कान के पीछे गाँठ होना एक गंभीर समस्या हो सकती है, लेकिन समय रहते यदि इसका इलाज करा लिया जाए, तो इससे छुटकारा पाया जा सकता है। Show
गाँठ से आपको दर्द महसूस हो भी सकता है या हो सकता है आपको पता भी ना चले या फिर ऐसा भी हो सकता है कि यह किसी प्रकार का संकेत हो जिसके बारे में आपको जानकारी न हो। इस लेख में उन तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई है जिससे आपको ये गांठ होने का कारण पता चल सकें और साथ ही इसको ठीक करने के घरेलू उपचार के बारे में भी जानकारी दी गई है। विषय-सूचि
कान के पीछे गांठ होने के लक्षण:सबसे सामान्य लक्षण कान के पीछे या कान के पास धब्बा दिखना है जिसमें दर्द हो भी सकता है या नहीं भी, यह हर इंसान के लिए अलग हो सकता है। कान के पीछे गाँठ होने के लक्षण निम्न:
कान के पीछे गांठ होने के कारण :ऊपर दिए गए लक्षणों के अलावा और भी कई कारण हो सकते है जिनकी वजह से गांठ होती है : 1. मुहांसे : कई बार आपके छिद्र बन्द होने की वजह से आपको मुहांसे की शिकायत हो सकती है, जो बाद में गांठ का रूप धारण कर लेती है। लेकिन यह दर्दनायक हो भी सकती है और नहीं भी। लेकिन इसे नजरअंदाज न करें और समय पर इसका इलाज़ करें। 2. लंपहदेनोपथी : यह ऐसी अवस्था है जिसमें लिंफ नोड्स में सूजन आ जाती है। संक्रमण की वजह से नोड्स में सूजन आ जाती है या कई बार कान के पीछे जो नॉड होती है वो गांठ जैसी लगने लग जाती है जो अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन यदि वह लंबे समय तक ठीक ना हो तो डॉक्टर के पास ज़रूर जाएं। 3. संक्रमण : यदि आपको गले में सूजन या संक्रमण होता है तो आशंका है कि वो कान पीछे गांठ बन जाए। 4. लीपोमा : लिपोमा चर्बी का एकत्रित होना है और त्वचा की परतों के बीच दिखाई देता है। यह खुद से ठीक हो जाता है और बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। 5. अल्सर : यदि आपके शरीर में कोई नष्ट कूप या फिर कोई चर्बीदार ग्रंथि है तो फिर आपकी तव्चा मृत हो चुकी त्वचा को आसानी से बाहर नहीं निकलेगी। इसके बजाय यह खुद ही पुनर्निर्माण करती रहेगी जिससे अल्सर बनने की शिकायत होती है। 6. फोड़ा : अल्सर की तरह फोड़ा भी तरल पदार्थ। से भरा होता है। हालांकि फोड़े में अंदर मवाद भरी होती है। मवाद संक्रमण के कारण होती है और आपको इसे बाहर निकालना होगा ताकि पीड़ा न हो। 7. मस्टॉयडितिस : मस्टॉयड कान के पीछे की एक हड्डी है। कई बार जब आप संक्रमण का शिकार होते है वह मस्टॉइड हड्डी तक पहुंच जाता है और वहां फिर गांठ पैदा करता है। 8. फोड़ा : जब कोशिकाएं बहुत तेजी से विकास करके फैलती है तो फोड़ा बनता है। यह सौम्य या फिर घातक भी हो सकता है, लेकिन यह सबसे जरूरी है कि आप डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। 9. त्वचा की ऊपरी परत में सूजन : यदि आपकी त्वचा की डरमल परत में सूजन आती है तो वह गांठ का रूप धारण सकती है। 10. कैंसर : कान के पीछे होने वाली गांठ से बाद में कैंसर भी हो सकता है। कान के पीछे गांठ ठीक करने के लिए घरेलू उपचार:यहां पर कान के पीछे होने वाली गांठ को ठीक करने के कुछ घरेलू उपाय है लेकिन आप इसे किसी डॉक्टर के पास अवश्य दिखाएं। 1. अलसी के बीजअलसी के बीज कान के पीछे होने वाली गांठ को ठीक करता है, लेकिन आपको उसे बार – बार प्रयोग करना होगा। प्रयोग करने की विधि :
2. सूखा आलूबुखारासूखा आलूबुखारा सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है और शरीर को संक्रमण से बचा लेता है। प्रयोग करने की विधि : सूखा आलूबुखारा लेकर उसका जूस बनाकर उसे रोजाना लें और एक सप्ताह के बाद आपको असर देखने को मिलेगा। 3. इसबगोल की छालयह फाइबर से युक्त होता है जो सूजे हुए नोड्स को नरम बनाता है और गांठ के आकार को कम करता है। प्रयोग करने की विधि : इस छाल का पाउडर आपको फार्मेसी से आसानी से मिल जाता है। आप इसे पानी में मिलाकर सुबह खाली पर ले सकते है। यह आपकी गांठ के आकार को कम करता है। 4. एलोवेराएलोवेरा का जेल आपकी त्वचा की देखभाल के लिए बहुत ज़रूरी है। त्वचा से संबंधित सभी बीमारी का इलाज़ आप इससे कर सकते है। प्रयोग करने की विधि :
5. कैस्टर का तेलकैस्टर तेल गांठ के आकार को कम करता है और आस – पास वाले हिस्से को नमी प्रदान करता है ताकि और अधिक गांठे बने। यह प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है। प्रयोग करने की विधि :
6. पपीतापपीता सूजे हुए गांठ को ठीक करने में मदद करता है और इसका बार – बार प्रयोग करने पर यह गांठ कभी नहीं होने देती। प्रयोग करने की विधि :
7. अंजीरअंजीर गांठ को गरमाहस देती है जिससे कि उनका आकार कम हो जाता है। प्रयोग करने की विधि :
8. सेबसबसे बेहतरीन उपाय में से एक है सेब का उपयोग करना। प्रयोग करने की विधि :
9. रहिलारहिला सूजे हुए नोड्स पर लगाने से उसके आकार को कम करता है। ये आपके कान के पीछे हो रही गांठ के आकार को भी कम करता है। प्रयोग करने के विधि :
गाँठ के दौरान क्या-क्या खाएं?आपके खाने की आदतें आपके स्वास्थ्य पर पूरा प्रभाव डालती है। इसलिए पोषक – तत्व से युक्त और संतुलित आहार लेना चाहिए। आप अपने आहार में ये भोजन ज़रूर लें। अदरक, लहसून, मिर्च जो गांठ बनने से रोकते है। आपको पूरे दिन में 3 – 4 गिलास पानी पीना चाहिए। ताकि आपकी किडनी पानी के साथ जहरीले पदार्थ को बाहर निकाल सके और गांठ होने के कम अवसर होते है। हर्बल चाय जैसे अदरक, मनुका और शहद से बनी हुई चाय आपके तंत्र को अच्छा बनाकर रखने में मदद करता है। यह सुबह अधिक फायदेमंद होती है। गेंहू से बना हुआ खाना और शुगर राल की मात्रा बढ़ाता है जिससे गांठ बनने के अधिक अवसर होते है। ऐसे खाने को न खाएं। डॉक्टर को कब दिखाएं ? यदि आपकी गांठ एक सप्ताह से ज्यादा तक रहती है और आपको उसमें दर्द महसूस होता है तो यह संकेत है कि आप इसे जल्दी से डॉक्टर को दिखाएं। Post navigationकान के नीचे गांठ क्यों बनती है?अगर आपके कान में एक गांठ या स्किन सी बन जाती है, तो समझ लें कि यह समस्या सिंपल नहीं है। यह कैंसर होने की शुरुआत है। इस तरह की स्किन समस्याओं को बेसल सेल कार्सीनोमा व घातक मेलेनोमा के नाम से जाना जाता है। जब कैंसर के कान के हिस्सों में पहुंचने लगता है तेज दर्द होता है।
बच्चे के कान के पीछे गांठ क्यों होती है?जब इनफेक्शन होता है, तो मवाद (पीप) पैदा हो जाती है और आपके शिशु के कान के पर्दे पर दबाव पड़ने से इसमें उभार आ जाता है और यह सूज जाता है। इसके बाद शिशु को बुखार हो सकता है, क्योंकि उसका शरीर इनफेक्शन से लड़ने का प्रयास करता है। इस तरह के कर्ण संक्रमण को एक्यूट ओटाइटिस मीडिया कहा जाता है।
गांठ का रामबाण इलाज क्या है?अगर शरीर में बहुत अधिक गांठे है तो शिला सिंदूर 4 ग्राम, प्रभाल पिष्टी 10 ग्राम के साथ मोती और गिलोय मिलाकर सात पूड़िया बना लें। इसे सुबह-शाम खिलाएं। इससे 99 प्रतिशत तक गांठ से निजात मिल जाता है। एक से 3 माह में लाभ मिल जाता है।
कैंसर की गांठ की पहचान कैसे होती है?पेट की गांठ को पेट का कैंसर या स्टमक कैंसर भी कहा जाता है। इस स्थिति में पेट में उभार आ जाता है या फिर पेट में सूजन आ जाती है, ये गांठ के शुरुआती लक्षण होते हैं। इसकी वजह से पेट की गांठ से प्रभावित होने वाला हिस्सा बाहर निकला हुआ दिखता है।
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