क्या मणि वाला सांप होता है? - kya mani vaala saamp hota hai?

नागमणि को सर्पमणि के नाम से भी जाना जाता है. वराहमिहिर द्वारा रचित वृहत्ससंहिता के मुताबिक नागमणि कोई काल्पनिक चीज नहीं है, यह इस धरती पर मौजूद है.

नागमणि के बारे में हम सभी ने काफी कुछ सुना और पढ़ा है. नागमणि से जुड़ी न जाने कितनी कहानियां पढ़कर और सुनकर हमारा बचपन गुजरा. लेकिन सच्चाई तो यही है कि नागमणि का सच आज भी एक रहस्य ही बना हुआ है. कई लोग तो नागमणि जैसी चीज पर भरोसा ही नहीं करते और इसे सिर्फ काल्पनिक कथा का ही एक हिस्सा मानते हैं. दरअसल, हकीकत में नागमणि को किसने देखा है, इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है. इतना ही नहीं, हाल-फिलहाल में तो किसी ने भी नागमणि नहीं देखा. हालांकि, वृहत्ससंहिता में नागमणि को लेकर कई दिलचस्प जानकारी बताई गई हैं.

चारों ओर रोशनी ही रोशनी कर देते हैं नागमणि

वराहमिहिर द्वारा रचित वृहत्ससंहिता के मुताबिक नागमणि कोई काल्पनिक चीज नहीं है, यह इस धरती पर मौजूद है. नागमणि को सर्पमणि के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि यह नाग के सिर पर होता है. हालांकि, ऐसे नाग बहुत दुर्लभ होते हैं और न के बराबर पाए जाते हैं. लिहाजा, ज्यादातर लोग यही कहते हैं कि धरती पर कोई भी नाग मणिधारी नहीं है. नागमणि को लेकर कहा जाता है कि यह अग्नि की तरह अत्यधिक चमकीला होता है और ये जहां भी मौजूद होता है वहां चारों ओर रोशनी ही रोशनी हो जाती है. नागमणि को लेकर और भी कई तरह की बातें की जाती हैं, आइए जानते हैं.

वराहमिहिर ने बताई थी नागमणि की खासियत

उपलब्ध जानकारी के मुताबिक नागमणि बाकी सभी मणि की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली और अलौकिक होती है. जिन लोगों के पास भी यह नागमणि होती है, वह निरोगी होते हैं और उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती. इतना ही नहीं, जिन लोगों के पास नागमणि होता है उन पर जहर का असर भी नहीं होता. वराहमिहिर ने वृहत्ससंहिता में बताया है कि पहले जिस राजा के पास भी नागमणि होती थी वह अपने शत्रुओं पर हमेशा विजय प्राप्त करते थे. इतना ही नहीं, ऐसे राजाओं के राज्य में हमेशा समय पर वर्षा होती थी और उनकी प्रजा भी हमेशा खुश रहती थी. बताते चलें कि मौजूदा समय में नागमणि को लेकर कोई खास जानकारी उपलब्ध नहीं है.

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क्या मणि वाला सांप होता है? - kya mani vaala saamp hota hai?

नागमणि किसी जन्तु की हड्डी या पत्थर को कहते हैं। अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया में सर्प दंश की लोकचिकित्सा में इसका उपयोग होता है।[1][2][3]

भारतीय लोकजीवन में नागमणि[संपादित करें]

नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक और लोक कथाओं में नागमणि के किस्से आम लोगों के बीच प्रचलित हैं। नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है। नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास इकट्ठे हो गए कीड़े-मकोड़ों को वह खाता रहे। हालांकि इसके अलावा भी नागों द्वारा मणि को रखने के और भी कारण हैं।

नागमणि का रहस्य आज भी अनसुलझा हुआ है। आम जनता में यह बात प्रचलित है कि कई लोगों ने ऐसे नाग देखे हैं जिसके सिर पर मणि थी। हालांकि पुराणों में मणिधर नाग के कई किस्से हैं। भगवान कृष्ण का भी इसी तरह के एक नाग से सामना हुआ था।

छत्तीसगढ़ी साहित्य और लोककथाओं में नाग, नागमणि और नागकन्या की कथाएं मिलती हैं। मनुज नागमणि के माध्यम से जल में उतरते हैं। नागमणि की यह विशेषता है कि जल उसे मार्ग देता है। इसके बाद साहसी मनुज महल में प्रस्थित होकर नाग को परास्त कर नागकन्या प्राप्त करता है।

नागमणि के चमत्कार : नागमणि के बारे में कहा जाता है कि यह जिसके भी पास होती है उसकी किस्मत बदल जाती है। कहते हैं कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं। उसकी चमक के आगे हीरा भी फीका पड़ जाता है। मान्यता अनुसार नागमणि जिसके भी पास होती है उसमें भी अलौकिक शक्तियां आ जाती हैं और वह आदमी भी दौलतमंद हो जाता है। मणि का होना उसी तरह है जिस तरह की अलादीन के चिराग का होना। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह कोई नहीं जानता।

सन्दर्भ[संपादित करें]

  1. BBC News (2005-05-02). "Search for a snakebite cure". अभिगमन तिथि 2007-03-06.
  2. Tagne, Jean-Bruno. "Pierre noire : Cet aspirateur de venins / Black Stone: This vacuum cleaner of venoms" (French में). मूल से 2007-09-29 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-03-06.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  3. B. Adhisivam; S. Mahadevan (2006). "Snakebite Envenomation in India: A Rural Medical Emergency". Indian Pediatrics. 43 (6): 553–4. PMID 16820669. अभिगमन तिथि 2010-10-15.

सांप की मणि(Naag Mani Stone)

प्रकृति में कई ऐसे रहस्य है जो मनुष्य की जिज्ञासा का विषय बने हुए हैं। ‘सांप की मणि’भी ऐसी ही एक जिज्ञासा है जिसके विषय में सबके अपने अपने विचार और अनुभव हैं। प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद जी ने इस विषय पर अपने अनुभव और विचार प्रस्तुत किए हैं।

कहानी-
मैं जब जहाज पर नौकर था तो एक बार कोलंबो भी गया था। बहुत दिनों से वहां जाने को मन चाहता था, खासकर रावण की लंकापुरी देखने के लिए। कलकत्ता (कोलकाता) से 7 दिन में जहाज कोलंबो पहुंचा। मेरा एक दोस्त वहां किसी कारखाने में नौकर था। मैंने पहले ही उसे चिट्ठी  डाल दिया था। हमारे वहाँ पहुचने से पहले ही वह वहां घाट पर आ पहुंचा था। हम दोनों गले मिले और कोलंबो की सैर करने चलें। जहाज वहां 4 दिन रुकने वाला था। मैंने कप्तान साहब से 4 दिन की छुट्टी ले ली।

क्या मणि वाला सांप होता है? - kya mani vaala saamp hota hai?

हम लोगो ने खाना खाने के बाद  गप-शप करने लगें । वहां के शिव और मोती की बात छेड़ गई।
मेरे दोस्त ने कहा, “यहां सब चीजें तो यहां समुद्र से निकलती ही है, आसानी से मिल भी जाएंगी मगर मैं तुम्हें एक ऐसी चीज दूंगा जो शायद तुमने कभी ना देखी हो। हां, उसका हाल किताबों में पढ़ा होगा।”
मैंने आश्चर्य से पूछा,”वह कौन-सी चीज है?”
उसने कहा,”सांप की मणि।”
मैं चौक उठा और बोला,”सांप की मणि! उसका जिक्र तो मैंने किस्से-कहानियों मैं सुना है और यह भी सुना है कि उसका मोल  बादशाहो के बराबर होता है। क्या सांप की असली मणि?”

(DEEPAWALI STORY)दिवाली फेस्टिवल……….

क्या मणि वाला सांप होता है? - kya mani vaala saamp hota hai?

वह गर्व से बोला,”हां भाई, अरे असली मणि तुम्हें मिल जाए तो मानोगे?”
मुझे विश्वास न हुआ। वह फिर बोला,”यहां पचासों किस्म के सांप है मगर मणि एक ही तरह के सांप के पास होती है। उससे कालिया कहते हैं। यह बात तो है कि यह चीज बहुत मुश्किल से मिलती है। पचासों मैं शायद एक के पास निकले। मगर मिलती जरूर है।”
मैंने सुना था कि सांप मणि को अपने सिर पर रखता है मगर यह बात गलत निकली।
मेरे दोस्तों ने कहा कि मणि उसके मुंह में होती है। मैंने आश्चर्य से पूछा,”तो मुंह के अंदर से चमक कैसे नजर आती है?”
दोस्तों ने हंसकर कहा,”जब उसे रोशनी की जरूरत होती है तो वह किसी साफ पत्थर पर उसे सामने रख देता है। उस वक्त जरा भी खटका लगे  तो वह झट मणि को मुंह मैं दबा कर भाग जाता है। उसकी यह आदत है कि जहां एक बार मणि को निकालता है, वही बार-बार आता है। मैं आज ही अपने आदमियों से कहें देता हूं और वह लोग कहीं-न-कहीं से जरूर खबर लाएंगे।”
दो दिन गुजर गए, तीसरे दिन शाम को मेरे दोस्त ने मुझसे कहा,”लो भाई,  सांप की मणि(Naag Mani Stone)का पता चल गया।”
मैं झट उठ खड़ा हुआ और अपने दोस्तों के साथ बाहर आया। वह आदमी खड़ा था जो मरी की खबर लाया था। कहने लगा,”अभी मैं एक साप को मणि से खेलते देख आया हूं। अगर आप इसी वक्त चले तो मेरी हाथ आ सकती है।”
हम तुरंत उसके साथ चल दिए। थोड़ी देर में हम एक जंगल में पहुंचे।
उस आदमी ने एक तरफ अंगुली से इशारा करके कहा,”वह देखिए, सांप मणि रखे बैठा है।”

क्या मणि वाला सांप होता है? - kya mani vaala saamp hota hai?

मैंने उस तरफ देखा तो सचमुच 20 गज की दूरी पर एक सांप फन उठाए बैठा था और उसके आसपास उजाला हो रहा था। पहले तो मैंने समझा किसांप की मणि(Naag Mani Stone) नहीं शायद जुगनू हो पर यह रोशनी ठहरी हुई थी जबकि जुगनू की चमक चंचल होती है; कभी दिखाई देती है, कभी गायब हो जाती है। मैं बड़ी देर तक सोचता रहा कि किस उपाय से मणि  हाथ लगे। आखिर मैंने उस आदमी से कहा, मुझसे बड़ी गलती हुई कि बंदूक नहीं लाया, इससे मारकर मणि  को उठा लेता।”
उस आदमी ने कहा,”बंदूक की कोई जरूरत नहीं है साहब, आप थोड़ी देर रुकिए, मैं अभी आया।”यह कह कर वह कहीं चला गया। थोड़ी देर बाद वह कुछ हाथ में लिए लौटा।
मैंने पूछा,”तुम्हारे हाथ में क्या है?”
उसने कहा,”कीचड़।”
मैंने पूछा,”कीचड़ का क्या होगा?”
उसने कहा,”चुपचाप देखिए, मैं क्या करता हूं।”
वाह चुपके से एक पेड़ पर चढ़ गया और मुझे भी चढ़ने का इशारा किया। मैं भी ऊपर चढ़ा। तब वह डालियों पर होता हुआ ठीक सांप के ऊपर आ गया और एकाएक उस मणि पर कीचड़ फेंक दिया। अंधेरा छा गया। सांप घबरा कर इधर-उधर दौड़ने लगा। थोड़ी देर के बाद पत्तियों की खंखनाहट बंद हो गई। मैंने समझा सांप  चला गया। पेड़ से उतरने लगा।

क्या मणि वाला सांप होता है? - kya mani vaala saamp hota hai?

उस आदमी ने मुझे पकड़ लिया और कहा,”भूल कर भी नीचे न जाइएगा, नहीं तो घर तक नहीं पहुँच पायेंगे । वह सांप  यहीं पर कहीं- ना-छिपा बैठा है।”
हम दोनों ने उसी पेड़ पर रात काटी।
दूसरे दिन सुबह होते ही हम दोनों इधर-उधर देख कर नीचे उतरे। साथी ने कीचड़ हटा दीया। मणि नीचे पड़ी थी। मैं तो  मारे खुशी के मतवाला हो गया।
जब हम दोनों घर पहुंचे तो मेरे दोस्त ने कहा,”अब तुम्हें विश्वास आया या अब भी नहीं।”
मैंने कहा,”हां, सांप के पास से इसे लाया हूं जरूर,मगर मुझे अभी तक संदेह है कि यह वही सांप की मणि(Naag Mani Stone)है जिसका मूल्य  बादशाहो के बराबर है।”
जांच करने पर मालूम हुआ कि यह एक किस्म का पत्थर है जो गर्म होकर अंधेरे में जलने लगता है। जब तक वह ठंडा नहीं हो जाता, वह इसी तरह रोशन देते रहता है। सांप इसे दिन भर मुंह में रखता है ताकि यह गर्म रहे। रात को वह इसे किसी जंगल में निकालता है और इसकी रोशनी में कीड़े-मकोड़े खाता है।

दर्शन महर्षि वेदव्यास जी का ……….

क्या सांप के पास नागमणि होती है?

ज्योतिषशास्त्र के एक प्रमुख ग्रंथ वृहत्ससंहिता के अनुसार संसार में मणिधारी नाग मौजूद हैं। नागमणि चूंकि सांप के सिर पर मौजूद होती है इसलिए इसे सर्प मणि भी कहते हैं। नागमणि में इतनी चमक होती है कि जहां यह होती है वहां आस-पास तेज रोशनी फैल जाती है। नागमणि मोर के कंठ के समान और अग्नि के समान चमकीली दिखती है।

नागमणि से क्या क्या हो सकता है?

नागमणि के चमत्कार : नागमणि के बारे में कहा जाता है कि यह जिसके भी पास होती है उसकी किस्मत बदल जाती है। कहते हैं कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं। उसकी चमक के आगे हीरा भी फीका पड़ जाता है। मान्यता अनुसार नागमणि जिसके भी पास होती है उसमें भी अलौकिक शक्तियां आ जाती हैं और वह आदमी भी दौलतमंद हो जाता है।

नागमणि कैसे दिखता है?

नागमण‌ि मोर के कंठ के समान और अग्न‌ि के समान चमकीली द‌िखती है। नागमण‌ि अन्य म‌ण‌ियों से अध‌िक प्रभावशाली और अलौक‌िक होती है। यह मण‌ि ज‌िसके पास होती है उस पर व‌िष का प्रभाव नहीं होता है और ऐसे लोग रोग से मुक्त होते हैं।

सांप बदला लेता है क्या?

सांप किसी अन्य सांप की मौत का बदला नहीं लेते हैं। सांप अपनी जीभ बार-बार बाहर निकालते हैं और एक विशेष रसायन छोड़ते हैं। इसी रसायन की गंध की वजह से सांप एक-दूसरे से संवाद भी करते हैं। जब इंसान सांप को मारता है तो मरते समय सांप बहुत सारा रसायन एक साथ छोड़ देता है।