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नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के तीन दिन के भीतर ‘सेना’ तैयार करने के बयान ने सियासी हलचल मचा दी। साथ ही इस ओर भी ध्यान खींचा कि आखिर सैन्य बलों में जवान और अफसर तैयार करने में कितना समय लगता है। इसी के मद्देनजर दैनिक भास्कर ने सेना की तैयारियों का जायजा लिया और जाना कि क्या वाकई दो-तीन में किसी अनुशासित युवा को युद्ध के लिए भेजा जा सकता है। क्या वाकई तीन दिन में तैयार हो सकते हैं जवान सेना अपने रंगरूट को तमाम मानकों पर खरा उतरने के बाद रेजीमेंटल ट्रेनिंग के लिए भेजती है। वहां उसे 19 माह तक जबरदस्त शारीरिक परिश्रम के दौर से गुजरना पड़ता है। दिन 5 बजे से शुरू होता है और रात 10 बजे तक सप्ताह के सातों दिन यह ट्रेनिंग चलती है। कुल मिलाकर करीब 5 हजार घंटे की कड़ी शारीरिक ट्रेनिंग के बाद सेना का जवान तैयार होता है। यूपीएससी के कठिन परीक्षा को पार कर सेना में जाने वाले अफसर को नेशनल डिफेंस एकेडमी-एनडीए में तीन साल और उसके बाद इंडियन मिलिट्री एकेडमी या ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में एक साल ट्रेनिंग के बाद तैनाती मिलती है।
नौसेना में सेलर की ट्रेनिंग छह महीने के लिए आईएनएस चिल्का प्रशिक्षण स्कूल में होती है। इसके बाद छह माह विभिन्न श्रेणियों की ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है जहां उसे समुद्री सेलिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। एनडीए में 3 साल गुजारने के बाद नौसेना अफसर एक साल नौसैनिक एकेडमी में जाता है। इसके बाद छह माह की सी-कैडेट ट्रेनिंग, छह माह की मिड-सी ट्रेनिंग होती है। अर्धसैनिक बल : 52 हफ्ते की ट्रेनिंग और 32 विषयों में पारंगत होना जरूरी अर्धसैनिक बल में भर्ती के बाद एक जवान को 44 से 52 हफ्ते का बेसिक कोर्स कराया जाता है। यह समय हर अर्धसैनिक बल में अलग-अगल है। मसलन, सीआरपीएफ में जहां जवानों का बेसिक कोर्स 52 हफ्तों का होता है, वहीं आईटीबीपी और एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) में यह अवधि 44 हफ्ते की है। बेसिक कोर्स के बाद तैनाती दी जाती है। इसके बाद हर एक से दो साल में जवानों को स्पेशलाइजेशन और रिर्फेशर कोर्स कराया जाता है। जिसकी अवधि छह हफ्ते से 12 सप्ताह के बीच होती है। - सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार अर्धसैनिक बलों के जवानों के प्रशिक्षण के लिए डीओपीटी और बीपीआरएंडडी कोर्स तैयार करता है। कोर्स को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहला बेसिक ट्रेनिंग, दूसरा स्पेशलाइज्ड ट्रेनिंग और तीसरा रिफ्रेशर कोर्स। बेसिक ट्रेनिंग के दौरान एक जवान को करीब 32 अलग-अलग विषयों में पारंगत किया जाता है। - फिजिकल, हथियार, फील्ड क्राफ्ट (तैनाती वाले सभी संवेदनशील स्थानों की भौगोलिक स्थित), बैटल क्राफ्ट (युद्ध के दौरान विभिन्न परिस्थितियों से जूझने का प्रशिक्षण), मैप रीडिंग (संवेदनशील और कोड वाले नक्शों को पढने का तरीका) शामिल हैं। - इसके बाद जवानों को एक महीने के जनरल कैंप में भूख और प्यास से जूझने के तरीकों की ट्रेनिंग भी दी जाती है। इस तरह 52 हफ्ते की कड़ी ट्रेनिंग के बाद ही जवान बॉर्डर के लिए तैयार होते हैं। वहीं रिफ्रेशर कोर्स के जरिए अब तक मिल चुके प्रशिक्षण का रिवीजन कराया जाता है। लड़ाकू विमान का एक पायलट तैयार करने में खर्च होते हैं 10 करोड़ वायु सेना में एक लड़ाकू विमान के पायलट के लिए पहले तीन साल एनडीए में, एक साल एयरफोर्स एकेडमी में, छह महीने मिग की आरंभिक ट्रेनिंग में, छह महीने दिन की एडवांस्ड मिग फ्लाईंग में, छह महीने मून लाइट फ्लाइंग में और छह महीने डार्क नाइट फ्लाइंग में लगते हैं। इसके बाद उसे पूरी तरह ऑपरेशनल कहा जाता है। वायु सेना के लड़ाकू विमान के एक पायलट के प्रशिक्षण पर अनुमानित रूप से आठ से दस करोड़ रुपए और हेलीकॉप्टर के पायलट पर करीब 5 करोड़ रुपए खर्च आता है। कितने जवान और अधिकारी - बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) : 2.57 लाख सेना से इस तरह अलग अर्धसैनिक बलों में 6 तरह की फोर्स करती हैं काम - बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ), - इंडो तिब्बतन बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (आईटीबीपी), - सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), - सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ), - सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसएफ), - असम राइफल्स फौजी बनने के लिए सबसे पहले क्या करना चाहिए?फौजी बनने के लिए सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से हाई स्कूल 10 वीं या 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण करें. दसवीं या बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इंडियन आर्मी के लिए अप्लाई करें. और इंडियन आर्मी में सिलेक्ट होने के लिए दौड़, लम्बी कूद का अभ्यास करें. इंडियन आर्मी भर्ती के लिए आवेदन करना होगा.
सैनिकों को तैयार करने में कितने समय लगते हैं?कुल मिलाकर करीब 5 हजार घंटे की कड़ी शारीरिक ट्रेनिंग के बाद सेना का जवान तैयार होता है। यूपीएससी के कठिन परीक्षा को पार कर सेना में जाने वाले अफसर को नेशनल डिफेंस एकेडमी-एनडीए में तीन साल और उसके बाद इंडियन मिलिट्री एकेडमी या ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में एक साल ट्रेनिंग के बाद तैनाती मिलती है।
आर्मी की ट्रेनिंग कैसे की जाती है?जवानों की ट्रेनिंग दो प्रकार की होती है। बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग 20 सप्ताह तक चलती है जिसमे जवान को भारतीय सेना के बारे में सिखलाई के साथ साथ फिजिकल ट्रेनिंग, ड्रिल ट्रेनिंग तथा वेपन ट्रेनिंग सिखाते है। ज्यादा डिटेल के लिए आप नीचे पोस्ट में पढ़ सकते है।
मुझे फौजी बनने के लिए क्या करना चाहिए?आर्मी में भर्ती होने के लिए आपका किसी भी मान्यता प्राप्त विधालय से 10th या 12th पास होना अनिवार्य हैं तभी आप इसमें आवेदन कर सकते है। भारतीय सेना मे आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की न्युनतम उम्र 17 ½ वर्ष व अधिकतम उम्र 21 वर्ष (सैनिक पद के लिए) होनी चाहिए जबकि अन्य पदो के लिए 23 वर्ष होना अनिवार्य हैं।
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