एक वस्तु के घूर्णन अक्ष पर स्थित किसी कण का रेखीय वेग क्या होगा? - ek vastu ke ghoornan aksh par sthit kisee kan ka rekheey veg kya hoga?

हेलो फ्रेंड को शिमला की एक वस्तु शुद्ध घूर्णन गति कर रही है तो ठीक है क्वेश्चन बोला गया दिखे ध्यान देने की बात है कि शुद्ध घूर्णन गति कर रहा ठीक है आगे बढ़ते क्वेश्चन को तो वस्तु की किसी कारण की चाल भी लड़की * अच्छे से दूरी जो है आ रहे हैं तथा वस्तु की कौड़ी विवेक जो है ओमेगा है तो मैं संबंध जो होता हमारा क्या होता है वह मेगा पावर विभागीय तार होते हैं तो बताना बताना है कि चारों ऑप्शन दिए गए हैं इनके कौन सा हमारा जो है विकल्प सही हो गए बताना है तो लेकिन समझते हैं कि शुद्ध घूर्णन गति होता क्या है तो उसके बाद हम इस प्रश्न का आंसर दे सकते तो मेरा कोई है क्या कोई पिंड है जो की घूर्णन गति कर रहा है रे घूर्णन गति कर रहा है ठीक है तो छोड़िए क्या होगा चाल होगा थोड़ी चलेगा किसी बिंदु का kodi1 भी होगा मेरी कृपया इस तरीके से जिसकी त्रिज्या कितनी है आर है यदि मान लीजिए क्या कर रहा है सब उन्नति कर रहा है इसका

तात्पर्य है कि जो यह केवल घूर्णन गति कर रहा है रे की गति नहीं कर रहा है पूरा पिंड जो है रे की गति नहीं कर रहा है की गति नहीं करेगा तो इसका उदाहरण देख सकते हैं कि जैसे कि हमारा गाड़ी के चक्का जब हम गाड़ी चेक की है या फिर बोल सकते हैं हमारे साइकिल का टायर जब साइकिल को स्टैंड कट लगाकर पढ़ना चलाते हैं तुझे घूर्णन गति होती है वह कम बोल सकते हैं क्या होती है वह हमारी शुद्ध वर्णन करती है ठीक है वह एक बार उधर हो सकता है वह हमारे को हम समझते हैं वह उसका कुड़ी चाल होता है उसका कुड़ी चाल उसके त्रिज्या पर निर्भर करता है कि नहीं करता या फिर करता है तो अनुक्रमानुपाती होता है कि वह तुरंत पति होता है या फिर उसका को d240 होता है तो हम देखे तू कुड़ी है चार्ज होता तो क्या होता है जैसे माली जी में एक बिंदु लेता हूं यहां पर स्पीड पर बिंदु लिया

और यह बिंदु जो है कुछ समय पश्चात डीडी समय पश्चात 3dt समय पश्चात यहां पर आ गया ठीक है माली जी बिंदु यह है बिंदु ए से बी तक चला गया तो इस ड्यूटी समय पश्चात के बाद जो है उसकी कोड़ी विस्थापन जितनी होगी हुई होगी वहीं इसी कोड़ी विस्थापन की दर को क्या बोलते हैं हमारी चाल कहते हैं ठीक है तो इंग्लिश के यहां क्रेडिट इटावा गीति हो जाएगा मेरा तो देखिए हमारा जो कोड़ी चाल है वह समय पर निर्भर कर रहा है और कितना कोड़ी विस्थापन हो रहा इस पर निर्भर कर रहा है ना कि हमारे त्रिज्या फिर भाकरीचा पर निर्भर नहीं कर रहा है ठीक है त्रिज्या पर निर्भर नहीं कर रहा है ठीक है नहीं कर रहा है

तुम बोल सकते हैं यहां से कि ना तो वह बेहतर बन पाती होगा त्रिज्या की थी और ना ही वह अनुक्रमानुपाती होगा और हमारा कोई चाल तो जीरो हो ही सकता यदि औसत गति कर रहा है तू कुड़ी 40 हो नहीं सकता तो यहां से मन आंसर क्या बनेगा कि जो हमारे को रिचार्ज है को रिचार्ज है उत्तरी जब आर पर निर्भर नहीं करता धन्यवाद

Solution : माना की कोई पिण्ड किसी घूर्णन अक्ष के परितः `omega ` कोणीय वेग से घूर्णन कर रहा है। इस पिण्ड के सभी कणों का कोणीय वेग समान `(omega)` होगा, परन्तु प्रत्येक कण का रेखीय वेग भिन्न होगा। यदि पिण्ड के घूर्णन अक्ष से दूरी r पर किसी कण का द्रव्यमान m और रेखीय वेग v हो, तब उसकी <br> गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)mv^(2)` <br> गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)mr^(2)omega^(2)" " [because v=r omega]` <br> अतः पिण्ड की गतिज ऊर्जा `=Sigma(1)/(2)mr^(2)omega^(2)` <br> `therefore ` पिण्ड की गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)omega^(2)Sigmamr^(2)" "` ...(1) <br> `therefore ` पिण्ड की गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)omega^(2)I " "` यही अभीष्ट व्यंजक है। <br> जड़त्व आघूर्ण की परिभाषा - <br> समी (1 ) से स्पष्ट है कि यदि `omega=1` हो तो <br>घूर्णन गतिज ऊर्जा `=(1)/(2)xx I` <br> या जड़त्व आघूर्ण `I=2xx` घूर्णन गतिज ऊर्जा <br> अतः "किसी दृढ़ पिण्ड का किसी अक्ष के परितः जड़त्व आघूर्ण, उस पिण्ड कि घूर्णन गतिज ऊर्जा के दुगने के बराबर होता है, जबकि पिण्ड उस अक्ष के परितः एकांक कोणीय वेग से घूम रहा है।"

दोस्तों ने सवाल दिया गया है कि पृथ्वी ने अपने अच्छे के परिचय घूमने के कारण पहला विश्वत रेखा दूसरा ध्रुव पर स्थित किसी कारण के लिए पहले कॉनिवेद दूसरे की भीड़ होती है अभी किंडर त्वरण ज्ञात करना है पृथ्वी की त्रिज्या में दी है 64 किलोमीटर है तो आइए हम इस प्रश्न को हल करते थे पहले लिखेंगे घूर्णन का आवर्तकाल ठीक है गोल्डन का आवर्तकाल ठीक है दोस्तों इसे हम कैसे दिखाते हैं * कॉल कर इसे हम दिखाते हैं कैपिटल ट से कितना है बस 24 घंटे ठीक है 24 घंटे ठीक है तुझको मैंने सेकंड में बदल लीजिए 24 घंटे हो गया और 1 घंटे में कितने मिनट 60 मिनट और 1 मिनट में कितने सेकंड 60 सेकंड कितने आगे वाला सेकंड में आ गए ठीक है पहला हमें निकालना क्या है विषुवत रेखा पर ठीक है तो लिखते हैं विश्वत रेखा पर स्थित करने के लिए विषुवत रेखा पर स्थित खंड के लिए स्थित

कल के लिए हमें निकालना है ठीक है पहले नंबर तो आज ही निकालते हैं वैसे भी हमारे पास होता है और बराबर कितना दिया है मैं और बराबर हमारे पास दिया है 64 किलोमीटर को मीटर में 1 अंकों 10 की घात 3 मीटर हमारे पास आ जाएगा ठीक है तो पहला में क्या निकालना पहला में निकालना है कौन विवेक का यह पहला निकालते हैं हमको ही वह ठीक है शाम को ही भेज निकालेंगे तो उसको निकालने के लिए और परसों सूत्र होता है होता है ओमेगा बराबर टू पाई बटे कैपिटल ठीक है ओमेगा में निकालना है दो पाई का मान होता है हमारे पास कितना हम 22:00 बजे साथ ठीक है ठीक है हमारा भी हमने निकाला है ऊपर कितना 24 * 7 * 60 जो कि हमारा क्या है आवरतकाल ही दिखे भी निकाला हुआ है ठीक है जब आप इसको हल करेंगे तो हंसो ओमेगा बराबर आ जाएगा 7.27 * 10 की घात - 5 रेडियन

पर सेकंड हमारा जाएगा ओमेगा कमाने रिकॉर्डिंग हमारा आ जाएगा इसके बाद हमें क्या निकालना है इसके बाद हमें निकालना है कोई भी को कब रखी भी कमी निकालना है तो दिखा लिए रेकी वडाली रेखीय वेग तुझको निकालने के पास जो सोता है वह होता है वी बराबर आर ओ मेघा ठीक है और कितना किलो उड़द 10 की घात 3 ओमेगा हमने कितना निकाला है 7.27 * 10 की घात - 5 हमारा जोर एक ही वह हमारा भी आएगा वह आ जाएगा हमारा 4.65 * 10 की घात 2 मीटर पर सेकंड हमारा जाएगा यहां पर एक ही वह ठीक है उसके बाद हमें तीसरा नंबर का निकालना है हमें निकालना है अभिकेंद्र त्वरण निकालते हैं ना सीने में डार्लिंग क्या अभिकेंद्र त्वरण त्वरण अभिकेंद्र त्वरण हमें निकालना है तो आइए निकालते हैं

तुझ को निकालने के लिए हमारे पास सूत्र होता है वह होता है यह बराबर आर ओमेगा स्क्वायर हमारा अभिकेंद्र त्वरण है ठीक है और कमाना में दिया हुआ कितना अच्छा हो 60 * 10 की घात 3 ठीक है इस बात पर हमने कितना निकाला हुआ सॉरी हमने उन्हें में कितना निकाला निकाला यहां पर 2.27 * 10 की घात - 507.27 है ठीक है 7.27 जवाब इसको हल करेंगे तो आपको एक बराबर यहां से आ जाएगा शायद हमारा क्या जा गया तो हर जगह जहां पर वर्गमूल हो जाए उस पर हो जाएगा जाएगा जाएगा 3.38 * 10 की घात - 2 मीटर पर सेकंड ठीक है यार का गया यह हमारा भी कैंडल तोरण आ गया है ठीक है अब हमें क्या निकालना है देखते हैं ऊपर प्रश्न का निकालना है ठीक है अभी निकालना है ध्रुव पर स्थित किसी काम के लिए हमें क्या निकालना है गाड़ी भेज रखी है और अभी कैंडल थोड़ा समय निकाल नादुर्बर स्थिति सीकर के लिए कोई

निकालते हैं सेकंड नंबर से सेकेंड नंबर दो पर स्थित किसी कण के लिए यहां पर लिख देते हैं ध्रुव पर स्थित किसी कार्य के लिए हमें निकालना निकालते हैं इसके लिए भी तो हम जानते हैं कि दूर पर स्थित किसी करने के लिए जो हमारा घूमते हुए पिंड के 2% टी-शर्ट कोकण होते हैं उनका जो करीब एक होता है वह हमारा समय समय समान होता है तो यहां से हमारा जो पहला कोणीय वेग आएगा वह कितना आएगा रे ज्ञानी जो हमारा ओमेगा आएगा वही से बराबर हो जाएगा ऊपर वाले के नहीं 7.27 * 10 की घात - 5 रेडियन पर सेकंड आएगा कि विषुवत रेखा पर जो हमारा काम है उसका कोणीय वेग और ध्रुव पर इस्थित किसी कण के लिए जो हमारा कुनीबेकू था उधर क्या होते हैं समान होते हैं ठीक है हमारा एक ए आर वाई हमें क्या निकालना है मैं भी नंबर निकालना है क्या निकालना है देखिए देखिए

वैज्ञानिक इसका जिंदगी भी निकालने का है नहीं भी हमें निकालने का सूत्र होता है बराबर आर होने का और ध्रुव पर इस्थित किसी कण के लिए हमारा जो आर होता है वह क्या होता है और हमारा जीरो हो जाएगा केंद्रों पर स्थित किसी कण के लिए तो आवारा आर एस के लिए क्या होता है जीरो होता तो यहां और बराबर जब रखेंगे दवा रविवार क्या हो जाएगा जीरो हो जाएगा ठीक है तीसरा हमें निकालना है इसी नंबर अभिकेंद्र त्वरण चलना है अभिकेंद्र त्वरण हमें निकालना है इसके लिए और वसु छोड़ता है यह बराबर आर ओ में 1 स्क्वायर बराबर जीरो है तो अभिकेंद्र त्वरण जो हमारा क्या हो जाएगा यह भी जीरो हो जाएगा यही हमें निकालना है हमारे उत्तर है धन्यवाद

घूर्णन अक्ष पर स्थित किसी पिंड के कण का रैखिक वेग क्या होगा?

द्रव्यमान m के एक कण को गति `y=ut+(1)/(2)g t^(2)` से वर्णित है ।

घूर्णन से आप क्या समझते हैं?

पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है। सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं । पृथ्वी का अक्ष एक काल्पनिक रेखा है, जो इसके कक्षीय सतह से 66½° का कोण बनाती है। वह समतल जो कक्ष के द्वारा बनाया जाता है, उसे कक्षीय समतल कहते हैं

घूर्णन का केंद्र क्या है?

जब कोई वस्तु घूर्णन करती है, तो उसके आकार और माप में कोई परिवर्तन नहीं होता है । घूर्णन उस वस्तु को एक निश्चित बिंदु के चारों तरफ घुमाता है । यह निश्चित बिंदु घूर्णन का Page 7 सममिति केंद्र (centre of rotation) कहलाता है ।

घूर्णन गति के दो प्रकार कौन से हैं?

घूर्णन किसी ऐसी अक्ष के परितः हो सकता है जो स्थिर हो (जैसे छत के पंखे में) या फिर एक ऐसी अक्ष के परितः जो स्वयं घूमती हो (जैसे इधर से उधर घूमते मेज के पंखे में) । इस अध्याय में हम एक स्थिर अक्ष के परितः होने वाली घूर्णी गति का ही अध्ययन करेंगे।