वर्णमाला की परिभाषा देते हुए उसके भेदों पर प्रकाश डालिए - varnamaala kee paribhaasha dete hue usake bhedon par prakaash daalie

Varn Kise Kahate Hain: नमस्कार दोस्तों, अक्सर वर्ण से संबंधित प्रश्न विद्यार्थियों से और प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं और बहुत से लोग प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाते। तो आइए बिना समय गवाएं वर्ण के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

वर्णमाला की परिभाषा देते हुए उसके भेदों पर प्रकाश डालिए - varnamaala kee paribhaasha dete hue usake bhedon par prakaash daalie
varn kise kahate hain?

यहां पर हम वर्ण को निम्न स्टेप्स में जानेंगे, जिससे आप वर्ण को अच्छे समझ सके:

  • वर्ण किसे कहते हैं?
  • वर्ण के कितने भेद होते हैं?
  • वर्ण के उदाहरण

विषय सूची

  • वर्ण किसे कहते हैं?
  • वर्णमाला की परिभाषा
  • वर्ण और वर्णमाला में अंतर
  • वर्ण के कितने भेद होते हैं? (varn ke bhed)
  • अरबी फारसी के वर्ण
  • वर्णों की मात्राएं

वर्ण किसे कहते हैं?

वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha): वर्ण उस मूल ध्वनि को कहा जाता है, जिसके खंड व टुकड़े नहीं किये जा सकते हैं। वर्णों की इकाइयां हमेशा समान रहती हैं, परंतु इन्हें अलग-अलग भागों में विभाजित नहीं किया जा सकता। यह सभी वर्ण खुद में ही अपनी एक विशेष भूमिका अदा करते हैं।

दूसरे शब्दों में बात करें तो वर्ण ध्वनि के वे सूक्ष्म रूप होते हैं, जिन्हें विभाजित नहीं किया जा सकता और इन्हें कभी भी खंडों में विभक्त नहीं किया जा सकता, इसे ही वर्ण कहते हैं। वर्णों के मौलिक रूप को मिलाकर एक साथ कहने को अक्षर कहते हैं और इस से बने हुए शब्दों के उच्चारण को ध्वनि कहते हैं।

अर्थात मानव के द्वारा प्रस्तुत की गई सार्थक व अर्थ से परिपूर्ण ध्वनि को भाषा की संज्ञा दी जाए और भाषा को चिन्हों के द्वारा लिखी गयी भाषा मे परिवर्तित किया जाए, इसी चिन्ह को वर्ण कहा जाता है।

वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई होती है व इसके टुकड़े या खण्ड नहीं किये जा सकते हैं। जैसे:- क, ख, व, च, प आदि।

आइए अब हम उदाहरण के द्वारा मूल ध्वनियों और उसके वर्णों को स्पष्ट कर सकते हैं। जैसे:- काम (क + आ + म + अ) में चार मूल ध्वनियां हैं।

वर्णमाला की परिभाषा

अब तक हम सभी लोगों ने वर्णमाला के वर्णों के विषय में जाना अब हम आइए जानते हैं कि वर्णमाला क्या होती है? भाषा के ध्वनि चिन्हों के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है, हिंदी भाषा की वर्णमाला में 47 वर्ण माने गए हैं, इन 47 वर्णों में 35 व्यंजन और 10 स्वर होते हैं।

वर्ण और वर्णमाला में अंतर

वर्णमाला पर ही पूरी दुनिया के अलग-अलग भाषाओं का सार निर्भर होता है, परंतु स्वयं वर्णमाला वर्णों पर निर्भर होती है क्योंकि वर्णों के मेल से ही वर्णमाला बनता है।

हिंदी ही नहीं बल्कि समस्त भाषाओं को समझने के लिए हमें वर्णो का ध्यान करना जरूरी होता है और वर्णों के ज्ञान के बाद हम सभी लोग वर्णमाला सीखते हैं और वर्णों के ही क्रमबद्ध समूह को वर्णमाला कहते हैं।

सम्पूर्ण हिंदी वर्णमाला के लिए यहाँ क्लिक करें।

वर्ण के कितने भेद होते हैं? (varn ke bhed)

हिंदी भाषा के अनुसार वर्ण 2 प्रकार के होते हैं।

  • स्वर
  • व्यंजन

स्वर किसे कहते हैं?

स्वर की परिभाषा: वह वर्ण जिनके उच्चारण के लिए कोई अन्य वर्ण की सहायता की जरूरत नहीं पड़ती, उसे स्वर कहते हैं।

जब भी हम स्वर का उच्चारण करते हैं तो हमारे कंठ और तालु का ही प्रयोग किया जाता है, जीभ व होंठ का उपयोग नहीं किया जाता है।

जैसे:- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः, ऋ, ॠ, ऌ, ॡ आदि होते हैं।

स्वर के कितने भेद होते है?

स्वर के 2 प्रकार होते हैं।

  1. मूल स्वर
  2. संयुक्त स्वर

मूल स्वर

मूल स्वर – अ ,आ ,इ ,ई ,उ ,ऊ, ए , ओ।

मूल स्वर 3 प्रकार के होते हैं।

  1. हस्व स्वर
  2. दीर्घ स्वर
  3. प्लुत स्वर

हस्व स्वर:- इनके उच्चारण में समय बहुत ही कम लगता है, इसलिए इन्हें हस्व स्वर कहते हैं। जैसे – अ, इ, उ।

दीर्घ स्वर: इन स्वरों का जब हम उच्चारण करते हैं तो इनमें हस्व स्वर से कही ज्यादा समय का उपयोग होता है, इसलिए इन्हें दीर्घ स्वर कहा जाता है। जैसे – आ, ई,ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, लृ आदि।

प्लुत स्वर: इस स्वर का उच्चारण जब हम करते हैं तो इसमें हस्व स्वर व दीर्घ स्वर से अधिक समय लगता है, इसलिए इन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है। जैसे – ओउम

संयुक्त स्वर

संयुक्त स्वर- ए (अ+ए) और औ (अ+ओ)।

व्यंजन किसे कहते हैं?

व्यंजन की परिभाषा: व्यंजन की परिभाषा के अनुसार जिन वर्णों के उच्चारण में स्वरों की सहायता ली जाती है, उसे व्यंजन कहा जाता है। जितने भी व्यंजन वर्ण होते हैं, उनका उच्चारण बिना स्वर के संभव नहीं है।

जैसे- क, ख, ग, च, द, म, भ, त, थ आदि।

यह भी पढ़े: स्वर किसे कहते हैं? (परिभाषा और भेद)

व्यंजन के कितने भेद होते है?

व्यंजन 3 प्रकार के होते हैं।

  • स्पर्श व्यंजन
  • अंतःस्थ व्यंजन
  • उष्म व्यंजन

स्पर्श व्यंजन (Sparsh Vyanjan): स्पर्श व्यंजन की बात करें तो क से म तक के जो वर्ण होते हैं, उन्हें हम स्पर्श व्यंजन कहते हैं। यह कंठ, तालु, दांत, ओष्ठ के स्पर्श से भी बोले जाते हैं, जिस कारण इन्हें वर्गीय व्यंजन भी कहा जाता है।

स्पर्श व्यंजन 5 वर्गों के अंतर्गत विभाजित होते हैं।

  1. क वर्ग:- क, ख, ग, घ, ङ
  2. च वर्ग:- च, छ, ज, झ, ञ्
  3. ट वर्ग:- ट, ठ, ड, ढ़, ण
  4. त वर्ग:- त, थ, द, ध, न
  5. प वर्ग:- प, फ़, ब, भ, म

अन्तःस्थ व्यंजन (Antastha Vyanjan): अन्तःस्थ व्यंजन अर्धस्वर व्यंजन भी कहलाते हैं, इनका उच्चारण जीभ तालू दांत और होंठ के परस्पर हटाने से होता है लेकिन पूरी तरह से स्पर्श नहीं होता है।

जैसे- य, र, ल, व।

उष्म व्यंजन (Ushma Vyanjan): यह चार होते हैं, उष्म व्यंजन का उच्चारण मुह से गर्म सांस लेने से निकलता है। जैसे – श, ष, स, ह।

संयुक्त व्यंजन (Sanyukt Vyanjan):

  • क + ष = क्षा – क्षत्रिय, क्षमा
  • त + र = त्र – त्रस्त, त्राण, त्रुटि
  • ज़ + ञ = ज्ञ – ज्ञानी यज्ञ अज्ञान
  • श + र = श्र – श्रीमान, श्रीमती, परिश्रम, श्री

यह भी पढ़े: व्यंजन किसे कहते हैं? (परिभाषा और भेद)

अरबी फारसी के वर्ण

अरबी फारसी के वर्ण की बात करें तो यह 4 होते हैं।

  • फ़, ग़, ज़, ख।

वर्णों की मात्राएं

इन सभी चिह्नो को वर्ण मात्रा कहते हैं। वर्णो की मात्रा मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित है, जिनका विवरण नीचे निम्नलिखित है;

  1. लघु मात्रा
  2. दीर्घ मात्रा

लघु मात्राएं

इन सभी मात्राओं को वर्ड समूह के व्यंजन ग से समझते हैं।

ग + इ = गि

ग + उ = गु

ग + ए = गे

ग + ओ = गो

यह सभी लघु मात्राओं के प्रकार है, इन सभी का उच्चारण बहुत ही झटके के साथ किया जाता है, अर्थात इनका उच्चारण तीव्रता के साथ करते हैं।

दीर्घ मात्राएं

ग + आ = गा

ग + ई = गी

ग + ऊ = गू

ग + ऐ = गै

ग + औ = गौ यह सभी दीर्घ माताओं के उदाहरण हैं और इन सभी का उच्चारण आराम से और आसानी के साथ किया जा सकता है।

हमने क्या सीखा?

हमने यहां पर वर्ण की परिभाषा क्या होती है (Varn Kise Kahate Hain), वर्ण कितने प्रकार के होते हैं (varn ke kitne bhed hote hain), वर्ण के उदाहरण आदि के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की है।

उम्मीद करते हैं कि आपको वर्ण किसे कहते हैं उदाहरण सहित अच्छे से समझ आ गया होगा। यदि आपका कोई इससे जुड़ा सवाल है तो कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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Rahul Singh Tanwar

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वर्णमाला किसे कहते हैं और इसके कितने भेद होते हैं?

वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिन्दी में उच्चारण के आधार पर ५२ वर्ण होते हैं। इनमें ११ स्वर और ४१ व्यञ्जन होते हैं। लेखन के आधार पर ५६ वर्ण होते हैं इसमें ११ स्वर , ४१ व्यञ्जन तथा ४ संयुक्त व्यञ्जन होते हैं

वर्ण और वर्णमाला की परिभाषा क्या है?

लिपि को वर्ण-संकेत भी कहते हैं। हिन्दी में 52 वर्ण हैं। वर्णमाला- वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। इसे हम ऐसे भी कह सकते है, किसी भाषा के समस्त वर्णो के समूह को वर्णमाला कहते हैै।

वर्ण की परिभाषा क्या है?

वर्ण की परिभाषा (Varn ki Paribhasha) ध्वनियों के वे मौलिक और सूक्ष्मतम रूप जिन्हें और विभाजित नहीं किया जा सकता है, उन्हें वर्ण कहा जाता है। वर्ण के मौखिक रूप को ध्वनि एवं लिखित रूप को अक्षर कहते हैं। जैसे – क् , ख्, ग् , अ, ए इत्यादि।

वर्णमाला में तीन प्रकार के वर्ण कौन कौन से होते हैं?

वर्गों के उच्चारण स्थान.