Led कैसे बनाते हैं - laid kaise banaate hain

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • ई-पेपर

Show

Led कैसे बनाते हैं - laid kaise banaate hain

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • National
  • White LED Inverter Bulb; Power Backup Upto 4 Hours

लाइट जाने के बाद भी 4 घंटे तक जलता रहेगा ये LED बल्ब, नहीं करना पड़ेगा अलग से चार्ज; 2 साल तक की मिलेगी वारंटी; कीमत सिर्फ 299 रुपए

गैजेट डेस्क। इंडियन मार्केट में अब ऐसे LED बल्ब भी मौजूद हैं, जो लाइट जाने के बाद भी घर में रोशनी करते रहेंगे। जी हां, इन्हें LED इनवर्टर बल्ब कहा जाता है। इन्हें AC और DC दोनों पर यूज कर सकते हैं। इन बल्ब को अब कई कंपनियां बना रही हैं। वे इन पर 2 साल तक की वारंटी भी देती हैं। ये बल्ब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मार्केट में आसानी से मिल जाते हैं। इसकी कीमत 299 रुपए से शुरू हो जाती है।

4 घंटे तक जलेगा बल्ब

पावर सॉल्यूशन कंपनी Su-Kam भी LED इनवर्टर बल्ब बना रही है। उसका दावा है कि लाइट जाने के बाद भी ये बल्ब 4 घंटे तक नॉन-स्टॉप जलता रहता है। इतना ही नहीं, ये डायरेक्ट बंद नहीं होता, बल्कि इसकी रोशनी कम होती जाती है। लाइट जाने के ये माइक्रो सेकंड में ऑन हो जाता है। इन बल्ब में रिचार्जेबल बैटरी होती है, जो चार्ज होती रहती है। फुल चार्ज होने के बाद ये ऑटो कट हो जाती है। ऐसे बल्ब में 3 अलग-अगग मोड दिए होते हैं।

इनवर्टर LED बल्ब के मोड

Mode 1 : इसे होल्डर में फिक्स कर दिया जाता है, जहां ये चार्ज होता रहता है। लाइट जाने पर ये ऑटो ऑन हो जाता है।
Mode 2 : इसे होल्डर में लगाकर स्विच से चार्जिंग आउटपुट बंद कर सकते हैं। यानी बैटरी की मदद से इसका बैकअप मिलेगा।
Mode 3 : ये चार्ज होगा, लेकिन लाइट जाने पर ऑन नहीं होगा। यानी आप इस अपनी मर्जी से ऑन कर पाएंगे।

आगे की स्लाइड्स पर देखिए इस बल्ब को ऑनलाइन कहां से खरीद सकते हैं....

Led कैसे बनाते हैं - laid kaise banaate hain

कोविड-19 से बने इस संकट भरे हालातों को देखते हुए पूरी दुनिया में चिंता का माहौल बना हुआ है। इस आर्थिक संकट के माहौल में कई लोगों की नौकरियों पर भी खतरा मंडरा रहा है। आज अधिकतम गरीब और मध्यम वर्ग के लोन इस चिंता में डूबे हैं कि उनका दैनिक जीविका और काम-काज कैसे चलेगा। ऐसे में लॉकडाउन के कारण हुई आर्थिक मंदी लोगों पर दोहरी मार साबित हुई है। इस आर्थिक आपदा से निपटने के लिए ही प्रधानमंत्री मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान की पहल की है. जिसमे उन्होंने  आर्थिक तंगी से पीड़ित लोगो को आत्मनिर्भर बनने का मौका दिया है। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा घोषित इस आर्थिक पैकेज का लाभ उठाकर आप अपना स्वयं का कोई भी व्यवसाय शुरू कर सकते है। यदि आप अपना खुद का LED Bulb Manufacturing Business शुरू करना चाहते है तो आप सरकार की मुद्रा योजना के तहत लोन लेकर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते है। भारत में एलईडी लाइट की डिमांड तेजी से बढ़ती जा रही है। LED Lights में जब इलेक्ट्रॉन Semiconductor material से होकर गुजरता है तो छोटे कणों को रोशनी प्रदान करता है, जिन्हें एलईडी कहा जाता है। यह सबसे ज्यादा उर्जा और रोशनी देता है। LED Lights की खास बात ये है कि इसे रिसाइकिल भी किया जा सकता है। LED bulb manufacturing business प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने के लिए आपको पहले किसी अच्छी कंपनी से इससे सम्बंधित ट्रेनिंग लेनी चाहिए. जहा से आपको LED manufacturing बिज़नेस की हर छोटी से छोटी बातो की जानकारी मिल सके.

शुरू करें अपना LED Bulb Manufacturing Business

अगर आप खुद की बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो एलईडी बल्ब एक अच्छा बिजनेस आईडिया हैं। माइक्रो, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के तहत कई प्रतिष्ठित संस्थान एलईडी बल्ब मेकिंग कोर्स करा रहे है, इस  कोर्स में  युवाओं  को LED Bulb बनाने की ट्रेनिंग दी जाती हैं। एलईडी लाइट का व्यापार करने के अलावा आप इसकी सेलिंग से भी अच्छा ख़ासा लाभ कमा सकते है। LED Bulb Selling Business करने के लिए आपको सबसे पहले किसी अच्छी मार्किट में एक दूकान लेनी होगी। अपनी इस दुकान पर सभी तरह की फर्निशिंग और जरुरी मशीनरी सेटअप करने के बाद आप LED होलसेलर या सप्लायर से LED लेकर उनकी सेलिंग का काम शुरू कर सकते है। 

बिजली की खपत कम 

एलईडी बल्ब, CFL Bulb और सामान्य बल्ब की तुलना में कम बिजली खपत करता है इसीलिए एलईडी बल्ब सीएफएल की तुलना में महंगे होते है। वही बात करे CFL बल्ब की तो CFL के इस्तेमाल से एक साल में करीब 80 प्रतिसत तक की खपत होती है। एक एलईडी बल्ब अमूमन 50000 घंटे से अधिक चल सकता है जबकि वहीं  दूसरी तरफ सीएफएल बल्ब की लाइफ 8000 घंटे तक ही होती है। एलईडी बल्ब टिकाऊ और लंबे समय तक चलता है।

LED Making course क्या होता है? 

यदि आप LED Lights Making Business शुरू करना चाहते है तो आप चाहे तो इसके लिए LED Light Making course भी कर सकते. भारत में ऐसे बहुत से प्रशिक्षण केंद्र, यूनिवर्सिटी उपलब्ध हैं जो इस प्रकार के कोर्स कराते हैं। यहां आपको एलईडी के बारे में हर बारीक से बारीक जानकारी दी जाएगी और एलईडी बनाने के तरीकों के बारे में बताया जाएगा। LED Bulb बनाने की ट्रेनिंग कोर्स के दौरान आपको पाठ्यक्रमों में बेसिक आफ एलईडी, बेसिक ऑफ पीसीबी, एलईडी ड्राइवर, फिटिंग-टेस्टिंग, मैटेरियल की खरीद, मार्केटिंग, सरकारी सब्सिडी स्कीम आदि के बारे में बताया प्रशिक्षण दिया जाएगा।

 LED Making business में लागत 

आपको बता दें कि LED मेकिंग बिज़नेस को शुरू करने के लिए आपको कम से कम 5 से 6 लाख रुपए की जरुरत होगी। हालाँकि सेलिंग अच्छी होने पर आपको इससे हर महीने 20,000 से 3,00,000 तक का मुनाफा हो सकता है। देखा जाए तो सिर्फ डेढ़ से दो लाख के निवेश से हर महीने कम से कम 20,000 कमाने का यह मौका एक अच्छा बिज़नेस आईडिया साबित हो सकता है। 

LED LIGHTS Manufacturing Business के बारे में जाने 

LED का फुल फॉर्म Light Emitting Diode होता है जिसे एक बल्ब या लैंप में फिट किया जाता है. LED Lights अर्धचालक सामग्री द्वारा इलेक्ट्रिक करंट को पास कराता है जिससे रौशनी पैदा होती है. यदि हम पारंपरिक बल्बों की तुलना इन LED Lights से करते है तो हम पाते है की ये LED बल्ब पारंपरिक बल्बों से कम ऊर्जा लेते है. LED Lights द्वारा कम ऊर्जा व्यय करने के कारण ये LED बल्ब लोगो के  बीच काफी प्रचलित हो चूका है. इसके आलावा अब सरकारे भी राज्यों और देशों में इन लाइटों के खरीद और इस्तेमाल को प्रोत्साहित करती आ रही है.

एक आधिकारिक आकड़ों के मुताबिक LED बल्ब, CFL बल्ब से दो गुना और सामान्य बल्ब से साढ़े आठ गुना बिजली की बचत होती है. इसी कारण ये LED बल्ब जनता के बीच बहुत प्रचलित है LED बल्ब की बढ़ती लोकप्रियता और ऊर्जा की बचत के कारण LED निर्माण व्यवसाय एक फायदे का बिज़नेस है.

 LED Lights विनिर्माण की बाजार क्षमता

LED Bulb Manufacturing Business करना इतना आसान काम भी नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा है नए उद्यमियों के लिए ये राह बिलकुल भी आसान नहीं होगी. लेकिन भारत में LED Lights की बढ़ती मांग को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है की इतनी बड़ी मांग को सिर्फ चंद दिग्गज व्यापारिओं के द्वारा पूरा नहीं किया जा  सकता है LED Light को सरकारों द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा है  इसीलिए आजकल सरकार के  हर प्रोजेक्ट जैसे की स्ट्रीट लाइट और सार्वजानिक लाइटों को LED लाइटों में  परिवर्तित किया जा रहा है.

साल 2014 के आकड़ों के मुताबिक LED Lights का इस्तेमाल सामान्य बल्बों के  उपयोग का कुल 21% था, जिसके अब इस साल यानी 2020 में बढ़कर 61% होने की संभावना है. घर और ऑफिस में LED Lights के उपयोग से अधिकतम 90% तक बिजली बचाई जा सकती है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा सकता है की यदि घरों में लगे 770 मिलियन साधारण बल्बों को हटाकर उनकी जगह LED Bulb लगा दिए जाए तो देश में प्रतिवर्ष लगभग 25 बिलियन KWH तक बिजली बचाई जा सकती है. इन बातों से यह साफ़ जाहिर होता है  की LED Lights Making Business में परिस्पर्धा और कठिनाइयां तो बहुत है लेकिन इसमें अपार संभावनाए और अवसर भी है इसीलिए LED manufacturing Business की छोटी units स्थापित करना बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है.

एलईडी का उपयोग करने से कौन से लाभ होते हैं?

  •  LED बल्ब सामान्य बल्बों के मुकाबले सबसे ज्यादा समय तक चलता है| ये LED बल्ब अमूमन 50,000 घंटे तक काम कर सकते हैं| यदि इनका उपयोग एक दिन में 4-5 घंटे के लिए किया जाए, तो ये बल्ब 15 से 25 साल तक बड़े आराम से चल सकते हैं|
  • अच्छी क्वालिटी के LED lights रखरखाव मुक्त होते हैं यानी आपको इन्हे रखने, संभालने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती है. 
  • कम बीम कोण वाले LED bulb बेहतर चमक देते हैं 
  • LED Bulb रौशनी उसके पूरे जीवनकाल में एक सामान रहती है
  • LED Bulb बिजली मंद होने पर भी झिलमिलाहट नहीं देते है|
  • LED के कई ब्रांडेड बल्ब वारंटी के साथ आते हैं जो की लगभग 3-4 वर्ष तक के लिए होते है यानी आप एक बार निवेश करके 3 से 4 साल तक फ़ायदा उठा सकते है|
  • LED बल्ब पर्यावरण के लिए बिलकुल भी हानिकारक नहीं होते, LED lights में मरकरी का उपयोग नहीं किया जाता|

एलईडी में कमियां 

  • LED Lights सिर्फ एक विशेष दिशा में ही प्रकाश डालती है, वे पूरे क्षेत्र में प्रकाश नहीं कर पाते अर्थात यूनिडायरेक्शनल होती हैं| LED में प्रकाश व्यवस्था का सीमाक्षेत्र बढ़ाने के लिए डिफ्यूज़र और रिफ्लेक्टर का उपयोग किया जाता हैं| इस प्रकार वे स्पॉट लाइटिंग के लिए तो उत्कृष्ट होते हैं, लेकिन सामान्य उद्देश्य की लाइटिंग के लिए थोड़ा ही लाभ देते हैं| 
  • एलईडी चिप्स लंबे समय तक चल सकते है, लेकिन एलईडी बल्बों का जीवन इस बात पर भी निर्भर करता हैं की सर्किट बोर्ड और बिजली कैसी हैं| एक खराब डिज़ाइन किया हुआ LED Bulb, जिसमे सही कैपासिटर्स या दूसरे उपकरण ठीक से न लगे हो तो, वह ज्यादा से  ज्यादा एक वर्ष तक ही चल सकता हैं|  

LED और CFL बल्बों में क्या अंतर हैं

  • LED lights bulbs सीएफएल बल्बों के मुकाबले कम बिजली लेते है. जबकि सीएफएल बल्ब के इस्तेमाल से एक साल में तक़रीबन 80% तक ऊर्जा की खपत होती है.
  • LED बल्ब का आकार सामान्य बल्ब के मुकाबले छोटा होता है.
  • एक LED बल्ब आमतौर पर 50000 घंटे या उससे अधिक समय तक चल सकता है जबकि CFL बल्ब सिर्फ 8000 घंटे तक ही चल सकता है.
  • CFL बल्ब शीशे से बना होता है और जब यह फूट जाए तो फेकना या बदलवाना पड़ता है. लेकिन LED बल्ब कभी नहीं टूटता क्योंकि इसके सारे जरुरी अंग इसके अंदर ही होते हैं और बाहर से सिर्फ एक गोल और मजबूत प्लास्टिक ही गोलाकार आकार में होता है जो कभी नहीं फूटता है. यदि LED बल्ब का बाहरी हिस्सा टूट भी जाता है तब भी वो रौशनी देता है चूंकि LED का बाहरी हिस्सा सिर्फ अंदर लगे उपकरणों की रक्षा के लिए होता है.
  • LED बल्ब सीएफएल बल्बों की तुलना में महंगे होते है.
  • LED बल्ब, CFL बल्ब से ज्यादा टिकाऊ और लंबे समय तक चलता है.

LED Bulb Production के लिए जरूरी सामान

अगर आप LED Bulb Production business शुरू करना चाहते है तो आपको कुछ ऐसे सामान और मशीन की आवश्यकता होगी जिनसे आप एलईडी बल्ब का निर्माण करना शुरू कर सकते है. LED Bulb Production बिज़नेस स्थापित करने में आपको करीब 5-6 लाख रुपये की लागत चाहिए. यदि आप आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है तो आप इसके लिए लोन भी ले सकते हैं. सरकार द्वारा नए उद्यमियों का अपना व्यवसाय स्थापित करने में मदद करने के लिए कई प्रकार की लोन योजनाय शुरू की है. आप अपने व्यवसाय स्थापित करने के मुद्रा योजना के तहत लोन ले सकते है.

  • एलईडी चिप्स
  • रेक्टीफिएर मशीन
  • हीट सिंक डिवाइस
  • मेटलिक कैप होल्डर
  • प्लास्टिक बॉडी
  • रिफलेक्टर प्लास्टिक ग्लास
  • कनैक्टिंग वायर
  • सोल्डरिंग फ्लक्स

Led कैसे बनाते हैं - laid kaise banaate hain

LED Lights की मांग बढ़ने के साथ-साथ कई बड़ी बड़ी कंपनियों ने LED Lights Making Business में अपनी पहचान बनाना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बाजार में अपनी अच्छी पकड़ बना ली है. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति नया-नया LED Bulb Making business शुरू करता है तो उसे बाजार में अपनी पकड़ बनाने में काफी समय लगेगा. इसलिए आप चाहे तो एलईडी के बजाय उसमे इस्तेमाल होने वाली चीजें बनाने का बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं. इसके लिए ज्यादा जगह और लागत की आवश्यकता नहीं होगी. LED Bulb Manufacturing Business शुरू करने के लिए आपको MSME विभाग में अपने व्यवसाय का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा.

एलईडी लाइट विनिर्माण व्यापार के लिए सरकार द्वारा प्रशिक्षण

देश में LED Manufacturing business को बढ़ावा देने के लिए  सरकार नए उद्यमिओं को LED मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस सम्बंधित ट्रेनिंग दे रही है. ये ट्रेनिंग MSMEs मंत्रालय और कौशल विकास योजना की तरफ़ से दिए जा रहें हैं. कौशल विकास योजना के अंतर्गत नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एंटरप्रेन्‍योरशिप एंड स्‍मॉल बिजनेस डेवलपमेंट (निसबड) और खादी ग्रामोद्योग आयोग जैसे विभिन्न स्थानों में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाये जाते हैं. इस ट्रेनिंग प्रोग्रामो के अंतर्गत प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं और उद्यमिओं को LED manufacturing सम्बंधित सभी जानकारियाँ दी जाती हैं. 

भारत में LED Lights Manufacturing Business को बढ़ावा देने और देश में ज्यादा से ज्यादा LED Manufacturing Units स्थापित करने के लिए हमारा संगठन आत्मनिर्भर सेना के रूप में नवोदित उद्यमिओं की सहायता करने के लिए पूरी तरह से  तैयार है. हम सरकार को उनकी योजनाओं में समर्थन करते है तथा नए उद्यमिओं को व्यवसाय में लगने वाले सभी उपकरणों को आसानी से उनके लिए उपलब्ध कराते है. इसके साथ ही हम उन सभी उद्यमिओं की सहायता करते है जो अपना व्यवसाय स्थापित करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है, 

एलईडी बल्ब बनाने की विधि क्या है?

LED Bulbs Kaise Banaye एलईडी लाइट बनाने की पहली चरण में PCB प्लेट्स पर एलईडी बल्ब लगाने के लिए स्टेंसिल की मदत से शोल्डरिंग पेस्ट लगाया जाता है। इसके बाद ऑटोमेटिक चिप माउंटेन मशीन द्वारा बल्ब सेट किया जाय है। इस मशीन पर एक रेंज सेट करने के बाद मशीन अपने आप एलईडी सेट कर देता है।

एलईडी बल्ब बनाने में कितना खर्च आता है?

सप्लायर बनने के लिए कम से कम 2 से 3 लाख रूपए की लागत आती है.

बिजली के बल्ब कैसे बनाए जाते हैं?

एलईडी बल्ब बनाने के लिए सबसे जरूरी होती है टिक्की फिटिंग मशीन जिससे बल्ब का शुरुआती काम किया जाता है. काफी कम कीमत पर यह मशीन खरीद कर बल्ब बनाने का काम शुरू कर सकते हैं. इसी तरह एक पंचिंग मशीन होती है जो होल्डर को पंच करती है. इसके बाद स्क्रू फिटिंग मशीन होती है जिससे बल्ब के अंदर के स्क्रू या पेच फिट किए जाते हैं.

क्या आलू से बल्ब जलता है?

आलू को दो तरफ से चाकू से काटा जाता है। एक तरफ जस्ते एवं दूसरी ओर तांबे का वाशर लगा दिया जाता है। दोनों ओर से एलइडी को जोड़ने पर यह जलने लगती है। तीन बड़े आलू से 5.9 वोल्ट की बिजली उत्पन्न हो सकती है।