आज के समय में हर दूसरा व्यक्ति यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहा है। शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से गठिया, जोड़ों में दर्द, बीपी का बढ़ना और किडनी की समस्या जैसी कई बीमारियां हो सकती हैं। शरीर में यूरिक एसिड प्यूरीन नाम के प्रोटीन के टूटने से बनता है, यूं तो मल-मूत्र के जरिए यूरिक एसिड पूरी तरह से बाहर निकल जाता है। लेकिन जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। हालांकि, खानपान में बदलाव के जरिए शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है। Show यूरिक एसिड के लक्षण: शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने के कारण एड़ियों में सूजन, सोते समय पैरों में जकड़न, घुटनों पर सूजन आना, पैरों और जोड़ों में दर्द और लगातार उठने-बैठने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। यूरिक एसिड में मूंग की दाल: यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे लोगों को खानपान में बेहद ही सावधानी बरतनी चाहिए। मूंग की दाल में प्यूरिन की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जिसके कारण मू्ंग की दाल को लेकर कहा जाता था कि इसे खाने से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ती है। हालांकि, अब यह साबित हो गया है कि यूरिक एसिड को बढ़ाने में पेड़/पौधों के सोर्स से प्राप्त प्यूरीन जिम्मेदार नहीं है। लोकप्रिय खबरें Jyotiraditya Scindia की नाराजगी के बाद बीजेपी से आउट हुए छह नेता, जानें क्या था मामला Chief Ministers Property: अरविंद केजरीवाल, योगी आदित्यनाथ और भगवंत मान सब करोड़पति, जानिए सबसे कम संपत्ति वाले 9 मुख्यमंत्रियों के नाम 2023 में धन के दाता शुक्र देव करेंगे अपनी उच्च राशि मीन में प्रवेश, इन 3 राशियों को करियर और व्यापार में मिल सकती है सफलता कमरे में CCTV लगवा दिया, प्रेमिका के साथ मिलकर Drugs दिया और…राजकुमारी सुदर्शना चुंडावत का विधायक पति-सास पर सनसनीखेज आरोप ऐसे में यूरिक एसिड के मरीज भी मूंग दाल खा सकते हैं। इसके अलावा शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कम करने के लिए मसूर की दाल काफी फायदेमंद साबित होती है। ब्लैक चेरी और चेरी का जूस: यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए ब्लैक चेरी और चेरी का जूस पीना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। ब्लैक चेरी में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेंटरी गुण मौजूद होते हैं। यह ना सिर्फ गठिया बाय बल्कि किडनी स्टोन की समस्या से भी निजात दिलाने में कारगर है। ब्लैक चेरी जोड़ों और किडनी से क्रिस्टल को दूर करने में मदद करती है। मशरूम और बैंगन: शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करने के लिए आलू, मटर, मशरूम, बैंगन और हरी पत्तेदार सब्जियां खाना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा ओट्स, ब्राउन राइस और जौ खाने से भी फायदे मिलता है। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना आज एक स्वास्थ्य समस्या बन गया है, जिसके कारण गाउट, जोड़ों में दर्द, ब्लड प्रेशर और किडनी से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है, जो प्यूरीन नामक प्रोटीन के ब्रेकडाउन से प्रोड्यूस होता है। वैसे तो यह वेस्ट प्रोडक्ट किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद शरीर से फ्लश आउट हो जाता है। लेकिन जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह पाती तो यह खून में इक्ट्ठा होने लगता है। इसके बाद यूरिक एसिड क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा हो जाता है, जिससे गाउट की बीमारी हो सकती है। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से एड़ियों में सूजन, सोते समय पैरों में जकड़न, घुटनों पर सूजन आना, पैरों और जोड़ों में दर्द और लगातार उठने-बैठने में तकलीफ जैसी समस्याएं होने लगती हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो खानपान भी यूरिक एसिड को प्रभावित करता है, ऐसे में हाइपरयूरिसीमिया के मरीजों को अपने खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इन दालों के सेवन से बचें: यूरिक एसिड के मरीजों को कुछ दाल खाने से मना किया जाता है, क्योंकि उनमें प्यूरीन की अधिक मात्रा होती है, जिसके कारण दर्द और सूजन की समस्या बढ़ सकती है। इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ हाई यूरिक एसिड के मरीजों को मसूर की दाल, राजमा, चना और छोले आदि के सेवन से बचने की सलाह देते हैं। लोकप्रिय खबरें Kapoor Family Education: सबसे ज्यादा एजुकेटेड हैं रणबीर की बहन रिद्धिमा, जानिए कितना पढ़ी लिखी है कपूर फैमिली Bachchan Family: कॉलेज ड्रॉपआउट हैं ऐश्वर्या राय, जानिए कितनी एजुकेटेड है बच्चन फैमिली Demonetization in SC: रामजेठमलानी के आधे सूटकेस में ही आ जाते 1 करोड़ रुपये, जानिए नोटबंदी फैसले पर सुनवाई के दौरान ऐसा क्यों बोले चिदंबरम Kapiva का दावा- 18000 फीट ऊंचाई वाले क्षेत्रों से 100% शुद्ध हिमालयी शिलाजीत लाते हैं हम, जानिए जबर्दस्त ताकत के लिए कैसे कारगर होता है यह हर्बल फार्मूला इन दालों का कर सकते हैं: दाल प्रोटीन का बहुत महत्वपूर्ण स्रोत है। यूरिक एसिड के मरीज मूंग और अरहर की दाल आदि का सेवन कर सकते हैं। यूरिक एसिड के मरीज प्लांट प्रोटीन, डेयरी प्रोडक्ट्स और दुबली मछलियों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा वह ताजे फल, सब्जियां और कॉफी आदि का भी सेवन कर सकते हैं। विटामिन-सी से भरपूर चीजों का सेवन करना यूरिक एसिड के मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यूरिक एसिड में ग्रीन टी: सामान्य चाय की तुलना में ग्रीन टी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती है। क्योंकि इसमें मौजूद कैटेचिन यूरिक एसिड के स्तर को काबू में रखने में मदद करते हैं। यूरिक एसिड में कौन कौन सी दाल खा सकते हैं?दाल प्रोटीन और फाइबर का एक बेहतरीन संयोजन है, जो इसे प्लांट बेस्ड या शाकाहारी भोजन के हिस्से के रूप में हाई यूरिक एसिड वाले रोगियों के लिए एकदम सही बनाता है. ज्यादातर आम भारतीय दाल - मसूर, मूंग, तूर, उड़द, चना, हरी मटर, राजमा, छोले आदि को डेली डाइट में शामिल करने के लिए ठीक हैं.
क्या दाल खाने से यूरिक एसिड बढ़ता है?मूंग की दाल, पालक और फूलगोभी जैसी सब्जियों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है। ऐसा माना जाता था कि इनसे यूरिक एसिड बढ़ता है। लेकिन अब यह साबित हो गया है कि यूरिक एसिड बढ़ाने के लिए पेड़ / पौधों के स्रोतों से प्राप्त प्यूरीन जिम्मेदार नहीं है। प्यूरीन में उच्च, पादप (vegetarian) खाद्य पदार्थ कोई नुकसान नहीं करते हैं।
यूरिक एसिड में कौन सी सब्जियां अधिक होती हैं?यूरिक एसिड की समस्या से परेशान व्यक्ति के लिए प्यूरिन युक्त सब्जी और फूड खाने से मना किया जाता है, क्योंकि इस तरह के फूड काफी परेशानी बढ़ा सकते हैं. ऐसे में यूरिक एसिड के मरीजों को फूलगोभी, पत्तागोभी, हरे मटर, बीन्स, भिंडी और मशरूम खाने से भी परहेज करने की सलाह देते हैं, क्योंकि इनमें प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है.
क्या यूरिक एसिड में अरहर की दाल खा सकते हैं?यूरिक एसिड (Uric Acid)
उन्हें अरहर की दाल नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इसमें प्रोटीन अधिक मात्रा में पाया जाता है. जिससे यूरिक लेवल अनकंट्रोल हो जाता है. साथ ही इस बीमारी में हाथ पैर और जोड़ों में सूजन भी आ सकती है.
|