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Spiritual Tourism : मथुरा-वृन्दावन में कई ऐसे आकर्षक केंद्र हैं जो भारत ही नहीं दुनिया भर में रहने वाले कृष्ण भक्तों को हर साल अपनी ओर खींचते हैं. यहां बहुत से धार्मिक मंदिर और तीर्थस्थल हैं.मथुरा-वृन्दावन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भगवान कृष्ण की जन्मभूमि और बाल लीलाओं के लिए प्रसिद्ध मथुरा और वृंदावन हर साल तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. अगर आप एक ब्रेक लेने और एक छोटे से आध्यात्मिक प्रवास पर जाने के इच्छुक हैं, तो मथुरा और वृंदावन भी जा सकते हैं. यहां कई धार्मिक मंदिर और तीर्थस्थल भी हैं. जन्माष्टमी और होली के त्योहार के समय यहां भारी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं. मथुरा-वृन्दावन के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलघूमने के स्थान यहां के दर्शनीय स्थल एक-दूसरे से अधिक दूर नहीं हैं, आप केवल एक दिन में यहां मुख्य आकर्षण और पर्यटन स्थल को कवर कर सकते हैं. वृंदावन में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहें सेवा कुंज और निधिबन, शाहजी मंदिर, गोवर्धन हिल और बांके बिहारी मंदिर हैं. मथुरा में कुछ दर्शनीय स्थलों में कृष्ण जन्म भूमि मंदिर, कुसुम सरोवर, प्रेम मंदिर, जामा मस्जिद और द्वारकाधीश मंदिर हैं. इन चीजों का ले सकते हैं अनुभव मथुरा और वृंदावन हर साल भक्तों और यात्रियों की भीड़ को आकर्षित करते हैं. जब आप इन प्राचीन शहरों की यात्रा पर हों, तो मंदिरों के अलावा कई रोमांचक चीजों का भी अनुभव ले सकते हैं, जो आप केवल मथुरा और वृंदावन में ही अनुभव कर पाएंगे जैसे यमुना नदी में तैरते और रोशन करने वाले दीयों की सुंदरता, कुसुम सरोवर में तैरने जाएं. ऐसा माना जाता है कि श्री कृष्ण राधा से मिलने कुसुम सरोवर आते थे. अगर आप अतीत और इतिहास के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं, तो आप मथुरा सरकारी संग्रहालय, जामा मस्जिद और कंस किला की यात्रा का आनंद ले सकते हैं. घूमने का सबसे अच्छा समय मथुरा और वृंदावन घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर और फरवरी के महीनों के बीच है. इस समय यहां का मौसम सुहावना होता है. कहां रह सकते हैं वृंदावन और मथुरा दोनों ही जगहों पर दिन बिताने के लिए बहुत सारे होटल, होमस्टे और यहां तक कि धर्मशालाएं भी हैं. मंदिर यहां के प्रमुख आकर्षण हैं, इसलिए आपको इन क्षेत्रों के पास आसानी से आवास विकल्प मिल जाएंगे, जो रहने के लिए अच्छे स्थान हैं. आप वृंदावन में रहने का भी विकल्प चुनते हैं जिससे आप वृंदावन में अधिकतर समय व्यतीत कर सकें. पहुंचने के लिए कैसे करें? मथुरा और वृंदावन राजधानी दिल्ली से लगभग 150 और 170 किमी दक्षिण में हैं. इन पवित्र शहरों तक पहुंचना आपके लिए इतना मुश्किल नहीं है. आप इनमें से किसी भी स्थान पर आसानी से ड्राइव कर सकते हैं. इसके अलावा कुछ ऐसी बसें हैं जो दिल्ली के अंतरराज्यीय बस टर्मिनल से हर 10 या 15 मिनट में मथुरा के लिए रवाना होती हैं. आप ट्रेन के माध्यम से भी मथुरा पहुंच सकते हैं. आपको कई ट्रेनें आसानी से मिल जाएंगी जो आपको बहुत ही किफायती किराए पर मथुरा जंक्शन तक पहुंचाएंगी. एक बार जब आप मथुरा पहुंच जाते हैं, तो आप ऑटो या कैब से वृंदावन की यात्रा कर सकते हैं. ये भी पढ़ें – World Tourism Day 2021: 5 वर्कस्टेशन जहां आपका ‘वर्क फ्रॉम होम’ किसी सपने से कम नहीं होगा ये भी पढ़ें – World Tourism Day 2021: जानिए इसकी तिथि, महत्व, इतिहास और इस वर्ष की थीम
मथुरा, हिंदुओं के सबसे चहेते, श्री कृष्ण का जन्मस्थल है। रास-रचैया, गिरिधर, गोपाल, कन्हैया – ऐसे अनगिनत नाम हैं इनके। अपनी चंचल बातों से सबको मोहित कर, ये सबके चहेते बन जाते थे। रास लीला हो या जन्माष्टमी व होली का पर्व यहाँ सब बड़े ही भव्य तरीके से मनाया जाता है। यह भारत के पवित्र स्थलों में से एक है। मुरलीधर जब बंसी बजाते थे तब सब दीवाने हो जाते थे और पूरा मथुरा उस स्वर से गूँज उठता था। उस मधुर स्वर की गूँज जैसे आज भी कानों में सुनाई पड़ती है। मथुरा के मंदिर अभी भी श्री कृष्ण की स्मृति बाँधे हुए है। इसी स्मृति से मथुरा का हर कोना पुलकित हो उठता है। मथुरा का इतिहासकृष्ण नगरी से जुडी ऐसी अनेकों कथाएँ हैं कि भगवान कृष्ण ने हमेशा बुराई का विनाश करते हुए मथुरा वासियों की सहायता की है। अपने मामा कंस द्वारा किए गए सभी दुराचार का मुँह तोड जवाब देकर उसे सबक सिखाया है। जब-जब मथुरावासियों पर संकट आया श्री कृष्ण उन सभी संकटों से लोगों को मुक्त करवाया। यह स्थान कृष्ण की अनगिनत महान कथाओं का प्रमाण है। जिन्हें लोगों ने आज भी याद रखा है और समय-समय पर इनका संचार किया है। 10 मथुरा के मंदिरयहाँ का माहौल भक्ति-भाव में डूबोने वाला है। जहाँ आकर आप मन की शांति पाऐंगे। मथुरा जी के मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। उन्हीं में से कुछ मंदिरों की सूची यहाँ दी गई है: 1. श्री कृष्ण जन्मभूमी मंदिरये वही स्थान है जहाँ श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। मथुरा के मंदिर में इसका सर्वोच्च स्थान है। यहाँ के स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण राजा वीर सिंह बुंदेल ने करवाया था जो श्री कृष्ण के ही वंशज थे। यहाँ कंस का पत्थर से बना बड़ा कारावास है। यहाँ का सबसे आकर्षक मंदिर का वो छोटा कारावास है जहाँ कृष्ण का जन्म हुआ था। यह मंदिर अपनी पवित्रता से आपके रोम-रोम को साधना में लीन कर देगा। बहुत ही खुबसूरती से इसे बनाया गया है। यहाँ कृष्ण की सफ़ेद मार्बल से बनी मूर्ति है जो अपने अस्तित्व का परिचय देती है। यहाँ आने का सबसे उचित समय है जन्माष्टमी व होली का पर्व। ये त्योहार भव्यता से यहाँ मनाया जाता है। और जानें: Holi In Mathura 2. द्वारकाधीश मंदिरयह भारत का मशहूर व ऐतिहासिक पवित्र स्थल है जो श्री कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर का यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि कृष्ण द्वारका में आकर बस गए और उन्होंने अपनी आखरी साँस भी यहीं ली। मंदिर में काले मार्बल से बनी कृष्ण की प्रतिमा है और उसी के समीप सफ़ेद मार्बल से बनी उनकी प्रिय राधा की प्रतिमा भी है जिनकी सुंदरता अतुल्नीय है। इसलिए यहाँ मथुरा के मंदिर की फोटो लेना आवश्यक हो जाता है। श्रद्धालु यहाँ अधिकतर जन्माष्टमी के अवसर पर आते हैं क्योंकि उस वक्त यहाँ का नज़ारा आँखों में घर कर जाता है। 3. प्रेम मंदिरमथुरा वृंदावन यात्रा करते वक्त अगर आप मथुरा का प्रेम मंदिर देखना भूल जाते है तो आपको पछतावा होगा। भगवान के प्रति प्रेम को समर्पित है यह मंदिर। मंदिर में राधा-कृष्ण व राम-सीता की मूर्तियाँ हैं। मंदिर का माहौल शांतिपूर्ण है जो अंतःकरण तक शांति का संचार कर देगा। 2001 में इस मंदिर को जगदगुरु श्री कृपालुजी महाराज ने आकार दिया। बृजवासियों की उपस्थिति से आरती के समय का माहौल आध्यात्मिकता में लीन कर देता है। सफ़ेद मार्बल से बने इस मंदिर की वास्तुकला भी तारीफ के काबिल है। और जानें: Kerala In March 4. गीता मंदिरयह मंदिर बिरला मंदिर के नाम से भी प्रसिद्ध है। मथुरा के मंदिर में यह मंदिर भी विशेष है। इस मंदिर का मुख्य आकर्षण है मंदिर की दीवारों पर श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को युद्ध भूमि में दिए गए उपदेशों की नक्काशी। जिसे बड़ी महीनता व कुशलता के साथ दीवारों पर बनाया गया है। मंदिर में प्रवेश करते ही स्तंभों पर लिखे भगवद्गीता के 18 अध्यायों के आप साक्षी बनेंगे। मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थर से भारतीय व पाश्चात्य वास्तुकला से किया गया है। यहाँ कृष्ण, नारायण, राम, लक्ष्मी व सीता की मनोरम मूर्तियाँ मौजूद हैं। Planning your holiday but confused about where to go? These travel stories help you find your best trip ever!Real travel stories. Real stays. Handy tips to help you make the right choice. वृंदावन में फेमस मंदिर कौन कौन से हैं?इसके अतिरिक्त यहाँ श्री राधारमण, श्री राधा दामोदर, राधा श्याम सुंदर, गोपीनाथ, गोकुलेश, श्री कृष्ण बलराम मन्दिर, पागलबाबा का मंदिर, रंगनाथ जी का मंदिर, प्रेम मंदिर, श्री कृष्ण प्रणामी मन्दिर, अक्षय पात्र, वैष्णो देवी मंदिर। निधि वन ,श्री रामबाग मन्दिर आदि भी दर्शनीय स्थान है। यह कृष्ण की लीलास्थली है।
वृंदावन में देखने लायक क्या क्या चीज है?वृंदावन में घूमने की जगह (Vrindavan Tourist Places in Hindi). केसी घाटो केसी घाट वृंदावन के धार्मिक स्थलों में से एक है। ... . राधा दामोदर मंदिर ... . रंगजी मंदिर ... . प्रेम मंदिर ... . कुसुम सरोवर ... . मदन मोहन मंदिर ... . इस्कॉन मंदिर ... . बांके बिहारी मंदिर. मथुरा में सबसे प्रसिद्ध मंदिर कौन सा है?नवीन स्थानों में सबसे श्रेष्ठ स्थान श्री पारखजी का बनवाया हुआ श्री द्वारकाधीश का मंदिर है।
वृंदावन का पुराना नाम क्या है?यानी वृंदा (तुलसी) का वन। ब्रह्म पुराण में बताया गया है कि वृंदा राजा केदार की पुत्री थीं। उन्होंने इस वनस्थली में कठोर तप किया था। इसलि ए भी इस वन का नाम वृंदावन पड़ा।
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