बारिश के मौसम मे भुट्टा खाने का अलग ही मजा होता है। कॉर्न को एक बेहतरीन कोलेस्ट्रॉल फाइबर माना जाता है, जो दिल के मरीज़ो के लिए बहुत अच्छा है। Show
भुट्टा या मकई सेहत का खजाना है। इसको पोषण के हिसाब से बेहतरीन माना जाता है। पके हुए भुट्टे में पाया जाना वाला कैरोटीनॉयड विटामिन ए का अच्छा स्रोत होता है। जो हमारी नज़र के लिए काफी फायदेमंद होता है। भुट्टे को पकाने के बाद उसके 50% एंटीऑक्सीडेंट बढ़ जाते हैं। पके हुए भुट्टे में फेरुलिक एसिड होता है जो कैंसर जैसी बीमारी मे लड़ने में बहुत मददगार होता है। कॉर्न में केरोटीन होता है जिसके कारण इसका रंग पीला होता है। इसके अलावा भुट्टे में विटामिन, कार्बोहाइड्रेट और फोलिक एसिड प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। Corn Side Effects: मक्का एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे खाना हर उम्र के लोगों को पसंद होता है। मक्के का मीठा-मीठा स्वाद हर किसी के मुंह को बहुत भाता है लेकिन क्या आप जानते हैं ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक भी है। जी हां, मक्का आपको बीमार भी बना सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं मक्का खाने के क्या है नुकसान… Published 8 months agoon May 16, 2022By रितिका आर्यानई दिल्ली। बारिश के मौसम में गर्म-गर्म मक्का खाना किसे पसंद नहीं होता। लोग बारिश के मौसम का खास इंतजार मक्का खाने लिए करते हैं। मक्का एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जिसे खाना हर उम्र के लोगों को पसंद होता है। मक्के का मीठा-मीठा स्वाद हर किसी के मुंह को बहुत भाता है लेकिन क्या आप जानते हैं ये हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक भी है। जी हां, मक्का आपको बीमार भी बना सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं मक्का खाने के क्या है नुकसान… एलर्जी- कई बार मकई का सेवन शरीर में एलर्जी और त्वचा पर चकत्ते भी कर देता है। कई लोगों में तो उल्टी जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। मकई के सेवन से एलर्जी का कारण इसमें पाया जाने वाला इंजेस्टिबल प्रोटीन होता है। मधुमेह रोगियों के लिए अच्छा नहीं- जिन लोगों को डायबिटीज की दिक्कत हैं उनमें इसका नकारात्मक असर पड़ता है। मकई में उच्च कार्बोहाइड्रेट सामग्री होती है जो कि रक्त शर्करा का स्तर बढ़ता है। ऐसे में शुगर पेशेंट लोगों को इसे ज्यादा मात्रा में नहीं खाना चाहिए। सूजन और पेट फूलना- मकई में स्टार्च काफी मात्रा में होता है। ये शरीर में आकर बड़ी आंत में टूट जाता है और गैस की समस्या पैदा करता है। ज्यादा मात्रा में अगर इसका सेवन किया जाए तो इससे सूजन और पेट फूलने की समस्या हो सकती है। अपच और पेट खराब- मकई फाइबर और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों में भरपूर है जिससे ये हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में सहायता करता है। हालांकि, कई बार इन फाइबर की अधिकता पेट के लिए नुकसानदायक हो सकता है। Advertisement वजन बढ़ाने में- जैसा कि पहले बताया गया कि ये चीनी और कार्बोहाइड्रेट में उच्च है। ऐसे में अगर इसका इस्तेमाल अधिक मात्रा में किया जाता है तो इससे वजन बढ़ने की समस्या होने लगती है। जो लोग डाइटिंग कर रहे हैं उन लोगों को इसे खाने से बचना चाहिए। Advertisement Related Topics:CornCorn Side EffectsHealth Newshealth tipssweet corn benefits Up Next Slim body tips: अगर चाहते है झट से वजन घटाना तो आज ही बदल दे ये आदतें, हफ्ते भर में दिखने लगेगा फर्क! Don't Miss Coconut Side Effects on Skin: क्या आप भी लगाते हैं चेहरे पर नारियल तेल तो हो जाएं सावधान, पहले जान लें इसके साइड इफेक्ट्स भुट्टा यानी साबुत मक्का को पोषक तत्वों का खजाना कहा जाता है. 100 ग्राम उबले कॉर्न में 96 कैलोरी, 73% पानी, 3.4 प्रोटीन, 21 ग्राम कार्ब, 4.5 ग्राम शुगर, 2.4 फाइबर और 1.6 फैट होता है. इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) भी बहुत कम होता है. 112 ग्राम पॉपकॉर्न में 16 ग्राम फाइबर होता है. इसके अलावा इसमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन E पाया जाता है. इसमें कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम होता है. बारिश के मौसम में भुने हुए मकई या भुट्टे की महक हर किसी को लुभाती है। ऐसे में बेशक आपको भी भुट्टे का स्वाद पसंद होगा, लेकिन क्या आप इस मोटे अनाज के चमत्कारी फायदों के बारे में जानते हैं? आपको जानकर हैरानी होगी कि इस अनाज में कई गंभीर से गंभीर बीमारियों का हल छिपा है। जो लोग इस अनाज से जी चुराते हैं, वो भी मकई के फायदे जानने के बाद इसे खाने से खुद को रोक नहीं पाएंगे। तो आइए, स्टाइलक्रेज के इस लेख के माध्यम से हम मकई के गुण और उपयोग से जुड़ी कई जरूरी बातें जानने का एक प्रयास करते हैं। साथ ही यहां हम मकई के नुकसान के संबंध में भी बात करेंगे। वहीं, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि मकई कुछ समस्याओं में राहत जरूर पहुंचा सकती है, लेकिन यह उनका पूर्ण उपचार नहीं है। किसी भी समस्या के पूर्ण उपचार के लिए डॉक्टरी परामर्श अतिआवश्यक है। पढ़ते रहें लेख लेख में आगे बढ़ने से पहले हम मकई क्या होती है? इस बारे में जान लेते हैं। इसके बाद हम इससे जुड़ी अन्य बातों पर बात करेंगे। विषय सूची
भुट्टा (कॉर्न) क्या होता है – What is Corn in Hindiमकई या भुट्टा का वैज्ञानिक नाम ‘जी-मेज’ है। इसकी गिनती मोटे अनाजों में की जाती है। मकई यानी मक्का को भुट्टा के रूप में लगभग पूरे भारत में खाया जाता है। इसकी खेती मैदानी भागों से लेकर लगभग 2700 मीटर ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों तक में की जाती है। भारत में आंध्र प्रदेश, बिहार, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में इसे बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। वहीं, विश्व की बात करें, तो चीन, ब्राजील, मैक्सिको और अमेरिका जैसे देश मकई उगाने के मामले में सबसे आगे हैं। आगे पढ़ें लेख लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के प्रकार के बारे में बताएंगे। मकई या भुट्टा के प्रकार – Types of Corn in Hindiरंग और स्वाद के आधार पर मकई को विभिन्न रूपों में विभाजित किया जा सकता है। नीचे जानिए मकई के आम प्रकार (1) – येलो डेंट कॉर्न – इसका प्रयोग मुख्य रूप से इथेनॉल के उत्पादन रूप में किया जाता है। इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल होता है, जिसे पेट्रोल में मिलाया जाता है। फिर यही पेट्रोल गाड़ियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। स्वीट कॉर्न – यह कॉर्न का वह प्रकार है, जिसे आप बाजार से या किराने की दुकान से खरीदते हैं। व्हाइट कॉर्न – इसका उपयोग मुख्य रूप से भोजन और चिप्स उत्पादन के लिए किया जाता है। हाई एमाइलोज कॉर्न – इसमें स्टार्च की मात्रा ज्यादा होती है। इसका अधिक उपयोग टैक्सटाइल इंडस्ट्री में किया जाता है। पॉप कॉर्न – यह कॉर्न की वह किस्म है, जो गर्म करने पर फैलती है और फूल जाती है। रेड कॉर्न – यह प्रकार खाने में अखरोट के स्वाद जैसा लगता है। इसे मीठे कॉर्न की श्रेणी में गिना जाता है। ब्लू कॉर्न – इसका उपयोग खाद्य पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है, खासकर चिप्स। ओर्नामेंटल कॉर्न – यह भारतीय मक्के का एक प्रकार है, जो विभिन्न रंग और रूप में पाया जाता है। नीचे स्क्रॉल करें मकई के प्रकार के बाद अब हम सेहत के लिए भुट्टा के लाभ के बारे में जानेंगे। मकई या भुट्टा आपकी सेहत के लिए क्यों अच्छा है?मकई एक ऐसा खाद्य है, जिसमें फैट, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर के साथ कई जरूरी विटामिन और मिनरल्स मौजूद रहते हैं। इस कारण यह शरीर में विभिन्न पोषक तत्वों की पूर्ति का काम कर सकता है। साथ ही यह त्वचा, बाल और स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं (जैसे:- पीलिया, हाई बीपी, लिवर विकार, मानसिक विकार और पाचन में परेशानी आदि) में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। यही वजह है कि मकई को सेहत के लिए एक अच्छा खाद्य माना जाता है (2)। लेख के अगले भाग में हम विस्तार से मकई के फायदे और मकई के गुण पर चर्चा करेंगे ताकि इन समस्याओं में यह किस प्रकार फायदेमंद है, इस बात को अच्छे से समझा जा सके। पढ़ते रहें लेख आइए, अब हम लेख के अगले भाग में विस्तार से भुट्टा के फायदे जानने का प्रयास करते हैं। मकई या भुट्टा (कॉर्न) के फायदे – Benefits of Corn (Bhutta) in Hindiलेख के इस भाग में हम अलग-अलग समस्याओं में मकई के गुण और मकई के फायदे से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे। 1. डायबिटीज को नियंत्रित करेकॉर्न के फायदे हाई ब्लड शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए लाभदायक हो सकते हैं। इस बात की पुष्टि मकई से संबंधित दो अलग-अलग शोध से होती है। चूहों पर आधारित एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) के एक शोध में पाया गया कि पर्पल कॉर्न (जिसे ब्लू कॉर्न के नाम से भी जाना जाता है) में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बढ़ा सकते हैं (3)। वहीं दूसरी ओर टाइप-2 डायबिटीज मरीजों पर आधारित शोध में सीधे तौर पर मकई को सहायक माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि नियमित आहार में मकई को शामिल करने वाले मरीजों में ब्लड शुगर में असरदार कमी देखने को मिली (4)। इसके अलावा, विशेषज्ञ भी फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और विटामिन से समृद्ध स्रोत के तौर पर डायबिटीज में मकई को शामिल करने की सलाह देते हैं (5)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मकई का उपयोग कर डायबिटीज की समस्या में कुछ हद तक राहत पाई जा सकती है। 2. आंखों के लिए फायदेमंदमकई में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, ल्यूटिन और जैक्सैन्थिन आंखों की रोशनी को बचाए रखने में लाभकारी माने जाते हैं। इस मामले में किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि उम्रदराज लोगों में इन यौगिकों की कमी की वजह से आंखों की नसों में शिथिलता आती है। इससे कम दिखाई देने या अंधेपन जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है (6)। ऐसे में आंखों के लिए भी कॉर्न के फायदे सहायक माने जा सकते हैं। 3. गर्भावस्था में उपयोगीभुट्टा खाने के फायदे गर्भावस्था में भी लाभकारी साबित हो सकते हैं। कारण यह है कि इसमें कैल्शियम, आयरन और फोलिक एसिड के साथ-साथ विटामिन सी, डी और ए पाया जाता है (7)। वहीं, यह सभी पोषक तत्व गर्भावस्था में भी उपयोगी माने जाते हैं (8)। इसके साथ ही इसमें मौजूद फोलिक एसिड और विटामिन-बी होने वाले शिशु में न्यूरल ट्यूब दोष (शिशु के मस्तिष्क व रीढ़ में विकार उत्पन्न होना) से बचाने में मदद करते हैं (9)। वहीं, गर्भावस्था में शुगर (जेस्टेशनल डायबिटीज) की समस्या में डॉक्टर पौष्टिक आहार में कॉर्न लेने की भी सलाह देते हैं (5)। इन सभी तथ्यों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि मकई का इस्तेमाल गर्भावस्था में लाभकारी परिणाम प्रदर्शित कर सकता है। 4. वजन नियंत्रण में सहायकबढ़े हुए वजन से परेशान लोगों के लिए भी भुट्टा एक आसान और उत्तम उपाय साबित हो सकता है। वजह यह है कि इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है (7), जो कि वजन को नियंत्रित रखने के साथ ही उसे कम करने में भी मदद कर सकता है (10)। इसके अलावा, भुट्टे के बाल का उपयोग भी बढ़ते वजन को रोकने में कारगर हो सकता है। अमेरिका की बोस्टन यूनिवर्सिटी ने भी इस बात को स्वीकार किया गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि मेसिन नाम के रसायन से भरपूर कॉर्न सिल्क (भुट्टे पर मौजूद हल्के रेशेदार बाल) का अर्क वजन को कम करने में सहायक हो सकता है (11)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि कॉर्न के फायदे बढ़ते वजन को कम करने में भी मददगार हो सकते हैं। 5. आयरन की कमी को पूरा करेकई बीमारियों के बचाव में सहायक भुट्टा खाने के फायदे में आयरन की कमी को भी पूरा करना भी शामिल है। इसका नियमित सेवन करने वाले लोगों में आयरन की कमी से होने वाली गंभीर समस्याओं का जोखिम काफी हद तक कम हो सकता है। एनसीबीआई के एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया कि मकई के कुछ विशेष प्रकार हैं, जिनमें आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इनका सेवन कर आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। साथ ही इसके कारण होने वाली एनीमिया की समस्या से भी बचा जा सकता है (12)। 6. एनीमिया से करे बचावकॉर्न के फायदे में एनीनिया से बचाव भी शामिल है। हम ऊपर बता ही चुके हैं कि आयरन की कमी के कारण एनीमिया होने की आशंका रहती है। वहीं, भुट्टा के सेवन से शरीर में आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है (12)। बता दें कि आयरन की कमी के अलावा, विटामिन बी-12, फोलिक एसिड या कोई गंभीर बीमारी भी एनीमिया का कारण हो सकती है (13)। वहीं, भुट्टे में आयरन के साथ-साथ फोलिक एसिड/फोलेट और विटामिन बी-12 भी पाया जाता है, जो एनीमिया से निजात दिलाने में सहायक साबित हो सकता है (7)। 7. हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगीभुने हुए मकई के दानों (पॉपकॉर्न) से संबंधित एक शोध में माना गया है कि इसमें उपस्थित फिनोलिक यौगिक एंटीऑक्सीडेंट गुण से समृद्ध होते हैं। इस गुण के कारण मकई हृदय रोग और हाई बीपी में राहत पहुंचाने का काम कर सकती है। वहीं, शोध में यह भी जिक्र मिलता है कि इस काम में मकई में मौजूद फेरुलिक एसिड अहम भूमिका निभाता है (14)। 8. पाचन को करे दुरुस्तपाचन शक्ति को बढ़ाने में भी भुट्टा खाने के फायदे सहायक हो सकते हैं। इस बात का प्रमाण मकई से संबंधित एक शोध में मिलता है। शोध में माना गया है कि मकई में मौजूद विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स पाचन में सुधार का काम कर सकते हैं। वहीं, यह भी माना गया है कि मकई का सेवन पाचन में सहायक पाचक रस के उत्पादन को बढ़ाने का भी काम कर सकता है (2)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि मकई का सेवन करने से पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है। Subscribe 9. कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करेबढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए भी मकई का उपयोग सहायक साबित हो सकता है। मकई से संबंधित एक शोध में जिक्र मिलता ही कि मकई के तेल में लिनोलेइक एसिड मौजूद होता है। यह लिनोलेइक एसिड बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को कम कर उसे नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि मकई का सेवन कर कुछ हद तक कोलेस्ट्रॉल के बढ़े स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है (2)। 10. एनर्जी को बढ़ाएएनर्जी बढ़ाने के मामले में भी मकई खाने के फायदे उपयोगी हो सकते हैं। दरअसल, अन्य जरूरी पोषक तत्वों के साथ ही मानव शरीर को ऊर्जा की भी आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा ही तो है, जो इंसान को चलने-फिरने और काम करने में सक्षम बनाती है। बिना ऊर्जा मानव शरीर निर्जीव सा महसूस होने लगता है। ऐसे में ऊर्जा से भरपूर मकई का सेवन करना लाभकारी साबित हो सकता है (7)। 11. अल्जाइमर में मददगारभुट्टा के फायदे के बारे में बात करें, तो मकई या भुट्टा अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) में भी काफी सहायक साबित हो सकता है। कारण है इसमें पाया जाने वाला विटामिन-ई, जो एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोलिकुलर साइंसेज के एक शोध में इस बात को माना गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि अल्जाइमर की बीमारी में विटामिन-ई महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (15)। 12. हड्डियों को बनाए मजबूतमकई खाने के फायदे में बोन हेल्थ भी शामिल है। मकई में मौजूद घुलनशील फाइबर हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अधिक फायदेमंद साबित होता है (16)। वहीं, मकई में सीधे तौर पर कैल्शियम भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने का काम करता है (7)। इसके अलावा, मकई से संबंधित एक अन्य शोध में भी जिक्र मिलता है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण बोन लॉस (हड्डियों का कमजोर होना) के जोखिम को कम कर सकते हैं (2)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि मकई का सेवन हड्डियों के लिए भी लाभप्रद हो सकता है। 13. शारीरिक क्षमता बढ़ाएमकई के फायदे पर किए गए शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि मकई या भुट्टा शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है। कारण यह है कि किसी भी शारीरिक गतिविधी को करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती, जिसका मुख्य स्रोत कार्बोहाइड्रेट है। चूंकि, लेख के शुरुआत में बताया गया है कि मकई कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है (7)। वहीं, कार्बोहाइड्रेट के सेवन से मसल्स ग्लाइकोजन की मात्रा बढ़ती है। इस तरह यह शारीरिक क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित हो सकता है (17)। 14. त्वचा और बालों के लिए उपयोगीविशेषज्ञों के मुताबिक मकई में विटामिन-बी कॉम्प्लेक्स पाया जाता है, जो त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी लाभदायक है (2)। इसके अलावा, मकई में विटामिन-ए, डी, सी, ई, जिंक व आयरन जैसे पोषक भी मौजूद होते हैं (7)। इनमें से विटामिन डी, सी, जिंक व आयरन बालों के लिए और विटामिन-ए, डी, सी, ई त्वचा के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं (18) (19)। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि त्वचा और बाल के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मकई खाने के फायदे कारगर हैं। आगे पढ़ें लेख मकई खाने के फायदे जानने के बाद लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देंगे। मकई के पौष्टिक तत्व – Corn Nutritional Value in Hindiनीचे दिए गए चार्ट के माध्यम से मकई में मौजूद सभी पोषक तत्वों के बारे में विस्तार से जाना जा सकता है (7)। पोषक तत्व>यूनिटमात्रा प्रति 100 ग्रामपानीg76.3एनर्जीKcal109प्रोटीनg2.14टोटल लिपिड (फैट)g5.46कार्बोहाइड्रेटg15.32फाइबर (टोटल डायट्री)g1.6शुगरg7.15मिनरलकैल्शियमmg13आयरनmg0.22मैग्नीशियमmg12फास्फोरसmg46पोटेशियमmg121सोडियमmg218जिंकmg0.3कॉपरmg0.028सेलेनियमµg0.7विटामिनविटामिन सीmg1.5थियामिनmg0.035राइबोफ्लेविनmg0.089नियासिनmg0.833विटामिन बी-6mg0.303फोलेट (डीएफई)µg30विटामिन ए (आईयू)IU65विटामिन ईmg1.6विटामिन केµg7.3लिपिडफैटी एसिड (सैचुरेटेड)g1.166फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड)g1.742फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड)g2.341पढ़ते रहें लेख लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के उपयोग के बारे में बताएंगे। मकई (कॉर्न) का उपयोग – How to Use Corn in Hindiमकई के उपयोग की बात करें, तो इसे सुबह के नाश्ते में इस्तेमाल किया जा सकता है। कई लोग कॉर्न फ्लेक्स को दूध के साथ लेना पसंद करते हैं, तो वहीं, कुछ लोग इसका सूप बनाकर पीते हैं। अगर पॉप कॉर्न की बात की जाए, तो इसे स्नैक्स के तौर पर कहीं भी और कभी भी खाया जा सकता है। इसके अलावा, ठोस और मजबूत आहार की बात करें, तो सर्दियों में मक्के की रोटी चाव के साथ खाई जाती है। आगे लेख में हम आपको मकई की दो आसान रेसिपी बताएंगे, जिसे आप आसानी से घर में बना सकते हैं। 1. स्वीट कॉर्न करीShutterstock सामग्री :
बनाने का तरीका :
2. मसाला स्वीट कॉर्नShutterstock सामग्री :
बनाने का तरीका :
नीचे स्क्रॉल करें अगले भाग में अब हम मकई के चयन और उसे सुरक्षित रखने के बारे में जानेंगे। मकई या भुट्टा का चयन और लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीकामकई के चुनाव की बात करें, तो इन्हें खरीदते वक्त ध्यान रखना होगा कि यह ताजे हों और इन पर किसी तरह का दाग या धब्बा न दिखे। वहीं, नीचे दिए गए कुछ बिंदुओं के माध्यम से मकई को सुरक्षित रखने के बारे में आसानी से समझा जा सकता है।
पढ़ते रहें लेख लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई की तासीर के बारे में बताएंगे। मकई की तासीर कैसी होती है?मकई की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे खाने के तुरंत बाद पानी न पीने की सलाह दी जाती है। आगे पढ़ें लेख लेख के अगले भाग में अब हम आपको मकई के नुकसान बताएंगे। मकई या भुट्टा के नुकसान – Side Effects of Corn (Bhutta) in Hindiजहां भुट्टा के फायदे ढेरों हैं, वहीं मकई के नुकसान भी हैं। इस पर जरूर ध्यान देना चाहिए।
अब तो आप मकई या भुट्टा के उपयोग, मक्का खाने के फायदे और नुकसान के बारे में अच्छी तरह जान गए होंगे। साथ ही आपको इस बात की भी जानकारी हो गई होगी कि नुकसान से अधिक भुट्टा के फायदे हैं। कई गंभीर बीमारियों में इसका उपयोग न केवल लाभकारी है, बल्कि यह आपको दवाओं के बोझ से भी मुक्त कर सकता है। इसलिए, भुट्टे को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे, अधिक सेवन से मकई के नुकसान भी हैं। इसलिए, हमेशा इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। उम्मीद है कि इस लेख के माध्यम से आपको कई गंभीर बीमारियों को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। अक्सर पूछे जाने वाले सवालक्या रोज मकई का सेवन किया जा सकता है? हां, संतुलित मात्रा में मकई का सेवन रोज किया जा सकता है। क्या रात में मकई का सेवन किया जा सकता है? बिल्कुल, करीब 25 ग्राम तक मकई का सेवन रात में किया जा सकता है (23)। क्या मकई वजन बढ़ा सकती है? हालांकि, मकई वजन कम करने में सहायक है, जिसके बारे में आपको लेख में पहले ही बताया जा चुका है। वहीं, इसमें अच्छी मात्रा में कैलोरी भी मौजूद होती है। इस कारण इसका अधिक सेवन कुछ मामलों में वजन बढ़ाने का काम भी कर सकता है। क्या गर्भावस्था में मकई खाई जा सकती है? मकई में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था में उपयोगी हैं। इसलिए, बेशक इसे गर्भावस्था में खाया जा सकता है। इस संबंध में भी लेख में पहले ही जानकारी दी जा चुकी है। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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