What is Angular Velocity and Angular Momentum ?कोणीय वेग (Angular Velocity)वृत्ताकार मार्ग पर गतिशील कण को वृत्त के केन्द्र से मिलाने वाली रेखा, जैसे AO एक सेकण्ड में जितने कोण से घूम जाती है, उसे कण का कोणीय वेग कहते हैं और इसे प्रायः ग्रीक वर्णमाला के अक्षर ओमेगा (ω) से प्रकट किया जाता है। Show कोणीय संवेग (Angular Momentum)घूर्णन गति करने वाले किसी पिण्ड के कोणीय वेग (0) जड़त्व (1) के गुणनफल को ‘कोणीय संवेग’ कहते हैं, अर्थात् कोणीय संवेग L = कोणीय वेग x जड़त्व आघूर्ण =ωl यदि किसी अक्ष के परितः घूर्णन करने वाले पिण्ड पर कोई बाह्य बल-आघूर्ण (Torque) कार्य न करे तो उसका कोणीय संवेग नियत रहता है। अत: यदि घर्णन करते पिण्ड का जडत्व आपूर्ण घट जाए तो उसका कोणीय वेग बढ़ जाएगा। अतः जब कोई तैराक नदी में कूदता है, तो वह अपनी शरीर को सिकोड़ लेता है जिससे उसका जड़त्व आघूर्ण कम हो जाता है तथा कोणीय वेग बढ़ जाता है। इससे वह वायु में ही कलैया (Loop) लेता हुआ पानी में गिरता है। सर्कस में भी एक झूले से दूसरे झूले पर जाते समय मनुष्य भी इसी कारण चक्कर खाते हुए जाता है। इसी कारण स्केटिंग करने वाले भी कभी अपने हाथ फैलाते हैं और कभी हाथों को सिकोड़ लेते हैं। इससे स्केटिंग की दिशा बदलती रहती है।
Answer (Detailed Solution Below)Option 4 : 1 ∶ 102 अवधारणा:
सरल आवर्त गति में एक निकाय के लिए, अधिकतम त्वरण इस प्रकार होगा- a = - ω2A गणना: दिया गया है: दो सरल आवर्त गति की कोणीय आवृत्ति है- ω1 = 100 और ω2 = 1000 दोनों SHM के आयाम विस्थापन (A) समान है SHM -1 का त्वरण इस प्रकार है a1 = - ω12 A -- (1) SHM -2 का त्वरण इस प्रकार है a2 = - ω2 2 A -- (2) समीकरण (1) और समीकरण (2) का अनुपात है \(\frac{a_{1}}{a_{2}} = \frac{-ω_{1}^{2}A}{-ω_{2}^{2}A}\) ω1 और ω2 का मान रखने पर, हमें प्राप्त होगा- \(\frac{a_{1}}{a_{2}} = \frac{-ω_{1}^{2}A}{-ω_{2}^{2}A}\) \(\frac{a_{1}}{a_{2}} = \frac{100^{2}}{1000^{2}} = \frac{1}{10^{2}}\) इसलिए, आवश्यक अनुपात है 1 ∶ 102
x = A sin (ωt + ϕ) SHM में निकाय का विस्थापन x है, A आयाम है,ω कोणीय आवृत्ति है और φ कला अंतर है।
प्रस्तुत अध्याय में कोणीय वेग क्या है इसका सूत्र और परिभाषा तथा रेखीय वेग की परिभाषा, सूत्र और उनके बीच संबंध को समझाया गया है। आशा करते हैं कि यह अध्याय आपको पसंद आएगा। कोणीय वेगजब कोई कण किसी वृत्त की परिधि पर घूमता है तो उसका कोणीय विस्थापन समय के साथ परिवर्तित होता जाता है।अर्थात चूंकि हम जानते हैं कि कोई कण एक वृत्तीय चक्कर पूरा करने में 360° यानी 2π घूम जाता है। एवं इस पूर्ण चक्र में लगा समय कण का परिक्रमण काल
(T) कहलाता है। तो कण का औसत कोणीय वेग रेखीय वेगजब कोई कण रेखीय गति करता है तो उसका रेखीय विस्थापन समय के साथ परिवर्तित होता जाता है। अर्थात कोणीय वेग तथा रेखीय वेग में संबंधयदि कोई कण एक निश्चित त्रिज्या के वृत्त की परिधि पर एकसमान चाल से चलता है माना कण ∆t समयांतराल में वृत्त की परिधि पर ∆s दूरी घूम जाता है। यदि कण का कोणीय विस्थापन ∆θ हो तो कोणीय वेग तथा रेखीय वेग में संबंधकण का कोणीय वेग यह
कोणीय वेग और रेखीय वेग में संबंध का सूत्र है। (relation between angular velocity and linear velocity in Hindi) पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi कोणीय वेग और रेखीय वेग संबंधित प्रशन1. कोणीय वेग की विमा क्या होती है?[M0L0T-1] 2. कोणीय वेग का मात्रक क्या है?रेडियन/सेकंड 3. रेखीय वेग का सूत्र क्या है?v = ∆s/∆t |