सुंदरवन का नाम ताड़का वन कैसे पड़ गया - sundaravan ka naam taadaka van kaise pad gaya

उत्तर - चलते – चलते एक तीखा मोड़ आया तब महर्षि विश्वामित्र और राजकुमारों के दृष्टि से सब कुछ ओझल हो गया ।


 

प्रश्न-4 चलते समय राम और लक्ष्मण की नज़र कहाँ थी ?

उत्तर - चलते समय राम और लक्ष्मण की नज़र महर्षि विश्वामित्र के सधे कदमो की ओर थी ।


 

प्रश्न-5 राजकुमारों के चेहरों पर थकान का कोई चिह्न क्यों नहीं था ?

उत्तर - दोनों राजकुमार उत्साहित थे इसीलिए उनके चेहरों पर थकान का कोई चिह्न नहीं था ।



प्रश्न-6  चिड़ियों के झुण्ड कहाँ जा रहे थे ?

उत्तर - चिड़ियों के झुण्ड अपने बसेरे की ओर लौट रहे थे ।


 

प्रश्न-7 आसमान का रंग कैसा हो गया था ?

उत्तर  - आसमान का रंग मटमैला-लाल हो गया था ।


 

प्रश्न-8 महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण को कौन सी विधाएँ सिखाईं और उसकी क्या विशेषता थी ?

उत्तर  - महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण को 'बला-अतिबला' नाम की विधाएँ सिखाईं । इन्हें सीखने के बाद कोई उन पर प्रहार नहीं कर सकेगा । उस समय भी नहीं जब वे नींद में हों ।


 

प्रश्न-9  किसने किससे कहा ?


i.“हम आज रात नदी तट पर ही विश्राम करेंगे ”

महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण से कहा ।


 

ii.“ मैं तुम दोनों को कुछ विधाएँ सिखाना चाहता हूँ ”

महर्षि विश्वामित्र ने राम से कहा ।



प्रश्न-10 संगम की दूसरी नदी कौन सी थी?

उत्तर- संगम की दूसरी नदी गंगा थी ।



प्रश्न-11 राम – लक्ष्मण अब महर्षि विश्वामित्र के ठीक पीछे क्यों चल रहे थे?

उत्तर- राम – लक्ष्मण अब महर्षि विश्वामित्र के ठीक पीछे चल रहे थे ताकि उनकी बातें ध्यान से सुन सकें ।


 

प्रश्न-12 महर्षि विश्वामित्र चलते – चलते रास्ते में राम – लक्ष्मण को क्या बता रहे थे?

उत्तर - महर्षि विश्वामित्र चलते – चलते रास्ते में राम – लक्ष्मण को रास्ते में पड़ने वाले आश्रमों के बारे में, पेड़ों और वनस्पतियों के संबंध में और स्थानीय के इतिहास के बारे में बता रहे थे ।


 

प्रश्न-13 महर्षि विश्वामित्र राम – लक्ष्मण के साथ संगम पर बने आश्रम में क्यों रुक गए थे?

उत्तर - रात में नदी पार करना उचित नहीं था इसलिए महर्षि विश्वामित्र राम – लक्ष्मण के साथ संगम पर बने आश्रम में रुक गए थे ।


प्रश्न-14 महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण के साथ गंगा कैसे पार की ?

उत्तर - महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण के साथ गंगा नाव से पार की ।


प्रश्न-15 नदी पार जंगल का वर्णन कीजिए ।

उत्तर - जंगल इतना घना था कि सूरज की किरणें धरती तक नहीं पहुंचती थी । वह जंगल डरावना भी था । हर ओर से झींगुरों की आवाज़, जानवरों की दहाड़, डरावनी ध्वनियाँ थी ।


 

प्रश्न-16 'सुंदर वन' में कोई क्यों नहीं जाता था ?

उत्तर  - ताड़का के डर से कोई सुंदर वन में नहीं जाता था क्योंकि जो भी आता ताड़का उसे मार डालती ।



प्रश्न-17 'सुंदर वन' का नाम 'ताड़का वन' कैसे पड़ा ?

उत्तर  - ताड़का का डर सुंदर वन में इतना था कि सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था ।


 

प्रश्न-18 किसने किससे कहा ?


“ ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं ”

महर्षि विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण से कहा ।


 

प्रश्न-19 राम – ताड़का युद्ध का वर्णन कीजिए ।

उत्तर  - राम ने महर्षि की आज्ञा से धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे खींचकर छोड़ा । क्रोध से बिलबिलाई ताड़का राम की ओर दौड़ी और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए । राम ने उस पर बाण चलाए । लक्ष्मण ने भी निशाना साधा । राम का एक बाण उसके हृदय में लगा । वह गिर पड़ी और फिर नहीं उठ पाई ।


 

प्रश्न-20 महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण को कितने अस्त्र – शस्त्र दिए ?

उत्तर  - महर्षि विश्वामित्र ने राम – लक्ष्मण को सौ तरह के नए अस्त्र – शस्त्र दिए ।


 

प्रश्न-21 किसका बाण ताड़का के हृदय में लगा ?

उत्तर  - राम का बाण ताड़का के हृदय में लगा ।


प्रश्न-22  ताड़का वन कब भयमुक्त हो गया?

उत्तर- ताड़का के मरने के बाद में ताड़का वन भयमुक्त हो गया ।


 

प्रश्न-23  ताड़का के मरने के बाद ताड़का वन कैसा लग रहा था?

उत्तर- ताड़का के मरने के बाद ताड़का वन बदला हुआ था । भयानक आवाज़ें गायब हो चुकी थी । पत्तों की सरसराहट का संगीत था । चिड़ियों की चहचहाहट थी । शांति थी ।


 

प्रश्न-24  आश्रम के लोग क्यों प्रसन्न थे?

उत्तर - आश्रम के लोग महर्षि विश्वामित्र के आश्रम लौटने से और राम -लक्ष्मण के आगमन से प्रसन्न थे ।



प्रश्न-25  महर्षि विश्वामित्र ने आश्रम की रक्षा की ज़िम्मेदारी किन्हें सौंपी?

उत्तर - महर्षि विश्वामित्र ने आश्रम की रक्षा की ज़िम्मेदारी राम और लक्ष्मण को सौंपी ।


 

प्रश्न-26  अनुष्ठान कितने दिनों तक ठीक ठाक चलता रहा ?

उत्तर - अनुष्ठान पाँच दिनों तक ठीक ठाक चलता रहा ।



प्रश्न-27 अनुष्ठान के अंतिम दिन क्या हुआ ?

उत्तर - सुबाहु और मारीच ने राक्षसों के दल बल के साथ आश्रम पर धावा बोल दिया ।


 

प्रश्न-28  मारीच क्यों क्रोधित था ?

उत्तर  - मारीच यज्ञ के अलावा इस बात से क्रोधित था कि राम- लक्ष्मण ने उसकी माँ  को मारा था ।



प्रश्न-29  राम तथा सुबाहु- मारीच के युद्ध का वर्णन कीजिए ।

उत्तर  - राम का बाण लगते ही मारीच मूर्च्छित हो गया । बाण के वेग से समुद्र के किनारे जाकर गिरा और होश आने पर वह उठ कर दक्षिण दिशा की ओर भाग गया । राम का दूसरा बाण सुबाहु को लगा और उसके प्राण वही निकल गए ।


प्रश्न-30 मिथिला के लिए उन्होनें कौन सी नदी पार की?

उत्तर- मिथिला के लिए उन्होनें सोन नदी पार की ।



प्रश्न-31 शिव धनुष को कहाँ लाया गया?

उत्तर- शिव धनुष को यज्ञशाला में लाया गया ।



प्रश्न-32  कौन-कौन लोग यज्ञशाला में उपस्थित हुए?

उत्तर - आमंत्रित लोग, मुनिऋषि और राजकुमार यज्ञशाला में उपस्थित हुए ।



प्रश्न-33 शिव धनुष का वर्णन कीजिए ।

उत्तर - शिव धनुष विशाल था । वह लोहे की पेटी में रखा हुआ था जिसमें आठ पहिये लगे हुए थे । शिव धनुष को उठाना लगभग असंभव था । पहियों के सहारे उसे खींचकर एक से दूसरी जगह ले जाया जाता था ।



प्रश्न-34 राजा जनक ने सीता के विवाह के संबंध में क्या प्रतिज्ञा की थी?

उत्तर - राजा जनक ने सीता के विवाह के संबंध में प्रतिज्ञा की थी कि जो शिव धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी के साथ सीता का विवाह होगा ।



प्रश्न-35 शिव धनुष देखते ही विदेहराज एक पल के लिए क्यों उदास हो गए?

उत्तर - राजा जनक ने सीता के विवाह के संबंध में प्रतिज्ञा की थी जो शिव धनुष उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी के साथ सीता का विवाह होगा । परंतु अभी तक अनेक राजकुमारों ने प्रयास किया और लज्जित हुए । उठाना तो दूर वे इसे हिला तक नहीं सके ।



प्रश्न-36  किसने किससे कहा ?


“ अब हमारे लिए क्या आज्ञा है, मुनिवर ”

राम ने महर्षि विश्वामित्र से कहा ।



“ हम लोग यहाँ से मिथिला जाएंगे ”

महर्षि विश्वामित्र ने राम से कहा ।



“ ये सुंदर राजकुमार कौन हैं ”

राजा विदेहराज ने महर्षि विश्वामित्र से कहा ।


“ ये राम और लक्ष्मण हैं । महाराज दशरथ के पुत्र ।”

महर्षि विश्वामित्र ने राजा विदेहराज से कहा ।



“ शिव धनुष को यज्ञशाला में लाया जाए ”

राजा जनक ने अपने अनुचरों से कहा ।



प्रश्न-37 राम ने शिव धनुष को किस प्रकार उठाया?

उत्तर- राम ने शिव धनुष को सहज ही उठा लिया ।


प्रश्न-38 शिव धनुष राम द्वारा तोड़ने का वर्णन कीजिए ।

उत्तर- राम ने पेटी का ढक्कन खोल कर धनुष को देखा फिर गुरु का संकेत मिलते ही धनुष को सहज ही उठा लिया । जब राम ने प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए धनुष को ऊपर से दबाकर प्रत्यंचा खींची तब दबाव से धनुष बीच से टूट गया ।



प्रश्न-39  यज्ञशाला में उपस्थित सभी लोग हतप्रभ क्यों थे?

उत्तर - राम ने शिव धनुष को सहज ही उठा लिया । यह देखकर यज्ञशाला में उपस्थित सभी लोग हतप्रभ थे ।



प्रश्न-40 यज्ञशाला में सन्नाटा क्यों छा गया?

उत्तर - जब राम ने प्रत्यंचा चढ़ाने के लिए धनुष को ऊपर से दबाकर प्रत्यंचा खींची तब दबाव से बच्चों के खिलौने की तरह धनुष के दो टुकड़े हो गए । यह देखकर यज्ञशाला में सन्नाटा छा गया ।


प्रश्न-41 बारात को मिथिला पहुंचने में कितने दिन लगे?

उत्तर - बारात को मिथिला पहुंचने में पाँच दिन लगे ।



प्रश्न-42 जनकपुरी किस प्रकार जगमगा रही थी?

उत्तर - हर मार्ग पर तोरणद्वार और घर-घर के प्रवेश द्वार पर वंदनवार लगाए गए। हर जगह फूलों की चादर बिछाई गई । एक-एक घर में मंगलगीत गाए गए। पूरी जनकपुरी जगमगा रही थी ।



प्रश्न-43 विवाह के ठीक पहले विदेहराज ने महाराज दशरथ से क्या कहा?

उत्तर - विवाह के ठीक पहले विदेहराज ने महाराज दशरथ से कहा “राजन! राम ने मेरी प्रतिज्ञा पूरी कर बड़ी बेटी सीता को अपना लिया । मेरी इच्छा है कि छोटी बेटी उर्मिला का विवाह लक्ष्मण से हो जाए । मेरे छोटे भाई कुशध्वज की दो पुत्रियाँ हैं – मांडवी और श्रुतकीर्ति । कृप्या उन्हें भरत और शत्रुघ्न के लिए स्वीकार करें ।”



प्रश्न-44 राजा जनक के छोटे भाई का क्या नाम था? उनकी पुत्रियों के नाम लिखें ।

उत्तर - राजा जनक के छोटे भाई का नाम कुशध्वज था । उनकी दो पुत्रियों के नाम हैं – मांडवी और श्रुतकीर्ति ।



प्रश्न-45 नए वर-वधुओं के नाम लिखें ।

उत्तर - नए वर-वधुओं के नाम हैं - राम और सीता, भरत और माण्डवी, लक्ष्मण और उर्मिला, शत्रुघ्न और श्रुतकीर्ति ।

सुंदरवन का नाम ताड़का वन क्यों पड़ गया था?

यह सुकेतु यक्ष की पुत्री थी जिसका विवाह सुड नामक राक्षस के साथ हुआ था। यह अयोध्या के समीप स्थित सुंदर वन में अपने पति और दो पुत्रों सुबाहु और मारीच के साथ रहती थी। उसके शरीर में हजार हाथियों का बल था। उसके प्रकोप से सुंदर वन का नाम ताड़का वन पड़ गया था

ताड़का पूर्व जन्म में कौन थी?

आनंद रामायण के अनुसार ताड़का पहले एक सुंदर अप्सरा थी। वह सुकेतु यक्ष की पुत्री थी। लेकिन एक बार जब उसने तप करते हुए ऋषि अगस्त्य को सताया, तब उनके शाप से वह कुरूप राक्षसी ताड़का बन गई।

ताड़का के बेटे का नाम क्या था?

ताड़का के दो पुत्र थे, उनके नाम थे सुबाहु और मारीच। ताड़का का परिवार अयोध्या के नजदीक एक जंगल में रहता थाताड़का का परिवार पूरी तरह से राक्षसी प्रवृत्तियों में लिप्त रहता था। वह देवी-देवताओं के लिए यज्ञ करने वाले ऋषि-मुनियों को तंग किया करते थे।

ताड़का कौन थी उसका अंत कैसे हुआ class 6?

Answer: रामायण की एक पात्र है ताडका, जोकि सुकेतु यक्ष की पुत्री थी, जिसका विवाह सुड नामक राक्षस के साथ हुआ था। ... राम ने ताड़का का और विश्वामित्र के यज्ञ की पूर्णाहूति के दिन सुबाहु का भी वध कर देते हैं। मारीच उनके बाण से आहत होकर दूर दक्षिण में समुद्र तट पर जा गिरता है।