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जानिए मच्छर के काटने से कैसे होता है मलेरिया, ये हैं इनके लक्षण और ऐसे बचें
भारत में हर साल मलेरिया की बीमारी के चलते दो लाख से ज्यादा मौतें होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल 2,05,000 मौतें मलेरिया से होती हैं। इस घातक बीमारी की मार सबसे ज्यादा बच्चों पर पड़ती है। 55,000 बच्चे जन्म के कुछ ही सालों के भीतर काल के मुंह में समा जाते हैं। 30 हजार बच्चे पांच से 14 साल के बीच मलेरिया से दम तोड़ते हैं। 15 से 69 साल की उम्र के 1,20,000 लोग भी इस बेहरम बीमारी से बच नहीं पाते हैं। आम तौर पर मलेरिया संक्रमित मच्छर के काटने से होता है।जानिए कैसे होता है मलेरिया मलेरिया एक ऐसी बीमारी हैजो संक्रमित मच्छर में मौजूद परजीवी रोगाणु की वजह से होती है। ये रोगाणु इतने छोटे होते हैं कि हम इन्हें देख नहीं सकते। मलेरिया बुखार प्लॅस्मोडियम वीवेक्स नामक वाइरस के कारण होता है । अनाेफलीज़ (Anopheles) नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से मनुष्यों के रक्त प्रवाह में ये वाइरस संचारित होता है। केवल वही मच्छर व्यक्ति में मलेरिया बुखार संचारित कर सकता है, जिसने पहले किसी मलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को काटा हो। ये वायरस लिवर तक पहुंच कर उसके काम करने की क्षमता को बिगाड़ देता है। ये हैं मलेरिया के लक्षण : मलेरिया के लक्षण हैं : - तेज बुखार - कंपकंपी - -पसीना आना -सिरदर्द -शरीर में दर्द -जी मचलना और उल्टी होना। कभी-कभी इसके लक्षण हर 48 से 72 घंटे में दोबारा दिखायी देते हैं। ऐसे करें रोकथाम : - मच्छर-दानी लगाकर सोएं और ध्यान रखें कि आसपास सफाई हो। -आमतौर पर मलेरिया का मच्छर शाम को ही काटता है। - घर के अंदर मच्छर मारनेवाली दवा छिड़कें। मोस्कीटो रिपेलेेंट मशीनों का इस्तेमाल करें। - घर के दरवाज़ों और खिड़कियों पर जाली लगाएं और ऐसी. और पंखों का इस्तेमाल करें, ताकि मच्छर एक जगह पर न बैठें। - ऐसे कपड़े पहनिए जिससे पूरी तरह आपका शरीर ढ़के और उसका रंग हलका होना चाहिए। - ऐसी जगह ना जाए, जहांं झाड़ियां हों क्योंकि वहां मच्छर हो सकते हैं, या जहां पानी इकट्ठा हो क्योंकि वहां मच्छर पनपने का खतरा होता है। Publish Date: | Wed, 24 Aug 2022 12:00 AM (IST) राजनांदगांव । मच्छरों के काटने से होने वाले रोगों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए जिला अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व मच्छर दिवस मनाया गया। इस अवसर पर जन स्वास्थ्य सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया और जीका वायरस जैसी बीमारियों के कारण, लक्षण तथा उपचार पर विस्तृत चर्चा की गई। वहीं यह जानकारी भी दी गई कि सभी मच्छर मलेरिया का संचार नहीं करते बल्कि केवल संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर से ही लोगों को मलेरिया हो सकता है। हर साल 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस पेशेवर चिकित्सक डा. रोनाल्ड रास की स्मृति में मनाया जाता है, जिन्होंने वर्ष 1897 में यह खोज की थी कि, मनुष्य में मलेरिया जैसे रोग के संचरण के लिए मादा मच्छर ही उत्तरदायी है। इसी कड़ी में इस वर्ष कलेक्टर डोमन सिंह के दिशा-निर्देशन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथलेश चौधरी के मार्गदर्शन में जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में प्रेरक नारा लेखन व जागरुकता रैली के माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से मलेरिया, क्यूलेक्स मच्छर के काटने से हाथी पांव (फाइलेरिया) तथा एडिज मच्छर काटने से डेंगू बुखार होता है। जिला चिकित्सालय सहित जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए जागरुकता से संबंधित बैनर-पोस्टर लगाए गए तथा मरीजों की मलेरिया जांच की गई। बड़ा खतरा पैदा कर सकता हैः' अस्पतालों में मरीजों को जानकारी दी गई किए मच्छर का छोटा डंक स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा पैदा कर सकता है। मच्छर के काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस, फाइलेरिया और जीका वायरस जैसे रोग हो सकते हैं। इस दौरान जिला मलेरिया सलाहकार संगीता पांडेय ने कहा डेंगू मच्छर बरसात के मौसम में पनपने वाला मच्छर है। इसका वायरस डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3, डीईएनवी-4 होता है। इसके काटे जाने पर तेज बुखार आता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है। जोड़ों में दर्द और कुंसियां होती हैः डेंगू दिन में काटने वाले मादा मच्छर एडीज एजिप्टी से फैलता है। इसमें तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द व शरीर पर फुंसियां हो जाती हैं। मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर भी बरसात के मौसम में ही पनपता है। मलेरिया रोग परजीवी प्लाजमोडियम से फैलने वाला रोग है। चिकनगुनिया भी एक तकलीफदेह रोग है जिसमें तेज बुखार और जोड़ों में दर्द होता है। Posted By: Nai Dunia News Network
मच्छर के काटने से कौन कौन से रोग हो सकते हैं?मच्छरों से होने वाली बीमारियों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, जीका वायरस, चिकनगुनिया ये प्रमुख बीमारियां हैं इसके अलावा बहुत सारी बीमारियां होती हैं। मलेरिया एक ऐसा रोग है जो मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर गंदे और दूषित पानी में पनपते हैं जो उड़कर हम तक पहुंचते हैं।
मच्छर काटता है तो क्या होता है?जब मच्छर काटता है तो वह खून में अपना सलाइवा छोड़ देता है। इस सलाइवा में एंजाइम होते हैं जिससे खुजली, चकत्ते और रेसेज हो जाते हैं। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अबरार मुलतानी आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बता रहे हैं जिनकी मदद से आप मच्छर काटने के बाद होने वाली खुजली और दर्द से तुरंत बच सकते हैं।
डेंगू मच्छर के काटने से कौन सी बीमारी होती है?मच्छर के शरीर मे डेंगू वायरस का कुछ और दिनों तक विकास होता है । जब डेंगू वायरस युक्त मच्छर किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो वह डेंगू वायरस को उस व्यक्ति के शरीर में पहुँचा देता है। इस प्रकार वह व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित हो जाता है तथा कुछ दिनों के बाद उसमें डेंगू बुखार रोग के लक्षण प्रकट हो सकते हैं।
मच्छर काटने से क्या नुकसान होता है?गंभीर स्थितियों में इसके कारण फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा यह अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) को भी ट्रिगर कर सकता है। जिन लोगों को पहले से ही इस तरह की दिक्कत है उन्हें विशेष बचाव की आवश्यकता होती है।
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