अतिलघु उत्तरीय प्रश्न Show (प्रत्येक 1 अंक) प्रश्न 1. गांधीजी का धर्म से क्या आशय था? उसकी क्या विशेषता थी? ‘धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर लिखिए। प्रश्न 2. ‘ला मजहब’ किसे कहा जाता है? वे केसे होते हैं? ‘धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर लिखिए। उत्तरः जो ईश्वर में आस्था नहीं रखते। प्रश्न 3. गरीब और अधिक
गरीब कैसे हो रहे हैं? ‘धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर उत्तर दीजिए। प्रश्न 4. धर्म की आड़ में किस प्रकार के प्रपंच रचे जा रहे हैं ? प्रश्न 5.
आने वाला समय किस प्रकार के धर्म को नहीं टिकने देगा ? प्रश्न 6. स्वाधीनता के कार्यों में सबसे बुरा दिन कौन-सा था तथा क्यों? प्रश्न 7. केसे लोग धार्मिक लोगों से अच्छे हैं ? लघु उत्तरीय प्रश्न (प्रत्येक 2 अंक) प्रश्न 3. कौन-सा कार्य देश की स्वाधीनता के विरुद्ध समझा जाए ? प्रश्न 4. शुद्धाचरण से क्या तात्पर्य है? ‘धर्म की
आड़’ पाठ के आधार पर अन्तर दीजिए। प्रश्न 5. धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले भीषण व्यापार को केसे रोका जा सकता है ? प्रश्न 6. धर्म के स्पष्ट चिन्ह क्या हैं ? प्रश्न 7. लेखक की दृष्टि में धर्म की भावना केसी होनी चाहिए ? प्रश्न 8. ‘धर्म की आड़’ पाठ के आधार पर गाँधी जी के धर्म सम्बन्धी विचार लिखिए। प्रश्न 9. धर्म और ईमान के नाम पर कौन-कौन से ढोंग किए जाते हैं ? प्रश्न 10. पाश्चात्य देशों में धनी और निर्धन लोगों में क्या अन्तर है ? प्रश्न 11. ‘धर्म की आड़’ पाठ में लेखक क्या सन्देश देना चाहता है
? प्रश्न 12. लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि "धर्म की मार से ज्यादा बुद्धि की मार बुरी है।" ‘बुद्धि की
मार’ के सम्बन्ध में लेखक के क्या विचार है? धर्म की आड़ पाठ के अनुसार धर्म के स्पष्ट चिह्न क्या हैं?धर्म की आड़ पाठ के अनुसार धर्म के दो स्पष्ट चिह्न हैं-शुद्ध आचरण और सदाचार। आज धर्म और ईमान के नाम पर उपद्रव किए जाते हैं और आपसी झगड़े करवाए जाते हैं। स्वार्थ सिद्धि के लिए लड़ाया जाता है। धर्म के नाम पर दंगे होते हैं और धर्म तथा ईमान पर जिद की जाती है।
धर्म का स्पष्ट चिन्ह क्या है?धर्म के स्पष्ट चिह्न क्या हैं? धर्म के स्पष्ट चिह्न हैं-शुद्ध आचरण और सदाचार।
लेखक के अनुसार धर्म क्या होना चाहिए?लेखक के अनुसार धर्म क्या होना चाहिए? D. धर्म, ईश्वर और आत्मा के बीच का संबंध होना चाहिए। Ans: धर्म, ईश्वर और आत्मा के बीच का संबंध होना चाहिए।
धर्म की आड़ पाठ में लेखक किन लोगों को चेतावनी दे रहा है तथा क्यों?Answer: धर्म की आड़' पाठ में निहित संदेश यह है कि सबसे पहले हमें धर्म क्या है, यह समझना चाहिए। ... अपने स्वार्थ के लिए लोगों को गुमराह कर शोषण करना और धर्म के नाम पर दंगे फसाद करवाना धर्म नहीं है। सदाचार और शुद्ध आचरण ही धर्म है, यह समझना चाहिए।
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