कीड़े पाए जाते हैं तो इनसे छुटकारा पाने के लिए दवाएं लिखी जा सकती हैं। आंतों में संक्रमण के लिए उपचार: टेपवॉर्म के कारण होने वाले संक्रमण के लिए सबसे सामान्य उपचारों में दवाएं शामिल होती हैं, जिनमें निम्न शामिल है -
परजीवी के प्रकार और संक्रमण की जगह के आधार पर डॉक्टर दवाएं निर्धारित करते हैं। ये दवाएं सिर्फ बड़े (वयस्क) कीड़ों को टारगेट करती हैं ना कि अंडों को, इसलिए फिर से संक्रमण होने से रोकथाम करना जरूरी होता है। भोजन करने से पहले और शौचालय का इस्तेमाल करने के बाद हमेशा अपने हाथों को अच्छे से धोना चाहिए। यह निश्चित करने के लिए की संक्रमण आपके शरीर से खत्म चुका है या नहीं। आपकी दवाओं का कोर्स पूरा होने के बाद डॉक्टर एक निश्चित अंतराल में आपके मल का सेंपल ले सकते हैं। जिस प्रकार के कीड़े से आप संक्रमित हुए हैं, अगर आप उसके लिए उचित उपचार प्राप्त कर रहे हैं, तो उपचार सफल होने की संभावनाएं अधिक होती हैं। सफल उपचार का मतलब होता है कि आपका मल कीड़ों और उनके अंडों आदि से मुक्त हो चुका है। इनवेसिव संक्रमण के लिए उपचार इनवेसिव संक्रमण का इलाज संक्रमण की जगह और उसके प्रभावों पर निर्भर करता है।
पेट में कीड़े होने के नुकसान - Intestinal Worms Risks & Complications in Hindiपेट में कीड़े होने पर क्या समस्याएं होने लगती हैं? पेट या आंत के कीड़े आमतौर पर किसी प्रकार की जटिलता पैदा नहीं करते। यदि जटिलताएं होती हैं, तो इमें निम्न शामिल हो सकती हैं:
पेट के कीड़े मारने की दवा कौन सी है? - What medicines kill worms in humans in Hindi?पेट के कीड़े का नाम सुनकर ही डर लग जाता है लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक इससे डरने की जरूरत नहीं है. कई मामलों में पेट के कीड़े के इलाज के लिए दवा की भी जरूरत नहीं होती है. अपनी पाचन शक्ति को मजबूत करके पेट के कीड़े से छुटकारा पाया जा सकता है. वहीं कई मामलों में डॉक्टर पेट के कीड़े के इलाज के लिए एंटीपैरासिटिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि इलाज शुरू करने से पहले डॉक्टर ये जांच करते हैं कि पेट में किस प्रकार का कीड़ा है और क्या मरीज का शरीर कीड़े से लड़ने में सक्ष्म है या नहीं? पेट के कीड़े को साफ करने के लिए डॉक्टर्स प्राजिक्वेंटेल युक्त दवाइयों से इलाज करते है. यह कीड़े को अपंग बना देती है जिससे यह आंतों की दीवार से अलग हो जाता है. बाद में यह कीड़े मल के रास्ते से शरीर के बाहर निकल जाते हैं. पेट के कीड़े के एक अन्य प्रकार हुकवर्म को खत्म करने के लिए कृमिनाशक दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है. किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए. पेट में कीड़े होने से कौन सी बीमारी होती है? - What disease is caused by worms intestinal worms in Hindi?पेट के कीड़े की वजह से गियार्डियासिस, अमीबायसिस, साइक्लोस्पोरियासिस और क्रिप्टोस्पोरिडिओसिस जैसी बीमारियां होती है. यह सभी बीमारियां दस्त से जुड़ी हुई है. पेट के कीड़े की वजह से अमीबायसिस की चपेट में आकर लोगों की मृत्यु हो जाती है. अमीबायसिस, पेट के कीड़े की वजह से होने वाले मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. विकासशील देशों में फीकल कॉन्टेमिनेशन जैसे कि गंदे पानी और खराब सीवेज की वजह से पेट के कीड़े की समस्या होती है. कैसे पता चले कि पेट में कीड़े हो गए हैं? - How do you know if you have intestinal worms in Hindi?पेट में कीड़े होने के लक्षण बाक़ी बीमारियों जैसे हो सकते हैं. अगर आपको पेट में दर्द रहता है, उल्टी, गैस या फिर सूजन का एहसास हो रहा है, बेवजह थकान महसूस हो रही या फिर आपका वजन घट रहा है तो आपके पेट में कीड़े हो सकते हैं. अगर शौच के समय खून या बलगम आता है तो ये भी पेट के कीड़े का कारण हो सकता है. मलाशय या योनि के आसपास खुजली या दाने होने पर भी पेट के कीड़े हो सकते हैं. संदर्भ
पेट के कीड़े के डॉक्टरपेट के कीड़े की दवा - Medicines for Intestinal Worms in Hindiपेट के कीड़े के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 326 entries पेट के कीड़े की ओटीसी दवा - OTC Medicines for Intestinal Worms in Hindiपेट के कीड़े के लिए बहुत दवाइयां उपलब्ध हैं। नीचे यह सारी दवाइयां दी गयी हैं। लेकिन ध्यान रहे कि डॉक्टर से सलाह किये बिना आप कृपया कोई भी दवाई न लें। बिना डॉक्टर की सलाह से दवाई लेने से आपकी सेहत को गंभीर नुक्सान हो सकता है। Showing 1 to 10 of 67 entries
सम्बंधित लेखडॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ पेट में कीड़े होने से कौन सी बीमारी होती है?पेट में कीडे पड़ना एक आम बात है। इसमें पाचन संबंधी विकार जैसे भूख न लगना, जी मिचलाना, उल्टी आना और कमजोरी होने लगती है। जब कीड़ों के लार्वे फेफड़े तक पहुंच जाते हैं, तो दमा रोग भी हो सकता है।
पेट में कीड़े होने के क्या नुकसान है?पेट के कीड़ों से होने वाले नुकसान. पेट में कीड़े व्यक्ति के पेट से खून में और खून से शरीर के किसी भी हिस्से में पहुंच सकते हैं और शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।. पेट के कुछ कीड़े लाल रक्त कोशिकाओं को अपना भोजन बनाते हैं, जिससे व्यक्ति एनीमिया का शिकार हो सकता है।. पेट में कीड़े हो तो कैसे पता चलेगा?खाना खाने के तुरन्त बाद मल का आ जाना या मल में बलगम तथा खून आना खतरनाक स्थिति है. पेट में दर्द तथा जलन और गैस और सूजन का अनुभव या बवासीर का हो जाना. बार बार थकान होना और अत्यधिक कमजोरी में भी कीडे हो सकते हैं. कीड़े त्वचा में प्रवेश करते हैं और खुजली को जन्म देते हैं.
पेट में इन्फेक्शन के लक्षण क्या है?चलिए हम पेट के संक्रमण के लक्षणों में से कुछ पर नजर डालते हैं:. भूख में कमी. अपने मल में रक्त. पेट में ऐंठन और दर्द. उल्टी और मतली. |