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नात्सी सोच के खास पहलू कौन से थे?(00 : 00) लिखित उत्तर Solution : नात्सी सोच के खास पहलू निम्नलिखित हैं: नस्ली भेदभाव: नात्सी सोच के अनुसार नॉर्डिक जर्मन आर्य सबसे उन्नत नस्ल थी और केवल उन्हें ही इस धरती पर जीने का अधिकार था। बाकी नस्लों के लोगों का धरती पर से समूल नाश करना जरूरी था। नस्ली कल्पनालोक: ऐसे देश का निर्माण जहाँ केवल वांछित लक्षण वाले लोग ही रह सकेंगे। उस कल्पनालोक में खराब नस्लों (यहूदी, जिप्सी, आदि) और विकलांगों के लिए कोई स्थान नहीं था। युवाओं का प्रशिक्षण: नात्सियों का मानना था कि बचपन और युवावस्था में सही ढ़ंग से प्रशिक्षण देने से योग्य नागरिक तैयार किये जा सकते थे। इसे सुनिश्चित करने के लिए स्कूल के पाठ्यक्रम में बदलाव किये गये। किशोरावस्था से ही लड़कों को नात्सी संगठन के किसी न किसी अंग में भर्ती कर दिया जाता था। मातृत्व की परिकल्पना: एक ओर जहाँ लड़कों को शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाने की बात होती थी, वहीं दूसरी ओर लड़कियों को इस बात के लिये तैयार किया जाता था कि भविष्य में उन्हें आदर्श माता किस तरह बनना है। औरतों की मुख्य जिम्मेदारी अधिक से अधिक बच्चे पैदा करना थी ताकि शुद्ध नस्ल के लोगों की आबादी बढ़ाई जा सके। इसके लिए बच्चों की संख्या के हिसाब से पुरस्कार भी दिये जाते थे। नात्सी सोच के खास पहलू कौन-से थे ?(00 : 00) लिखित उत्तर Solution : नात्सी सोच के खास पहलू इस प्रकार थे : 1. नाजियों की दृष्टि में देश सर्वोपरि है। सभी शक्तियाँ देश में निहित होनी चाहिएं। लोग देश के लिए हैं न कि देश लोगों के लिए। 2.नाजी सोच सभी प्रकार की संसदीय संस्थाओं को समाप्त करने के पक्ष में थी और एक महान नेता के शासन में विश्वास रखती थी। 3. यह सभी प्रकार के दल निर्माण व विपक्ष के दमन और उदारवाद, समाजवाद एवं कम्युनिस्ट विचारधाराओं के उन्मूलन की पक्षधर थी। 4. इसने यहूदियों के प्रति घृणा का प्रचार किया क्योंकि इनका मानना था कि जर्मनों की आर्थिक विपदा के लिए यही लोग जिम्मेदार थे। 5. नाजी दल जर्मनी को अन्य सभी देशों से श्रेष्ठ मानता था और पूरे विश्व पर जर्मनी का प्रभाव जमाना चाहता था। 6.इसने युद्ध की सराहना की तथा बल प्रयोग का यशोगान किया। 7. इसने जर्मनी के साम्राज्य विस्तार और उन सभी उपनिवेशों को जीतने पर ध्यान केन्द्रित किया जो उससे छीन लिए गए थे। (ज) ये लोग ‘शुद्ध जर्मनों एवं स्वस्थ नोर्डिक आर्यों के नस्लवादी राष्ट्र का सपना देखते थे और उन सभी का खात्मा चाहते थे जिन्हें वे अवांछित मानते थे। नात्सी सोच के खास पहलू कौन-से थे? नात्सी सोच के खास पहलू इस प्रकार थे-
Concept: नात्सियों का विश्व दृष्टिकोण Is there an error in this question or solution? Que : 315. नात्सी सोच के खास पहलू क्या थे? Answer: उत्तर. नात्सी सोच के खास पहलू निम्न लिखित थे - Class 9 सामाजिक विज्ञान हिंदी माध्यम - Notes If Error Please Whatsapp @9300930012 Dileep Vishwakarma7 months ago नात्सी सोच के खास पहलू इस प्रकार थे- नाजियों की दृष्टि में देश सर्वोपरि है। सभी शक्तियाँ देश में निहित होनी चाहिएँ। लोग देश के लिए हैं न कि देश लोगों के लिए। नाजी सोच सभी प्रकार की संसदीय संस्थाओं को समाप्त करने के पक्ष में थी और एक महान नेता के शासन में विश्वास रखती थी। नाथ से सोच के खास पहलू कौन कौन से हैं?नाजी सोच सभी प्रकार की संसदीय संस्थाओं को समाप्त करने के पक्ष में थी और एक महान नेता के शासन में विश्वास रखती थी। 3. यह सभी प्रकार के दल निर्माण व विपक्ष के दमन और उदारवाद, समाजवाद एवं कम्युनिस्ट विचारधाराओं के उन्मूलन की पक्षधर थी।
मातृत्व की नात्सी सोच क्या थी?लड़कियों को बताया जाता था कि उन्हें अच्छी माता बनना है और शुद्ध खून वाले आर्य बच्चे पैदा करने हैं। अपनी नस्ल की शुद्धता बरकरार रखने के उद्देश्य से लड़कियों को अवांछित लोगों से दूर रहने को कहा जाता था। यदि कोई औरत किसी अवांछित बच्चे को जन्म देती थी तो उसे इसकी सजा मिलती थी।
प्रश्न 4 नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफरत पैदा करने में इतना असरदार कैसे रहा?नात्सियों का प्रोपेगैंडा यहूदियों के खिलाफ नफ़रत पैदा करने में इतना असरदार क्यों रहा? (i) नात्सी विश्व दृष्टिकोण को फैलाने के लिए हिटलर ने मीडिया का बहुत सोच-समझकर इस्तेमाल किया। इस प्रचार में नात्सियों की यहूदियों के प्रति घृणा का समावेश था। ग्योबल्स, हिटलर के प्रचार मंत्री थे।
नाथ शिव ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन कौन से तरीके अपनाए?(v) अर्थव्यवस्था, मीडिया, न्यायपालिका और सेना पर राज्य ने पूरी तरह से नियंत्रण स्थापित कर लिया। (vi) पूरे समाज को नात्सियों के हिसाब से नियंत्रित व्यवस्थित करने के लिए सुरक्षा दस्ते गठित किए गए। इसमें गेस्तापो, एस.एस. और सुरक्षा सेवा शामिल थे।
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