पूजा के फूलों का क्या करें? - pooja ke phoolon ka kya karen?

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धर्म डेस्क. अक्सर लोग घर के मंदिर में फूल और हार भगवान को चढ़ाते हैं। फूल चढ़ाने के बाद जब हटाए जाते हैं तो कई लोग इन्हें कचरे में फेंक देते हैं। भगवान पर चढ़ाकर उतारे गए फूलों को निर्माल्य कहा जाता है। ये बहुत पवित्र होते हैं क्योंकि इन पर भगवान की मूर्ति के आसपास मौजूद पॉजिटिव एनर्जी भी मौजूद होती है। अगर इन्हें कचरे में फेंका जाए या इन पर पैर लगते हैं तो ये शुभ नहीं माना जाता। इससे घर में दरिद्रता आती है। इन्हे किसी खाली डिब्बे या थैली में संभालकर रखें। जब इकट्ठा हो जाएं तो इन्हें किसी पेड़ की जड़ में डाल देना चाहिए। इनका उपयोग ऐसी जगह करना चाहिए जहां ज्यादा गंदगी ना हो। शास्त्र कहते हैं जब भी भगवान पर चढ़े फूल हटाने हों तो उन्हें एक बार सूंघ लेना चाहिए। इससे उसकी पॉजिटिव एनर्जी हमेशा आप के साथ रहेगी।
फूल चढ़ाते समय इन बातों का रखें ध्यान
- भगवान को अगर रोज फूल चढ़ाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि सुबह पूजन के बाद चढ़ाए गए फूल शाम को दीपक लगाने से पहले हटा देने चाहिए।
- भगवान को चढ़ाने वाले फूल चढ़ाने से पहले सूंघना नहीं चाहिए।
- हमेशा ताजा फूल चढ़ाने चाहिए। फ्रीज आदि में रखे फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
- भगवान से उतरे फूल जमीन पर नहीं रखने चाहिए।
- फूलों को या तो नदी या तालाब में प्रवाहित कर दें या फिर उन्हें खाद के रुप में उपयोग कर लें।

फूल बहुत ही शुभ और पवित्र होते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो सुंदरता और सुगंध से भरपूर फूलों के इस्तेमाल से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है. जिस घर में फूल होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा वहां के इर्द-गिर्द भी नहीं भटक पाती है.

फूलों के इस्तेमाल से आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ा सकते हैं. इसीलिए घर के आस-पास फुलवारी की परंपरा सदियों से चली आ रही है. धार्मिक मान्यताओं में फूलों का प्रयोग पूजा और उपासना के लिए किया जाता है. मान्यता है कि इससे ईश्वर की कृपा बहुत जल्दी बरसती है. आइए जानते हैं उपासना में फूल क्यों हैं इतने महत्वपूर्ण:

उपासना में फूलों का महत्व
- फूल इंसान की श्रद्धा और भावना का प्रतीक हैं.
- इसके साथ ही फूल इंसान की मानसिक स्थितियों के बारे में भी बताते हैं.
- फूलों के अलग-अलग रंग और सुगंध अलग तरह के प्रभाव पैदा करते हैं.
- पूजा में वास्तविक फूल भी अर्पित कर सकते हैं और मानसिक भी.

पूजन और जीवन में हर फूल का अपना अलग महत्व है. जानते हैं किस फूल के साथ कैसे भाव छिपे हैं :

गेंदे के फूल का महत्व और प्रयोग विधि
फूलों में सबसे ज्यादा गेंदे के फूल का इस्तेमाल होता है. यह कई प्रकार का होता है, लेकिन पीले गेंदे का फूल सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण होता है.
- गेंदा वास्तव में एक फूल नहीं बल्कि छोटे-छोटे फूलों का एक गुच्छा है.
- गेंदे के फूल का सम्बन्ध बृहस्पति से होता है.
- गेंदे के फूल के प्रयोग से ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है.
- गेंदे के फूल के प्रयोग से आकर्षण क्षमता बढ़ जाती है.
- भगवान विष्णु को नियमित रूप से पीले गेंदे के फूल की माला चढ़ाएं. इससे आपको संतान से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी.

गुलाब के फूल का महत्व और प्रयोग विधि
गुलाब का फूल रिश्तों में प्यार बढ़ाने के लिए जाना जाता है. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो गुलाब के फूल के प्रयोग से प्रेम, विवाह और धन-संपत्ति से जुड़ी तमाम समस्याएं दूर की जा सकती हैं. जानते हैं इस अद्भुत फूल के चमत्कारों के बारे में:
- गुलाब का फूल एक अदभुत और चमत्कारी फूल है.
- रिश्तों पर सीधा असर डालता है गुलाब का फूल.
- गुलाब के फूल की ढेर सारी किस्में हैं, लेकिन ज्योतिष और पूजा में लाल गुलाब का ही प्रयोग किया जाता है.
- लाल गुलाब का संबंध मंगल से और इसकी खुशबू का संबंध शुक्र से है.
- गुलाब के प्रयोग से प्रेम, आकर्षण, रिश्ते और आत्मविश्वास का वरदान मिलता है.
- लक्ष्मी जी को नियमित गुलाब अर्पित करने से आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है.
- गुलाब देने से रिश्ते मजबूत होते हैं. प्रेम और वैवाहिक जीवन भी सुखद हो जाता है.

कमल के फूल का महत्व और प्रयोग विधि
जीवन में शुभ के आगमन का प्रतीक है कमल का फूल. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो कलम का फूल देवी -देवताओं को प्रिय होता है. इस फूल के प्रयोग से आपकी कई मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं. आइए जानते हैं कमल के फूल के प्रयोग से कैसे चमकेगा आपका भाग्य:
- कमल का फूल शुद्ध रूप से दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना जाता है.
- सफेद रंग का कमल सबसे पवित्र और ऊर्जा में सर्वश्रेष्ठ होता है.
- कमल का संबंध नौ ग्रहों और दुनिया की पूरी ऊर्जा से है.
- कमल का फूल अर्पित करने का अर्थ ईश्वर के चरणों में स्वयं को अर्पित कर देने से है.
- किसी भी एकादशी को कृष्ण जी को कमल के दो फूल अर्पित करें. ऐसा करने से आपकी संतान प्राप्ति की अभिलाषा पूरी होगी.
- अगर 27 दिन तक रोज एक कमल का फूल लक्ष्मी जी को अर्पित किया जाए तो अखंड राज्य सुख की प्राप्ति होती है.

गुड़हल के फूल का महत्व और प्रयोग विधि
देवी की उपासना का सबसे उत्तम फूल माना जाता है गुड़हल का फूल. इस फूल में दैवीय ही नहीं तमाम औषधिय गुण भी पाए जाते हैं. आइए जानते हैं गुड़हल के फूल के महत्व और उसकी प्रयोग विधि के बारे में जो आपकी तमाम समस्याओं का समाधान कर सकता है:
- गुड़हल का फूल बहुत ऊर्जावान माना जाता है.
- देवी और सूर्य देव की उपासना में इसका विशेष प्रयोग होता है.
- नियमित रूप से देवी को गुड़हल अर्पित करने से शत्रु और विरोधियों से राहत मिलती है.
- गुड़हल का फूल डालकर सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्य की कृपा मिलती है.
- हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

फूल केवल खूबसूरत और खुश्बूदार ही नहीं होते, बल्कि चमत्कारी ऊर्जा से भरपूर भी होते हैं क्योंकि इसमें देवी -देवताओं का आशीर्वाद होता है. तो आप भी इन फूलों का सही प्रयोग करके अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.

सबसे उत्तम होता है मानसिक पुष्प
गेंदा, गुलाब, कमल और गुड़हल का इस्तेमाल अलग-अलग तरह की पूजा और उपासना में होता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन फूलों के बिना भी आप अपने आराध्य देव को फूल अर्पित कर सकते हैं. ज्योतिष के जानकारों की मानें तो ईश्वर की उपासना में सबसे प्रभावी होता है मानसिक फूल. जानते हैं क्या है मानसिक फूल और क्यों मानते हैं इसे विशेष:
- कमल का मानसिक फूल सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है.
- अलग-अलग रंग के मानसिक फूल चढ़ाकर अलग-अलग समस्याओं से राहत मिलती है.
- इस फूल को बनाने में जितना समय लगाएंगे, उतना ही अच्छा होगा.
- इससे हर तरह की बाधा और दुर्घटना से रक्षा होगी.

रंग-बिरंगे फूलों की महक से वातावरण हमेशा सुखद अहसास देने वाला बना रहता है. लेकिन अगर आपके पास पूजन के लिए फूल ना भी हों तो प्रभु को मानसिक फूल अर्पित करके भी आप वैसा ही लाभ पा सकते हैं, जैसा वास्तविक फूल चढ़ाने से मिलता है.

पूजा करते समय फूल गिर जाए तो क्या होता है?

फूलों का गिरना घर-परिवार में सुख-समृद्धि की ओर संकेत करता है. देवी-देवताओं की पूजा के समय इस प्रकार से फूल गिरना भगवान का आशीर्वाद ही समझा जाता है. यदि इस प्रकार से कोई फूल सीधे भक्त के ऊपर ही गिर जाए तो निश्चित ही यह उसके लिए बहुत ही शुभ रहता है. शास्त्रों में इस प्रकार के कई शकुन और अपशकुन बनाए गए हैं.

पूजा के लिए फूल कब तोड़ना चाहिए?

स्‍नान के बाद न तोड़ें फूल वायु पुराण में बताया गया है कि आपको भगवान पर चढ़ाने के लिए फूल स्‍नान से पहले ही तोड़कर रख लेने चाहिए। माना जाता है कि स्‍नान के बाद तोड़े गए पुष्‍पों को भगवान स्‍वीकार नहीं करते। साथ ही यह भी कहा जाता है कि पुष्‍पों को कभी धोया नहीं जाता है।

फूल दान करने से क्या होता है?

श्रावण के महीने में चंदन, चावल, चांदी, मिश्री, गाय का घी, दूध , खीर और सफेद फूल का दान करने से सभी मनोकामना पूर्ण होगी। यह परिवार में शांति और सुख प्राप्त करने में भी मदद करता है।

भगवान शिव को कौन कौन से फूल नहीं चढ़ाना चाहिए?

ऐसे में पुष्प अर्पित करते समय आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आइए जानते हैं कौन सा पुष्प किस भगवान को भूल से भी अर्पित नहीं करना चाहिए... मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा के दौरान अगस्त्य के फूलों का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा माधवी और लोध के फूलों का भी उपयोग करने से परहेज करें।