स्नेहक किसे कहते हैं इसका उपयोग क्यों किया जाता है? - snehak kise kahate hain isaka upayog kyon kiya jaata hai?

 Q स्नेहक क्या है इसके वर्गीकरण तथा कार्यों पर टिप्पणी लिखिए

उत्तर  :-  वे पदार्थ जो दो विपरीत दिशा में गति करने वाली धातुओं की सतहों के मध्य एक पतली परत बनाकर उनके सीधे सम्पर्क को रोकते हैं तथा इनकी गति के कारण उत्पन्न घर्षण प्रतिरोध एवं घर्षण ऊष्मा को कम करते हैं, स्नेहक कहलाते हैं।

स्नेहक किसे कहते हैं इसका उपयोग क्यों किया जाता है? - snehak kise kahate hain isaka upayog kyon kiya jaata hai?

Q स्नेहकों का वर्गीकरण कीजिए।

उत्तर :- स्नेहकों का निम्नलिखित तीन श्रेणियों में वर्गीकरण किया जाता है

1. ठोस स्नेहक सोप स्टोन, मोम, टाइमाइका, मॉलिब्डेनम सल्फाइड आदि इस प्रकार के स्नेहकों की श्रेणी में आते हैं ये स्नेहक ऐसे स्थानों पर प्रयोग किये जाते हैं जहाँ ज्वलनशील स्नेहक प्रयोग नहीं किये जाते हैं।

2. अर्द्ध ठोस स्नेहक मुख्यतः ग्रीस तथा वैसलीन अर्द्ध-ठोस स्नेहक के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। अनेक प्रकार के पदार्थों को मिलाकर विभिन्न प्रकार की ग्रीस तैयार की जाती है जिनके गुण भिन्न-भिन्न होते हैं। इनमें ग्रेफाइट, ग्रीस, कप, एक्सिल, बेलन, ऐमीन ग्रीस आदि प्रमुख हैं। 

3. द्रव स्नेहक पेट्रोलियम स्नेहक, वनस्पति तेल, जीव-जन्तु तेल, ब्लेडिड तेल, सिंथेटिक तेल, कटिंग तेल, आदि द्रव स्नेहक के अच्छे उदाहरण हैं। पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन लगभग 300°C ताप पर जो द्रव प्राप्त होते हैं वह पेट्रोलियम स्नेहक के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। इन्हें किसी ठोस या अन्य तेल के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जाता है। विभिन्न द्रव स्नेहक मशीनों की गति के अनुसार प्रयोग किये जाते हैं।

स्नेहक के कार्य निम्न प्रकार हैं

1. ये अपनी पतली परत बनाकर दो धातु सतहों के बीच होने वाले सीधे सम्पर्क को रोकते हैं जिससे सतहों की टूट-फूट नहीं होती।

2. ये सतहों के बीच में होने वाले घर्षण को अपेक्षाकृत कम करते हैं। 

3. स्नेहक का प्रयोग करने में ऊर्जा की हानि कम होने के कारण मशीन की दक्षता बढ़ जाती है।

4. स्नेहक का प्रयोग करने से गति करने वाले भागों की पारस्परिक गति नियमित हो जाती है तथा अत्यधिक ऊर्जा ऊष्मा के रूप में परिवर्तित नहीं होती। अतः स्नेहक एक शीतलक का भी कार्य करता है।

Q एक आदर्श स्नेहक के गुण लिखिए। स्नेहक के आवश्यक गुण बताइए।

उत्तर :- एक आदर्श स्नेहक में निम्नलिखित गुण होते हैं 

1. श्यानता एक अच्छे स्नेहक (lubricant) में श्यानता (viscosity) कम होनी चाहिए। इसका मतलब यह है कि स्नेहक निम्न घनत्व का होना चाहिए क्योंकि कम घनत्व से उसकी श्यानता भी कम होगी, अधिक घनत्व के कारण

श्यानता भी अधिक होगी। 

2. स्निग्धता किसी भी स्नेहक का चिकनापन (oiliness) काफी अधिक होना चाहिए। एक कम घनत्व तथा कम

श्यानता वाले स्नहेक का चिकनापन अधिक होता है।

3. वाष्पीकरण कम वाष्पशीलता वाला स्नेहक आदर्श माना जाता है; क्योंकि धातु सतहों के बीच घर्षण के कारण ताप बढ़ने से यह देर से वाष्पीकृत होता है और अधिक देर तक स्नेहन के योग्य रहता है। 

4. अम्लीयता एक अच्छा स्नेहक किसी भी वसा अम्ल से मुक्त होना चाहिये; क्योंकि अम्लीयता एक स्नेहक के लिये हानिकारक होती है। इसके कारण स्नेहक मशीन के पुर्जों का संक्षारण कर देता है।

5. फ्लैश अंश फ्लैश अंश वह न्यूनतम ताप होता है जिस पर एक द्रव अविरित होने के लिए पर्याप्त वाष्प देता है, इसलिये अधिक फ्लैश अंश वाले स्नेहक का प्रयोग अधिक सुरक्षित है। 

6. ऑक्सीकरण एक अच्छे स्नेहक को ऑक्सीकृत नहीं होना चाहिए क्योंकि ऑक्सीकरण होने के कारण इसका अपघटन हो जाता है तथा यह स्नेहन के योग्य नहीं रहता।

7. कार्बन अवशेष एक आदर्श स्नेहक को विघटित होने पर कम-से-कम कार्बन (carbon) अंश छोड़ने चाहिए।

Q कर्तन तेल के कार्य को बताइए?

उत्तर :- कर्तन तेल आंवला रोमा धातु सत्रों के बीच स्नेहन उत्पन्न करता है

कर्तन की जाने वाली धातु के ऊपर वायुमंडल का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है

कर्तन औजार की आयु में वृद्धि करता है इसके साथ ही साथ मशीन की क्षमता को बढ़ाता है

अनेक मशीनी प्रक्रम से उत्पन्न होने वाले उस्मा को ठंडा करता है

मशीनी प्रक्रम में एकत्रित पदार्थ जैसे लोहे की छीलन आदि को धोकर दूर करता है

Q कर्तन तेल के प्रमुख गुण के बारे में बताइए

उत्तर :-कर्तन तेल पारदर्शक होना चाहिए

कर्तन तेल सस्ता होना चाहिए

इनमें शीतलन का गुण होना चाहिए

कर्तन तेल कार्य करते समय झाग उत्पन्न नहीं करना चाहिए

कर्तन तेल को चिपचिपा नहीं होना चाहिए

कर्तन तेल का प्रज्वलन ताप उच्च होना चाहिए

Q संश्लेषित स्नेहक किसे कहते हैं

उत्तर :- संश्लेषित स्नेहक का उपयोग उच्च तापमान रासायनिक रूप से क्रियाशील वातावरण में इनमें कुछ विशेष यौजिक मिला करके किया जाता है इनका प्रयोग मुख्य रूप से जेट इंजन पनडुब्बियों तथा एयरक्राफ्ट इंजन में किया जाता है इनका उपयोग 50 डिग्री सेल्सियस से लेकर 250 डिग्री सेल्सियस तक किया जाता है

आधुनिक संश्लेषित स्नेहको में निम्न विशेषताएं होनी चाहिए

अज्वलनशील होना चाहिए

प्रज्वलन ताप उच्च होना चाहिए

उच्च तापमान पर उष्मीय स्थिरता होनी चाहिए

इनका उच्च श्यानता सूचकांक होना चाहिए

इनकी रासायनिक स्थिरता होना अनिवार्य है

Q स्नेहको के औद्योगिक अनुप्रयोग पर टिप्पणी

Q स्नेहको के औद्योगिक अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं

उत्तर :- 1 द्रव स्नेहको जैसे लॉर्ड तेल ऑलिव तेल तथा  का उपयोग उन मशीनों में किया जाता है जो कम दाब तथा कम ताप पर कार्य करती है

2 अर्ध ठोस स्नेहको का उपयोग ऐसी मशीनों में किया जाता है जो कम गति व अधिक दाब पर कार्य करती है

3 ठोस स्नेहा के ग्रेफाइट का उपयोग विशेष रूप से खराद मशीनों पर बेंच काटने में किया जाता है

4 कप ग्रीस का उपयोग Griz गनो में किया जाता है

स्नेहक किसे कहते हैं तथा इसका उपयोग क्या किया जाता है?

लूब्रिकेंट (जिसे कभी-कभी "लूब" के रूप में संदर्भित किया जाता है) एक ऐसा पदार्थ है (अक्सर तरल) जो दो गतिशील सतहों के बीच लगाया जाता है ताकि उनके बीच घर्षण कम हो, कार्यकुशलता में सुधार हो और जल्दी घिस ना जाए. इसमें घोलने या बाह्य कणों के परिवहन और गर्मी के वितरण का कार्य हो सकता है।

स्नेहक का प्रयोग क्यों किया जाता है?

स्नेहक, घर्षण करने वाले पार्टों के बीच में एक पतली परत बना लेता है। जिसके कारण घर्षण करने पार्टों के बीच घर्षण का मान बहुत कम हो जाता है। जिससे हमारी मशीन के पार्ट जल्दी नष्ट नहीं होते हैं या हानि नहीं पहुंचती है। और मशीन ज्यादा दिनों तक बिना किसी नुकसान के और आसानी से चलती रहती है।

स्नेहक कितने प्रकार के होते हैं?

लुब्रिकेशन तीन प्रकार के होते है।.
तरल (liquid).
ठोस (solid).
अर्द्ध ठोस (semi solid).

एक अच्छे स्नेहक में क्या होना चाहिए?

वाष्पीकरण कम वाष्पशीलता वाला स्नेहक आदर्श माना जाता है; क्योंकि धातु सतहों के बीच घर्षण के कारण ताप बढ़ने से यह देर से वाष्पीकृत होता है और अधिक देर तक स्नेहन के योग्य रहता है। 4. अम्लीयता एक अच्छा स्नेहक किसी भी वसा अम्ल से मुक्त होना चाहिये; क्योंकि अम्लीयता एक स्नेहक के लिये हानिकारक होती है।