चीन की सरकार द्वारा जारी सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक सभी 31 प्रांतों स्वायत्त क्षेत्रों और नगरपालिकाओं को मिलाकर चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है। इस तरह सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के रूप में इसका स्थान बरकरार है। Show
बीजिंग, प्रेट्र। चीन के जनसंख्या विशेषज्ञों का कहना है कि भारत जल्द ही दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन सकता है। संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि भारत 2027 तक चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा, लेकिन चीनी विशेषज्ञों का अनुमान है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए आकलन से पहले ही यह स्थिति आ सकती है। चीन में पिछले कुछ वर्षों में जन्म दर में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट: 2050 तक भारत की आबादी में 27.30 करोड़ की होगी बढ़ोतरी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक भारत की आबादी में 27.30 करोड़ की बढ़ोतरी हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र की यह रिपोर्ट 2019 में जारी हुई थी। इसमें अनुमान लगाया गया था कि 2027 में यह चीन को पीछे छोड़कर दुनिया की सर्वाधिक आबादी वाला देश बन जाएगा। सदी के अंत तक भारत सर्वाधिक आबादी वाला देश बना रहेगा रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान सदी के अंत तक भारत सर्वाधिक आबादी वाला देश बना रहेगा। संयुक्त राष्ट्र ने 2019 में भारत की आबादी लगभग 1.37 अरब और चीन की आबादी 1.43 अरब होने का अनुमान लगाया था। सातवीं राष्ट्रीय जनगणना: चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब चीन की सरकार द्वारा मंगलवार को जारी सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक सभी 31 प्रांतों, स्वायत्त क्षेत्रों और नगरपालिकाओं को मिलाकर चीन की जनसंख्या 1.41178 अरब हो गई है। इस तरह सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश के रूप में इसका स्थान बरकरार है। भारत की जनसंख्या वर्ष 2027 से पहले चीन से अधिक हो सकती चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने बुधवार को जनसंख्या संबंधी अध्ययन के चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि भारत की जनसंख्या वर्ष 2027 से पहले चीन से अधिक हो सकती है। Edited By: Bhupendra Singh credit: third party image reference Q.2 विश्व का सबसे छोटा महाद्वीप कौन सा है ? Q.3 सबसे बड़ा महासागर कौन सा है ? विश्व जनसंख्या दिवसः भारत कब चीन को पीछे छोड़ देगा, कितनी है दुनिया की आबादी?11 जुलाई 2022 इमेज स्रोत, Getty Images हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. ये सिलसिला 1990 से चल रहा है. साल 1989 में यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (1989) की गवर्निंग काउंसिल ने 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के तौर पर मनाने का फ़ैसला किया. इसके अगले साल यानी 1990 में पहली बार दुनिया के 90 देशों में 'विश्व जनसंख्या दिवस' मनाया गया. विश्व जनसंख्या दिवस आख़िर मनाते क्यों हैं?दरअसल, साल 1987 में 11 जुलाई को ही दुनिया की आबादी 5 अरब तक पहुंच गई थी. ऐसे में बढ़ती जनसंख्या से जुड़े मुद्दों और पर्यावरण, विकास पर इसके असर को लेकर दुनियाभर के लोगों को जागरूक करने की ज़रूरत महसूस हुई. इसी को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत की. यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) का कहना है कि विश्व जनसंख्या दिवस को मानवीय प्रगति के जश्न के तौर पर मनाया जाना चाहिए. क्योंकि तमाम चुनौतियों के बावजूद दुनिया में इस वक्त, इतिहास के किसी भी दौर के मुक़ाबले ज्यादा उच्च शिक्षित और सेहतमंद लोग रहते हैं. UNFPA कहता है कि लोगों को समस्या नहीं समाधान के तौर पर देखा जाना चाहिए. इसी को देखते हुए विश्व जनसंख्या दिवस का थीम है- ''8 अरब लोगों की दुनिया: हर किसी के लिए बेहतर भविष्य तय करने की ओर बढ़ते कदम, जहां अवसर हों, अधिकार हों और सब के पास अपनी पसंद का विकल्प हो.''
कितनी हैअभीदुनिया की आबादी? यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड (UNFPA) के आँकड़ों के मुताबिक़, दुनिया की कुल आबादी फिलहाल 7 अरब 95 करोड़ 40 लाख है. इसमें 65% आबादी 15 से 64 साल की उम्र के लोगों की है. 65 साल से ऊपर के लोगों की कुल 10% और 14 साल से कम उम्र के लोगों की 25% हिस्सेदारी है. UNFPA के मुताबिक़, अगले कुछ महीनों में ही दुनिया की आबादी 8 अरब तक पहुँच सकती है. आबादी के ट्रेंड क्या कहते हैं?ये आंकड़े किस तेजी से बढ़ रहे हैं इस बात का अंदाजा आप ऐसे लगा सकते हैं कि दुनिया की आबादी 1 अरब होने में लाखों साल लग गए. लेकिन 1 अरब से 7 अरब तक पहुंचने में महज़ क़रीब 200 साल ही लगे. साल 2011 में दुनिया की आबादी क़रीब 7 अरब थी. जो 2021 में बढ़कर 7.9 अरब हो गई. यूनाइटेड नेशंस के अनुमान के मुताबिक़, 2030 तक आबादी 8.5 अरब, 2050 तक 9.7 अरब और 2100 तक 10.9 अरब पहुंच जाएगी. यूनाइटेड नेशंस का कहना है कि इस तरह के इजाफे के पीछे प्रजनन की उम्र तक जीवित रहने वाले लोगों की बढ़ती संख्या, प्रजनन दर में बदलाव, शहरीकरण और माइग्रेशन जैसे फैक्टर हैं. पिछले कुछ दशकों में प्रजनन दर और लोगों के जीवन प्रत्याशा में भारी बदलाव देखने को मिले हैं. 1970 के दशक की शुरुआत में, महिलाओं के औसतन 4.5 बच्चे थे. जो 2015 तक प्रजनन क्षमता प्रति महिला 2.5 बच्चों से कम हो गई थी. इसी तरह वैश्विक जीवनकाल जो 1990 के दशक की शुरुआत में 64.6 साल थी, वो 2019 में बढ़कर 72.6 साल हो गया है. शहरीकरण की बात करें तो 2007 पहला ऐसा साल था जब ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग रहने लगे. ऐसे अनुमान हैं कि 2050 तक दुनिया की क़रीब 66 फीसदी आबादी शहरों में रह रही होगी.
2027 में भारत, चीन से ज़्यादा आबादी वाला देश होगावर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स, 2019 के मुताबिक़, दुनिया की कुल आबादी में 60% से ज्यादा हिस्सेदारी एशिया की है. चीन और भारत दुनिया के सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश हैं. अनुमान के मुताबिक़, 2027 के आसपास आबादी के मामले में भारत, चीन को पीछे छोड़ देगा और दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश बन जाएगा. UNFA के मुताबिक़, इस वक्त चीन की आबादी क़रीब 1 अरब 44 करोड़ है. वहीं भारत की आबादी 1 अरब 40 करोड़ के आसपास है. दुनिया की आबादी से जुड़ी कुछ ख़ास जानकारियाँ
विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश कौन सा है?विश्व का लगभग 36% लोग चीन और भारत में हैं। चीन के पहले स्थान के बाद भारत का जनसंख्या के मामले में दूसरा स्थान है।
पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या कौन से देश में है?1. चीन (China) सबसे ज्यादा जनसँख्या वाले देशों की लिस्ट में चीन का नाम सबसे ऊपर है. चीन की आबादी करीब 1 अरब 43 करोड़ 37 लाख 83 हजार से ज्यादा है.
सबसे बड़ी आबादी वाले 10 देश कौन से हैं?चीन – 1,336,718,015 – 19.2%. भारत – 1,210,193,422 – 17.50%. सं रा अमेरिका – 313,232,044 – 4.52%. इंडोनेशिया – 245,613,043 – 3.54%. ब्राजील – 203,426,773 – 2.93%. पाकिस्तान – 187,342,721 – 2.70%. बांग्लादेश – 158,570,535 – 2.28%. नाईजीरिया – 155,215,573 – 2.24%. विश्व जनसंख्या दृष्टि से भारत का क्या स्थान है?सन् 2019 में, लगभग 1.15 अरब की जनसंख्या के साथ भारत विश्व का दूसरा सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत के पास विश्व की कुल भूक्षेत्र का 2.4% भाग है, लेकिन यह विश्व की 17% जनसंख्या का निवास स्थान है।
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