सोने की शुद्धता की पहचान कैसे करें? - sone kee shuddhata kee pahachaan kaise karen?

मुंबई. हम जब भी सोना खरीदते हैं तो भाव को ज्यादा महत्व देते हैं लेकिन सोने की शुद्धता को नजरअंदाज कर देते हैं. गोल्ड की शुद्धता के बजाय हम कीमतों की तुलना करते हैं. लेकिन यह एक बड़ी गलती हो सकती है क्योंकि सोने की शुद्धता बहुत मायने रखती है और इसी वजह से गोल्ड के प्राइस में अंतर आता है. आप चाहें सोना निवेश के लिए खरीदें या निजी उपयोग के लिए इसकी शुद्धता को जरूर ध्यान में रखें.

कई जानकारों का कहना है कि हमेशा लोगों को प्योर गोल्ड में इन्वेस्ट करना चाहिए. क्योंकि सोने में अन्य धातुओं के इस्तेमाल से लंबे समय में उसकी गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ सकता है और इस वजह से आपके निवेश को नुकसान पहुंच सकता है.

ज्वैलरी और निवेश के लिए किस क्वालिटी का गोल्ड खरीदें?
गहनों के मामले में 18K या 22K गोल्ड खरीदना सही होता है क्योंकि यह शुद्धता के लिहाज से सही होता है और अधिक टिकाऊ रहता है. हालांकि, सोने के सिक्कों के मामले में गोल्ड की शुद्धता का उच्चतम स्तर 99.99% है, जबकि मार्केट स्टैंडर्ड 99.5% या 99.9% है.

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मिलीसिमल फाइननेस सिस्टम क्या है?
मिलीसिमल फाइननेस, यह सोने की शुद्धता को दर्शाने वाला एक सिस्टम है. इसमें कैरेट के बजाय प्रति हजार भागों या सोने के प्रतिशत द्वारा शुद्धता को मापा जाता है. इसके अनुसार, 999 का मतलब है कि आपका 24K गोल्ड 99.90% शुद्ध है और इसमें अन्य धातु का मिश्रण केवल 0.1% है. इसी तरह, 999.9 का मतलब है कि आपका सोना 99.99% शुद्ध है और इसमें केवल 0.01% ही अन्य धातु मिलाई गई है.

गोल्ड खरीदने से पहले, अपने ज्वैलर, बैंक या डिजिटल प्लेटफॉर्म से सोने की शुद्धता के बारे में हमेशा पूछना चाहिए. उदाहरण के लिए, एमएमटीसी-पीएएमपी और सेफगोल्ड गोल्ड की शुद्धता 99.99% है. आमतौर पर ज्वैलरी में 14K, 18K, 22 K से लेकर शुद्धता के विभिन्न स्तरों में गोल्ड आता है.

प्योर गोल्ड खरीदने के लिए देने होंगे ज्यादा पैसे?
क्या उच्चतम शुद्धता वाला सोना खरीदने के लिए अतिरिक्त पैसे देने होते हैं? विशेषज्ञों का कहना है कि प्योर गोल्ड के लिए कोई अतिरिक्त लागत नहीं है. यह सुनिश्चित करना होगा कि डिलीवरी के लिए 99.99% सोने के सिक्के उपलब्ध हैं, प्रोवाइडर के डिलीवरी विकल्पों की जाँच करें. यह स्पष्ट करने के लिए कि, प्रति ग्राम शुद्ध सोने की दर 995 या 999.9 शुद्धता के लिए समान है.

उच्च शुद्धता के मामलों में सोने की हेडलाइन दर अधिक होगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि दर का शुद्ध सोने के अतिरिक्त ग्राम से सीधा संबंध है. उदाहरण के लिए, अगर 995 की दर 5000 रुपये/ग्राम है, तो 999.9 की दर 5000 x 999.9/995 = 5024.62/ग्राम होगी.

दिवाली से पहले धनतेरस (Dhanteras) की खरीदारी आज से शुरू हो रही है. धनतेरस के दिन लोग बड़े पैमाने पर सोने और चांदी (Gold Silver) की खरीदारी करते हैं. धनतरेस के दिन कई लोग सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत भी करते हैं. सोने की कीमतों में इन दिनों गिरावट देखने को मिल रही है. इसलिए सोने की जबरदस्त बिक्री होने की उम्मीद जताई जा रही है.

अगर आप भी धनतेरस के दिन सोना या सोने के गहने खरीदने जा रहे हैं, तो दुकान पर खरीदारी के वक्त इसकी शुद्धता की जांच-परख अच्छी तरह से जरूर कर लें. सोना को संकट का साथी कहा जाता है. आर्थिक मुसीबत में आप इसे बेचकर या गिरवी रखकर अपनी आर्थिक जरूरत को पूरा कर सकते हैं. अगर सोने में मिलावट निकली तो उस वक्त आपको इसकी कीमत कम मिलेगी.

हमेशा चेक करें हॉलमार्क का निशान

हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड सोना ही खरीदें. सरकार ने इसे अब अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा गोल्ड या ज्वैलरी खरीदते समय प्यूरिटी कोड, टेस्टिंग सेंटर मार्क, ज्वैलर का मार्क और मार्किंग की तारीख भी जरूर देख लें. हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है. इसके तहत हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है.

केंद्र सरकार ने ज्वैलर्स के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है. सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्‍वैलरी ही बिकेगी. हॉलमार्किंग एक तरह से सरकार की ओर से दी गई सोने की शुद्धता की गारंटी होती है. 

क्या है BIS का फायदा?

BIS से सर्टिफाइड ज्वैलर अपने ज्वैलरी पर किसी भी निर्धारित हॉलमार्किंग सेंटर से हॉलमार्क हासिल कर सकते हैं. सका आम उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा फायदा कि है कि वे जो गोल्ड ज्वैलरी खरीदेंगे, उस पर यह भरोसा होगा कि जितने कैरेट की शुद्धता बताई जा रही है. उतनी ही मिल रही है.

खुद से करें ऐसे पहचान

  • बीआईएस मार्क-हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क यानी BSI का लोगो होगा.  
  • कैरेट में प्योरिटी-हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी.
  • 916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है. 
  • अगर 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 18 कैरेट (75 फीसदी शुद्ध) गोल्ड का है.
  • अगर 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वैलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी) का है.
  • हर ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा जो हॉलमार्क सेंटर का नंबर होगा.
  • ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा ज्वैलर कोड के रूप में, यानी यह किस ज्वैलर के यहां बना है, उसकी पहचान होगी. 

कैसा होता है निशान?

असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है. ये सोने की कैरेट की शुद्धता के निशान के बगल में होता है. ज्वैलरी पर निर्माण का वर्ष और और उसपर उत्पादक का भी लोगो छपा होता है.

कैसे पता करें कि सोना असली है?

सोना खरीदते समय सबसे पहले आपको उस पर हॉलमार्क (Hallmark) जरूर देखना चाहिए। हॉलमार्क सर्टिफिकेशन का मतलब है कि सोना असली है। यह सर्टिफिकेशन ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) की तरफ से दिया जाता है। असली सोने पर नाइट्रिक एसिड का कोई असर नहीं होता है।

916 हॉलमार्क की पहचान कैसे करें?

यदि इसे हॉलमार्क (Hallmark) किया जाता है, तो 22K सोने को 'BIS 916' सोना कहा जाएगा; यह नंबर हॉलमार्क सील का एक हिस्सा होता है। इसी तरह, 23K सोने को BIS 958 के रूप में लिखा जाता है, जिसका अर्थ है 100 ग्राम मिश्र धातु में 95.8 ग्राम शुद्ध सोना।

गोल्ड की प्योरिटी कैसे चेक करते हैं?

कैरेट में प्योरिटी-हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी. 916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है. अगर 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 18 कैरेट (75 फीसदी शुद्ध) गोल्ड का है. अगर 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वैलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी) का है.

24k सोने की पहचान कैसे करें?

इसका रंग अलग से चमकता है। इसकी शाइनिंग से ही पता चल जाता है कि ये 24 कैरेट है। यह सोना 22 या 18 कैरेट सोने से ज्यादा महंगा होता है। यह नरम और लचीला होता है और इसीलिए गहने बनाने में इसका उपयोग नहीं किया जाता।