धावन Soda Banane Ki VidhiPradeep Chawla on 10-09-2018 Show धावन सोडा बनाने की विधिसाल्वे प्रक्रम :15. साल्वे प्रक्रम : यह धावन सोडे के निर्माण के लिए प्रयुक्त होता है। इसे अमोनिया सोड़ा प्रक्रम भी कहते है। (v) प्रथम अभिक्रिया में प्रयुक्त CO2, चूना भट्टी में चूना पत्थर को गर्म करने से बनती है। (vi) बिना बूझा चूना, H2O के साथ क्रिया कर बुझा हुआ चूना बनाता है। (vii) बिना बुझा चूना (ii) अभिक्रिया में बनने वाली अमोनियम क्लोराइड के साथ क्रिया कर अमोनिया उत्पन्न करता है जो पुन: अभिक्रिया (i) में प्रयुक्त हो सकता है। इस प्रकार अधिकांश अमोनिया की पुन: प्राप्ति तथा पुन: उपयोग हो सकता है। इसलिए यह प्रक्रम व्यवसायिक है। दूसरे रूप में कैल्शियम क्लोराइड उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है। (viii) (ii) अभिक्रिया में निर्मित सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट आंशिक रूप से जल में विलेय होता है तथा छानने से पृथक हो सकता है। (ix) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट बनाता है। निर्मित CO2 पून: संचरित होती है अर्थात अभिक्रिया (i) में पुन: प्रयुक्त हो जाती है। (x) सोडियम कार्बोनेट के जल में विलेय होकर क्रिस्टलीकृत होने से धावन सोडा प्राप्त होता है। सम्बन्धित प्रश्नComments Himanshu sehgal on 23-11-2022 Dhawan soda ka upyog Radhika on 16-11-2022 Doban soda ke bare me Radhika on 16-11-2022 Sodium chloride ke bare me Sonam on 03-04-2022 Nimlikht mai rasayanik samikaran abikriya Dhananjay on 05-03-2022 Shawn soda banane ki vidhi Dhavan soda banane ki vidhi on 13-12-2021 Hi Radhika Rajpoot on 30-11-2021 Dhavk soda banane ki vidhi ghun va upyog likhiye Aditya Maurya on 20-09-2021 धावन सोडा के बनाने की विधि Satendra verma on 13-08-2021 Nahco3+hcl- Ramna on 03-03-2021 दावन सोड्डा की विधि Pradeep on 25-11-2020 धावन सोडा बनाने की विधि SHUBHAM KUMAR JAISWAL on 11-02-2020 धवन सोडा से खने वाला सोडा Asok on 09-02-2020 Dhavan soda ka rasayanik sutra Rameshwar Rameshwar on 11-10-2019 Dhawan soda banane ki widhi gun v upyog likhiye Poonam on 29-09-2019 Dhavan soda ke gun likhiye Krishna jhagrahe on 07-08-2019 Mujhe whatsapp no do. Shivam kumar on 29-07-2019 Udasinikaran abhikiriya kise kahta hai Dhawan soda banane ki vidi on 21-05-2019 Washing powder ki vidi Aliya on 12-05-2019 Dhavaan soda ki video Vijay chauhan on 12-05-2019 Dhawan soda banane ki widhi मोकमसिह on 07-02-2019 सोड एस केसे बनाते है ओर ईसके उपकर्ण केसे है Shree ram on 04-01-2019 धावन सोडा कपड़ों में क्या काम करता है Kaif on 03-10-2018 Davan योगेंद्र बैरागी on 17-09-2018 संक्षारण किसे कहते है Nafees on 06-09-2018 Naoh bnane ki bidi Shobhit yadav on 30-08-2018 Dhananjay soda ko banane ki bidjee Nisa on 18-08-2018 Dhavan soda vidhi धावन सोडा (Washing Soda) : निर्माण विधि, सामान्य गुणधर्म तथा उपयोग रासायनिक नाम - सोडियम कार्बोनेट डेका-हाइड्रेट अणु सूत्र - NaCO3.10H20 धावन सोडा की निर्माण की प्रयोगशाला विधि - प्रयोगशाला में सोडियम कार्बोनेट बनाने के लिए कॉस्टिक सोडा (NaOH) विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड CO2 गैस प्रवाहित करते हैं। निम्नलिखित अभिक्रिया होती है तथा सोडियम कार्बोनेट का जलीय विलयन प्राप्त होता है- 2NaOH + CO2 → Na2CO3 + H2O सोडियम कार्बोनेट का औद्योगिक निर्माण ली-ब्लॉक की विधि तथा अमोनिया सोडा विधि द्वारा किया जाता है। औद्योगिक निर्माण की ली-ब्लॉक की विधि सिद्धान्त- इस विधि में सोडियम क्लोराइड को सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ गर्म करने पर सोडियम सल्फेट बनाया जाता है। 2NaCl + H2SO4 → Na2SO4 + 2HC1 Na2SO4 + 4C → Na2S + 4CO Na2S + CaCO3 → Na2 CO3 + CaS विधि - इस विधि में प्रयोग किये जाने वाला संयंत्र नीचे चित्र में प्रदर्शित किया गया है। इस विधि में प्रयुक्त होने वाले विभिन्न पद (steps) निम्नलिखित हैं- (i) साल्ट-केक बनाना - लोहे के कड़ाहों में साधारण नमक (सोडियम क्लोराइड, NaCl) का जलीय विलयन (ब्राइन) तथा सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल की उचित मात्रायें लेकर इस मिश्रण को गर्म किया जाता है। सोडियम क्लोराइड तथा सल्फ्यूरिक अम्ल की क्रिया से सोडियम सल्फेट बनता है तथा हाइड्रोजन क्लोराइड (HCI) की वाष्पें प्राप्त होती हैं। इस प्रकार प्राप्त HCI की वाष्पों को चित्रानुसार ठण्डे पानी में विलयित (dissolve) करके हाइड्रोक्लोरिक अम्ल बना लेते हैं। मिश्रण को अधिक गर्म करने पर सल्फ्यूरिक अम्ल की शेष मात्रा अपघटित होकर वाष्पों के रूप में अलग हो जाती है तथा सोडियम सल्फेट एक कड़े ठोस के रूप में प्राप्त होता है। इस कड़े ठोस को साल्ट-केक कहते हैं। 2NaCl + H2SO4 → Na2SO4 + 2HCI (ii) काली राख बनाना - साल्ट-केक को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ कर चूने के पत्थर (CaCO3) और कोक (C) के साथ एक परिक्रमी (revolving) भट्टी में गर्म किया जाता है। इस भट्टी में निम्नलिखित अभिक्रियायें होती हैं तथा सोडियम कार्बोनेट बन जाता है। इस भट्टी से प्राप्त मिश्रण को काली राख कहते हैं।
Na2SO4 + 4C → Na2S + 4CO↑ (iii) काली राख से सोडियम कार्बोनेट को पृथक करना - काली राख में मुख्यतः सोडियम कार्बोनेट होता है परन्तु कोक, चूना-पत्थर, कैल्सियम सल्फाइड, आदि की अशुद्धियाँ भी होती हैं। इससे सोडियम कार्बोनेट प्राप्त करने के लिए इसे पानी में डालकर खूब खलबलाते (lixiviate) हैं। ऐसा करने पर सोडियम कार्बोनेट जल में घुल जाता है तथा अशुद्धियाँ नीचे बैठ जाती हैं जिन्हें फिल्टरित करके अलग कर दिया जाता है। फिल्टरित विलयन का सान्द्रण करने से सोडियम कार्बोनेट के क्रिस्टल (Na2CO3.10H20) प्राप्त हो जाते हैं। औद्योगिक निर्माण की सॉल्वे की अमोनिया-सोडा विधि
NH4OH + CO2 → NH4HCO3
NH4HCO3 + NaCl → NH4Cl + NaHCO3 2NaHCO3 → Na2CO3 + H2O + CO2 (i) ब्राइन को अमोनिया से संतृप्त करना - यह क्रिया संयंत्र के जिस भाग में करायी जाती है, उसे संतृप्तकारी हौज (saturating tank) कहते हैं। संतृप्तकारी हौज में सोडियम क्लोराइड का संतृप्त जलीय विलयन (ब्राइन) भरा होता है। इसमें अमोनिया पुनः प्राप्ति स्तम्भ से प्राप्त अमोनिया गैस प्रवाहित की जाती है। अमोनिया पुनः प्राप्ति स्तम्भ से अमोनिया के साथ कुछ कार्बन डाइ-ऑक्साइड गैस भी प्राप्त होती है। यह कार्बन डाइऑक्साइड जल में मिली कैल्सियम तथा मैग्नीशियम की अशुद्धियों को दूर कर देती है। 2NH3 + H2O + CO2 → (NH4 )2 CO3 संतृप्तकारी हौज में भरे विलयन में अमोनिया प्रवाहित करने के बाद उसे फिल्टरित करके कार्बोनेटीकारक स्तम्भ में भेजा जाता है। संतृप्तकारी हौज से अमोनिया तथा सोडियम क्लोराइड का संतृप्त जलीय विलयन प्राप्त होता है ।
2NH3 + CO2 + H2O → (NH4
)2 CO3 (iii) निर्वात-निस्पंदन (Vacuum filtration)-कार्बोनेटीकारक स्तम्भ से प्राप्त विलयन को निर्वात पम्पों (vacuum pumps) की सहायता से छान लिया जाता है। कम विलेय सोडियम बाइकार्बोनेट अवशेष (residue) में प्राप्त होता है तथा फिल्टरित विलयन में मुख्यतः अमोनियम क्लोराइड होता है। (iv) निस्तापन (Calcination) - निर्वात निस्पंदन से प्राप्त ठोस पदार्थ को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट प्राप्त हो जाता है। गर्म करने पर 2NH4CI + Ca(OH)2 → गर्म करने पर → CaCl + 2H2O + 2NH3
(vi) चूने का भट्टा (Lime kiln)- चूने के भट्टे में चूने के पत्थर (CaCO3) तथा कोयले के मिश्रण को जलाया जाता है जिससे अधिक ताप उत्पन्न होता है तथा निम्न अभिक्रियायें होती हैं- CaCO3 →
CaO + CO2 चूने के भट्टे से प्राप्त कार्बन डाइऑक्साइड गैस को कार्बोनेटीकारक स्तम्भ में प्रवाहित किया जाता है तथा चूने (CaO) को जल में मिलाकर बुझा हुआ चूना बनाया जाता है जो अमोनिया पुनः प्राप्ति स्तम्भ में भेजा जाता है। नोट-
Na2CO3.10H2O → शुष्क हवा में खुला छोड़ने पर → Na2CO3.H2O + 9H20 Na2CO3.10H2O → Na2CO3 + H2O निर्जल सोडियम कार्बोनेट ऊष्मा के प्रति स्थायी है। 2. जल अपघटन - जल अपघटन (hydrolysis) के कारण इसका जलीय विलयन क्षारीय होता है। Na2CO3 2Na+ ⇌ + CO-- 2NaOH [सोडियम हाइड्रॉक्साइड(प्रबल क्षार)] H2CO3 [कार्बनिक अम्ल (दुर्बल क्षार)] 3. कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया- सोडियम कार्बोनेट के जलीय विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड गैस का अधिकता में प्रवाहित करने पर सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) बनता है। Na2CO3 + H2O + CO2 → 2NaHCO3 Na2CO3 + HCI → NaHCO3 + NaCl 5. धात्वीय कार्बोनेटों का अवक्षेपण - सोडियम कार्बोनेट विलयन को बुझे चूने (slaked lime) के साथ गर्म करने पर कैल्सियम कार्बोनेट अवक्षेपित होता है तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड प्राप्त होता है। अधिकांश धातुओं के लवणों के जलीय विलयनों में सोडियम कार्बोनेट मिलाने पर उन धातुओं के कार्बोनेट लवण प्राप्त होते हैं। क्षार धातुओं के कार्बोनेट तथा अमोनियम कार्बोनेट को छोड़कर अन्य सभी कार्बोनेट जल में अविलेय होते हैं तथा अवक्षेप के
रूप में प्राप्त होते हैं। Na2CO3 + Ca(OH)2 → 2NaOH + CaCO3↓ कुछ धातुओं के लवणों के जलीय विलयन में सोडियम कार्बोनेट मिलाने पर उनके हाइड्रॉक्साइड अवक्षेपित होते हैं।
2FeCl3 + 3Na2CO3 + 3H20 → 2Fe(OH)3↓ + 6NaCl + 3CO2 कुछ धातुओं के लवणों के जलीय विलयन में सोडियम कार्बोनेट मिलाने पर उनके भास्मिक कार्बोनेट अवक्षेपित होते हैं। उदाहरण के
लिए- 3Pb(NO3)2 + 3Na2CO3 + H2O → 2PbCO3.Pb(OH)2↓ + 6NaNO3 + CO2↑ 2PbCO3.Pb(OH)2 (भास्मिक लेड कार्बोनेट या सफेद लेंड या सफेदा) इन धातुओं के कार्बोनेट बनाने के लिये उनके लवणों के जलीय विलयन को सोडियम बाइकार्बोनेट के साथ गर्म किया जाता है। ZnSO4 + 2NaHCO3 → ZnCO3↓ + Na2SO4 + H2O + CO2↑ धावन सोडा का उपयोग (Uses)
धावन सोडा कैसे बनाएं?साल्वे प्रक्रम : यह धावन सोडे के निर्माण के लिए प्रयुक्त होता है। इसे अमोनिया सोड़ा प्रक्रम भी कहते है। प्रक्रम : (i) इस प्रक्रम में ठण्डा तथा सान्द्र सोडियम क्लोराइड (ब्राइन विलयन) विलयन, अमोनिया के साथ संतृप्त होता है। (ii) अमोनिकृत ब्राइन को छिद्रदार प्लेटों के साथ जुड़ी कार्बोनेटिंग स्तम्भ के ऊपर से भरा जाता है।
धोने वाले सोडा का निर्माण कैसे किया जाता है रासायनिक नाम बताते हुये इसके उपयोग लिखिये?सोडियम कार्बोनेट एक अकार्बनिक यौगिक है जिसका रासायनिक सूत्र (Na2CO3) है। इसे 'धोवन सोडा' या 'धोने का सोडा' (washing soda या soda ash और soda crystals) भी कहते हैं। यह एक सामान्य लवण है जिसका जलीय घोल क्षारीय होता है। इसलिए इसका उपयोग कपड़े धोने के लिये किया जाता है।
धावन सोडा कैसे बनाया जाता है रासायनिक अभिक्रिया का सारांश लिखिए?सिद्धान्त-अमोनियम हाइड्रॉक्साइड विलयन में कार्बन डाइऑक्साइड प्रवाहित करने पर अमोनियम बाइकार्बोनेट (NH4HCO3) बनता है। अमोनियम बाइकार्बोनेट की सोडियम क्लोराइड से क्रिया कराने पर अमोनियम क्लोराइड (NH4CI) तथा सोडियम बाइकार्बोनेट (NaHCO3) बनते हैं। सोडियम बाइकार्बोनेट को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट बन जाता है।
धावन सोडा का उपयोग क्या है?Solution : धावन सोडां के उपयोग निम्नलिखित हैं <br> (i) धावन सोडा को काँच, साबुन तथा कागज़ उद्योग में प्रयोग किया जाता है। <br> (ii) बॉरेक्स, जैसे सोडियम यौगिकों के निर्माण में इसे प्रयोग किया जाता है। <br> (iii) इसे वाशिंग पाउडर के घटक के रूप में धावन के लिए उपयोग किया जाता है।
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