कौन सा विभाग प्रत्येक दिन के लिए भारत का मौसम मानचित्र तैयार करता है - kaun sa vibhaag pratyek din ke lie bhaarat ka mausam maanachitr taiyaar karata hai

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग
कौन सा विभाग प्रत्येक दिन के लिए भारत का मौसम मानचित्र तैयार करता है - kaun sa vibhaag pratyek din ke lie bhaarat ka mausam maanachitr taiyaar karata hai
एजेंसी अवलोकन
गठन 1875
अधिकारक्षेत्रा भारत सरकार
मुख्यालय नई दिल्ली
वार्षिक बजट 3.52 अरब (US$51.39 मिलियन) (2011)[1]
एजेंसी कार्यपालक डॉ॰ एल एस राठौर, मौसम विज्ञान के महानिदेशक
मातृ विभाग पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
वेबसाइट
www.imd.gov.in

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (भा॰मौ॰वि॰वि॰) भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मौसम विज्ञान प्रक्षेण, मौसम पूर्वानुमान और भूकम्प विज्ञान का कार्यभार सँभालने वाली सर्वप्रमुख एजेंसी है। मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इस विभाग के द्वारा भारत से लेकर अंटार्कटिका भर में सैकड़ों प्रक्षेण स्टेशन चलाये जाते हैं। वर्तमान में मौसम विभाग के महानिदेशक मृतुन्जय महापात्रा है मौसम विभाग की स्थापना सर्वप्रथम 1844 में पुणे में हुई 1875 में नाम बदलकर मौसम सर्वेक्षण अनुसंधान रखा गया|

इतिहास[संपादित करें]

कौन सा विभाग प्रत्येक दिन के लिए भारत का मौसम मानचित्र तैयार करता है - kaun sa vibhaag pratyek din ke lie bhaarat ka mausam maanachitr taiyaar karata hai

भा॰मौ॰वि॰वि॰ मुख्यालय (नई दिल्ली)

1864 में चक्रवात के कारण कलकत्ता में हुई क्षति और 1866 और 1871 के अकाल के बाद, मौसम संबंधी विश्लेषण और संग्रह कार्य एक ढ़ांचे के अंतर्गत आयोजित करने का निर्णय लिया गया। नतीजतन, 1875 में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना हुई। हेनरी फ्रांसिस ब्लैनफर्ड विभाग के पहले मौसम विज्ञान संवाददाता नियुक्त किया गए। मई 1889 में, सर जॉन एलियट तत्कालीन राजधानी कलकत्ता में वेधशालाओं के पहले महानिदेशक नियुक्त किया गए। मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय 1905 में शिमला, फिर 1928 में पुणे और अंततः नई दिल्ली में स्थानांतरित किया गया।[2] भारतीय मौसम विज्ञान विभाग स्वतंत्रता के बाद 27 अप्रैल 1949 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य बना।

संगठन[संपादित करें]

मौसम विभाग का नेतृत्व मौसम विज्ञान के महानिदेशक करते हैं। प्रसिद्ध कृषि मौसम विज्ञानी डॉ॰ लक्ष्मण सिंह राठौड़ विभाग के तत्कालीन महानिदेशक हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग में उप महानिदेशकों द्वारा प्रबंधित कुल 6 क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र आते हैं। यह चेन्नई, गुवाहाटी, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली और हैदराबाद में स्थित हैं।

बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]

  • भा॰मौ॰वि॰वि॰ की हिंदी वेबसाईट]

सन्दर्भ अब मौसम भिभाग का मुख्यालय New Dellhi[संपादित करें]

  1. "Budget 2011: Over 35% Hike for Department of Space". Outlook India. 28 फ़रवरी 2011. मूल से 14 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-11-19.
  2. "Establishment of the IMD". Indian Meteorological Department. अभिगमन तिथि 2011-11-18.[मृत कड़ियाँ]

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10 Questions 10 Marks 6 Mins

Last updated on Sep 22, 2022

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Chapter 8 मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट

Textbook Questions and Answer

1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें

(i) प्रत्येक दिन के लिए भारत के मौसम मानचित्र का निर्माण कौन-सा विभाग करता है ? 
(क) विश्व मौसम संगठन
(ख) भारतीय मौसम विभाग 
(ग) भारतीय सर्वेक्षण विभाग
(घ) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(ख) भारतीय मौसम विभाग 

(ii) उच्च एवं निम्न तापमापी में कौन-से दो द्रवों का प्रयोग किया जाता है ? 
(क) पारा एवं जल
(ख) जल एवं अल्कोहल 
(ग) पारा एवं अल्कोहल.
(घ) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(ग) पारा एवं अल्कोहल.

(iii) समान दाब वाले स्थानों को जोड़ने वाली रेखाओं को क्या कहा जाता है ?
(क) समदाब रेखाएँ 
(ख) समवर्षा रेखाएँ 
(ग) समताप रेखाएँ 
(घ) आइसोहेल रेखाएँ। 
उत्तर:
(क) समदाब रेखाएँ 

(iv) मौसम पूर्वानुमान का प्राथमिक यंत्र है
(क) तापमापी
(ख) दाबमापी
(ग) मानचित्र
(घ) मौसम चार्ट।
उत्तर:
(घ) मौसम चार्ट।

(v) अगर वायु में आर्द्रता अधिक है, तब आई एवं शुष्क बल के बीच पाठ्यांक का अंतर होगा
(क) कम 
(ख) अधिक 
(ग) समान
(घ) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(क) कम 

2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए।

(i) मौसम के मूल तत्त्व क्या हैं ?
उत्तर:
मौसम के मूल तत्वों के अन्तर्गत तापमान, वायुदाब, पवन, आर्द्रता तथा मेघ को प्रमुख रूप से सम्मिलित किया जाता है।

(ii) मौसम चार्ट क्या है ?
उत्तर:
विभिन्न मौसम वेधशालाओं से प्राप्त आँकड़ों को जब एक चार्ट पर कोडिंग के द्वारा दिखाया जाता है तो उन्हें मौसम चार्ट कहा जाता है। कोडिंग के द्वारा कम स्थान में अधिक सूचनाएँ देकर मौसम चार्ट की उपयोगिता बढ़ जाती है।

(iii) वर्ग 1 की वेधशालाओं में सामान्यतया कौन-सा यन्त्र मौसम परिघटनाओं के मापने के लिए होता है ?
उत्तर:
वर्ग-1 की वेधशालाओं में सामान्यता मौसम परिघटनाओं के मापने के लिए निम्नलिखित 5 यन्त्रों का उपयोग किया जाता है

  1. अधिकतम एवं न्यूनतम तापमापी, 
  2. पवनवेगमापी तथा वात-दिग्दर्शी, 
  3. शुष्क एवं आर्द्र बल्ब तापमापी, 
  4. वर्षामापी, 
  5. वायुदाबमापी। 

(iv) समताप रेखाएँ क्या हैं? 
उत्तर:
समान तापमान वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाओं को समताप रेखा कहा जाता है।

(v) निम्नलिखित को मौसम मानचित्र पर चिह्नित करने के लिए किस प्रकार के मौसम प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है ?
(क) धुंध, 
(ख) सूर्य का प्रकाश,
(ग) तड़ित, 
(घ) मेघों से ढका आकाश। 
उत्तर:
मौसमीय दशा
(क) धुंध
(ख) सूर्य का प्रकाश 
(ग) तड़ित
(घ) मेघों से ढका आकाश 

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3. निम्न प्रश्नों के उत्तर लगभग 125 शब्दों में दीजिए। 

(i) मौसम मानचित्रों एवं चार्टी को किस प्रकार तैयार किया जाता है तथा ये हमारे लिए कैसे उपयोगी हैं ?
उत्तर:
मौसम मानचित्र-पृथ्वी के किसी भाग की मौसमीय दशाओं का समतल धरातल पर प्रदर्शन करने वाला मानचित्र मौसम मानचित्र कहलाता है।
मौसम सम्बन्धी मापन यन्त्रों की सहायता से किसी स्थान की मौसम की दशाओं की एक निश्चित अवधि या एक दिन के लिए जानकारी संग्रहीत की जाती है जिन्हें उस क्षेत्र के मानचित्र पर मान्य मौसमीय चिह्नों की सहायता से प्रदर्शित किया जाता है। मौसम मानचित्र पर प्रमुख रूप से समवायुदाब रेखा, मेघों के प्रकार, वायु दिशा एवं वेग, वर्षा की मात्रा एवं प्रकार, तापमान का सामान्य से विचलन या समुद्र की दशाएँ प्रदर्शित की जाती हैं। निश्चित घण्टों पर लिये गये मौसमीय प्रेक्षणों को कोड के द्वारा पूर्वानुमान केन्द्रों पर भेजा जाता है। केन्द्रीय मौसम कार्यालय इन सूचनाओं का अभिलेखन करता है तथा इसी आधार पर मौसम मानचित्र तैयार किये जाते हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (दिल्ली) की स्थापना के बाद से ही मौसम मानचित्र व मौसम चार्ट नियमित रूप से तैयार किये जाते हैं। 

भारत के विभिन्न स्थानों पर स्थापित मौसम वेधशालाएँ मौसमीय आँकड़ों को पुणे स्थित केन्द्रीय मौसम वेधशाला को दिन में दो बार प्रेषित करती हैं। भारतीय समुद्रों में संचालित कुछ विशिष्ट जलयानों पर भी मौसम सम्बन्धी आँकड़ों का संग्रहण किया जाता है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा अंटार्कटिका में मौसम वेधशाला की स्थापना, भारतीय महासागरीय अभियान एवं संचालन करने तथा रॉकेट व मौसम उपग्रहों के अंतरिक्ष में छोड़े जाने से मौसम पूर्वानुमान एवं प्रेक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मौसम चार्ट-विभिन्न मौसम वेधशालाओं से प्राप्त आँकड़े पर्याप्त एवं विस्तृत होते हैं। अतः इनको एक चार्ट पर बिना कोडिंग के प्रदर्शित नहीं किया जा सकता। कोडिंग के द्वारा कम स्थान में सूचनाएँ देकर चार्ट की उपयोगिता बढ़ . जाती है। इन्हें सिनाप्टिक मौसम चार्ट कहते हैं तथा इन चार्टी में जो कोड प्रयोग में लाए जाते हैं, उसे मौसम विज्ञान प्रतीक कहते हैं। मौसम पूर्वानुमान के लिए मौसम चार्ट प्राथमिक यंत्र होते हैं। उपयोग-मौसम मानचित्र एवं चार्ट हमारे लिए उपयोगी हैं क्योंकि इनसे हमें आने वाले मौसम की पूर्व जानकारी मिलती है। ये हवाई जहाज चालक, नाविक एवं किसानों के लिए बहुत लाभदायक है।

मानचित्र पठन-चित्र 8.12 एवं 8.13 को पढ़ें व निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दें-

(i) इन मानचित्रों में किन ऋतुओं को दिखाया गया है ? 
उत्तर:
मानचित्र (A)8.12 में भारत में शीतऋतु एवं मानचित्र 
(B)8.13 में ग्रीष्मऋतु को दर्शाया गया है।

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(ii) चित्र (A) 8.12 में अधिकतम समदाब रेखा का मान क्या है तथा यह देश के किस भाग से गुजर रही है ?
उत्तर:
चित्र (A)8.12 में अधिकतम समदाब रेखा का मान 1020 मिलीबार है तथा यह रेखा उत्तरी भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य से होकर गुजर रही है।

(iii) चित्र (B)8.13 में सबसे अधिक एवं सबसे न्यून समदाब रेखाओं का मान क्या है तथा ये कहाँ स्थित हैं ?
उत्तर;
चित्र (B)8.13 में सबसे अधिक समदाब रेखा का मान 1010 मिलीबार है तथा यह लक्षद्वीप, केरल व तटीय भाग के पश्चिमी भाग पर स्थित है। इस चित्र में सबसे न्यून समदाब रेखा 996 मिलीबार की है तथा यह पाकिस्तान देश में स्थित है।

(iv) दोनों मानचित्रों में तापमान वितरण का प्रतिरूप क्या है ? 
उत्तर:
चित्र (A)8.12 में तापमान सामान्यतया उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर क्रमशः बढ़ते जाते हैं जबकि चित्र (B)8.13 में तापमान उत्तर में स्थित हिमालय क्षेत्र में कम है तथा यह उत्तरी भारत के मैदानी भागों तथा पश्चिमी राजस्थान की ओर बढ़ते जाते हैं। चित्र (B)8.13 से स्पष्ट है कि भारत के दक्षिणी-पूर्वी तटीय भागों में तापमान अधिक मिलते हैं , जबकि यहाँ से उत्तर-पूर्व दिशा की ओर तापमानों में गिरावट देखी जा सकती है।

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(v) चित्र (A)8.12 में किस भाग का अधिकतम औसत तापमान तथा न्यूनतम औसत तापमान आप देखते हैं ?
उत्तर:
चित्र (A)8.12 में प्रायद्वीपीय भारत के पश्चिमी तटीय भाग (पुणे से दक्षिण की ओर) तथा दक्षिणी तमिलनाडु में अधिकतम औसत तापमान (25° सेग्रे.) मिलते हैं, जबकि भारत के न्यूनतम औसत तापमान भारत के जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखण्ड राज्यों में (10° सेग्रे. से कम) मिलते हैं।

(vi) दोनों मानचित्रों में आप तापमान वितरण एवं वायुदाब के बीच क्या सम्बन्ध देखते हैं ?
उत्तर:
दोनों मानचित्रों में यह देखा जा सकता है कि भारत के जिन भागों में तापमान कम मिलते हैं। वहाँ वायुदाब उच्च मिलता है जबकि उच्च तापमान रखने वाले भाग निम्न वायु दाब वाले क्षेत्र हैं।

प्रत्येक दिन के लिए भारत में मौसम मानचित्र का निर्माण कौन सा विभाग करता है?

ऊपरी वायु प्रेक्षणों को पहाड़ी स्टेशनों, वायुयानों, पायलट - गुब्बारों आदि के द्वारा प्राप्त करके अलग से अंकित किया जाता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना के बाद से ही मौसम मानचित्रों एवं चा को नियमित रूप से तैयार किया जाता है। मौसम वेधशालाएँ आँकड़ों को पुणे स्थित केंद्रीय वेधशाला को दिन में दो बार भेजती हैं।

भारत का मौसम मानचित्र का निर्माण कौन करता है?

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना के बाद से ही मौसम मानचित्रों एवं चार्यों को नियमित रूप में तैयार किया जाता है।

भारतीय मौसम यंत्र को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक कौन कौन से हैं?

(i) भारतीय मौसम तंत्र को प्रभावित करने वाले तीन महत्त्वपूर्ण कारक निम्नलिखित हैं :.
दाब तथा हवा का धरातलीय वितरण जिसमें मानसून पवनें, कम वायुदाब क्षेत्र तथा उच्च वायुदाब क्षेत्रों की स्थिति महत्वपूर्ण कारक है।.
उपरी वायु परिसंचरण में विभिन्न वायु राशियां तथा जेट प्रवाह महत्वपूर्ण तत्व है।.

भारतीय दैनिक मौसम मानचित्र पर वर्षा की मात्रा को कैसे प्रदर्शित किया जाता है?

तीर की दिशा हमेशा वायु के बहाव की दिशा को दर्शाता है (चित्र 8.6)। वर्षामापी वर्षा की मात्रा को वर्षामापी यंत्र द्वारा मापा जाता है। वर्षामापी यंत्र में धातु का सिलिंडर होता है, जिस पर एक गोलाकार कीप लगा होता है।