आखिर क्यों मनाया जाता है 'मूर्ख दिवस'? कहां से शुरू हुई इसकी कहानी, जानें इतिहासहटके डेस्क. अप्रैल की शुरुआत ही मूर्ख दिवस से होती है। पहली अप्रैल को मूर्ख दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे से ऐसे मजाक करते हैं, जिसे लोग सच मानकर बाद में खुद को फूल बना लेते हैं। मूर्ख दिवस के दिन लोग आपस में व्यावहारिक मजाक और मूर्खतापूर्ण हरकतें करते हैं। हर देश में मूर्ख दिवस को लेकर अलग-अलग चलन हैं और लोग अतलग तरीके से इस दिन को सेलिब्रेट करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इस दिन का इतिहास क्या है और आखिर इसकी शुरुआत कहां और कब से की गई... Show
अप्रैल फूल को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं। इतिहास पर नजर डाली जाए तो 1 अप्रैल के दिन कई फनी घटनाएं हुईं, जिसके चलते इस दिन को अप्रैल फूल-डे के तौर पर मनाया जाने लगा। कहा जाता है कि अप्रैल फूल्स डे (मूर्ख दिवस) की शुरुआत फ्रांस में 1582 में उस वक्त हुई, जब पोप चार्ल्स 9 ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंड्र शुरू किया। बताया जाता है कि इस दौरान कुछ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे और उन्हें ही अप्रैल फूल्स कहा गया। हालांकि, मूर्ख दिवस को लेकर कई अन्य कहानियां भी प्रचलित है। कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि इसकी शुरुआत 1392 भी बताई जाती है, लेकिन इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। वहीं, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि साल 1508 में एक फ्रांसीसी कवि ने एक प्वॉइजन डी एवरिल (अप्रैल फूल) का संदर्भ दिया था। वहीं, 1539 में फ्लेमिश कवि 'डे डेने' ने एक अमीर आदमी के बारे में लिखा, जिसने 1 अप्रैल को अपने नौकरों को मूर्खतापूर्ण कार्यों के लिए भेजा था। ऐसी ही कई अन्य कहानियां भी प्रचलित हैं। मूर्ख दिवस मनाने का चलन भारत में 19वीं सदी से ज्यादा बढ़ा। इस दिन का लोग राजनीतिक तंज और आपस में मजाक करके लुत्फ लेते हैं। इस दिन का इतिहास हर जगह अलग-अलग तरह से है। भारत में सोशल मीडिया के आने के बाद से इसकी पहचान और बढ़ी है। अप्रैल फूल की कहानियों की तरह इसे मनाने के तरीके भी काफी अलग-अलग हैं। फ्रांस, इटली, बेल्जियम में कागज की मछली बनाकर लोगों के पीछे
चिपका दी जाती है और मजाक बनाया जाता है। ईरानी फारसी नववर्ष के 13वें दिन एक-दूसरे पर तंज कसते हैं, ये 1 या 2 अप्रैल का दिन होता है। डेनमार्क में 1 मई को ये मनाया जाता है और इसे मज-कट कहते हैं। वहीं, स्पेनिश बोलने वाले देशों में 28 दिसंबर को अप्रैल फूल मनाया जाता है, जिसे डे ऑफ होली इनोसेट्स कहा जाता है। अप्रैल फूल डे के दिन जो मज़ाक किया जाता है वो दूसरों को बुरा नहीं लगता।अप्रैल फूल दिवस को मूर्ख दिवस भी कहा जाता है। अप्रैल फूल डे (April Fool’s Day) अप्रैल का पहला दिन (1st April) होता है। दुनिया के तमाम देशों में पहली अप्रैल को इसे मनाया जाता है। इस दिन दोस्तों, परिजनों और सहकर्मियों के साथ हल्के-फुल्के मूड में जोक्स-प्रैंक करते हैं। यूं तो अप्रैल फूल डे लंबे वक्त से मनाया जाता रहा है, लेकिन इसकी शुरुआत असल में कब हुई, इसका ठीक-ठीक पता किसी को नहीं है। माना जाता है कि साल 1381 में पहली बार एक अप्रैल को इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी। इसके पीछे दो रोचक कहानियां बताई जाती हैं। अप्रैल फूल डे मनाने का कारण: अप्रैल फूल डे (April Fool’s Day) मनाने का जो पहला कारण बताया जाता है, वो ये कि इंग्लैंड के राजा रिचर्ड (द्वितीय) और बोहेमिया की रानी एनी ने 32 मार्च 1381 में अपनी शादी करने का ऐलान कर दिया था। उनकी शादी की खबर सुन जनता खुशी से झूमने लगी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया कि कैलेंडर में तो 32 मार्च कोई तारीख होती ही नहीं होती। दरअसल, राजा-रानी ने अपनी शादी की झूठी खबर देकर जनता के साथ एक तरीके से मजाक किया था। कहा जाता है कि तभी से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। चूंकि 32 मार्च कोई दिन नहीं होता इसलिए एक अप्रैल को अप्रैल फूल डे के तौर पर मनाया जाने लगा। अप्रैल फूल से जुड़ी दूसरी कहानी: अप्रैल फूल डे से जुड़ी एक और कहानी है चर्चित है। वो ये कि फ्रांस में साल 1582 में पोप पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया। हालांकि इसके बावजूद कुछ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे। जो लोग पुराने कैलेंडर के मुताबिक नया साल मनाते जा रहे थे, उन्हें अप्रैल फूल्स कहा जाने लगा। यूं तो मजाक के लिए कोई खास दिन और ठिकाना नहीं होता लेकिन कहते हैं कि अप्रैल फूल डे के दिन जो मज़ाक किया जाता है वो दूसरों को बुरा नहीं लगता। आप भी अप्रैल फूड डे पर अपने दोस्तों और फैमिली मेंबर्स के साथ प्यार भरा मज़ाक कर सकते हैं। शेयर करें ये जोक्स: मूर्खता के सबसे खास पर्व पर मूर्खों के शहंशाह को तहे दिल से गुलाब का फूल बागों में खिल रहा है पृथ्वी घूमना बंद कर सकती है, किन्ना सोना तैनु रब ने बनाया जब तुम आईने के पास जाते हो चांद तारों को देख कर कुछ याद आया, 1 अप्रैल को आप अपने दोस्तों को ये खूबसूरत जोक्स भेजकर भी उनका और अपना मन बहला सकते हैं।पति ने पत्नी का हालचाल जानने के लिए टाइप किया, अब कैसा है सिरदर्द? पप्पू : अगर दुनिया के सभी इंसानों का चेहरा एक जैसा होता तो क्या होता… आपको जन्मदिन मुबारक हो, आप इसी दिन के लिए पैदा हुए हैं, Happy April Fools Day 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस क्यों मनाया जाता है?एक कहानी साल 1381 की
ये खबर सुनकर लोग बेहद खुश हुए. जश्न मनाया और इस दिन के लिए तमाम तैयारियां करने लगे. लेकिन जब 31 मार्च आया तो उन्हें अहसास हुआ कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है, क्योंकि 32 मार्च तो कभी आएगा ही नहीं. तभी से 31 मार्च के अगले दिन यानी 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया जाने लगा.
1 अप्रैल को क्या हुआ था?भारत में अप्रैल फूल मनाने की शुरआत अंग्रेजों ने की, 19वीं सदी में इसकी शुरुआत की गई, इसके बाद भारत में अब हर साल 1 अप्रैल को अप्रैल फूल मनाया जाता है, सोशल मीडिया के बदलते चलन के बाद अप्रैल फूल को भारत में ज्यादा पहचान मिली है.
मूर्ख दिवस क्या होता है?आज 1 अप्रैल है, इस दिन को 'मूर्ख दिवस' या 'अप्रैल फूल डे' के रूप में मनाया जाता है. इस दिन हर कोई एक दूसरे के साथ मजाक करते हैं, ये बस हंसी मजाक के लिए ही होता है. April Fools' Day 2022: हर साल 1 अप्रैल को 'मूर्ख दिवस' यानी 'अप्रैल फूल डे' (April Fool Day) मनाया जाता है.
अप्रैल फूल की शुरुआत कैसे हुई?इस दिन से जुड़ी हई एक मान्यता यह भी है कि साल 1582 में चार्ल्स पोप ने फ्रांस में पुराने कैलेंडर को बदल दिया. उसकी जगह एक नया रोमन कैलेंडर लॉन्च किया गया. इसके बावजूद बहुत सारे लोग पुराने कैलेंडर के हिसाब से ही चलते रहे. इसके बाद वहां भी इस दिन को अप्रैल फूल डे मनाना शुरू कर दिया गया.
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