संदर्भ: हाल ही में, रूस और यूरोप को जोड़ने वाली ‘नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइनों’ (Nord Stream pipelines) में चार विभिन्न बिंदुओं पर रिसाव होने की सूचना मिली है। Show
‘नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइंस’ के बारे में: नॉर्ड स्ट्रीम 1 अंतःसागरीय पाइपलाइन: नॉर्ड स्ट्रीम 1 अंतःसागरीय पाइपलाइन (Nord Stream 1 subsea pipeline) का निर्माण वर्ष 2011 में पूरा हुआ था और यह रूस के लेनिनग्राद में वायबोर्ग (Vyborg) नामक स्थान से शुरू होकर जर्मनी के ग्रिफ़्सवाल्ड (Greifswald) के पास ‘लुबमिन’ (Lubmin) नामक जगह तक जाती है।
नॉर्ड स्ट्रीम 2:
‘नॉर्ड स्ट्रीम’ कई देशों के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्रों (EEZs) एवं क्षेत्रीय सागरों से होकर गुजरती है, जिनमें शामिल हैं:
क्षेत्रीय सागर:
‘पाइपलाइंस’ में इस रिसाव (लीक) का क्या असर होगा?
भारत पर प्रभाव: यह स्थिति भारत के लिए प्राकृतिक गैस की लागत बढ़ा सकती है, जो कि पहले से ही अपने चरम पर है, और भारत में एलपीजी / सीएनजी उपभोक्ताओं को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इंस्टा लिंक्स: नॉर्डिक राष्ट्र मेंस लिंक: ‘नॉर्ड स्ट्रीम पाइपलाइन’ क्या हैं? इनके हालिया रिसाव संकट और इस तरह के रिसाव के पर्यावरणीय प्रभावों पर चर्चा कीजिए। स्रोत: द हिंदू
विषय: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ में किसी भाषा को निर्धारित नहीं किया गया है: भारतीय भाषा समितिसंदर्भ: शिक्षा मंत्रालय द्वारा भारतीय भाषाओं के प्रचार-प्रसार हेतु एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति, ‘भारतीय भाषा समिति’ (Bharatiya Bhasha Samiti) का गठन किया गया है। समिति का उद्देश्य: इस समिति का उद्देश्य ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ (NEP) 2020 के तहत निर्धारित भारतीय भाषाओं के विकास के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है। भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने हेतु प्रमुख फोकस क्षेत्र:
भाषा के विकास हेतु आवश्यकताएँ:
भाषा-विकास से रोजगार के अवसरों का सृजन:
राज्यों की शक्ति: त्रिभाषा सूत्र के तहत निर्देश या संचार हेतु माध्यम के रूप में भाषाओं को चुनने के लिए राज्यों को छूट दी गयी है। संस्कृत भाषा के लिए विशेष जोर:
इंस्टा लिंक्स: ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ 2020 मेंस लिंक: “राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक नीति 2020, सतत विकास लक्ष्य-4 (2030) के अनुरूप है। इसका उद्देश्य भारत में शिक्षा प्रणाली का पुनर्गठन और पुन: उन्मुखीकरण करना था”। इस कथन का समालोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (यूपीएससी 2020) स्रोत: द हिंदू सामान्य अध्ययन-IIIविषय: सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता। 5जी तकनीक का आरंभसंदर्भ: हाल ही में सरकार द्वारा वाणिज्यिक 5G सेवाओं (commercial 5G Services) शुभारंभ किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम के प्रमुख बिंदु: 5G सेवाओं का शुभारंभ- एक क्रांति: प्रधान मंत्री ने 5G सेवाओं के शुभारंभ को “एक क्रांति” बताते हुए कहा कि एक नया भारत – देश अब केवल प्रौद्योगिकी का उपभोक्ता नहीं है बल्कि इसके विकास में भी योगदानकर्ता है।
प्रौद्योगिकी गुणक के रूप में 5G: 5G प्रौद्योगिकी की ‘अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी’ से बहुत अधिक क्षमतावान है। वास्तव में यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, रोबोटिक्स, ब्लॉकचैन और मेटावर्स जैसी अन्य तकनीकों की क्षमता को अनलॉक करती है। अन्य अनुप्रयोग: सरकार ने रेखांकित किया है कि 5जी आपदाओं की तत्काल निगरानी, सटीक कृषि, और खतरनाक औद्योगिक कार्यों जैसे कि गहरी खदानों, अपतटीय गतिविधियों आदि में मनुष्यों की भूमिका को कम करने में मदद करेगी। राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति 2018: इसमें आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र (5जी सहित) के एकीकरण पर जोर दिया गया है। फोकस क्षेत्र: डिवाइस की कीमत, डिजिटल कनेक्टिविटी, डेटा की लागत, और ‘डिजिटल फर्स्ट’ का विचार भारत के लिए ध्यान देने के मुख्य क्षेत्र होने चाहिए। 5जी सेवाओं के व्यावहारिक उपयोग का प्रदर्शन:
5G तकनीक के बारे में:
5G तकनीक की विशेषताएं और लाभ:
5G से होने वाले संभावित स्वास्थ्य जोखिम:
‘अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर दिशानिर्देश’ क्या हैं? विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों हेतु एक्सपोजर दिशानिर्देश, दो अंतरराष्ट्रीय निकायों द्वारा तैयार किये जाते हैं। वर्तमान में इनके द्वारा सुझाए गए दिशानिर्देशों का कई देश पालन करते हैं:
ये दिशानिर्देश, प्रौद्योगिकी-विशिष्ट नहीं होते हैं। इनके द्वारा 300 GHz तक की रेडियोफ्रीक्वेंसी को कवर किया जाता है, जिसमे 5G तकनीक संबंधी आवृत्तियां भी शामिल होती हैं। अंतर्राष्ट्रीय प्रयास– अंतर्राष्ट्रीय विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र (EMF) परियोजना: WHO द्वारा वर्ष 1996 में एक अंतर्राष्ट्रीय विद्युतचुंबकीय क्षेत्र (Electromagnetic Fields- EMF) परियोजना की स्थापना की गई थी। यह परियोजना 0-300 गीगाहर्ट्ज़ आवृत्ति रेंज में बिजली और चुंबकीय क्षेत्रों के संपर्क में आने से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की जांच करती है और EMF विकिरण संरक्षण पर राष्ट्रीय अधिकारियों को सलाह देती है। इंस्टालिंक्स: क्या आप जानते हैं कि ‘ऑर्थोगोनल फ़्रीक्वेंसी-डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग’ क्या है? (यहां संक्षेप में पढ़ें) प्रीलिम्स लिंक:
मेंस लिंक: 5G तकनीक के महत्व पर चर्चा कीजिए। स्रोत: इकोनॉमिक टाइम्स
सामान्य अध्ययन-IVलाल बहादुर शास्त्री के जीवन से ग्रहण करने योग्य नैतिक मूल्यसंदर्भ: 2 अक्टूबर को भारत के दूसरे प्रधान मंत्री, लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मनाई जाती है। लाल बहादुर शास्त्री को एक उत्कृष्ट राजनेता के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। लाल बहादुर शास्त्री का नेतृत्व ‘मूल्यों और नैतिकता से परिपूर्ण’ रहा। शास्त्री जी के जीवन से नैतिक शिक्षा:
मुख्य परीक्षा संवर्धन हेतु पाठ्य सामग्री (नैतिकता/निबंध)करुणा – सिविल सेवकों के लिए एक महत्वपूर्ण गुणसंदर्भ: हाल ही में एक घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी प्रचलित हुआ था, जिसमे लखनऊ की संभागीय आयुक्त, ‘डॉ रोशन जैकब’ लखनऊ के एक अस्पताल में एक घायल बच्चे और उसकी माँ को सांत्वना एवं आश्वासन देने की कोशिश करते हुए दिख रही थी।
प्रारम्भिक परीक्षा हेतु तथ्यनिवारक हिरासत या नज़रबंदीसंदर्भ: हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने एक फैसला सुनाते हुए कहा है, कि “निवारक निरोध या हिरासत” या “नज़रबंदी” (Preventive Detention) व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर एक गंभीर आक्रमण है, और इसलिए संविधान तथा इस तरह की कार्रवाई की अनुमति देने वाले कानून में जो कुछ भी सुरक्षा प्रदान की गयी है, उसका सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। वर्ष 2021 में एक लाख से अधिक लोगों को ‘निवारक हिरासत’ में रखा गया था। पृष्ठभूमि:
‘निवारक निरोध’ क्या है?
संबंधित संवैधानिक प्रावधान:
भारत ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद’ के प्रस्ताव पर मतदान से बाहरसंदर्भ: भारत ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों में रूस द्वारा आयोजित जनमत संग्रह की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में प्रस्तुत एक मसौदा प्रस्ताव पर भाग नहीं लिया। रूस द्वारा कब्ज़ा किए गए चार क्षेत्र:
प्रमुख बिंदु: संयुक्त राज्य अमेरिका और अल्बानिया द्वारा प्रायोजित UNSC प्रस्ताव, ‘15 सदस्यीय परिषद’ से पारित होने में विफल रहा। रूस ने इस प्रस्ताव को ब्लॉक करने के लिए वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया। मतदान में भाग नहीं लेने वाले अन्य देश:
UNSC प्रस्ताव: ये संयुक्त राष्ट्र के अंगों की राय या इच्छा की औपचारिक अभिव्यक्ति होते हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण, 2022 पुरस्कारसंदर्भ: बड़े राज्यों की श्रेणी के तहत ‘तेलंगाना’ ने ‘स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण’ 2022 (Swachh Survekshan Gramin – SSG, 2022) के तहत पहला पुरस्कार जीता है। सर्वेक्षण में ‘तेलंगाना’ के बाद हरियाणा और तमिलनाडु का स्थान रहा। प्रमुख बिंदु:
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) चरण- II: स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) का दूसरा चरण, इस अभियान पहले चरण के तहत उपलब्धियों की निरंतरता पर और ग्रामीण भारत में ठोस/तरल और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान करता है।
संबंधित आर्टिकल: इंदौर को सबसे स्वच्छ शहर का पुरस्कार
युवा 2.0- युवा लेखकों को परामर्श देने वाली प्रधानमंत्री की योजनासंदर्भ: शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने “युवा 2.0- युवा लेखकों को परामर्श देने वाली प्रधानमंत्री की योजना” (YUVA 2.0 – Prime Minister’s Scheme for Mentoring Young Authors) की शुरुआत की है। प्रमुख बिंदु:
महत्व:
कार्यान्वयन: कार्यान्वयन एजेंसी के रूप में शिक्षा मंत्रालय के तहत नेशनल बुक ट्रस्ट, भारत इस योजना के चरणबद्ध कार्यान्वयन को मेंटरशिप के सुपरिभाषित चरणों के तहत सुनिश्चित करेगा। स्टॉकहोम कन्वेंशनसंदर्भ: हाल ही में, ‘दीर्घस्थायी कार्बनिक प्रदूषकों’ (Persistent Organic Pollutants – POPs) पर समीक्षा समिति की 18वीं बैठक संपन्न हुई। प्रमुख बिंदु:
‘दीर्घस्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम कन्वेंशन’ के बारे में: ‘स्थायी कार्बनिक प्रदूषकों पर स्टॉकहोम कन्वेंशन’ (Stockholm Convention on POPs), मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को POPs से बचाने के लिये एक वैश्विक संधि है।
‘स्थायी कार्बनिक प्रदूषक’ (POPs) क्या हैं?
अन्य समान संधियाँ:
पराली जलानासंदर्भ: सरकार की समीक्षा के आंकड़ों के अनुसार- वर्ष 2022-23 में ‘पराली’ में 1 मिलियन टन से अधिक की वृद्धि होने की संभावना है और 6 मिलियन टन से अधिक ‘पराली’ को जलाया जा सकता है। ‘पराली दहन’ या ‘पराली जलाना (stubble Burning) क्या है? ‘पराली दहन’, धान और गेहूं जैसे अनाजों की कटाई के बाद बची हुई पुआल की पराली में जानबूझकर आग लगाने की प्रकिया होती है।
पराली जलाने के कारण:
पराली जलाने से उत्पन्न समस्या :
उपचारात्मक उपाय:
तेजी से पिघल रही आर्कटिक हिम से समुद्र को अम्लीयता में वृद्धिसंदर्भ: शोधकर्ताओं की एक टीम ने आर्कटिक महासागर के पश्चिमी क्षेत्र के बदलते रसायनिक गुणधर्मों का पता लगाया है। विद्युत धारा कैसे उत्पन्न होता है?विद्युत धारा (Electric current) विद्युत धारा एक प्रकार से विद्युत आवेशों का प्रवाह है। ठोस चालकों में इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण तथा तरलों में आयनों के साथ इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण विद्युत धारा बनती है। विद्युत् धारा की दिशा धन आवेश की गति की दिशा की ओर मानी जाती है।
विद्युत धारा उत्पन्न करने के लिए प्रयुक्त साधन कौन सा है?विद्युत धारा उत्पन्न करने के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण को जनरेटर कहा जाता है। विद्युत धारा का पता लगाने और संकेत करने के लिए गैल्वेनोमीटर का उपयोग किया जाता है। परिपथ में धारा मापने के लिए एमीटर का उपयोग किया जाता है। एक विद्युत मोटर विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करती है.
विद्युत धारा का मात्रक क्या है?मात्रात्मक रूप से, आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं। इसका SI मात्रक एम्पीयर है। एक कूलांम प्रति सेकेण्ड की दर से प्रवाहित विद्युत आवेश को एक एम्पीयर धारा कहेंगे।
विद्युत धारा कितने प्रकार के होते हैं?विद्युत् धारा के दो प्रकार होते हैं। पहला ए सी (प्रत्यावर्ती धारा) दूसरा डी सी (दिष्ट धारा)।
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