ऋषि मुनियों और गधे में क्या समानता बताई गई है? - rshi muniyon aur gadhe mein kya samaanata bataee gaee hai?

कक्षा-9th विषय -हिन्दी पूर्णांक : 80 समय : 3 घंटे

अपठित भाग 

प्रश्न 1. गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :- (5 अंक)

शिशु को यदि हम राष्ट्र की अमूल्य निधि के रूप में देखना चाहते हैं तो उसे एक ऐसा आदर्श वातावरण प्रदान करना पड़ेगा,जिसमे निर्बाध गति से उसका विकास हो सके | स्वच्छ,शांत,भयमुक्त्त और स्वास्थ्यप्रद वातावरण में ही शिशु की कोमल भावनाएँ सुरक्षित रह सकती हैं | शिशु की सुकोमल भावनाओं को आघात पहुँचाना सामाजिक अपराध हैं | राष्ट्र का यह पुनीत कर्तव्य है कि वह प्रत्येक बालक को ऐसा वातावरण उपलब्ध कराए कि उसमे हीन भावना न पनपने पाए | हीन भावना से ग्रसित शिशु बड़ा होने पर समाज के प्रति अपने कर्तव्य का सही रूप से निर्वाह नहीं कर सकता |

i.शिशु को राष्ट्र की अमूल्य निधि किस प्रकार बनाया जा सकता हैं ?

क. अच्छे से खाना खिलाकर 

ख. उनका शोषण कर

ग. आदर्श वातावरण प्रदान कर 

घ.उनका मनोबल गिराकर

ii.राष्ट्र का पुनीत कर्तव्य क्या हैं ?

क. बालक में हीन भावना पनपने दे 

ख. बालक में हीन भावना पनपने न दे

ग.शिशु को अमूल्य निधि माने 

घ. भययुक्त वातावरण हो

iii.शिशु की कोमल भावनाएँ कैसे वातावरण में सुरक्षित रह सकती हैं ?

क. ठन्डे 

ख. गरम 

ग. वातानुकूलित 

घ. स्वच्छ, शांत व स्वास्थ्यप्रद

iv.इस गद्यान्श में सामाजिक अपराध किसे माना हैं ?

क. शिशु की सुकोमल भावनाओं को आघात पहुँचाना

ख. शिशु की सुकोमल भावनाओं को आघात न पहुँचाना

ग.भययुक्त वातावरण

घ. समाज में व्याप्त अपराध

v. समाज के प्रति अपने कर्तव्य का सही रूप से निर्वाह कौन नहीं कर सकता ?

क. शारीरिक रूप से कमजोर बालक 

ख. गरीब बालक

ग.हीन भावना से ग्रसित शिशु 

घ.आत्मविश्वास से परिपूर्ण

प्रश्न 2.पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :- 5 अंक

पूर्व चलने के बटोही, 

बाट की पहचान कर ले!

पुस्तकों में है नहीं, 

छापी गई इसकी कहानी,

हाल इसका ज्ञात होता है 

न औरों की जुबानी,

अनगिनत राही गए इस राह से, 

उनका पता क्या,

पर गए कुछ लोग इस पर, 

छोड़ पैरों की निशानी,

यह निशानी मूक होकर भी 

बहुत कुछ बोलती है,

खोल इसका अर्थ, पंथी, 

पंथ का अनुमान कर ले!

पूर्व चलने के बटोही, 

बाट की पहचान कर ले!

है अनिश्चित किस जगह पर, 

सरित-गिरि-गह्वरमिलेंगे,

है अनिश्चित किस जगह पर, 

बाग-बन सुंदर मिलेंगे,

किस जगह यात्रा खत्म हो जाएगी, 

यह भी अनिश्चित,

है अनिश्चित, कब सुमन, 

कब कंटकों के सर मिलेंगे,

कौन सहसा छूट जाएँगे, 

मिलेंगे कौन सहसा,

आ पड़े कुछ भी, रुकेगा तू न, 

ऐसी आन कर ले!

पूर्व चलने के बटोही, 

बाट की पहचान कर ले!

i.कवि ने बटोही को क्या सलाह दी है?

क. जहाँ भी मन करे वहाँ चले 

ख. रास्ते पर चलने से पहले उसके बारे में जाँच-परख कर ले।

ग.किताबों में इसकी कहानी छपी है 

घ. निश्चिंत होकर जाएँ

ii.कवि के अनुसार रास्ता कैसा है ?

क.सुगम 

ख. दुर्गम 

ग. सामान्य 

घ. इनमे से कोई नहीं

iii.निशानी मूक होकर भी बहुत कुछ बोलती है, कैसे?

क. अच्छे कर्म प्रेरणा देते हैं 

ख. रास्ता सुन्दर है

ग. राह में अच्छे लोग मिलते हैं 

घ. जगह-जगह लाउडस्पीकर लगे हैं

iv.कवि ने जीवन मार्ग में क्या-क्या अनिश्चितताएँ बताई हैं? असत्य कथन का चुनाव करें |

क. सुख-दुख, साथ-चलने वालों का अचानक साथ छोड़ देना 

ख. नए यात्रियों का मिल जाना

ग. जीवन कभी भी समाप्त हो सकता है 

घ. यात्रा अपने पड़ाव पर पहुंचकर ही ख़त्म होगी

v. बटोही का क्या तात्पर्य है?

क. बांटना 

ख. रास्ता 

ग. राहगीर 

घ. अनिश्चित

व्यावहारिक व्याकरण (16 अंक)

प्रश्न 3. निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए | (2 अंक)

I. अनुपस्थित में कौन-सा उपसर्ग लगा है ?

क. अन 

ख. अनु 

ग. अनूप 

घ. उपस्थित

ii. निर्वास में प्रयुक्त उपसर्ग अलग कीजिए –

क.निर 

ख. नि: 

ग. निरा 

घ. वास

iii. ‘प्रबल’ में उपसर्ग और मूल शब्द अलग कीजिए –

क. पर+बल 

ख. परि +बल 

ग. प+बर्ल 

घ. प्र+बल

प्रश्न 4. निर्देशानुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए | (कोई दो ) (2 अंक)

i. दर्शनीय में प्रत्यय है –

क. दर्श 

ख. य 

ग. अनीय 

घ. नीय

ii. सांसारिक में प्रयुक्त प्रत्यय अलग कीजिए –

क.संसार 

ख. सारिक 

ग. रिक 

घ. इक

iii. ‘अपमानित’ में मूल शब्द क्या है ?

क. अपमान 

ख. मान 

ग. नत 

घ. अप

प्रश्न 5. निर्देशानुसार किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए । (4 अंक)

i.जिस समास में उत्तर पद प्रधान होने के साथ ही साथ पूर्व पद तथा उत्तर पद में विशेषण -विशेष्य का संबंध भी होता है उसे कौन सा समास कहते हैं ? 

क.तत्पुरुष 

ख.कर्मधारय 

ग.बहुव्रीहि 

घ. द्वंद

ii.समास का शाब्दिक अर्थ होता है- 

क. विग्रह 

ख. विस्तार 

ग. संक्षेप 

घ. विच्छेद

iii.आजन्म में कौन सा समास है? 

क.तत्पुरुष 

ख.अव्ययीभाव 

ग.द्विगु 

घ.द्वंद्व

iv.इनमें द्वंद्व समास का उदाहरण है- 

क.चौराहा 

ख.नीलकमल 

ग.पीताम्बर 

घ.रुपया-पैसा

v.लंबोदर में कौन सा समास है? 

क.द्विगु 

ख.बहुव्रीहि 

ग.तत्पुरुष 

घ.द्वंद्व

vi.चौराहा में कौन सा समास है ? 

क.द्वंद्व 

ख.बहुव्रीहि 

ग.द्विगु 

घ.तत्पुरुष

प्रश्न 6. निर्देशानुसार किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए | 4 अंक

i. – ‘ क्या मेरा भाई आपसे मिला ? ‘ इस वाक्य में अर्थ के आधार पर वाक्य का कौन सा वाक्य भेद है ?

(क) विधान वाचक वाक्य 

(ख) संदेह वाचक वाक्य 

(ग) प्रश्न वाचक वाक्य 

(घ) आज्ञा वाचक वाक्य

ii.‘ वह बहुत ज़ोर से हँस रहा है। ‘ इस वाक्य को ‘ विस्मय वाचक ‘ वाक्य में बदल कर लिखिए –

(क.)अरे ! वह बहुत ज़ोर से हँस रहा है।

(ख.) वह बहुत ज़ोर से क्यों हँस रहा है ?

(ग) वह बहुत ज़ोर से नहीं हँस रहा है। 

(घ) अरे वह बहुत ज़ोर से हँस ! रहा है।

iii. – ‘ मुझे आज बाहर घूमने का मन हो रहा है। ‘ यह वाक्य किस प्रकार का वाक्य है –

(क) आज्ञा वाचक वाक्य 

(ख) संकेत वाचक वाक्य

(ग) इच्छा वाचक वाक्य

(घ) विस्मयादिबोधक वाक्य

iv. – ‘ रमा पत्र लिख रही है। ‘ इस वाक्य में अर्थ के आधार पर वाक्य का कौन सा वाक्य भेद है ?

(क) विधान वाचक वाक्य 

(ख) संदेह वाचक वाक्य 

(ग) प्रश्न वाचक वाक्य 

(घ) आज्ञा वाचक वाक्य

v. – ‘ अभी तुम बाहर जाओ। ‘ यह वाक्य किस प्रकार का वाक्य है –

(क) आज्ञा वाचक वाक्य 

(ख) संकेत वाचक वाक्य 

(ग) इच्छा वाचक वाक्य

(घ) विस्मयादिबोधक वाक्य

प्रश्न 7. निर्देशानुसार किन्ही चार प्रश्नों के उत्तर दीजिए | (4 अंक)

i. मुदित महीपति मंदिर आए। सेवक सचिव सुमंत बुलाए। यह उदाहरण है:

क. यमक अलंकार 

ख. अनुप्रास अलंकार 

ग. श्लेष अलंकार 

घ. अतिशयोक्ति अलंकार

ii. जहां किसी शब्द की आवृत्ति एक से अधिक बार हो परंतु हर बार उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो वहाँ अलंकार होगा-

क. श्लेष अलंकार 

ख. अतिशयोक्ति अलंकार 

ग. अनुप्रास अलंकार 

घ. यमक अलंकार

iii. मंगन को देखि पट देत बार-बार है। इसमें अलंकार है:

क. यमक अलंकार 

ख. अनुप्रास अलंकार 

ग.श्लेष अलंकार

घ. अतिशयोक्ति अलंकार

iv. उपमा अलंकार के कितने अंग है?

क. दो

ख. चार 

ग. छः 

घ. सात

v. मैं तो चंद्र खिलौना लैंहों। कौन से अलंकार का उदाहरण है?

क. अतिशयोक्ति अलंकार 

ख. मानवीकरण अलंकार 

ग. रूपक अलंकार 

घ. उत्प्रेक्षा अलंकार

प्रश्न-8निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: 5 अंक

जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिहीन समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को परले दरजे का बेवकूफ़ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ़ है, या उसके । सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता। गायें सींग मारती हैं, ब्याई हुई गाय तो अनायास ही सिंहनी का रूप धारण कर लेती है। कुत्ता भी बहुत गरीब जानवर है, लेकिन कभी-कभी उसे भी क्रोध आ ही जाता है, किंतु गधे को कभी क्रोध करते नहीं सुना, न देखा। जितना चाहो गरीब को मारो, चाहे जैसी खराब, सड़ी हुई घास सामने डाल दो, उसके चेहरे पर कभी असंतोष की छाया भी न दिखाई देगी। वैशाख में चाहे एकाध बार कुलेल कर लेता हो; पर हमने तो उसे कभी खुश होते नहीं देखा। उसके । चेहरे पर एक विषाद स्थायी रूप से छाया रहता है। सुख-दुख, हानि-लाभ, किसी भी दशा में उसे बदलते नहीं देखा। ऋषियों- मुनियों के जितने गुण हैं वे सभी उसमें पराकाष्ठा को पहुँच गए हैं, पर आदमी उसे बेवकूफ़ कहता है।

i. जानवरों में किसे सबसे ज्यादा बुध्दिहीन समझा जाता है ?

क. कुत्ता ख. बिल्ली ग. बैल घ. गधा

ii. ऋषि-मुनियों तथा गधे में क्या समानता देखी गई है?

क. स्वभाव सरल और सहनशील होता है। 

ख. सुख-दुःख, मान-अपमान को अलग समझता है

ग.हमेशा मौन रहते हैं 

घ. खाना देने पर ही खाते हैं

iii.किसी आदमी को गधा कहने का क्या अर्थ है?

क. आलसी ख. कमजोर ग. बुध्दिमान घ. मूर्ख

iv. किस माह में गधा कुलेल करता है ?

क. चैत्र ख. वैसाख ग. ज्येष्ठ घ. आषाढ़

v.गधे के चेहरे पर क्या स्थायी रूप से छाया रहता है?

क.गुस्सा             ख. थकावट 

ग. विषाद           घ. संतोष

प्रश्न-9नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (2 अंक)

i. दो बैलों की कथा पाठ के लेखक कौन हैं ?

क. राहुल सांस्कृत्यायन ख. महादेवी वर्मा 

ग. मुंशी प्रेमचंद            घ.हजारी प्रसाद द्विवेदी

ii.शांत गाय कब सिंहनी का रूप धारण कर लेती है ?

क. जब वह भूखी हो ख. जब वह ब्याई हुई हो

ग. जब वह गुस्से में हो घ. जब वह दु:खी हो

प्रश्न-10निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (5 अंक)

रस्सी कच्चे धागे की, 

खींच रही मैं नाव।

जाने कब सुन मेरी पुकार, 

करें देव भवसागर पार।

पानी टपके कच्चे सकोरे, 

व्यर्थ प्रयास हो रहे मेरे।

जी में उठती रह-रह हूक,

घर जाने की चाह है घेरे।।

खा खा कर कुछ पाएगा नहीं,

न खाकर बनेगा अहंकारी।

सम खा तभी होगा समभावी,

खुलेगी साँकल बन्द द्वार की।

आई सीधी राह से, 

गई न सीधी राह।

सुषुम-सेतु पर खड़ी थी, 

बीत गया दिन आह!

ज़ेब टटोली कौड़ी ना पाई।

माझी को दूँ, क्या उतराई ?

i. 'रस्सी कच्चे धागे की' से कवयित्री का क्या आशय है?

क.धागा कच्चा है      ख.धागा कपास का है 

ग.साँसें                     घ . कमज़ोर साथी

ii. 'नाव' किसे कहा गया है?

क. संसार को  ख. घर-बार को 

ग. दौलत को  घ. जीवन को

iii. कवयित्री किसके घर जाना चाहती है?

क. पति के  ख. परमात्मा के 

ग. मायके  घ. प्रेमी के

iv. 'माझी को दूँ, क्या उतराई' में माझी कौन है?

क. मल्लाह  ख. साथी 

ग. पति  घ. परमात्मा

v. कवयित्री ने 'उतराई' किसे माना है?

क . चंचलता को ख. सद्कर्मों को 

ग. क्रोध और मोह को घ. ईर्ष्या-द्वेष को

प्रश्न-11. नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए (2अंक)

i. 'जेब टटोली, कौड़ी न पाई' में 'जेब टटोलने' का क्या भाव है?

क. तलाशी लेना ख. पैसे निकालना 

ग. आत्म-सम्मान खोया घ. आत्म लोचन किया

ii.गोपियाँ मुरली को होठों पर क्यों धारण नहीं करना चाहती ?

क. अपना सौत समझती है | ख. मुरली से प्रेम करती है |

ग. मुरली को ईश्वर मानती है | घ. इनमे से कोई नहीं |

प्रश्न -12.निम्न प्रश्नो के उत्तर दीजिए । (2*3=6)

अ. लेखक ने उपभोक्तावाद संस्कृति को हमारे समाज के लिए चुनौती क्यों कहा हैं ?

ब. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बादल दिया और उन्हे पक्षी प्रेमी बना दिया?

स. प्रस्तुत यात्रा वृतांत के आधार पर बताइए कि उस समय तिब्बती समाज कैसा था ?

प्रश्न-13. निम्न प्रश्नो के उतर दीजिए । (2*3=6)

क) मनुष्य ईश्वर को कहाँ – कहाँ ढूँढता फिरता हैं ?

ख) बंद द्वार की साकल खोलने के लिए ललयद ने क्या उपाए सुझाया हैं ?

ग) कवि का बृज के वन, बाग, तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण हैं ?

प्रश्न -14. कृतिका आधारित प्रश्नो के उत्तर दीजिए (2*4=8)

क) बाढ़ की खबर सुनकर लोग किस तरह की तैयारी करने लगे ?

ख) मृत्यु का तरल दूत किसे कहा गया हैं और क्यों?

रचनात्मक अभिव्यक्ति (20)

प्रश्न-15. निम्न विषय मे से किसी एक पर निबंध लिखिए । (8)

क) इंटरनेट का जीवन मे उपयोग

ख) मेरे सपनों का भारत

ग) छात्र और अनुशासन

प्रश्न -16 अपने छोटे भाई को सोशल मीडिया के सदुपयोग – दुरुपयोग बताते हुए पत्र लिखिए (7)

अथवा

आपके कक्षा कक्ष मे दिन प्रतिदिन चोरी की घटनाए बढ़ रही हैं,इसलिए कक्षा-कक्ष मे सीसीटीवी केमरे लगवाने हेतु प्राचार्य महोदय को प्रार्थना पत्र लिखें ।

प्रश्न-17. गृहिणी एवं सब्ज़ी वाले के बीच हुई बातचीत को संवाद रूप मे लिखिए (5)

जय हिन्द : जय हिंदी 

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गधे में ऋषि मुनियों का कौन सा गुण पाया जाता है?

गधे को ऋषि मुनियों के समान इसलिए कहा जाता है क्योंकि गधा ऋषि मुनियों के समान शांत स्वभाव का होता है और उसे न तो किसी सुख चिंता होती है और न ही दुख की, वह दुनिया कि मोह - माया को छोड़ कर अपने में ही मस्त रहता है!

गधे की तुलना ऋषि मुनियों से क्यों की गई है?

गधे की गुणों की तुलना ऋषि-मुनियों के साथ की गई है क्योंकि जितने भी गुण ऋषि यों में पाए जाते थे शांति का एवं अन्य प्रकार के गुण वह सारे गुण गधे में पाए जाते हैं इसीलिए लेखक ने गधे की गुणों की तुलना ऋषि-मुनियों के साथ की है।

2 गधे के कौन से गुण उसे ऋषियों मुनियों की श्रेणी में खड़ा कर देते हैं?

गधे के निम्नलिखित गुण उसे ऋषि मुनि की श्रेणी में खड़ा कर देते है।.
गधा शांत प्रवृत्ति का होता है, उसे न दुख की चिंता होती है न सुख की अधिक खुशी। ... .
गधे में सहनशीलता, परिश्रम, त्याग की भावना होती है।.
गधे में दिखावा नहीं होता।.
गधे में संतोष होता है।.