प्रस्तुत पाठ साहित्य की कौन सी विधा है? - prastut paath saahity kee kaun see vidha hai?

लेखक ने अपने भावों और विचारों को कलात्मक शैली में प्रस्तुत किया है। उनकी इस विशेषता को निम्नलिखित स्थानों पर देखा जा सकता है-

1- आश्रम के काफी लोग बाहर चले गए, एक दिन हमने सपरिवार उनके 'दर्शन' की ठानी।

2- प्रतिदिन प्रात:काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक मैं अपने हाथों के स्पर्श से इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके रोम-रोम में आनंद का प्रवाह बहने लगता है।

3- उस समय लंगड़ी मैना फुदक रही थी। गुरुदेव ने कहा, 'देखते हो यह यूथभ्रष्ट है। रोज फुदकती है, ठीक यहीं आकर मुझे इसकी चाल में करुण भाव दिखाई पड़ता है।'

4- उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आ गया और चिताभस्म के संग गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।


प्रस्तुत पाठ साहित्य की कौन सी विधा है? - prastut paath saahity kee kaun see vidha hai?

Book: क्षितिज भाग 1

Chapter: 2. Lhasa Ki Or

Subject: Hindi - Class 9th

Q. No. 12 of Rachna aur Abhivyakti

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यात्रा-वृत्तांत गद्य साहित्य की एक विधा है। आपकी इस पाठ्यपुस्तक में कौन-कौन सी विधाएँ हैं? प्रस्तुत विधा उनसे किन मायनों में अलग है?

राहुल सांकृत्यायन द्वारा रचित ल्हासा की ओर एक यात्रावृत्तांत है। इस विधा में लेखक ने तिब्बत की अपनी यात्रा के बारे में बताया है। इस लेख में पता चला कि लेखक को किस तरह मुश्किलों का सामना करते हुए तिब्बत घूमने का मौका मिला और अपनी इस यात्रा के दौरान लेखक को तिब्बत के लोगों के जनजीवन, वहाँ की भौगोलिक परिस्थितियों के बारे में जानने का मौका मिला|

हमारी पाठ्यपुस्तक क्षितिजभाग-1 में निम्नलिखित पाठ और विधाएँ हैं-

दो बैलों की कथा कहानी

ल्हासा की ओर यात्रा-वृत्तांत

उपभोक्तावाद की संस्कृति निबंध

साँवले सपनों की याद संस्मरण

नाना साहब की पुत्री देवी मैना को भस्म कर दिया गयारिपोर्ताज

प्रेमचंद के फ़टे जूते निबंध

मेरे बचपन के दिन संस्मरण

एक तोता और एक मैना निबंध

प्रस्तुत विधा (यात्रा-वृत्तांत) अन्य विधाओं कहानी, संस्मरण, निबंध आदि से अलग है। इसमें लेखक ने अपनी यात्रा के अनुभव बांटे। लेखक ने समस्त वस्तुओं, व्यक्तियों तथा घटनाओं का वर्णन किया है। इससे तिब्बत का भौगोलिक जानकारी के साथ-साथ वहाँ के लोगों के जन-जीवन की भी जानकारी मिलती है| इस यात्रा वृत्तान्त में जिस प्रकार से लेखक ने तिब्बत में रहने वाले लोगों के जन-जीवन, वहाँ की भौगोलिक परिस्थितियों, लोगों के द्वारा वहाँ सामना की जा रही जीवन की कठिन परिस्थितियों आदि का इतनी कुशलता से वर्णन किया है कि इसे पढ़ने के पश्चात तिब्बत का चित्र जैसे हमारी आंखों के सामने जीवंत हो उठता है| इसीलिये यह यात्रा वृत्तान्त सिर्फ एक पाठ्य विद्या होकर उससे कहीं अधिक है और इसीलिये यह अन्य विधाओं से अलग है|


Chapter Exercises

More Exercise Questions

प्रस्तुत पाठ की विधा कौन सी है?

निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं ?

चलचित्र साहित्य की कौन सी विद्या है?

चलचित्र शिल्प है या नहीं इसे लेकर अलग-अलग लोगों के अलग-अलग विचार हैं। इसे शिल्प न माननेवालों के अनुसार इसकी कोई निजी सत्ता नहीं है। यह पाँच तरह के शिल्प साहित्य से मिश्रित एक पंचमेल बेढब वस्तु है। परंतु, विश्वविख्यात निर्माता-निर्देशक सत्यजीत राय ने चलचित्र को शिल्प के अंतर्गत रखा है।