यदि आपकी वृषभ राशि है तो आपके लिए यहां लाल किताब के अनुसार कुछ जरूरी सलाह दी जा रही है। पृथ्वी तत्व प्रधान वृषभ राशि के कारक ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं जबकि इसका स्वामी ग्रह शुक्र है। वृषभ लग्न की बाधक राशि वृश्चिक तथा बाधक ग्रह मंगल है। दूसरे भाव में वृषभ राशि मानी गई है जबकि इसके शुक्र का पक्का 7वां भाव माना जाता है। लाल किताब के अनुसार शुक्र के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियां हैं। Show अशुभ की निशानी * अंगूठे में किसी भी प्रकार की कोई चोट या रोग हो जाए। * अंगूठे में अनावश्यक दर्द बना रहे। * अत्यधिक खुजली, त्वचा, चर्म या यौन रोग होता है। * पत्नी को कष्ट या पत्नी से अनावश्यक कलह। * धन, संपत्ति और स्त्री सुख में कमी हो जाती है। * स्वप्नदोष, कमजोरी और भय। महत्वपूर्ण उपाय जानने के लिए वीडियो पर क्लिक करें...
सावधानी : * किसी भी प्रकार का व्यसन न करें। * वादा करके मुकरें नहीं। * पत्नी या स्त्री से झगड़ें नहीं। * व्यभिचार या अप्राकृतिक कृत्य से दूर रहें। * झूठ न बोलें। * शुक्रवार को खटाई न खाएं। * किसी को अनावश्यक परेशान न करें। अक्षर तालिका : इ, ऊ, ए, ओ, वा, वी, बू, वे, वू, वो। राशि विशेषता : संगीत, कला और सौंदर्य। वृषभ (Taurus) का स्थान मुख में होता है। इसके कारक ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं। पृथ्वी तत्व प्रधान वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है। भाग स्थिर है और वृषभ लग्न की बाधक राशि वृश्चिक तथा बाधक ग्रह मंगल है। लेकिन लाल किताब अनुसार शत्रु और मित्र ग्रहों का निर्णय कुंडली अनुसार ही होता है। लाल किताब अनुसार दूसरे भाव में वृषभ राशि मानी गई है जिसके शुक्र का पक्का सातवाँ भाव माना जाता है। और लाल किताब अनुसार की कुंडली अनुसार शुक्र के खराब या अच्छा होने की कई स्थितियाँ हैं। यदि आप वृषभ राशि के जातक हैं तो आपके लिए यहाँ लाल किताब अनुसार सामान्य सलाह दी जा रही है। अशुभ की निशानी : अँगूठे में किसी भी प्रकार की कोई चोट या रोग हो जाए। अगूँठे में अनावश्यक दर्द बना रहे। चर्म रोग होता है। पत्नी को कष्ट। अत्यधिक खुजली या त्वचा रोग हो सकता है। कई और भी लक्षण बताए जाते हैं। सावधानी व उपाय : लाल किताब शुक्र के सम्बन्ध में मन और इन्द्रियों को नियंत्रित रखने पर विशेष बल देता है। वादा करके मुकरे नहीं। किसी को अनावश्यक परेशान न करें। प्रतिदिन शाम को घी का दीपक जलाएँ। रोज भलाई का कोई कार्य करें। बैठक कमरे में मनी-प्लांट लगाएँ। चाँदी का सिक्का अपने पास रखें। स्वप्न दोष होता हो तो अपने खाने में से गाय को प्रतिदिन कुछ हिस्सा अवश्य दें। ज्वार दान करें। नि:सहाय व्यक्ति का पालन-पोषण का जिम्मा भी ले सकते हैं। शुक्रवार का व्रत रखकर लक्ष्मी की उपासना करें। सात प्रकार के अनाज और चरी का दान करना चाहिए। चतुर्थ भाव में शुक्र मंदा होने पर लाल किताब अनुसार पत्नी से दो बार शादी करने की सलाह दी जाती है। धन एवं संतान के लिए स्त्री को बालों में सोने की क्लिप लगाकर रखना चाहिए। खाना नम्बर 6 में शुक्र मंदा होने पर संतान हेतु अंगों को दूध से धोना चाहिए। जरूरी नहीं है कि सभी उपाय करें। सुविधा और आवश्यकता अनुसार उपाय कर सकते हैं। उपाय लाल किताब के जानकार से पूछकर ही करें। हाइलाइट्सवृषभ राशि के ग्रह स्वामी शुक्र कहलाते हैं.शुक्र ग्रह का रत्न ओपल को माना जाता है.Gemstone For Taurus : हर व्यक्ति को अपनी कुंडली में ग्रहों की चाल के अनुसार फल प्राप्त होता है और कुंडली में इन ग्रहों की चाल बनती बिगड़ती रहती है. ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को खत्म करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. रत्नों के प्रभाव से ग्रहों के अशुभ फल को कुछ हद तक कम किया जा सकता है, लेकिन रत्न शास्त्र के अनुसार किसी भी रत्न को धारण करने से पहले किसी विद्वान व्यक्ति से इसके विषय में चर्चा कर लेना चाहिए. भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा बता रहे हैं वृषभ राशि के जातकों को कौनसा रत्न धारण करना चाहिए. -वृषभ राशि के जातकों के लिए शुभ रत्नज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के ग्रह स्वामी शुक्र कहलाए जाते हैं. शुक्र ग्रह को ऐश्वर्यशाली जीवन, प्यार, धन-धान्य और सुख-समृद्धि देने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है. शुक्र ग्रह का रत्न है ओपल, वृषभ राशि के जातकों को ओपल धारण करने से खुशियां, सांसारिक सुख, अच्छा रहन-सहन, सभी प्रकार की सुविधाएं अपने जीवन में प्राप्त होती हैं. इसी कारण से शुक्र रत्न ओपल को वृषभ राशि के जातकों को पहनने की सलाह दी जाती है. यह भी पढ़ें – ये दो रत्न माने जाते हैं खतरनाक, जानें कैसे प्रभावित करते हैं मनुष्य जीवन -क्या है ओपल रत्नओपल रत्न एक प्रकार की धातु से बना जेल है जो बहुत कम तापमान पर किसी भी प्रकार की चट्टानों की दरारों में जमा हो जाता है. आमतौर पर यह रत्न चूना पत्थर, बलुआ पत्थर, आग्नेय चट्टान और बेसाल्ट चट्टानों के बीच में पाया जाता है. ओपल शब्द की उत्पत्ति लेटिन के शब्द ओपलस और यूनानी शब्द ओपैलियस से हुई है. यह भी पढ़ें – जेड स्टोन को ड्रीम स्टोन क्यों कहा जाता है? जानें इसे धारण करने के फायदे -पन्ना रत्न भी है शुभओपल रत्न के अलावा एमरल्ड जिसे हम पन्ना भी कहते हैं. वृषभ राशि वालों के लिए भाग्यशाली रत्न माना गया है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पन्ना रत्न वृषभ राशि वाले जातकों के जीवन में ऊर्जा लाता है. इसके अलावा वृषभ राशि के जातकों में पन्ना पहनने से एकाग्रता भी बढ़ती है. पन्ना रत्न किस राशि के लोगों को बुरी नजर और दूसरी बुरी शक्तियों से छुटकारा दिला सकता है. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Astrology, Dharma Aastha, Predictions, Religion FIRST PUBLISHED : August 21, 2022, 03:21 IST वृषभ राशि में कौन सा ग्रह कमजोर है?अनिरुद्ध जोशी
पृथ्वी तत्व प्रधान वृषभ राशि के कारक ग्रह बुध, शुक्र और शनि माने गए हैं जबकि इसका स्वामी ग्रह शुक्र है। वृषभ लग्न की बाधक राशि वृश्चिक तथा बाधक ग्रह मंगल है।
वृषभ राशि के ऊपर कौन सा ग्रह चल रहा है?ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृषभ राशि के ग्रह स्वामी शुक्र कहलाए जाते हैं.
वृषभ राशि का भगवान कौन सा है?वृषभ राशि के स्वामी ग्रह शुक्रदेव हैं। शुक्रदेव को धन-धान्य, सुख-समृद्धि, प्यार और ऐश्वर्य आदि का कारक माना गया है।
वृषभ राशि के ग्रह कैसे चल रहे हैं 2022?वृषभ राशिफल 2022 के अनुसार आर्थिक जीवन
शुरुआती महीनों में आर्थिक स्थिति कुछ खास नहीं बदलेगी, लेकिन साल के अंत तक सामान्य से बेहतर धन आगमन के संकेत हैं। 13 अप्रैल के बाद गुरु बृहस्पति का आय के भाव में गोचर करेंगे उस दौरान धन अच्छा आएगा... धन संग्रह का योग भी बन रहा है यानी धन का संचय करने में सफल रहेंगे।
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