मंगल ग्रह एक राशि में कितने दिन रहता है - mangal grah ek raashi mein kitane din rahata hai

Mangal Rashi Parivartan 2022: नए साल 2022 (New Year 2022) में ग्रहों की चाल बदलने वाली है, जिसका आपके जीवन पर भी असर पड़ेगा. ग्रहों के सेनापति मंगल (Mars) भी जनवरी 2022 में अपनी चाल बदलेंगे. मंगल का राशि परिवर्तन (Mars Transit) 16 जनवरी 2022 को होगा. 07 दिसंबर 2021 को मंगल का वृश्चिक राशि में प्रवेश हुआ है, जो 16 जनवरी तक इसमें रहेगा. फिर 16 जनवरी से मंगल का गोचर धनु राशि में होगा. ज्योतिषशास्त्र में मंगल को साहस, पराक्रम, जीवन शक्ति, भाई आदि का कारक माना जाता है. मंगल के राशि परिवर्तन करने से इन सब पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ना तय है. आइए जानते हैं कि मंगल का राशि परिवर्तन किस समय होगा, इसका क्या असर पड़ने वाला है?

मंगल राशि परिवर्तन 2022 समय 

मंगल ग्रह 16 जनवरी दिन रविवार को शाम 04 बजकर 50 मिनट पर वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा. मंगल धनु राशि में 26 फरवरी2022 तक रहेगा. उसके बाद मंगल का धनु राशि से मकर राशि में गोचर होगा. धनु राशि में मंगल के आने से कई लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव होंगे और धन लाभ भी होगा.

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फिलहाल मंगल के वृश्चिक राशि में होने से 16 जनवरी तक मेष, मिथुन, सिंह, कन्या और मीन राशि वालों के लिए लाभ की स्थिति है. आइए जानते हैं इनके बारे में.

मेष राशि वालों को धन, पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि का योग बना हुआ है. जो भी निवेश करेंगे उससे लाभ होगा. इनके लिए मंगल की वर्तमान स्थिति मंगलकारी ही है.

मिथुन राशि के लिए मंगल की वर्तमान ​स्थिति लाभदायक है. धन लाभ होगा, कार्यक्षेत्र में सफलता और यश प्राप्त होगा. आमदनी बढ़ने के संकेत हैं. दांपत्य जीवन सुखमय होगा और समस्याओं का समाधान भी होगा.

सिंह राशि को मंगल के गोचर का लाभ मिलेगा. नौकरी और बिजनेस में उन्नति होगी. निवेश से धन लाभ का योग है. मंगल कार्यों में सफलता दिलाएगा.

मंगल के कारण कन्या राशि वालों की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी. बिजनेस और नौकरी में बेहतर अवसर मिलेंगे. वैवाहिक जीवन अच्छा रहेगा.

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मीन राशि के लिए भी मंगल की वर्तमान स्थिति अच्छी है. शत्रुओं और विरोधियों को परास्त करेंगे. भाग्य साथ देगा. जो काम मेहनत से करेंगे, उसमें सफलता मिलेगी. माता-पिता का सहयोग मिलने से आत्मविश्वास मजबूत होगा.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)

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मंगल ग्रह एक राशि में कितने दिन रहता है - mangal grah ek raashi mein kitane din rahata hai

गोचर
गोचर की सीधा संबंध सभी नौ ग्रहों और बारह राशियों से होता है। गोचर का अर्थ होता है ग्रहों का चलना। जब कोई ग्रह किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इस प्रकिया को गोचर कहा जाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के गोचर का बहुत प्रभाव पड़ता है।  ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का अवधि अलग-अलग होती है।

ग्रहों के गोचर की अवधि

सूर्य-  एक महीने के अंतराल में अपनी राशि बदलता है।
चंद्रमा- को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए लगभग सवा दिन का समय लगता है।
मंगल- करीब डेढ़ महीने की अवधि में अपनी राशि बदलता है।
बुध- लगभग 14 के अंतराल में राशि बदलता है।
वृहस्पति- एक साल में अपनी राशि को बदलता है। इसी तरह शुक्र लगभग 23 दिनों में गोचर होता है।
शनि- ढ़ाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में जाता है।
राहु- और केतु- एक से डेढ़ वर्ष में गोचर

सूर्य का गोचर
राशि स्वामी-  सिंह राशि
कारक- आत्मा का कारक
गोचर का शुभ फल- लग्न राशि से तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी बचे भावों में अशुभ फल

चंद्रमा का गोचर
राशि स्वामी-  कर्क राशि
कारक- मन का कारक
गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से पहले, तीसरे, सातवें, दसवें, और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- चौथे, आठवें और बारहवें भाव में अशुभ परिणाम प्राप्त होता है।

मंगल का गोचर
राशि स्वामी- मेष और वृश्चिक
कारक- ऊर्जा, साहस और बल
गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में
गोचर का अशुभ फल- बाकी बचे भावों में अशुभ फल

बुध का गोचर
राशि स्वामी- मिथुन और कन्या राशि का स्वामी
कारक- बुद्धि, तर्कशास्त्र, संवाद का कारक
गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में
गोचर का अशुभ फल- शेष भावों में परिणाम अच्छे नहीं

गुरु का गोचर
राशि स्वामी- धनु और मीन राशि का स्वामी
कारक- ज्ञान, संतान एवं परिवार का कारक
गोचर का शुभ फल- दूसरे, पाँचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी भाव में अशुभ फल

शुक्र का गोचर
राशि स्वामी-  वृषभ और तुला राशि का स्वामी
कारक- प्रेम, रोमांस, सुंदरता और कला
गोचर का शुभ फल- पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे, पाँचवें, आठवें, नौवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी भाव में अशुभ फल

शनि का गोचर
राशि स्वामी-  मकर और कुंभ राशि का स्वामी
कारक- कर्म का कारक
गोचर का शुभ फल- तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी भाव में अशुभ फल

राहु का गोचर
राशि स्वामी- कोई नहीं ( छाया ग्रह)
कारक- चतुरता, तकनीकी और राजनीति
गोचर का शुभ फल- तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव में शुभ फल देता है।
गोचर का अशुभ फल-  बाकी भाव में अशुभ फल।

केतु का गोचर
राशि स्वामी- कोई नहीं ( छाया ग्रह)
कारक- वैराग्य,आध्यात्म और मोक्ष
गोचर का शुभ फल- लग्न राशि से पहले, दूसरे,तीसरे, चौथे, पाँचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल-  बाकी भाव में अशुभ फल।

गोचर
गोचर की सीधा संबंध सभी नौ ग्रहों और बारह राशियों से होता है। गोचर का अर्थ होता है ग्रहों का चलना। जब कोई ग्रह किसी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इस प्रकिया को गोचर कहा जाता है। किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों के गोचर का बहुत प्रभाव पड़ता है।  ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अवधि में अपनी राशि बदलते हैं। सूर्य से लेकर केतु तक सभी ग्रहों के राशि परिवर्तन का अवधि अलग-अलग होती है।

ग्रहों के गोचर की अवधि

सूर्य-  एक महीने के अंतराल में अपनी राशि बदलता है।
चंद्रमा- को एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए लगभग सवा दिन का समय लगता है।
मंगल- करीब डेढ़ महीने की अवधि में अपनी राशि बदलता है।
बुध- लगभग 14 के अंतराल में राशि बदलता है।
वृहस्पति- एक साल में अपनी राशि को बदलता है। इसी तरह शुक्र लगभग 23 दिनों में गोचर होता है।
शनि- ढ़ाई साल में एक राशि से दूसरी राशि में जाता है।
राहु- और केतु- एक से डेढ़ वर्ष में गोचर

सूर्य का गोचर
राशि स्वामी-  सिंह राशि
कारक- आत्मा का कारक
गोचर का शुभ फल- लग्न राशि से तीसरे, छठे, दसवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी बचे भावों में अशुभ फल

चंद्रमा का गोचर
राशि स्वामी-  कर्क राशि
कारक- मन का कारक
गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से पहले, तीसरे, सातवें, दसवें, और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- चौथे, आठवें और बारहवें भाव में अशुभ परिणाम प्राप्त होता है।

मंगल का गोचर
राशि स्वामी- मेष और वृश्चिक
कारक- ऊर्जा, साहस और बल
गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से तीसरे, छठे और ग्यारहवें भाव में
गोचर का अशुभ फल- बाकी बचे भावों में अशुभ फल

बुध का गोचर
राशि स्वामी- मिथुन और कन्या राशि का स्वामी
कारक- बुद्धि, तर्कशास्त्र, संवाद का कारक
गोचर का शुभ फल- कुंडली में लग्न राशि से दूसरे, चौथे, छठे, आठवें, दसवें और ग्यारहवें भाव में
गोचर का अशुभ फल- शेष भावों में परिणाम अच्छे नहीं

गुरु का गोचर
राशि स्वामी- धनु और मीन राशि का स्वामी
कारक- ज्ञान, संतान एवं परिवार का कारक
गोचर का शुभ फल- दूसरे, पाँचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी भाव में अशुभ फल

शुक्र का गोचर
राशि स्वामी-  वृषभ और तुला राशि का स्वामी
कारक- प्रेम, रोमांस, सुंदरता और कला
गोचर का शुभ फल- पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे, पाँचवें, आठवें, नौवें, ग्यारहवें और बारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी भाव में अशुभ फल

शनि का गोचर
राशि स्वामी-  मकर और कुंभ राशि का स्वामी
कारक- कर्म का कारक
गोचर का शुभ फल- तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल- बाकी भाव में अशुभ फल

राहु का गोचर
राशि स्वामी- कोई नहीं ( छाया ग्रह)
कारक- चतुरता, तकनीकी और राजनीति
गोचर का शुभ फल- तीसरे, छठे, ग्यारहवें भाव में शुभ फल देता है।
गोचर का अशुभ फल-  बाकी भाव में अशुभ फल।

केतु का गोचर
राशि स्वामी- कोई नहीं ( छाया ग्रह)
कारक- वैराग्य,आध्यात्म और मोक्ष
गोचर का शुभ फल- लग्न राशि से पहले, दूसरे,तीसरे, चौथे, पाँचवें, सातवें, नौवें और ग्यारहवें भाव में शुभ फल
गोचर का अशुभ फल-  बाकी भाव में अशुभ फल।

मंगल एक राशि पर कितने समय रहता है?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल एक राशि में करीब 45 दिनों तक रहते हैं।

मंगल कब राशि बदलेगा?

मंगल राशि परिवर्तन 2022: मंगल राशि परिवर्तन का सभी 12 राशियों पर प्रभाव पड़ता है। 16 अक्टूबर को मंगल मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। जानें किन राशि वालों पर होगा सबसे ज्यादा प्रभाव- मेष- मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगलदेव हैं।

एक राशि में कितने दिन रहता है?

सूर्य, बुध तथा शुक्र एक महीना एक राशि में रहते हैं। चंद्रमा सवा दो दिन एक राशि में रहता है। मंगल डेढ़ महीना, गुरु तेरह महीने, शनि 30 महीने, राहु-केतु 18 महीने एक राशि में रहते है। वक्री अथवा शीघ्र गतिक होने से कभी-कभी बुध आदि ग्रहो को एक राशि का समय तय करने में अंतर पड़ जाता है

मंगल कौन सी राशि में चल रहा है?

मंगल एक बार फिर मेष राशि से निकलकर 10 अगस्त 2022 को रात 09.43 बजे वृष राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल का शुक्र में गोचर कई बदलाव लाएगा, जिसका प्रभाव सभी राशियों के लोगों पर पड़ेगा। आइए जानते हैं मंगल के इस गोचर का राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा। वृष- मंगल वृषभ राशि के जातकों के लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा।