डीएम बनने के लिए क्या करना पड़ता है - deeem banane ke lie kya karana padata hai

DM Kaise Bane– यह एक महत्वपूर्ण पद होता है जो किसी भी जिले का मुख्य अधिकारी कहलाता है। DM को समाज में एक समान पूर्व पद माना जाता है। संविधानिक द्वार पर भी यह एक बड़ा और महत्वपूर्ण पद है।‌ इसीलिए वर्तमान समय में अधिकांश युवा DM बनना चाहते हैं। यही कारण है कि DM वर्तमान समय में भारत में काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं। DM का एक अलग ही रुतबा और सम्मान देखने को मिलता है। अगर आप अभी डीएम बनना चाहते हैं, लेकिन आपको नहीं पता के लिए हम कैसे बनते हैं? तो इस आर्टिकल में हम आपको पूरी जानकारी बताएंगे।

अगर हम आसान भाषा में समझें तो DM का अर्थ होता है जिला अधिकारी। किसी भी जिले का मुख्य अधिकारी DM कहलाता है। जिस तरह से गांव का मुखिया सरपंच होता है ठीक उसी प्रकार DM को आप जिले का मुखिया भी कह सकते हैं। DM बनने के लिए महत्वपूर्ण पढ़ाई करनी होती है। इसके अलावा अगर आपके अंदर कठिन परिश्रम और DM बनने की लगन है, तभी आप सफल हो पाएंगे। यह एक सम्मानजनक पद है जिसे हर युवा पाना चाहता है।

DM को जिला न्यायाधीश भी कहा जाता है। प्रत्येक जिले में एक न्यायालय होता है, जिसे जिला कोर्ट कहते हैं। उस जिला कोर्ट में एक न्यायाधीश होता है वह DM ही होता हैं। DM प्रत्येक जिले के अंतर्गत आने वाले केस पर सुनवाई करता है। यह एक सम्मानजनक पद होता है, जिसे जिले का सबसे शक्तिशाली पद माना जाता है। DM को विभिन्न प्रकार के अधिकार प्राप्त होते हैं। डीएम बनने के लिए क्या-क्या पढ़ाई करनी पड़ती है? DM कैसे बनते हैं? इत्यादि जानकारी इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं। तो आइए शुरू करते हैं।

Table of Contents

  • DM क्या होता है?
  • DM कैसे बनें? (DM kaise bane in 2022)
  • डीएम बनने के लिए योग्यता (DM qualifications in Hindi 2022)
  • डीएम बनने की चयन प्रक्रिया —
    • प्रारंभिक परीक्षा पास करें।
    • मुख्य परीक्षा पास करें।
    • साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी करें।
  • डीएम का क्या कार्य होता है? (DM Power in Hindi 2022)
  • DM की सैलरी कितनी होती है? (DM Salary in Hindi 2022)

DM क्या होता है?

डीएम (DM) का Full Form “District Magistrate (डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट)” होता है तथा जिसे हिंदी में “जिला न्यायाधीश” कहते है‌। यह एक आईएएस अधिकारी (IAS Officer) होता है। डीएम (DM) एक जिलें का मजिस्ट्रेट होता है। डीएम एक जिले के प्रशासनिक अधिकारी है। डीएम को जिले के मुख्य कार्यकारी मजिस्ट्रेट के रूप में भी जाना जाता है। यह ऑफिसर जिला कलेक्टर के रूप में भी जाना जाता है। DM को जिस जिले की जिम्मेदारी सौंपी जाती है वह पूरे जिले की प्रशासनिक जिम्मेदारी उठाता है।

DM सरकारी योजनाएं, कृषि व्यवस्था, कानून व्यवस्था, प्रशासनिक व्यवस्था इत्यादि के लिए जिम्मेदार होता है। प्रत्येक जिले को सुचारू रूप से चलाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट नियुक्त किया जाता है। वर्तमान समय में भारत में 748 जिले हैं। प्रत्येक जिले के लिए डीएम कारगर साबित होता है। डीएम के अतिरिक्त SDO, BDO, SDM इत्यादि उसके सहायक अधिकारी होते हैं। यह सभी मिलकर किसी भी जिले को सुचारू रूप से चलाते हैं तथा प्रशासनिक व्यवस्था की देखभाल करते हैं। कृषि और प्रशासन तथा सरकारी योजनाओं का लाभ धरातल पर दिखाने के लिए डीएम की मुख्य भूमिका होती है।

DM कैसे बनें? (DM kaise bane in 2022)

डीएम बनने के लिए क्या करना पड़ता है - deeem banane ke lie kya karana padata hai

डीएम बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा पास करनी होती है, जिसे UPSC कहते हैं। UPSC नाम तो आपने जरूर सुना ही होगा क्योंकि यह भारत की सबसे बड़ी और कठिन परीक्षा है क्योंकि इस परीक्षा को पास करने के बाद भारत के सबसे बड़े प्रशासनिक पद पर नियुक्ति की जाती है। आज के समय में इंटरनेट पर इस परीक्षा के बारे में काफी ज्यादा लोकप्रियता देखने को मिलती हैं। खासकर आज के युवा वर्ग UPSC की परीक्षा पास करना चाहते हैं। यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद आईएएस अधिकारी बनते हैं जिन्हें समाज में सर्वोच्च सम्मान मिलता है तथा प्रशासन क्षेत्र में सर्वोच्च पद सौंपा जाता है।

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित इस परीक्षा में सिर्फ 100 में रैंक हासिल करनी होती हैं, तभी आप को इस परीक्षा में उत्तीर्ण माना जाएगा। इस परीक्षा को पास करने के बाद आप एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बन जाएंगे, जिसे IAS अधिकारी कहते हैं। आमतौर पर आईएएस अधिकारी के एक या दो प्रमोशन होने के बाद वह डीएम बन जाता है जिसे जिला मजिस्ट्रेट भी कहते हैं। UPSC की सिविल सर्विस एग्जाम (CSE) में उम्मीदवार द्वारा हासिल की गई रैंक के आधार उन्हें अलग-अलग विभाग पर नियुक्त किया जाता है।

इस परीक्षा के अंतर्गत जिस उम्मीदवार की रैंक सबसे ऊपर रहती है, उसे इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस के पद पर नियुक्त किया जाता है जिसे हम IAS अधिकारी नाम से जानते हैं। यह पद प्रशासन निगम कलेक्टर सचिवालय मंत्रालय इत्यादि के रूप में होता है। सभी बड़े बड़े और विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्रालय पर आईएएस अधिकारी की नियुक्ति की जाती है। CSE पास करने के बाद आईएएस के अलावा Indian Police Service (IPS), Indian Revenue Service (IRS) प्रशासनिक राजस्व अधिकारी तथा राजदूत के रूप में Indian Foreign Services (IFS) पर नियुक्तियां की जाती है।

डीएम बनने के लिए योग्यता (DM qualifications in Hindi 2022)

  • DM बनने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या शिक्षण संस्थान से किसी भी स्ट्रीम में Graduation होना चाहिए।
  • सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के लिए 21 वर्ष से लेकर 32 वर्ष तक की आयु सीमा रखी गई है।
  • OBC वर्ग के विद्यार्थियों को 21 वर्ष से लेकर 35 वर्ष के बीच में आवेदन करना होगा।
  • SC/ST वर्ग के लोगों को 21 वर्ष से लेकर 37 वर्ष तक की अवधि के बीच आवेदन करना होगा।
  • डीएम बनने के लिए संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित CSE परीक्षा को पास करना होगा।
  • डीएम बनने के लिए कम से कम 5 फीट 6 इंच की हाइट होनी चाहिए।

डीएम बनने की चयन प्रक्रिया —

संघ लोक सेवा आयोग अधिकारी तथा जिला कलेक्टर बनने के लिए अखिल भारतीय परीक्षा का आयोजन करवाया जाता है। इसके अंतर्गत हर वर्ष राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रशासनिक पदों के लिए सिविल सर्विस एग्जाम का आयोजन करवाया जाता है। UPSC की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) को पास करना होगा। UPSC पास करने के बाद DM, IFS, IAS, IPS, SDM और कलेक्टर बनते हैं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित यह परीक्षा तीन विभिन्न चरणों में समाप्त होती है। यह निम्नलिखित है —

  • प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary exam)
  • मुख्य परीक्षा (Mains exam)
  • साक्षात्कार प्रक्रिया (Interview process)

प्रारंभिक परीक्षा पास करें।

UPSC की CSE एग्जाम का पहला चरण प्रारंभिक परीक्षा होता है जो कि दूसरे चरण यानि मुख्य परीक्षा के लिए क्वालीफाइंग पेपर होता है। यह MCQ की परीक्षा होती है, जिसमें 2 पेपर होते है। दोनों ही पेपर को हल करने के लिए 2-2 घंटे का समय दिया जाता है। प्रत्येक पेपर 200-200 अंक के होते है। यहां पर पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में होता है। प्रत्येक गलत उत्तर के 0.33 अंग काट दिए जाते हैं।

मुख्य परीक्षा पास करें।

प्रारंभिक परीक्षा में पास होने के बाद आपको मुख्य परीक्षा देनी होती है। यह CSE एग्जाम का दूसरा चरण होता है। इस परीक्षा को केवल वही विद्यार्थी दे पाते हैं जिन्होंने प्रारंभिक परीक्षा को पास कर दिया है। अगर आप इस परीक्षा को भी पास कर देते हैं, तो इसके बाद इंटरव्यू देकर आप DM अधिकारी बन जाते है। इस परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं।

जिसमें से सातवें पर मेरिट रैंकिंग के लिए जाते हैं। बाकी के बचे दो पेपर उम्मीदवार को न्यूनतम अंक प्राप्त करने के लिए होते हैं। सभी पेपर के कुल अंक 1750 होते हैं। इन सभी पेपर में भारतीय विरासत, सविधान, संस्कृति, शासन, सामाजिक, भूगोल, आपदा, पर्यावरण, प्रदूषण की नैतिकता, अखंडता, सामान्य अध्ययन इत्यादि से संबंधित प्रश्न आते हैं। प्रत्येक प्रश्न को हल करने के लिए 3 घंटे का समय मिलता है।

साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी करें।

मुख्य परीक्षा पास करने के बाद आपको इस चरण में इंटरव्यू देना होता है। यह काफी कठिन इंटरव्यू माना जाता है। अक्सर आपने इसके चर्चे इंटरनेट पर सुने होंगे। इस राउंड में करीब 400-450 उम्मीदवार ही पहुंचते है। इंटरव्यू के दौरान आपका व्यक्तिगत कौशल, विषय ज्ञान तथा मानसिक क्षमता का परीक्षण किया जाता है। अगर आप इस इंटरव्यू को सफलतापूर्वक पास कर देते हैं, तो आपको DM अधिकारी बनाने के लिए चयन करके ट्रेनिंग के लिए भेज दिया जाता है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद किसी जिले में आप की नियुक्ति की जाती है।

DM के लिए आवेदन कैसे करें? —

1. सबसे पहले UPSC की ऑफिसियल वेबसाइट www.upsc.gov.in पर विजिट करें।

2. अब विभिन्न परीक्षाओं के लिए आवेदन लिंक दिखाई देगी,  Apply Online ऑप्शन पर क्लिक करें।

3. अब आपको सिविल सेवा परीक्षा (CSE) पर क्लिक करके प्रारंभिक परीक्षा को चुनना है।

4. अब IAS भाग 1 के साथ अपना रजिस्ट्रेशन करना होगा।

5. सभी जानकारी को भरने के बाद दस्तावेजों के साथ एक बार चेक कर लें।

6. अब आपको आवेदन शुल्क रु 100/- ऑनलाइन पेमेंट करना है।

7. अब आप अपने नजदीकी परीक्षा केंद्र को चुनें।

8. आवेदन फॉर्म के साथ आपको अपने पासपोर्ट साइज फोटो, हस्ताक्षर एवं आईडी कार्ड जैसे जरुरी डाक्यूमेंट्स अटैच करें।

10. आपके द्वारा भरी हुई जानकारी सही है या नहीं एक बार पुनः जांच करें।

11. फॉर्म का प्रिंट आउट निकाल कर, सबमिट के बटन पर क्लिक कर दें।

डीएम का क्या कार्य होता है? (DM Power in Hindi 2022)

  • डीएम का कार्य अपने जिले के अंतर्गत कानून व्यवस्था को बनाए रखना होता है।
  • डीएम का कार्य जेलों तथा पुलिस अधिकारियों का निरीक्षण करना होता है।
  • हर वर्ष होने वाले अपराध की रिपोर्ट सरकार को देना होता है।
  • जिले के अंतर्गत सभी प्रशासनिक मंडल आयुक्त की जानकारी प्राप्त करना।
  • जिले के सभी मजिस्ट्रेटों का निरीक्षण करना।
  • सरकारी योजना एवं नीतियों को सुचारु रुप से लागू करवाना।

DM की सैलरी कितनी होती है? (DM Salary in Hindi 2022)

डीएम का पद प्रशासनिक रूप से तथा सामाजिक रूप से एक महत्वपूर्ण तथा सम्मानजनक पद होता है। इसलिए वर्तमान समय में भारत के लगभग प्रत्येक युवा डीएम बनना चाहते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डीएम को शुरुआती तौर पर हर महीने ₹56000 की तनख्वाह मिलती हैं। इसके अलावा समय के साथ तनख्वाह में भी बढ़ोतरी होती है। अगर डीएम का प्रमोशन होता है तो उनकी सैलरी एक साथ काफी ज्यादा बढ़ जाती है। अगर वह कैबिनेट सचिव के पद पर पहुंच जाता है, तो उसका वेतन हर महीने 2,50,000/- से भी अधिक हो जाता है। वेतन के अलावा भारत सरकार द्वारा गाड़ी, बंगला, सुरक्षा इत्यादि विभिन्न प्रकार की सुविधाएं समय समय पर दी जाती है।

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Conclusion

DM का पद कितना महत्वपूर्ण और सम्मानजनक होता है। इस बारे में अब तक आप भली-भांति जान गए होंगे तथा आप यह भी जान गए होंगे कि DM कैसे बनते हैं? इस आर्टिकल में हमने पूरी जानकारी के साथ विस्तार से बताया है कि DM क्या होता है? DM की full form से लेकर DM की सैलरी तक की पूरी जानकारी इस आर्टिकल में आप ध्यान पूर्वक पढ़ सकते हैं। हमें उम्मीद है यह जानकारी आपके लिए जरूर ही उपयोगी साबित हुई होगी। अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया है, तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर Share करें। ताकि उन्हें भी इस महत्वपूर्ण और जरूरी जानकारी के बारे में पता चल सकें। अगर आपका इस आर्टिकल से संबंधित कोई भी प्रश्न है? तो आप नीचे कमेंट करके पूछ सकते हैं।

डीएम हम कैसे बन सकते हैं?

DM बनने के लिए उम्मीद्वार को यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन के तहत होने वाली CSE एग्जाम को पास करना होता हैं। यदि आप इस एग्जाम को पास करते है तो फिर आप IAS अधिकारी बन जाते है। IAS अधिकारी के कुछ समय बाद आपको पदोन्नति देकर के डीएम बनाया जाता हैं। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बनने के लिए आपकी हाइट कम से कम 5 फीट 6 इंच होनी चाहिए।

डीएम का मतलब क्या होता है?

डीएम को हिंदी में क्या कहते है ? डीएम को हिंदी में जिला मजिस्ट्रेट कहते हैं