Diarrhoea: दस्त एक ऐसी समस्या है जो कभी भी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। वैसे तो दस्त कोई बड़ी बीमारी नहीं है पर यदि समय रहते इसका उचित इलाज ना किया जाए तो शरीर में पानी बेहद तेजी से खत्म हो जाता है जिससे जानलेवा हालात पैदा हो जाते हैं। इसलिए हम आपको इसके लिए एक ऐसा आयुर्वेदिक नुस्खा बता रहे हैं जिसके इस्तेमाल से आप तुरंत ये परेशानीकोई खत्म कर सकते हैं। Show
दस्त बढ़ने के कारण
Image Source : PIXABAYडायरियादस्त बढ़ने के लक्षणदस्त बढ़ने के कुछ लक्षण हैं जो आपको अपने शरीर में नजर आते हैं। बार-बार दस्त जाना, पेट में दर्द, सूजन आदि की समस्या हो सकती है। पानी की कमी की वजह से बार-बार प्यास लग सकती है। बुखार और वेट लॉस भी इसके लक्षण हैं। दस्त ठीक करने के घरेलू उपायकई बार दस्त वक्त- बेवक्त लग जाते हैं और तब हमारे पास तुरंत दवा लेने जाने का ऑप्शन नहीं होता है ऐसे में हम आपको ऐसा घरेलू नुस्खा बताते हैं जिसकी मदद से आपको तुरंत आराम मिलेगा। इसके लिए आपको 1 चम्मच अदरक पाउडर, 1 चम्मच जीरा पाउडर, 1 चम्मच दालचीनी पाउडर और 1 चम्मच शहद लेना है। इसे बनाना भी बेहद आसान है। इसके लिए आपको एक साफ बर्तन में ये सारी चीजें मिलानी हैं, और इसे दिन में 3 बार एक-एक चम्मच लेना है। ये भी पढ़ें -Clove for Diabetes: डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद है लौंग, इस तरह करें इस्तेमालबड़े काम की है छोटी सी अजवाइन, यूरिन इंफेक्शन, पीरियड्स तक की समस्या करती है दूरआपके किचन में मौजूद हैं फ्रिज समेत ये 10 जानलेवा मगर जरूरी चीजें, कैसे करें खुद का बचाव?Latest Health News India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्पेशल स्टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें हेल्थ सेक्शन पेट खराब होना यानी दस्त लगना। ऐसा किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन अन्य बीमारियों की तरह सर्दियों में यह स्थिति ज्यादा कष्टदायक बन सकती है। यदि घरेलू नुस्खों के बारे में पता होगा, तो समस्या का...AnuradhaMon, 13 Jan 2020 10:58 AM हमें फॉलो करें ऐप पर पढ़ें पेट खराब होना यानी दस्त लगना। ऐसा किसी भी मौसम में हो सकता है, लेकिन अन्य बीमारियों की तरह सर्दियों में यह स्थिति ज्यादा कष्टदायक बन सकती है। यदि घरेलू नुस्खों के बारे में पता होगा, तो समस्या का जल्दी समाधान हो सकेगा। www.myUpchar.com से जुड़ीं एम्स की डॉ. वीके राजलक्ष्मी के अनुसार, लगातार लूज मोशन की स्थिति को डायरिया कहते हैं। यह वायरल और बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होता है। वैसे अधिकांश मामलों में इसका कारण पाचन तंत्र की खराबी होता है। यदि दिन में तीन बार पानी के साथ पतले दस्त हों तो यह डायरिया का लक्षण है। इसका सबसे बड़ा नुकसान शरीर में पानी की कमी होना है। गंभीर मामलों में बुखार और सिरदर्द होता है और कमजोरी के कारण मरीज बेसुध भी हो सकता है। दस्त रोकने के घरेलू उपाय www.myUpchar.com से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्त शुक्ला के अनुसार, डायरिया के कारण शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इनकी पूर्ति करने के लिए एक गिलास पानी में एक चुटकी नमक और एक चम्मच शक्कर मिलाएं और थोड़ी-थोड़ी देर में पीते रहें। इससे शरीर में नमक का संतुलन बना रहेगा। दिनभर में उबला हुआ या फिल्टर पानी पिएं। डायरिया में मूंग की दाल की खिचड़ी अहम भूमिका निभाती है। इसका कारण यह है कि दस्त के दौरान पाचन तंत्र कमजोर होता है, इसलिए भारी भोजन नहीं लेना चाहिए। मूंग की दाल की खिचड़ी या दलिया सबसे अच्छे हैं। इससे शरीर को एनर्जी मिलेगी और जो खाएंगे, वो पच जाएगा। खिचड़ी के साथ दही या छाछ का सेवन किया जा सकता है। दस्त में दही चावल खाने की सलाह दी जाती है। दही में मौजूद बैक्टीरिया पाचन तंत्र को सुधारते हैं। दही माइक्रोबियल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। दस्त लगने के दौरान दिन में 2-3 बार दही का सेवन किया जा सकता है। दस्त के दौरान पके हुए केले का सेवन भी फायदेमंद है। केले में फाइबर होता है जो पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करता है। साथ ही केले में मौजूद पोटेशियम सामग्री इलेक्ट्रोलाइट संतुलन के लिए भी अच्छा है। दिन में 2 से 3 पके केले खाए जा सकते हैं। यही बात सेव के साथ भी है। सेब में पेक्टिन होता है जो शरीर को फाइबर प्रदान करता है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि सेब का रस न पिएं क्योंकि इसमें शुगर होती है जो दस्त को रोकने में बाधा बनती है। पेट को दुरुस्त करने के लिए दिन में दो सेब खाए जा सकते हैं। गाजर का सूप पेट को हल्का करता है। साथ ही इस पचाने में भी आसान होता है। गाजर का गर्म सूप पेट के अंदरूनी हिस्से को राहत देता है। एक अन्य सहज घरेलू उपचार है अदरक। ताजा अदरक को पीसकर एक पेस्ट बना लें। पेस्ट को गर्म पानी में शहद मिलाकर सेवन करें। दिन में 2 से 3 तीन बार यह घोल लिया जा सकता है। पुदीने की चाय पेट के सभी तरह के विकारों के लिए फायदेमंद है। पुदीने के पत्तों को साफ पानी में 10 मिनट तक उबालें और दिन में 2 से 3 कप चाय का सेवन करें। बबूल और अर्जुन की छाल तथा पत्तियां दस्त रोकने में मददगार हैं। इसके अलावा दालचीनी दस्त सहित पेट संबंधी विभिन्न बीमारियों के इलाज में कारगर है। अर्जुन की छाल का काढ़ा बनाकर हर दिन (15 ग्राम से अधिक नहीं) सेवन किया जा सकता है। इसबगोल दस्त का सबसे कारगर इलाज है। यह प्लांटोगो पौधे के बीच की भूसी से निकलता है। इसमें पाचन संबंधी विकार दूर करने के गुण होते हैं। इससे गैस और पेट दर्द का भी इलाज होता है। दिन में 5 से 10 ग्राम इसबगोल की भूसी दही में मिलकर खाएं। दस्त को तुरंत कैसे रोकें?ज्यादा से ज्यादा करें पानी पिएं पेट खराब होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है. ... . अदरक भी करेगा फायदा अपसेट पेट में अदरक का इस्तेमाल काफी कारगर होता है. ... . दही है फायदेमंद पेट दर्द में दही का इस्तेमाल काफी फायदेमंद रहता है. ... . केला खाना भी रहेगा सही ... . जीरा को अनदेखा नहीं कर सकते. दस्त के लिए सबसे अच्छी दवा कौन सी है?ओफ्लाजेट प्लस टैबलेट एक कॉम्बिनेशन दवा है जिसका इस्तेमाल डायरिया (दस्त) और पेचिश के इलाज के लिए किया जाता है. यह डायरिया (दस्त) के लक्षणों जैसे पेट में दर्द , ऐंठन तथा पतले दस्त लगना आदि से राहत देता है.
बार बार लैट्रिन हो रहा है तो क्या करें?इस समस्याह से बचने के लिए फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। फाइबर से भरपूर खाद्य पर्दाथों में नाशपाती, सेब, मटर, ब्रोकोली, साबुत अनाज, सेम और दालें शामिल है। साथ ही आहार में दही, कच्चे सलाद, अदरक, अनानास, अमरूद, अजमोद आदि को शामिल करें।
पतली लैट्रिन आने पर क्या खाएं? दस्त होने पर आपको दिनभर में थोड़ा-थोड़ा खाना चाहिए. ... . दस्त होने पर ब्लैंड फूड का सेवन करना चाहिए. ... . दस्त होने पर आप ओटमील, दलिया, केले, सफेद चावल, ब्रेड, उबले हुए आलू खा सकते हैं.. दस्त होने पर खाने में चावल और मूंग दाल की पतली खिचड़ी दही के साथ खाएं.. |