भीमराव अंबेडकर कैसे पढ़ाई किए थे? - bheemaraav ambedakar kaise padhaee kie the?

कौन थे डॉ. भीमराव अंबेडकर और उन्होंने हमारी पीढ़ी को क्या दिया?

भीमराव अंबेडकर कैसे पढ़ाई किए थे? - bheemaraav ambedakar kaise padhaee kie the?
लखनऊPublished: Apr 13, 2021 02:49:55 pm

dr bhimrao ambedkar 14 अपैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में पैदा हुए थे। वह आजीवन समाज में व्याप्त भेदभाव और अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ते रहे। भारतीय लोकतंत्र में अंबेडकर का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। डाॅ. भीमराव अंबेडकर ने ही भारतीय संविधान (Indian Constitution) तैयार किया था।

भीमराव अंबेडकर कैसे पढ़ाई किए थे? - bheemaraav ambedakar kaise padhaee kie the?

डॉ. भीीमराव अंबेडकर जयंती

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

लखनऊ. देश के संविधान निर्माता के नाम से पुकारे जाने वाले बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर एक महार दलित परिवार में 14 अप्रैल 1891 में मध्य प्रांत (अब मध्य प्रदेश) के महू स्थित ब्रिटिश छावनी में हुआ। उनके पिता रामजी पुत्र मलोजी सकपाल महू में सूबेदार के पद पर थे। अंबेडकर जैसे-जैसे बड़े होते गए उनके मन में समाज में व्याप्त जात-पात और इसके नाम पर शोषण के खिलाफ धारणा बनती गई। भेदभाव का अनुभव उन्होंने स्कूल से लेकर नौकरी तक में किया। वह पढ़ाई के लिये इंग्लैंड भी गए। वहां से भारत लौटने के बाद उन्होंने अस्पृश्यता के खिलाफ आंदोलन चलाया और समाज के दलित व दबे कुचलों को न्याय दिलाने में आगे-आगे रहे।

युवा भीभराव अंबेडकर को विदेश में उच्च शिक्षा के लिए जाना था लेकिन आर्थिक संकट एक बड़ी समस्या थी.  वो अपनी स्नातकोत्तर पढ़ाई कोलंबिया यूनिवर्सिटी से करना चाहते थे. तब उनकी मदद एक महाराजा ने की. कौन थे वो महाराजा और वो किस राज्य के शासक थे. ये सवाल कौन बनेगा करोड़पति के सीजन 12 के तीसरे दिन पूछा गया. हॉट सीट पर बैठे प्रतियोगी के लिए इसका जवाब आसान नहीं था. लिहाजा उन्हें एक्सपर्ट की मदद लेनी पड़ी.

हम आपको बताते हैं उस महाराजा के बारे में, जिसने युवा अंबेडकर की मदद की. ये मदद उन्हें तीन साल तक दी गई. पढाई पूरी करने के बाद जब अंबेडकर वहां से लौटे तो महाराजा से मिले. इसके बाद लंबे समय तक वो उनसे जुड़े रहे. वैसे ये तो तय है कि अगर महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने उनकी मदद नहीं की होती तो शायद अंबेडकर के लिए वहां तक पहुंचना मुश्किल होता, जहां पर वो थे.

इन महाराजा का नाम तो आपको ऊपर की पंक्तियों में बताया जा चुका है. वो उस समय भारत के सबसे समृद्ध राज्यों में एक बडौदा के शासक थे. उन्होंने अपने शासन के दौरान सामाजिक सुधार से लेकर जात-पांत खत्म करने और शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े काम किए.

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महाराजा की मदद से अंबेडकर का काम आसान हो गया
ये 1913 का समय था, जब अंबेडकर ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद के लिए बड़ौदा महाराजा के यहां आवेदन दिया. जब ये महाराजा के सामने पहुंचा तो उन्होंने इसे मंजूर करके अंबेडकर को सालाना स्कालरशिप देनी शुरू कर दी. इससे अंबेडकर के लिए विदेश में जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करना आसान हो गया.

भीमराव अंबेडकर कैसे पढ़ाई किए थे? - bheemaraav ambedakar kaise padhaee kie the?

बड़ौदा के महाराजा सायाजीराव गायकवाड़ ने अपने समय में बड़ौदा में तमाम ऐसे काम किए, जिससे वो उस समय के तमाम राजाओं से अलग खड़े होते हैं. उन्हें दूरदर्शी भी कहा जाता था और विद्वान भी.

उस समय के लिहाज से बड़ी स्कॉलरशिप थी
ये स्कालरशिप उस समय सालाना 11.50 पाउंड की थी, जो तब के हिसाब से एक बड़ी राशि थी. ये तीन साल तक डॉक्टर अंबेडकर को दी जाती रही. इसके बाद जब वह पढ़ाई पूरी करके लौटे तो महाराजा से मिले.

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नामवर हस्तियों को संरक्षण भी देते थे
महाराजा गायकवाड़ अपने राज्य में शिक्षा, कला, नृत्य आदि क्षेत्रों से जुड़ी बड़ी हस्तियों के संरक्षण के काम में भी आगे रहते थे. उन दिनों कई ऐसी हस्तियां थीं, जिन्हें बड़ौदा के महाराजा सायाजीराव ने आर्थिक मदद दी. उसमें ज्योतिबा फुले, दादाभाई नौरोजी, लोकमान्य तिलक, महर्षि अरविंद आदि शामिल थे.

अंबेडकर जब लौटे तो बडौदा विधानसभा के सदस्य भी बने
जब अंबेडकर लौटे तो महाराजा ने उन्हें राज्य की लेजिस्लेटिव असेंबली का सदस्य बनाया. एक खास कानून बनाया गया ताकि राज्य में अनुसूचित जाति के लोग भी चुनाव लड़ सकें. बडौदा में जिस तरह पिछड़े वर्ग, महिलाओं के साथ आर्थिक तौर पर कमजोर लोगों के लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही थीं, उसका असर अंबेडकर पर भी पड़ा, जो फिर उनके संविधान निर्माण में भी नजर आया.

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भीमराव अंबेडकर कैसे पढ़ाई किए थे? - bheemaraav ambedakar kaise padhaee kie the?

जब डॉ. अंबेडकर कोलंबिया यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा पूरी करके लौटे तो बडौदा राज्य ने उन्हें अपनी लेजिस्लेटिव एसेंबली का सदस्य बनाया.

अंबेडकर से महाराजा के अच्छे संबंध रहे
महाराजा सायाजीराव 1939 में जब तक जिंदा रहे, तब तक उनके डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से अच्छे संबंध बने रहे. सायाजीराव को उन दिनों भारतीय रियासतों के शासकों के बीच सबसे बड़ा समाज सुधारक और प्रगतिवादी राजा माना जाता था. उन दिनों शायद ही कोई राज्य वंचित वर्ग और पिछड़ों की उस तरह मदद के लिए आगे आता था, जिस तरह सायाजीराव करते थे.

पुस्तकालय आंदोलन के जनक तो लड़कियों की शिक्षा के पैरोकार
महाराजा सायाजीराव को भारत में पुस्तकालय आंदोलन का जनक माना जाता है तो लड़कियों की शिक्षा का काम भी उन्होंने जोर-शोर से किया. उन्होंने बड़ौदा राज्य में 1875 से ेकर 1939 तक शासक किया और शासन की बागडोर संभालते ही लड़कियों की शिक्षा के लिए कई स्कूल खोले और प्राइमरी शिक्षा मुफ्त करने के साथ अनिवार्य कर दी.

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बैंक ऑफ बडौदा की स्थापना की और समाज सुधार के काम भी
उन्होंने बैंक ऑफ बडौदा की स्थापना की, जो इस समय देश के प्रमुख बैंकों में एक है. तब बडौदा में विधवाओं के पुर्नविवाह का काम शुरू हुआ और दलितों के मंदिर में प्रवेश के लिए उसके दरवाजे खोले गए. महाराजा सायाजीराव को लोग दूरदर्शी और विद्वान राजा के साथ कुशल प्रशासन भी मानते थे.

क्रांतिकारियों से थी सहानुभूति
उनके बारे में ये भी कहा जाता है कि उनकी सहानुभूति आजादी की लड़ाई लड़ रहे क्रांतिकारियों के साथ थी. इससे अंग्रेज कुपित भी रहते थे. जब 1911 में किंग जार्ज दिल्ली आए और वहां उनका दरबार सजा, तब महाराजा सायाजीराव साधारण तरीके से गए और शिष्टाचार के खिलाफ होने के बाद भी किंग को पीठ दिखाई, जिस पर ब्रिटेन के मीडिया में बड़ा हो-हल्ला भी मचा. बाद उन्होंने गांधीजी और कांग्रेस की भी मदद की.

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Tags: Dr. Bhim Rao Ambedkar, KBC, KBC 2020

FIRST PUBLISHED : October 01, 2020, 12:22 IST

अंबेडकर कैसे पढ़ते थे?

डॉ बाबासाहेब अम्बेडकर की शिक्षा योग्यताएं:.
1907 में मैट्रिकुलेशन, एल्फिंस्टन हाई स्कूल, बॉम्बे फ़ारसी।.
इंटर, 1909, एल्फिंस्टन कोलाज, बॉम्बे फारसी।.
B.A, 1913, एल्फिंस्टन कोलाज, बॉम्बे पर्शियन।.
M.A, 1915 समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शन, नृविज्ञान और राजनीति के साथ अर्थशास्त्र में मेजरिंग।.

डॉ भीमराव अंबेडकर ने कितनी डिग्री हासिल की थी?

आर. आंबेडकर 64 विषयों में मास्टर थे। उन्हें 9 भाषाओं का ज्ञान था। साथ ही इनके पास कुल 32 डिग्रियां थीं।

दुनिया में सबसे ज्यादा शिक्षित व्यक्ति कौन है?

आंबेडकर सबसे बड़े विद्यावान माने जाते हैं। उनके पास 16 डिग्रियां थी, जो विश्व में किसी के पास नहीं है।

भीमराव के पास कौन कौन सी डिग्रियां थी?

1922 में, उन्हें ग्रेज इन ने बैरिस्टर-एट-लॉज डिग्री प्रदान की और उन्हें ब्रिटिश बार में बैरिस्टर के रूप में प्रवेश मिल गया। 1923 में, उन्होंने अर्थशास्त्र में डी॰एससी॰ (डॉक्टर ऑफ साईंस) उपाधि प्राप्त की।