कानून दो तरह से होते हैं। विधि का रूप लेने वाले अधिकांश विधेयक सरकारी विधेयक होते हैं। लोकसभा में विधेयक पेश करने का काम मुख्य रूप से कार्यपालिका करता है, (इसीलिए उस विधेयक को सरकारी विधेयक भी कहते हैं) लेकिन उस विधेयक को पारित (Pass) विधायिका (legislature) करता है। New Delhi, First Published Nov 19, 2021, 12:39 PM IST करियर डेस्क. प्रकाश पर्व (Prakash Parv) के मौके पर पीएम मोदी (PM Modi) ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया। मोदी सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। पीएम मोदी ने कहा- सरकार तीनों कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए इस कारण से इन तीनों कानूनों को वापस ले रहे हैं और संसद सत्र में इसे वापस लाने की प्रक्रिया शुरू करेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं संसद में कोई कानून कैसे बनता है। किसी कानून को बनाने की क्या प्रक्रिया है और ये संसद में कैसे पास होते हैं। AsianetHindi ने संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप से बात की और जाना की कानून बनाने की प्रक्रिया क्या होती है। कितने तरह के होते हैं
कानून कौन बनाता है कानून क्या होती है विधेयक लाने की प्रक्रिया विस्तार से होती है चर्चा ससंद के सदन में चर्चा दूसरे सदन में विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति कब चलता है
सदन कब लाया जाता है अध्यादेश क्या थे कृषि कानून और कब हुए थे पास इसे भी पढ़ें- Farmer Bill: संविधान विशेषज्ञ सुभाष कश्यप से जानिए संसद में कैसे वापस होता है कोई कानून, क्या है इसकी प्रोसेस गुरु पर्व पर PM मोदी ने किसानों को दिया बड़ा तोहफाः 14 महीने बाद तीनों कृषि कानून वापस, कहा- अब किसान घर जाएं PM मोदी ने जैसे ही किया कृषि कानून वापस लेने का एलान, सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ 'किसान आंदोलन' Last Updated Nov 19, 2021, 12:40 PM IST देश कानून कौन बनाता है?Solution : भारत में कानून बनाने का काम संसद का होता है और राष्ट्र स्तर पर कानूनों का निर्माण हमारी संसद करती है। राज्य स्तर पर कानूनों का निर्माण राज्य विधायिका करती है विधि निर्माण का कार्य विधेयक प्रस्ताव के द्वारा किया जाता है।
कानून बनाने का कार्य कौन करता है?सही उत्तर विकल्प 3 अर्थात् संसद है। भारत में कानून बनाने के लिए संसद का अंतिम अधिकार है।
कानून का निर्माण कैसे होता है?कानून बनाना संसद का प्रमुख काम माना जाता है। इसके लिए पहल अधिकांशतया कार्यपालिका द्वारा की जाती है। सरकार विधायी प्रस्ताव पेश करती है। उस पर चर्चा तथा वाद विवाद के पश्चात संसद उस पर अनुमोदन की अपनी मुहर लगाती है।
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