दीवान - ए कोही के क्या कार्य है - deevaan - e kohee ke kya kaary hai

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मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विकास के लिए ‘दीवान - ए - अमीर कोही’ नामक विभाग की स्थापना की थी। मोहम्मद तुगलक द्वारा स्थापित इस विभाग का मुख्य कार्य मालगुजारी व्यवस्था की देखभाल करना एवं भूमि को खेती योग्य बनाना था।

मुहम्मद बिन तुगलक एक अग्रगामी सोच वाला शासक था जिसने सल्तनत काल के विकास के लिए जहां एक तरफ कई नये प्रयोग किये, वहीं प्रचलित पद्धतियों में भी आमूत-चूल सुधार किये। इन्हीं सुधारों में से एक था दीवाने-कोही की स्थापना। इस संस्था की स्थापना के पीछे मुख्य उद्देश्य राज्य की सहायता से कृषि योग्य भूमि क विकास एवम् विस्तार करना था। इस प्रकार दीवाने-कोही की स्थापना का मुख्य उद्देश्य परती एवम् बंजार भूमि को कृषि योग्य बनाना था। इस विभाग का प्रमुख पदाधिकारी दीवान-ए-अमीर-कोही था। इसके अतिरिक्त मुहम्मद बिन तुगलक ने किसानों की सहायता के लिए अत्यंत कम ब्याज पर तकावी ऋण (सोनधर) भी उपलब्ध कराया। मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि के विस्तार के लिए फसल चक्र की योजना भी कार्यांवित की थी।....अगला सवाल पढ़े

Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत

Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams

Web Title : Diwan E Kohi Ke Kya Kary Hai

दीवान ए कोही का अर्थ क्या है?

दीवान--अमीर कोही भारत के इतिहास में सल्तनत काल में यह एक महत्त्वपूर्ण विभाग हुआ करता था। मुहम्मद तुग़लक़ द्वारा स्थापित इस विभाग का मुख्य कार्य मालगुज़ारी व्यवस्था की देखभाल करना एवं भूमि को खेती योग्य बनाना होता था।

दीवान ए कोही की स्थापना कब हुई?

भारत में इस सम्प्रदाय का प्रचार मख्दूम मुहम्मद जिलानी और शाह नियामतुल्ला ने किया। सैयद बन्दगी मुहम्मद ने 1482 ई. में सिन्ध को इस सम्प्रदाय का प्रचार केन्द्र बनाया।

दीवान ए कोही किसकी रचना है?

Notes: दीवान ए अमीर कोही विभाग दिल्ली सल्तनत में एक प्रमुख मंत्रालय था जिसकी स्थापना मुहम्मद बिन तुगलक ने की।