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Arithmatic? Also Raed This Article:-Questioning teaching method in math
About AuthorSatyamAbout my self I am owner of Mathematics Satyam website.I am satya narain kumawat from manoharpur district-jaipur (Rajasthan) India pin code-303104.My qualification -B.SC. B.ed. I have read about m.sc. books,psychology,philosophy,spiritual, vedic,religious,yoga,health and different many knowledgeable books.I have about 15 years teaching experience upto M.sc. ,M.com.,English and science. We use cookies on our website to give you the most relevant experience by remembering your preferences and repeat visits. By clicking “Accept”, you consent to the use of ALL the cookies. गणित में मौखिक कार्य क्या है?मौखिक गणित का अर्थ (Meaning of oral Mathematics)-
मौखिक गणित में प्रश्न पूछने पर गणना बोलकर की जाती है अथवा गणना का उत्तर बोलकर दिया जाता है। कक्षा में समस्याओं को हल करते समय अध्यापक छात्रों से अनेक प्रश्न पूछकर पदों को श्यामपट्ट पर लिखता है तथा छात्र मौखिक रूप से अध्यापक के प्रश्नों के उत्तर बोलकर देते हैं।
गणित में लिखित और मौखिक कार्य का क्या महत्व है?गणित के प्रश्नों को हल करने में मौखिक और लिखित कार्य एक दूसरे के विरोधी नहीं है बल्कि एक दूसरे के पूरक हैं। (2.) गणित के प्रश्नों को बिना पैन व कागज के हल करना मौखिक कार्य होता है तथा पैन व कागज पर प्रश्नों को हल करना लिखित कार्य होता है।
गणित के लाभ क्या है?वास्तविक रूप से गणित विषय को इतना अधिक महत्व देने, अनिवार्य विषय बनाने तथा इसके अध्ययन से बच्चों को विभिन्न लाभ होते हैं, जिनको हम गणित शिक्षण के मूल्य भी कहते हैं।. बौद्धिक मूल्य ... . प्रयोगात्मक मूल्य ... . अनुशासन संबंधी मूल्य ... . नैतिक मूल्य ... . सामाजिक मूल्य ... . सांस्कृतिक मूल्य ... . कलात्मक मूल्य ... . जीविकोपार्जन संबंधी मूल्य. गणित में अभ्यास कार्य का क्या महत्व है?निरंतर अभ्यास के द्वारा विद्यार्थियों में स्पष्ट ज्ञान एवं उपयोग करने की क्षमता का प्रादुर्भाव होता है। यह बहुधा देखने में आता है कि गणित के विद्यार्थी गणित की छोटी-छोटी गणना करने में असमर्थ रहते हैं तथा गणित में अनेक अशुद्धियां करते हैं। अभ्यास के बिना गणित के कार्य में वेग तथा परिशुद्धता दोनों की कमी रह जाती है।
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