यहां आप रूपक अलंकार की समस्त जानकारी प्राप्त करेंगे। इस लेख में रूपक अलंकार की परिभाषा, उदाहरण , पहचान करने की विधि तथा प्रश्न उत्तर का अभ्यास भी कर सकेंगे। Show अलंकार दो प्रकार के माने गए हैं शब्दालंकार , अर्थालंकार। शब्दालंकार के अंतर्गत – अनुप्रास अलंकार , यमक अलंकार तथा श्लेष अलंकार को माना गया है। अन्य सभी अलंकार अर्थालंकार के अंतर्गत आते हैं। अलंकार का अर्थ है आभूषण। महिलाएं अपने सौंदर्य को निखारने के लिए अलंकार , सौंदर्य प्रसाधन आदि का प्रयोग करती हैं। इसी प्रकार काव्य की शोभा बढ़ाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अलंकार के प्रयोग से काव्य में चमत्कार तथा शोभा उत्पन्न होती है। अलंकार का मुख्य कार्य काव्य की शोभा को बढ़ाना होता है।
रूपक अलंकार की परिभाषाउपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं। रूप तथा गुण की समानता के कारण उपमेय (सादृश्य) को उपमान (प्रसिद्ध) का रूप मान लिया जाता है , वहां रूपक अलंकार होता है। ऐसा वाक्य जहां आपको उपमेय और उपमान में किसी भी प्रकार का अंतर स्पष्ट नहीं हो रहा तो आप उसे बिना किसी झिझक के रूपक कहेंगे। इस के अंतर्गत अर्थ निकालने पर रूपी शब्द का प्रयोग होता है। जैसे – चंद्रमा रूपी खिलौना , कमल रूपी पैर , बसंत रूपी मेहमान आदि।
यहां चरण (उपमेय) में कमल (उपमान) का आरोप किया गया है। यह भी पढ़ेंअनुप्रास अलंकार पूरे उदाहरण सहित यमक अलंकार पूरी जानकारी श्लेष अलंकार हिंदी व्याकरण की संपूर्ण जानकारी Hindi barakhadi written, images and chart – हिंदी बारहखड़ी सम्पूर्ण अलंकार सम्पूर्ण संज्ञा सर्वनाम और उसके भेद अव्यय के भेद परिभाषा उदहारण संधि विच्छेद समास की पूरी जानकारी रस रूपक अलंकार के उदहारण माध्यम से समझे –
नोट – उपमा अलंकार में जहां तुलना किया गया था , वाक्य में सा , सी , जैसा आदि शब्द प्रयोग किए जा रहे थे। रूपक अलंकार में ऐसा नहीं है। रूपक अलंकार में हैफैन (-) तथा प्रसिद्ध वस्तु की समानता को दूसरे वस्तु में देखा जाता है , वहां रूपक अलंकार माना जाता है। साधारण शब्दों में समझें तो प्रसिद्ध रूप को दूसरे वस्तु में देखना अर्थात उस रूप की प्रतीति दूसरे वस्तु में हो दोनों में समानता लगे वहां रूपक अलंकार होता है। निष्कर्ष –यह लेख विद्यालय , विश्वविद्यालय तथा समस्त हिंदी विषय की प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस लेख को तैयार करने से पूर्व विद्यार्थियों के कठिनाई स्तर को बारीकी से पहचान किया गया है। जहां विद्यार्थियों को अधिक कठिनाई होती है , वहीं हमने इस लेख को सरल शब्दों में समझाने का प्रयत्न किया है। यह लेख आपको परीक्षा में सर्वाधिक अंक दिला सकता है। उपरोक्त अध्ययन के उपरांत स्पष्ट होता है कि रूपक अलंकार में मुख्य वस्तु की समानता साधारण वस्तु में देखी जाती है। यह उपमा अलंकार के समान प्रतीत होता है , किंतु सुक्ष्म भेद दोनों के बीच अंतर कर देता है। किसी भी प्रकार की समस्या तथा कठिनाई के लिए नीचे कमेंट बॉक्स में लिख कर पूछ सकते हैं। यथाशीघ्र आपको आपकी समस्या का समाधान उपलब्ध कराने का प्रयत्न किया जाएगा। रूपक अलंकार की पहचान कैसे करें?रूपक अलंकार की पहचान. किसी रूप की बनाई हुई प्रतिकृति या मूर्ति।. किसी प्रकार का चिह्न या लक्षण।. प्रकार। भेद।. प्राचीन काल का एक प्रकार का प्राचीन परिमाण।. चाँदी।. रुपया नाम का सिक्का जो चाँदी का होता है।. चाँदी का बना हुआ गहना।. ऐसा काव्य या और कोई साहित्यिक रचना, जिसका अभिनय होता हो, या हो सकता हो।. रूपक अलंकार क्या है उदाहरण?तारा-घट ऊषा नागरी। यहाँ, ऊषा में नागरी का, अम्बर में पनघट का और तारा में घट का निषेध-रहित आरोप हुआ है। अतः, यहाँ रूपक अलंकार है।
रूपक अलंकार कौन से होते हैं?रूपक के दस भेद ये हैं—नाटक प्रकरण, भाण, व्यायोग, समवकार, डिम, ईहामृग, अंक, वीथी और प्रहसन। ९.
अनुप्रास अलंकार को कैसे पहचाने?जहाँ एक शब्द या वर्ण बार बार हो या एक या अनेक वर्णो की आवृत्ति बार बार हो वहा अनुप्रास अलंकार होता है। 1- मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला। ऊपर दिए उदाहरण में आप देख सकते हैं की 'म' वर्ण की आवृति हो रही है अर्थार्थ 'म' वर्ण बार बार आ रहा है इसलिए इस उदहारण में अनुप्रास अलंकार होगा ।
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