दोस्तों आज का हमारा पोस्ट गणित के एक महत्वपूर्ण अध्याय सम संख्याएं एवं इसके महत्वपूर्ण प्रश्नों से संबंधित होने वाला है। इस पोस्ट के माध्यम से हमने Sam Sankhya के सभी तथ्य जैसे कि- सम संख्या क्या होती है?, सम संख्या की परिभाषा क्या है? Show
सम संख्याओं की पहचान कैसे करें?, सम संख्याओं का गुण, Sam sankhya ka yog nikalne ka formula, सम संख्या के वर्गों का योग, सम संख्या के घनों का योग, सम संख्याओं का औसत, सम संख्याओं के उदाहरण तथा सम संख्याओं से संबंधित कुछ प्रश्न इत्यादि के बारे में विस्तृत जानकारी दी है। उदाहरण सहित इन सब चीजों के बारे में आपको इस पोस्ट में बताया गया है। तो इसको अच्छी तरह समझने के लिए तथा इस टॉपिक के ऊपर अपनी अच्छी पकड़ बनाने के लिए आप सभी पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें। जिससे कि आपको Sam Sankhya से संबंधित प्रश्नों को हल करने में कोई परेशानी न हो तथा आप आसानी से इनके
प्रश्नों को हल कर पाएं।
सम संख्या क्या होती है – Sam Sankhya Kya Hoti Haiवैसी सभी पूर्णांक संख्याएं, जिसमें ‘2’ से पूरा-पूरा भाग लग जाए या ‘2’ से विभाजित करने पर शेषफल शून्य प्राप्त हो जाए, “सम संख्या” कहलाती है। सम संख्या की परिभाषा क्या है – Sam Sankhya Ki Paribhashaवे सभी संख्याएं जो ‘2’ का गुणज होती है अर्थात वैसे सभी संख्याएं जो ‘2’ से पूर्णतः विभाजित हो जाती है, ऐसी संख्या को हमलोग “सम संख्या ( Even Number )” कहते हैं। जैसे- 12,14,16,34,44,52,60 इत्यादि। सम संख्याओं की पहचान कैसे करें?सम संख्याओं की पहचान करने के लिए हमलोग 2 तरीकों का उपयोग करके पता सकते हैं। जिसमें पहला तरीका है :- अंतिम अंक या इकाई अंक देखकर – जब हमें Sam Sankhya की पहचान करनी हो तो सबसे पहले हम उस संख्या के अंतिम अंक पर या इकाई अंक पर ध्यान देंगे। यदि उस संख्या के अंतिम या इकाई अंक पर 0, 2, 4, 6, 8 में से कोई भी एक अंक है, तो वह एक सम संख्या होगी। जैसे- 1352 एक सम संख्या है, क्योंकि इस संख्या का इकाई अंक 2 है। अंतिम अंक को ‘इकाई अंक’ भी कहा जाता है। 5467 यह एक Sam Sankhya नहीं है क्योंकि इसका अंतिम अंक 7 है और यदि किसी संख्या का अंतिम अंक या इकाई अंक 1, 3, 5, 7, 9 हो तो वह एक विषम संख्या होगी। दी गई संख्या को ‘2’ से विभाजित करके – सम संख्याओं की पहचान करने के लिए दूसरा तरीका है, यदि दी गई संख्या को 2 से विभाजित करने पर वह पूर्णतः कट जाता है और उसका शेषफल शून्य (0) प्राप्त होता है, तो इसका मतलब है कि वह एक ‘सम संख्या’ है। जैसे- 2478, यह एक Sam Sankhya है क्योंकि इसे 2 से विभाजित करने पर इसका शेषफल ‘0’ प्राप्त हुआ है। 7425, यह एक सम संख्या नहीं है क्योंकि इसे 2 से विभाजित करने पर शेषफल ‘1’ प्राप्त हुआ है और वैसी संख्या जो 2 से पूर्णतः विभाजित न हो, ‘विषम संख्या’ कहलाती है। सम संख्याओं का गुण – Properties of Even Number in Hindiसम संख्याओं से संबंधित प्रश्नों को हल करने के लिए हमें इनके कुछ गुणों को जानना आवश्यक है, जिनकी सहायता से हम इनके प्रश्नों को आसानी से हल कर पाए। तो आइए जानते है सम सँख्याओ के योग का गुण
सम सँख्याओ के अंतर का गुण
सम सँख्याओ के गुणन का गुण
1 सके 100 तक सम संख्या – 1 Se 100 Tak Sam Sankhya
सम संख्या के योग का सूत्र – Sam Sankhya Ka Yog Ka Sutraसम संख्याओं का योग ज्ञात करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण फार्मूले हैं, जिनका 1. प्रथम n सम संख्याओं का योगप्रथम N सम सँख्याओ के योग का सूत्र = n (n+1) 2. लगातार n तक की सम संख्याओं का योगलगातार N तक की सम सँख्याओ के योग का सूत्र = n/2 (n/2 + 1) सम संख्या के वर्गों का योग का फार्मूला – Sam Sankhya Ke Vargo Ka Yogसम संख्या के वर्गों का योग निकालने के लिए एक महत्वपूर्ण फार्मूला होता है। जिसको जाना आवश्यक है, आप इस फार्मूला का उपयोग करके सम संख्याओं के वर्गों का योग आसानी से ज्ञात कर सकते हैं। प्रथम n सम संख्याओं के वर्गों का योग = l (l + 1) (l + 2)/6 जहां l का मतलब अंतिम पद या अंतिम संख्या है। सम संख्या के घनों का योग का फार्मूला – Sam Sankhya Ke Ghano Ka Yogसम संख्याओं के घनों का योग ज्ञात करने के लिए आप निम्न फार्मूला का इस्तेमाल करके कर सकते हैं। प्रथम n सम संख्याओं के घनों का योग = 2 (n(n+1))² सम संख्या का औसत – Sam Sankhya Ka Ausatसम सँख्याओ का औसत ज्ञात करने के लिए आप निम्न फार्मूला का इस्तेमाल करके कर सकते हैं। 1). प्रथम n सम संख्या का औसत = (n + 1) 2). लगातार n तक की सम संख्याओं का औसत = (n+2) / 2 3). लगातार n सम संख्याओं के वर्गों औसत = 2 (n + 1) (2n + 1) / 3 सम संख्याओं के उदाहरण – Sam Sankhya Ke Udaharan1). प्रथम 6 सम संख्याओं का योग ज्ञात करें? हल:- सूत्र से, S = n (n +
1)
2). 2,4,6,8,10………22 तक की लगातार सम संख्याओं का योग निकालें? हल:- सूत्र से, S = n/2 (n/2 + 1)
3). 2² + 4² + 6² +………+ 20² तक की सम संख्याओं के वर्गों योग ज्ञात करें? हल:- सूत्र से, S = l (l + 1) (l + 2)/6
4). प्रथम 5 सम संख्याओं का औसत क्या होगा? हल:- सूत्र से, A = (n + 1)
5). 2,4,6,8,………..12 तक की लगातार सम संख्याओं का औसत निकालें। हल:- सूत्र से, A = (n + 2) / 2
6). दो क्रमागत सम संख्याओं का एचसीएफ (H.C.F) ज्ञात कीजिए। हल:- जैसे दो क्रमागत सम संख्या= 2,4 और 6,8 हैं। 2 = 1 × 2 6 = 2 × 3 7). दो क्रमागत सम संख्याओं का गुणनफल 528 है, तो संख्याएं ज्ञात कीजिए। हल:- माना कि पहली संख्या = x
दूसरी संख्या = x + 2 8). पांच क्रमागत सम संख्याओं का योग 80 है, सबसे छोटी सम संख्या ज्ञात करें। हल:- माना कि पहली संख्या = x → x+x+2+x+4+x+6+x+8 = 80 9). दो क्रमागत सम संख्याओं का योगफल 30 है तो उन संख्याओं को ज्ञात करें। हल:- माना की पहली संख्या = x
अतः पहली संख्या = x = 14 ans. 10). तीन क्रमागत सम संख्याओं का योगफल 48 है, तो संख्याएं ज्ञात कीजिए। हल:- माना कि पहली संख्या = x
अतः पहली संख्या = x = 14 ans. निष्कर्ष (Conclusion) :- दोस्तों तो जैसा कि हमने Sam sankhya kise kahate hain, Sam sankhya kaun si hai, Sam sankhya ka yog, Sam sankhya ka formula तथा सम संख्या से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्यों एवं प्रश्नों को उदाहरण सहित इस पोस्ट में आप सभी को समझाने का प्रयास किया है। आशा करता हूं कि इस पोस्ट की जानकारी आपको हेल्पफुल लगी होगी और इसे समझने में कोई दिक्कत नहीं आई होगी। अगर कोई ऐसी चीज जो आपकी समझ में नहीं आयी हो। तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं। हम उन्हें समझाने का पूरा प्रयास करेंगे। धन्यवाद ! FAQ About Sam SankhyaQ.1. सबसे छोटी सम संख्या कौन-सी होती है ?उत्तर:- सबसे छोटी सम संख्या ‘2’ होती है क्योंकि सम संख्या दो से ही शुरू होता है। Q.2. सबसे बड़ी सम संख्या कौन है ?उत्तर:- सबसे बड़ी सम संख्या का पता नहीं लगाया जा सकता है, क्योंकि सम संख्याएं अनंत है और आप जिस भी संख्या में ‘2’ को जोड़ते है तो आपको हमेशा उससे बड़ी Sam Sankhya ही प्राप्त होती रहेगी। इसलिए यह बताना असंभव है की सबसे बड़ी सम संख्या कौन है। Q.3. 2 अंको की सबसे छोटी सम संख्या कौन-सी है ?उत्तर:- ’98’ दो अंकों की सबसे छोटी सम संख्या है। Q.4. 3 अंको की सबसे बड़ी सम संख्या कौन-सी होती है ?उत्तर:- ‘998’ को तीन अंको की सबसे बड़ी सम संख्या कहा जाता है। Q.5. 3 अंको की सबसे छोटी सम संख्या कौन होती है ?उत्तर:- ‘100’ तीन अंको की सबसे छोटी सम संख्या होती है। Q.6. क्या शून्य (0) एक सम संख्या है?उत्तर:- जी हां शून्य एक सम संख्या होता है क्योंकि हम सब जानते हैं कि 2 से विभाजित होने वाली संख्या सम संख्या कहलाती है और 0 को जब 2 से भाग लगाया जाता है तो वह पूर्णतः विभाजित हो जाता है, इसलिए शून्य भी एक सम कहलाता है। Q.7. क्या सम संख्या ऋणात्मक हो सकती है ?उत्तर:- हां सम संख्या ऋणात्मक हो सकती है, क्योंकि जितनी भी पूर्णांक संख्याएं हैं सभी सम संख्याएं होती है और पूर्णांक धनात्मक और ऋणात्मक संख्याओं के मिलने पर ही बनता है। अतः हम कह सकते हैं कि सम संख्या ऋणात्मक भी होती है। Q.8. सम प्राकृत संख्या किसे कहते हैं?उत्तर:- ऐसी प्राकृतिक संख्याएं जिसमें 2 से पूरा-पूरा भाग लग जाए या 2 से कट जाए, ‘सम प्राकृत संख्या’ कहलाती है। Q.9. सम अभाज्य संख्या क्या है?उत्तर:- वैसी सम संख्या जो ‘1’ से और अपने आप से यानी खुद से विभाजित हो जाए,
सम अभाज्य संख्या कहलाती है। Q.10. सम संख्या को इंग्लिश में क्या कहते हैैं ?उत्तर:- सम संख्या को इंग्लिश में ‘Even Number’ (इवेन नंबर) कहा जाता है।
Q.11. 1 से 100 तक सम संख्याएं कितनी है?उत्तर: 1 से 100 तक 50 सम संख्याएं होती है लेकिन अगर हम 1 से 100 के बीच आने वाली सम सँख्याओ की बात करें तो ऐसी संख्या 49 होगी। प्रथम २० सम संख्या का योगफल क्या होगा?-(1)/(3!) +(1)/(4!) -(1)/(5!) +`……. का योगफल होगा।
सम संख्याओं का योग कैसे निकालते हैं?सम संख्या के योग का सूत्र – Sam Sankhya Ka Yog Ka Sutra. प्रथम n सम संख्याओं का योग प्रथम N सम सँख्याओ के योग का सूत्र = n (n+1). लगातार n तक की सम संख्याओं का योग लगातार N तक की सम सँख्याओ के योग का सूत्र = n/2 (n/2 + 1). प्रथम N सम संख्याओं का योग क्या होगा?इन संख्याओं का योग 42 होगा।
प्रथम 10 सम संख्याओं का योग क्या होता है?Answer: प्रथम 10 सम पदों का योग 110 है।
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