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सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की संपूर्ण रचनाएँThis video is playing from YouTube वीडियो का सेक्शनअन्य वीडियोसूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालासूर्यकांत त्रिपाठी निरालाaah ko chahiye ek umr asar hote tak SHAMSUR RAHMAN FARUQI143 श्रेणीबद्ध करें लोकप्रियता वर्णमाला
सरोज-स्मृतिसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
राम की शक्ति-पूजासूर्यकांत त्रिपाठी निराला
कुकुरमुत्तासूर्यकांत त्रिपाठी निराला
तोड़ती पत्थरसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
सच हैसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
जल्द-जल्द पैर बढ़ाओसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
राजे ने अपनी रखवाली कीसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
विनयसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
बापू के प्रतिसूर्यकांत त्रिपाठी निराला
रानी और कानीसूर्यकांत त्रिपाठी निरालाहिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आप सभी हिन्दी भाषा प्रेमियों का सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएँ पढ़ने के लिए स्वागत है। ( Suryakant Tripathi Nirala poems in hindi ) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविताएं हिंदी साहित्य के क्षेत्र में विशेष स्थान रखती हैं। सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी हिन्दी साहित्य के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। छायावादी युग के चार प्रमुख हस्ताक्षर जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पन्त, महादेवी वर्मा और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला हैं। महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएँ हिन्दी साहित्य में एक अलग ही पहचान रखती हैं। उन्हीं रचनाओं में से कुछ प्रमुख रचनाएं हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर प्रस्तुत की गई हैं। आइए पढ़ते हैं सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएँ, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविताएं ( Suryakant Tripathi Nirala poems in hindi )
जागो फिर एक बार – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsजागो फिर एक बार आँखे अलियों-सी अस्ताचल चले रवि घेर रहा चन्द्र को चाव से पिउ-रव पपीहे प्रिय बोल रहे सहृदय समीर जैसे तन-मन थक जायें उगे अरुणाचल में रवि अभी न होगा मेरा अन्त – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsअभी न होगा मेरा अन्त हरे-हरे ये पात मैं ही अपना स्वप्न-मृदुल-कर पुष्प-पुष्प से तन्द्रालस लालसा खींच लूँगा मैं द्वार दिखा दूँगा फिर उनको मेरे जीवन का यह है जब प्रथम चरण मेरे ही अविकसित राग से मातृ वंदना – Famous Suryakant Tripathi Nirala poems in hindiनर जीवन के स्वार्थ सकल जीवन के रथ पर चढ़कर जागे मेरे उर में तेरी बाधाएँ आएँ तन पर गीत गाने दो मुझे – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsगीत गाने दो मुझे तो चोट खाकर राह चलते भर गया है ज़हर से तुम और मैं – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsतुम तुंग – हिमालय – श्रृंग तुम विमल हृदय उच्छवास तुम प्रेम और मैं शान्ति तुम दिनकर के खर किरण-जाल तुम योग और मैं सिद्धि तुम मृदु मानस के भाव तुम प्राण और मैं काया तुम प्रेममयी के कण्ठहार तुम पथ हो, मैं हूँ रेणु तुम पथिक दूर के श्रान्त तुम नभ हो, मैं नीलिमा तुम गन्ध-कुसुम-कोमल पराग तुम शिव हो, मैं हूँ शक्ति तुम आशा के मधुमास तुम अम्बर, मैं दिग्वसना तुम रण-ताण्डव-उन्माद नृत्य तुम यश हो, मैं हूँ प्राप्ति तोड़ती पत्थर – Famous Suryakant Tripathi Nirala poems in hindiवह तोड़ती पत्थर कोई न छायादार चढ़ रही थी धूप देखते देखा मुझे तो एक बार एक क्षण के बाद वह काँपी सुघर सच है – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsयह सच है तुमने जो दिया दान दान वह बार बार हार हार मैं गया भेद कुल खुल जाए – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsभेद कुल खुल जाए वह सूरत हमारे दिल में है हार होंगे हृदय के खुलकर तभी गाने नये तरस है ये देर से आँखे गड़ी श्रृंगार में पेड़ टूटेंगे, हिलेंगे, जोर से आँधी चली ताक पर है नमक मिर्च लोग बिगड़े या बनें गहन है यह अंधकारा – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsगहन है यह अंधकारा खड़ी है दीवार जड़ की घेरकर कल्पना का ही अपार समुद्र यह प्रिय मुझे वह चेतना दो देह की भर देते हो – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsभर देते हो मेरे अन्तर में आते हो, देव, निरन्तर अंधकार में मेरा रोदन कुसुम-कपोलों पर वे लोल
शिशिर-कण प्राप्ति – Famous Suryakant Tripathi Nirala poems in hindiतुम्हें खोजता था मैं मुझे भर लिया तुमने गोद में सूखे
श्रम-सीकर वे प्रगल्भ प्रेम – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsआज नहीं है मुझे और कुछ चाह मेरे जीवन की तू प्रिये, साधना मेरे कुंज-कुटीर-द्वार पर आ तू बहे हृदय में मेरे, प्रिय, नूतन आनन्द प्रवाह लखूँ तुझे ही चकित चतुर्दिक एक लहर आ मेरे उर में मधुर कराघातों से इमन-रागिनी की वह मधुर तरंग भिक्षुक – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsवह आता पेट पीठ दोनों मिलकर हैं एक साथ दो बच्चे भी हैं सदा हाथ फैलाए चाट
रहे जूठी पत्तल वे सभी सड़क पर खड़े हुए ठहरो अहो मेरे हृदय में है अमृत, मैं सींच दूँगा वर दे वीणावादिनी वर दे – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsवर दे, वीणावादिनि वर दे काट अंध-उर के बंधन-स्तर नव गति, नव लय, ताल-छंद नव वर दे, वीणावादिनि वर दे तुम हमारे हो – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsनहीं मालूम क्यों यहाँ आया ताब बेताब हुई हठ भी हटी पर अहो पास छोड़ आते ही एक भी हाथ सँभाला न गया रात को सोते यह सपना देखा अब अगर कोई भी सताये तुम्हें प्रेम के प्रति – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsचिर-समाधि में अचिर-प्रकृति जब वसन वासनाओं के
रँग-रँग प्रेम, सदा ही तुम असूत्र हो जब कड़ी मारें पड़ीं – Famous Suryakant Tripathi Nirala poems in hindiजब कड़ी मारें पड़ीं, दिल हिल गया खेत में पड़ भाव की जड़ गड़ गयी दीन का तो हीन ही यह वक्त है काल की ही चाल से मुरझा गये मिष्ट है, पर इष्ट उनका है नहीं मौन – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsबैठ लें कुछ देर मौन मधु हो जाए सरल अति स्वच्छ्न्द दीन – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsसह जाते हो अपने उर की तप्त व्यथाएँ कह जाते हो क्रूर यहाँ पर कहलाता है शूर अन्त – विराम – मरण यही मेरा, इनका, उनका, सबका जीवन मरण-दृश्य – Famous Suryakant Tripathi Nirala poems in hindiकहा जो न, कहो विश्व सीमाहीन सकल साभिप्राय दिये थे जो स्नेह-चुम्बन तुम्हें चाहता वह भी सुन्दर – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsतुम्हें चाहता वह भी सुन्दर द्वार-द्वार फिर कर चाहता वहाँ जाना वह भी स्वप्न-स्मृति – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsआँख लगी थी पल-भर भीतर नग्न रूप
था घोर दमन का भाव में कहते थे वे नेत्र निमेष-विहीन प्रेयसी – Famous Suryakant Tripathi Nirala poemsघेर अंग-अंग को खिले नव पुष्प जग प्रथम सुगन्ध के दर्शन-समुत्सुक युवाकुल पतंग ज्यों प्रस्रवण झरते आनन्द के चतुर्दिक हुआ रूप-दर्शन याद है, उषाकाल करती विहार दिये नहीं प्राण जो इच्छा से दूसरे को मिली ज्योति छबि से तुम्हारी बँधी हुई तुमसे ही देखती हुई सहज चली चुपचाप सजल शिशिर-धौत पुष्प ज्यों प्रात में समझ नहीं सकी, हाय वक्ष के सजे तार झंकृत करने लगे किन्तु हाय किन्तु दिन रात का आयी मैं द्वार पर सुन प्रिय कण्ठ-स्वर पूर्ण मैं कर चुकी Thank you for reading Suryakant Tripathi Nirala poems in hindi, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएँ, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविताएं. उम्मीद है कि आप सभी हिन्दी प्रेमियों को हिन्दी साहित्य के महान कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएँ ( suryakant tripathi nirala poems in hindi ) पसंद आयी होंगी। अगर इस लेख ( Suryakant Tripathi Nirala poems सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की रचनाएँ ) में कहीं किसी प्रकार की त्रुटि हो तो कृपया टिप्पणी करके जरूर बताएं। ( Suryakant Tripathi Nirala poems in hindi ) सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविताएं पढ़ने के साथ साथ आप हिंदी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर हिन्दी साहित्य के और भी महान कवियों की रचनाएं नीचे दिए गए लिंक पर जाकर पढ़ सकते हैं।
Please do follow -: Instagram Page सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाएं कौन कौन सी हैं?प्रकाशित कृतियाँ. अनामिका (१९२३). परिमल (१९३०). गीतिका (१९३६). अनामिका (द्वितीय) (१९३९) (इसी संग्रह में सरोज स्मृति और राम की शक्तिपूजा जैसी प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है।. तुलसीदास (१९३९). कुकुरमुत्ता (१९४२). अणिमा (१९४३). बेला (१९४६). निराला की कविता कौन कौन सी है?सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की 10 प्रसिद्ध कविताएँ. सरोज-स्मृति सूर्यकांत त्रिपाठी निराला. राम की शक्ति-पूजा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला. कुकुरमुत्ता सूर्यकांत त्रिपाठी निराला. तोड़ती पत्थर सूर्यकांत त्रिपाठी निराला. सच है सूर्यकांत त्रिपाठी निराला. जल्द-जल्द पैर बढ़ाओ सूर्यकांत त्रिपाठी निराला. राजे ने अपनी रखवाली की ... . निराला की पहली रचना कौन सी है?1920 ई के आसपास उन्होंने अपना लेखन कार्य शुरू किया था। उनकी सबसे पहली रचना एक गीत जन्म भूमि पर लिखी गई थी। 1916 ई मैं उनके द्वारा लिखी गई ' जूही की कली ' बहुत ही लंबे समय तक का प्रसिद्ध रही थी और 1922 ई मैं प्रकाशित हुई थी।
निराला का प्रसिद्ध रेखाचित्र क्या है?रेखाचित्र, कथा-शिल्पी निराला की सूक्ष्म दृष्टि और कुशल लेखनी के परिचायक हैं। ''चतुरी चमार'' शीर्षक रेखाचित्र को कहानी-संग्रहों के बीच स्थान दिया गया है। किन्तु विधा की दृष्टि से ''चतुरी चमार'' भी एक सफल रेखाचित्र ही है।
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