दैनिक जीवन में ज्यामिति का क्या उपयोग है? - dainik jeevan mein jyaamiti ka kya upayog hai?

Geometry: ज्यामिति गणित की सबसे पुरानी शाखा है जो आकार, स्थिति कोण और चीजों के आयामों से संबंधित है. ज्यामिति उन चीजों से संबंधित है जो दैनिक जीवन में उपयोग की जाती हैं. ज्यामिति में 2D के साथ-साथ 3D आकार यानी 2 आयामी और 3-आयामी आकार शामिल हैं.

समतल ज्यामिति (plane geometry), 2d आकार जैसे त्रिभुज(triangle), वर्ग(square), आयत(rectangle) और वृत्त(circle) को समतल आकृतियाँ भी कहा जाता है. ठोस ज्यामिति (solid geometry) में घन(cube), घनाभ(cuboid), शंकु(cone) आदि जैसी 3d आकृतियों को ठोस ज्यामिति भी कहा जाता है. मूल ज्यामिति उन बिंदुओं, रेखाओं और तलों पर आधारित होती है जो निर्देशांक ज्यामिति के अंतर्गत आते हैं.

इस लेख में, हम आपको ज्यामिति(geometry), ज्यामिति आकृतियों(geometry shapes) और ज्यामिति सूत्रों(geometry formulas) के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं. ज्यामिति(geometry) को समझने से उम्मीदवारों को उससे संबंधित और प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्नों को हल करने में मदद मिलेगी.

Geometry Definition(ज्यामिति परिभाषा)

ज्यामिति(Geometry) शब्द प्राचीन ग्रीक शब्दों से बना है – ‘जियो’ का अर्थ है ‘पृथ्वी’ और ‘मेट्रॉन’ का अर्थ है ‘माप’. ज्यामिति (Geometry) अंतरिक्ष के गुणों से संबंधित है जो दूरी, आकृति, आकार और आंकड़ों की सापेक्ष स्थिति से संबंधित हैं. ज्यामिति(Geometry) की मूल बातें मुख्य रूप से बिंदुओं, रेखाओं, कोणों और समतलों पर निर्भर करती हैं.

ज्यामिति की शाखाएँ क्या हैं?

ज्यामिति की शाखाएँ इस प्रकार हैं:

  • Algebraic geometry(बीजीय ज्यामिति)
  • Discrete geometry(असतत ज्यामिति)
  • Differential geometry(डिफरेंशियल ज्योमेट्री)
  • Euclidean geometry(यूक्लिडियन ज्यामिति)
  • Convex geometry(उत्तल ज्यामिति)
  • Topology(टोपोलॉजी)

समतल ज्यामिति(Plane Geometry) (2D ज्यामिति)

समतल ज्यामिति(Plane Geometry) का अर्थ है सपाट आकृतियाँ जो कागज पर बनाई जा सकती हैं. इनमें दो आयामों की रेखाएं, वृत्त और त्रिभुज शामिल हैं. समतल ज्यामिति(Plane Geometry) को द्वि-आयामी ज्यामिति के रूप में भी जाना जाता है. 2D ज्यामिति का उदाहरण वर्ग, त्रिभुज, आयत, वृत्त, रेखाएँ आदि है. यहां हम आपको नीचे दी गई 2D आकृतियों के गुण प्रदान कर रहे हैं.

बिंदु

एक बिंदु एक समतल पर एक स्थान या स्थिति है. एक बिंदु आमतौर पर उनका प्रतिनिधित्व करता है. यह समझना जरूरी है कि एक बिंदु कोई चीज नहीं है, बल्कि एक जगह है. बिंदु का कोई आयाम नहीं है और इसकी एकमात्र स्थिति है.

रेखा

रेखा बिना किसी वक्र के सीधी है, इसकी कोई मोटाई नहीं है, और दोनों दिशाओं में बिना किसी अंत के फैली हुई है.

ज्यामिति में कोण(Angles in Geometry)

कोण दो रेखाओं के प्रतिच्छेदन से बनते हैं जिन्हें एक ही बिंदु पर किरणें कहते हैं. जिसे कोण का शीर्ष कहते हैं.

Types of Angle

  1. न्यून कोण(Acute Angle) – एक न्यून कोण एक समकोण से छोटा कोण होता है अर्थात यह 0 – 90 डिग्री से हो सकता है.
  2. अधिक कोण(Obtuse Angle) – एक अधिक कोण 90 डिग्री से अधिक है लेकिन 180 डिग्री से कम है.
  3. समकोण (Right Angle) – यह एक 90 डिग्री का कोण होता है.
  4. सीधा कोण(Straight Angle) – 180 डिग्री का कोण एक सीधा कोण होता है, यानी एक सीधी रेखा से बनने वाला कोण

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बहुभुज(Polygons)

बहुभुज एक अप्रतिबंधित आकार की आकृति है जिसमें कम से कम तीन भुजाएँ और तीन शीर्ष होते हैं. ‘पॉली’ शब्द का अर्थ है ‘अनेक’ और ‘गॉन’ का अर्थ है ‘कोण’. इसलिए, बहुभुजों में कई कोण होते हैं. बहुभुज की सीमा और क्षेत्र इसके प्रकारों पर निर्भर करता है. बहुभुजों के वितरण को पक्षों और शीर्षों के आंकड़ों के आधार पर वर्णित किया गया है.

बहुभुज के प्रकार(Types of Polygons)

बहुभुज के प्रकार हैं:

  • त्रिभुज(Triangles)
  • चतुर्भुज(Quadrilaterals)
  • पंचकोण(Pentagon)
  • षट्भुज(Hexagon)
  • सप्तभुज(Heptagon)
  • अष्टभुज(Octagon)
  • नवभुज(Nonagon)
  • दसभुज(Decagon)

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हमने नीचे दी गई तालिका में गुणों के साथ-साथ उनके गुणों के साथ बहुभुजों के उदाहरणों पर भी चर्चा की है. ये आंकड़े उम्मीदवारों को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए ज्यामिति की तैयारी में मदद करेंगे.

त्रिभुज(Triangle)एक त्रिपक्षीय बहुभुज जिसके आंतरिक कोणों का योग हमेशा 180 डिग्री होता है.
  • समबाहु त्रिभुज(equilateral triangle) में 3 बराबर भुजाएँ और कोण होते हैं.
  • एक समद्विबाहु त्रिभुज (isosceles triangle) में 2 बराबर भुजाएँ और 2 बराबर कोण होते हैं.
  • एक विषमकोण त्रिभुज (scalene triangle) में सभी 3 असमान भुजाएँ और कोण होते हैं.
चतुर्भुज(Quadrilaterals)चार किनारों और चार शीर्षों वाला एक 4-पक्षीय बहुभुज चतुर्भुज(Quadrilaterals)
होता है जिसके आंतरिक कोणों का योग हमेशा 360 डिग्री होता है
  • वर्ग (Square) में 4 बराबर भुजाएँ और शीर्ष होते हैं जो समकोण पर होते हैं.
  • आयत (Rectangle) में समान विपरीत भुजाएँ होती हैं और सभी कोण समकोण पर होते हैं.
  • एक समांतर चतुर्भुज (parallelogram) में समानांतर भुजाओं के दो जोड़े होते हैं.सम्मुख भुजाएँ और सम्मुख कोण माप में बराबर होते हैं.
  • समचतुर्भुज (rhombus) की चारों भुजाएँ समान लंबाई की होती हैं. हालांकि, उनका आंतरिक कोण 90 डिग्री नहीं होता है.
  • समलंब(Trapezium) में विपरीत भुजाओं का एक जोड़ा समानांतर होता है.
पंचकोण(Pentagon)पाँच सीधी भुजाओं और पाँच कोणों वाली एक समतल आकृति–षट्भुज(Hexagon)छह सीधी भुजाओं और छह कोणों वाली एक समतल आकृति–सप्तभुज(Heptagon)सात भुजाओं और सात कोणों वाली एक समतल आकृति–अष्टभुज(Octagon)आठ सीधी भुजाओं और आठ कोणों वाली एक समतल आकृति.–नवभुज(Nonagon)नौ सीधी भुजाओं और नौ कोणों वाली एक समतल आकृति.–दसभुज(Decagon)दस सीधी भुजाओं और दस कोणों वाली एक समतल आकृति.–

ज्यामिति सूत्र(Geometry Formulas)

प्रत्येक ज्यामिति आकार और आकृति का क्षेत्रफल और परिधि के लिए अपना स्वयं का सूत्र होता है. प्रतियोगी परीक्षाओं के क्वांटिटेटिव एप्टीट्यूड सेक्शन में ज्योमेट्री सेक्शन में पूछे गए विभिन्न प्रश्नों को हल करना उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण है. सभी महत्वपूर्ण ज्यामिति सूत्र (Geometry formulas) नीचे सारणीबद्ध हैं.

दैनिक जीवन में निर्देशांक ज्यामिति का क्या उपयोग है?

दैनिक जीवन में ज्यामिति के उपयोग का सर्वोत्तम उदाहरण है हमारे घर की सीढ़ियां, जो घरों में ज्यामिति के कोणों के आधार स्वरूप 90 डिग्री (Degree) पर निर्मित की जाती हैं। ज्यामिति अंतरिक्ष में आकाशगंगा, सौर-मण्डल, ग्रहों, सितारों और अन्य चलती चीज़ों की गणना करने में भी अहम भूमिका निभाती है।

ज्यामिति का दूसरा नाम क्या है?

ज्यामिति या रेखागणित (en:Geometry) गणित की तीन विशाल शाखाओं में से एक है

ज्यामिति सीखने का उद्देश्य क्या है?

(x.) विद्यार्थियों को ज्यामितीय आकृतियों को बनाना तथा नापना,उसके क्षेत्रफलों और आयतनों को ज्ञात करना तथा जीवन में उनका प्रयोग करने की योग्यता पैदा करना। (xi.) विद्यार्थियों को आकार,आकृति,स्थिति,समता,समानता, अनुरूपता आदि प्रत्ययों का मूर्त ज्ञान देना तथा इनसे संबंधित साध्यों को समझने की योग्यता पैदा करना।

ज्यामिति का पिता कौन है?

यूक्लिड (Euclid) ग्रीक गणितज्ञ थे, जो ईसा से लगभग ३२५ वर्ष पूर्व हुए थे।