भारत सरकार देश के विकास के लिए लोगों से कर लेती है वहीँ दूसरी तरफ लोगों के कल्याण में वृद्धि करने के लिए इस धन को सार्वजानिक व्यय के माध्यम से खर्च भी करती है. बजट अनुमान (2018-19) के आंकड़े बताते हैं कि सरकार के कुल खर्च का 23.58% सिर्फ ब्याज भुगतान के लिए आवंटित किय गया है. वर्तमान में सरकार की आय का प्रमुख स्रोत “वस्तु एवं सेवा कर” (33 % योगदान) है इसके बाद कारपोरेशन टैक्स (27%) और आय कर की हिस्सेदारी 23% है. Show भारत एक संघात्मक व्यवस्था वाला देश है यहाँ पर अधिकतर कर लगाने और वसूलने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है. केंद्र सरकार को करों और गैर-कर स्रोतों से आय प्राप्त होती है जिन दोनों के कुल योग को कुल राजस्व प्राप्तियां कहा जाता है. इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि भारत सरकार को किस कर से कितनी राशि प्राप्त होती है और इसके अलावा किन अन्य स्रोतों से सरकार को आय प्राप्त होती है साथ ही यह भी बताएँगे कि सरकार किस मद (item) पर कितना खर्च करती है. केंद्र सरकार को निम्नलिखित स्रोतों से आय प्राप्त होती है; 1. आय कर 2. निगम कर 3. वस्तु एवं सेवा कर (अब उत्पाद कर, सेवा कर और सीमा को समाप्त कर दिया गया है लेकिन नीचे की तस्वीर में इन सभी को शामिल किया गया है क्योंकि तस्वीर का डेटा पिछले वर्ष के बजट का है) 4. उधार लिया गया धन 5. विदेशी अनुदान 6. सरकारी कंपनियों से प्राप्त लाभ भारत में आय असमानता के बारे में 14 रोचक तथ्य सरकार निम्न मदों पर धन खर्च करती है; 1. रक्षा व्यय 2. उधार धन पर किया गया ब्याज भुगतान 3. सब्सिडी (खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम) 4. पेंशन 5. राज्यों को दिया गया करों में हिस्सा 6. शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण पर किया गया खर्च आइये अब जानते हैं कि भारत सरकार को किस स्रोत से कितनी मात्रा में आय प्राप्त होती है;
ऊपर दी गयी सारिणी से यह स्पष्ट है कि सरकार को सबसे अधिक कर के रूप में आय, निगम कर से प्राप्त होने की उम्मीद है इसके बाद आयकर से लगभग 5.29 लाख करोड़ रुपये मिलने की संभावना है. नोट: यदि सरकार किसी देश या संस्था से ऋण लेती है तो उसको भी सरकार की आय में जोड़ा जाता है. इसी प्रकार जिन देशों और संस्थाओं को भारत सरकार ने ऋण दिया है उससे ब्याज के रूप में प्राप्त होने वाली आय को भी सरकार की आय माना जाता है. आइये अब जानते हैं कि भारत सरकार किन-किन मदों पर रुपया खर्च करती है;
ऊपर दी गयी सारिणी से सारांश निकाला जा सकता है कि भारत सरकार की खर्च की सबसे बड़ी मद (5,30,843 करोड़ रूपए) ब्याज भुगतान है. यह ब्याज उस राशि के लिए दिया जाता है जो कि भारत सरकार ने विश्व की अन्य संस्थाओं और देशों से लिया है. बजट 2017-18 के अनुमानों के अनुसार भारत सरकार अपनी कुल आय का लगभग 18% सिर्फ ब्याज भुगतान के रूप में खर्च करती है. सरकार को रुपया ब्याज के रूप में इतनी बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है कि इस धन से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक कल्याण, उर्जा, सब्सिडी और वैज्ञानिक विभाग का पूरा खर्चा उठाया जा सकता है. आइये अब ऊपर दी गयी सारिणी के आधार पर कुछ तथ्यों के जान लेते हैं; 1. सरकार की कुल कर आय में सबसे अधिक हिस्सेदारी (33%) वस्तु एवं सेवा कर की है, इसके बाद कारपोरेशन टैक्स (27%) और आय कर की हिस्सेदारी 23% है. 2. सरकार के कुल खर्च का 23.58% सिर्फ ब्याज भुगतान के लिए आवंटित किय गया है जबकि रक्षा खर्च के लिए कुल खर्च का 11.58% धन आवंटित किया गया है. 3. सब्सिडी को फ़ूड सेक्टर के लिए 20.7% बढाया गया है जबकि कुल सब्सिडी में 15% की वृद्धि की गयी है. सारांश के तौर यह कहा जा सकता है कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ की सरकार लोगों के कल्याण को अधिकत्तम करने के लिए काम करती है न कि लाभ को अधिकत्तम करने के लिए. इसी कारण सरकार को कई ऐसी योजनाओं को शुरू करना पड़ता है जो कि धन अर्जन के हिसाब से तो बहुत ही फिसड्डी साबित होती हैं लेकिन जन कल्याण के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. इन जन कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही सरकार के वित्तीय घाटे में कोई कमी नही आ रही है. उम्मीद है कि इस लेख को पढने के बाद आप समझ गए होंगे कि भारत सरकार किन किन स्रोतों से आय प्राप्त करती है और उसे कहाँ खर्च करती है. क्या भारत सरकार नए नोट छापकर विदेशी कर्ज चुका सकती है? रुपये के कमजोर होने से भारतीय अर्थव्यवस्था को होने वाले फायदे और नुकसान राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत क्या है?सही उत्तर है कॉरपोरेट कर। कॉरपोरेट कर भारत सरकार की आय का एकमात्र सबसे बड़ा स्रोत है।
भारत में राजस्व का मुख्य स्रोत कौन सा है?Detailed Solution. केंद्र सरकार के कर राजस्व में, निगम कर सबसे बड़ा स्रोत है। यह लिमिटेड कंपनियों और अन्य संगठनों जैसे संघों, क्लबों और असंगठित संस्थाओं के कर योग्य मुनाफे पर लगाया गया कर है। दोनों निजी और सार्वजनिक कंपनियां, जो कंपनी अधिनियम 1956 के तहत पंजीकृत हैं, निगम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।
राजस्व का स्रोत कौन सा है?सही उत्तर कॉरपोरेट कर है। केंद्र सरकार के लिए राजस्व का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत कॉरपोरेट कर है। कॉरपोरेट कर एक प्रत्यक्ष कर है जो एक क्षेत्राधिकार द्वारा निगमों या समान कानूनी संस्थाओं की आय या पूंजी पर लगाया जाता है।
सरकार के लिए राजस्व के 5 प्रमुख स्रोत क्या हैं?केंद्र सरकार को निम्नलिखित स्रोतों से आय प्राप्त होती है;. निगम कर. वस्तु एवं सेवा कर (अब उत्पाद कर, सेवा कर और सीमा को समाप्त कर दिया गया है लेकिन नीचे की तस्वीर में इन सभी को शामिल किया गया है क्योंकि तस्वीर का डेटा पिछले वर्ष के बजट का है). उधार लिया गया धन. विदेशी अनुदान. सरकारी कंपनियों से प्राप्त लाभ. |