समाजवाद से आप क्या समझते हैं इसके प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए? - samaajavaad se aap kya samajhate hain isake pramukh visheshataon ka varnan keejie?

समाजवाद से आप क्या समझते हैं इसके प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए? - samaajavaad se aap kya samajhate hain isake pramukh visheshataon ka varnan keejie?

समाजवाद क्या है (समाजवाद क्या है परिभाषा, समाजवाद किसे कहते हैं), समाजवाद की प्रमुख विशेषताएं, समाजवाद अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं (समाजवादी अर्थव्यवस्था क्या है) आदि प्रश्नों के उत्तर यहाँ दिए गए हैं।

समाजवाद क्या है (समाजवाद क्या है परिभाषा, समाजवाद किसे कहते हैं)

समाजवाद (Socialism) एक ऐसी विचारधारा है जिसका उद्देश्य समाज में आर्थिक संगठन को स्थापित करना होता है। इस विचारधारा के अंतर्गत नागरिकों को न्याय एवं स्वाधीनता प्रदान की जाती है। साधारण भाषा में कहा जाए तो समाजवाद एक ऐसी प्रणाली है जिसकी मदद से देश की सरकार राज्य व्यवस्था एवं आर्थिक प्रणाली को नियंत्रित करती है। समाजवादी विचारधारा के अंतर्गत देश की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के प्रयास किए जाते हैं। यह देश की सरकार द्वारा संचालित किया जाने वाला एक सामाजिक कार्य है जिसका उद्देश्य देश के नागरिकों को लाभ पहुंचाना होता है। समाजवाद का मुख्य उद्देश्य समाज में सभी वर्गों के बीच समानता को स्थापित करना होता है। इसके अंतर्गत देश की अर्थव्यवस्था पर हर नागरिक का सामाजिक रूप से पूर्ण नियंत्रण रहता है।

समाजवाद एक आर्थिक एवं सामाजिक दर्शन है जिसका उद्देश्य समाज में धनी एवं निर्धन नागरिकों के बीच असमानता को दूर करना है। समाजवाद वैचारिक, आर्थिक एवं सामाजिक रूप से देश के नागरिकों की निजी संपत्ति पर उनके अधिकारों का विरोध करता है। यह संपत्ति के उत्पादन एवं वितरण पर समाज का स्वामित्व स्थापित करता है। इसके अलावा समाजवाद को पूंजीवाद एवं मुक्त बाजार के सिद्धांतों के विपरीत रूप में भी देखा जा सकता है। कई इतिहासकारों के अनुसार समाजवाद एक आर्थिक आंदोलन है जो औद्योगिक एवं आर्थिक शोषण का विरोध करता है। इसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी में हुई थी।

समाजवाद की प्रमुख विशेषताएं

समाजवाद की प्रमुख विशेषताएं कुछ इस प्रकार हैं:-

  • समाजवाद के अंतर्गत संपत्ति के उत्पादन एवं वितरण की सभी क्रियाएं राज्य सरकार द्वारा संपादित किये जाते हैं। समाजवाद वह आर्थिक प्रणाली है जिसके द्वारा राज्य सरकार सामाजिक कल्याण हेतु संपत्ति के उत्पादन एवं वितरण के संबंध में सभी महत्वपूर्ण निर्णय लेती है। यह प्रणाली समाज कल्याण की भावना के आधार पर कार्य करती है।
  • समाजवादी आर्थिक प्रणाली के अंतर्गत सभी आर्थिक क्रियाओं का संचालन करने हेतु एक केंद्रीकृत नियोजन सत्ता का गठन किया जाता है जिसका उद्देश्य केंद्रीकृत सत्ता उत्पादन एवं वितरण करना होता है। यह केंद्रीकृत सत्ता सामाजिक रुप से वितरण संबंधी महत्वपूर्ण निर्णय लेने का कार्य करती है।
  • समाजवाद के अंतर्गत राज्य के सभी नागरिकों को समान रूप से अधिकार प्रदान किए जाते हैं। समाजवाद का उद्देश्य उत्पत्ति के साधनों पर सामूहिक एवं सामाजिक स्वामित्व को स्थापित करना होता है। इस सिद्धांत के अंतर्गत राज्य के सर्वाधिक नागरिकों के हित के बारे में विचार विमर्श किया जाता है।
  • समाजवादी व्यवस्था में वस्तु की कीमतों का निर्धारण स्वयं सरकार निर्धारित करती है। समाजवाद पूर्ण रूप से आर्थिक क्रियाओं का समर्थन करता है जिसके कारण सरकार स्वयं उत्पादन की लागत को निर्धारित करती है। यह आर्थिक प्रणाली में कीमत संयंत्र के निर्देशों का पालन ना करके सरकार के आदर्शों पर कार्य करती है।
  • समाजवादी प्रणाली के कारण समाज में प्रतियोगिता का अंत होता है। यह प्रणाली आर्थिक रूप से बाजार की कीमतों को निर्धारित करने का कार्य करती है जिसके कारण समाजवाद में प्रतियोगिता की संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं। समाजवाद के अंतर्गत सरकार वस्तुओं की कीमतों को निर्धारित व नियंत्रित करती है जिसके फलस्वरूप समाज में प्रतियोगिता उत्पन्न ही नहीं हो पाती।
  • समाजवाद में उत्पत्ति के साधनों पर सामाजिक स्वामित्व होता है जिसके कारण निम्न वर्ग के लोगों के साथ होने वाले शोषण का अंत होता है। यह समाज में संपन्न एवं विपन्न श्रेणी के लोगों के मध्य असमानता को खत्म करने का कार्य करता है जिसके कारण निम्न वर्ग के लोगों के शोषण की संभावनाएं समाप्त हो जाती हैं।
  • समाजवाद के अंतर्गत नागरिकों के निजी संपत्ति के अधिकार का सीमित अस्तित्व होता है परंतु इस संपत्ति का प्रयोग सामाजिक व आर्थिक लाभ अर्जित करने के लिए नहीं किया जा सकता है। समाजवाद वह व्यवस्था है जो व्यक्तियों के निजी संपत्ति के अधिकार को खत्म करने का कार्य करता है।

समाजवाद अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं (समाजवादी अर्थव्यवस्था क्या है)

समाजवाद अर्थव्यवस्था वह व्यवस्था है जिसके अंतर्गत उत्पादन की क्रिया मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्रों में लागू की जाती है। इस व्यवस्था में सरकार वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन केवल समाज के कल्याण हेतु करती है। समाजवाद अर्थव्यवस्था को साम्यवाद एवं जनवाद के नाम से भी जाना जाता है। समाजवाद अर्थव्यवस्था में राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले सभी वितरण एवं कल्याण कार्यों पर ध्यान दिया जाता है। साधारण भाषा में कहा जाए तो यह लोगों की आवश्यकता अनुसार वस्तु का उत्पादन एवं वितरण करता है। इसके अलावा समाजवाद अर्थव्यवस्था लोगों को उचित दाम पर उत्पाद को उपलब्ध कराने का भी कार्य करता है।

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समाजवाद से आप क्या समझते हैं समाजवाद की मुख्य विशेषताएं क्या हैं?

मारिस डाब के अनुसार," समाजवाद की आधारभूत विशेषता यह है की इसमे सम्पन्न वर्ग की संपत्ति का अधिग्रहण एवं भूमि तथा पूंजी का समाजीकरण करके उन वर्ग संबंधों को समाप्त कर दिया जाता है, जो पूंजीवादी उत्पादन का आधार है।" श्री जयप्रकाश नारायण के शब्दों में," समाजवादी समाज एक ऐसा वर्गविहीन समाज होगा, जिसमें सब श्रमजीवी होगें।

समाजवाद की क्या विशेषताएं थीं?

समाजवाद की तीन प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं- 1)इसमें मजदूरों का शोषण नहीं होता है। समाजवाद के अनुसार सभी को काम पाने का अधिकार है। 2)समाजवाद में समाज वर्गविहीन होता है। इसमें अमीर-गरीब के बीच कम-से-कम अन्तर होता है।

समाजवाद का उद्देश्य क्या है?

समाजवाद एक लोकतान्त्रिक विचारधारा है जिसका उद्देश्य समाज में इस प्रकार की आर्थिक व्यवस्था लाना है जो व्यक्ति को पूर्णत: सम्भव न्याय एवं स्वाधीनता प्रदान कर सके। भारत की राजनीति में यह शब्द अतिप्रचलित है, जो कई राजनीतिक पार्टियाँ अपने घोषणा में इस्तेमाल करती हैं।

समाजवाद का जनक कौन है?

कार्ल हेनरिख मार्क्स वैज्ञानिक समाजवाद के जनक थे. इनके अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और राजनीति के सिद्धांतों की समझ को 'मार्क्सवाद' कहा जाता है.