यक्ष प्रश्न पाठ के प्रश्न उत्तर - yaksh prashn paath ke prashn uttar

यक्ष ने युधिष्ठिर से कौन कौन से प्रश्न पूछे?

यक्ष प्रश्न: उसका (ईश्वर) स्वरूप क्या है? युधिष्ठिर उत्तर: वह सत्-चित्-आनन्द है, वह निराकार ही सभी रूपों में अपने आप को स्वयं को व्यक्त करता है। यक्ष प्रश्न: वह अनाकार (निराकार) स्वयं करता क्या है? युधिष्ठिर: वह ईश्वर संसार की रचना, पालन और संहार करता है।

यक्ष ने कितने प्रश्न पूछे?

ऐसा कहा जाता है कि 100 सवाल यक्ष ने पूछे थे और युधिष्ठिर ने सभी सवालों के सही जवाब दिए. इस बात से खुश होकर यक्ष ने युधिष्ठिर से सभी भाइयों को जिंदा कर दिया और पानी भी पीने दिया.

यक्ष के प्रश्नों के उत्तर कौन देते हैं?

तब अन्त में धर्मराज युधिष्ठिर आए और यक्ष के प्रश्नों के सही-सही उत्तर दिए और अपने भाईयों को पुनः जीवित पाया। इसलिए आधुनिक युग में भी जब कोई समस्या होती है और उसका किसी के पास समाधान नहीं होता तो उसे यक्ष-प्रश्न की संज्ञा दी जाती है।

यक्ष वास्तव में कौन थे?

यक्षों को राक्षसों के निकट माना जाता है, यद्यपि वे मनुष्यों के विरोधी नहीं होते, जैसे राक्षस होते है। माना जाता है कि प्रारम्भ में दो प्रकार के राक्षस होते थे; एक जो रक्षा करते थे वे यक्ष कहलाये तथा दूसरे यज्ञों में बाधा उपस्थित करने वाले राक्षस कहलाये। यक्ष का शाब्दिक अर्थ होता है 'जादू की शक्ति'।