ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: Harendra Chaudhary Updated Sat, 02 Oct 2021 12:33 PM IST आज पूरा देश अहिंसा के पुजारी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती मना रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी देशवासियों में राष्ट्रभक्ति की अलख जगाने के लिए देशभर का दौरा करते थे। कई बार ऐसे भी मौके आए जब वे कार से सफऱ किया करते थे। उस दौरान फोर्ड कंपनी की कारें बेहद प्रसिद्ध थीं। हालांकि महात्मा गांधी कभी अमेरिका नहीं गए थे, लेकिन उनके कई अमेरिकी मित्र और फॉलोअर्स थे। उनमें से एक थे हेनरी फोर्ड। जी हां, वही हैनरी फोर्ड जिनकी कंपनी फोर्ड ने हाल ही में भारत छोड़ने का एलान किया है। गांधी जी ने फोर्ड को भेजा था चरखागांधी जी की सादगी से फोर्ड बेहद प्रभावित थे। महात्मा गांधी की प्रशंसा करते हुए हेनरी फोर्ड ने लिखा था, ''आपको यह बताने के लिए कि मैं आपके जीवन और संदेश की कितनी गहराई से प्रशंसा करता हूं। आप दुनिया के अब तक के सबसे महान व्यक्तियों में से एक हैं।" जिसके बाद महात्मा गांधी ने 12 हजार मील दूर मिशिगन में उन्हें एक अपने हिंदी और अंग्रेजी के हस्ताक्षरों के ऑटोग्राफ के साथ एक चरखा भी उपहार स्वरूप भिजवाया था। फोर्ड ने उम्रभर उस चरखे को गुड लक चार्म मानते हुए सादगी और आर्थिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों के प्रतीक के रूप में संभाल कर रखा, जिसका उन्होंने और गांधी दोनों ने समर्थन किया। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब अर्थव्यवस्था मंड पड़ गई थी, तब फोर्ड चरखे के बारे में कहते थे कि यह यांत्रिक सादगी और उच्च नैतिक उद्देश्य का प्रतीक है, जो 'आर्थिक स्वतंत्रता' के पहियों पर घूमता है। फोर्ड टी-सीरीजफोर्ड की कारें महात्मा गांधी की पसंदीदा थीं। उस समय फोर्ड की कारें तत्कालीन बोंबे और कलकत्ता में खूब बिका करती थीं। महात्मा गांधी फोर्ड की टी सीरीज कार प्रयोग करते थे। 1927 में जब वे बरेली सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद एक रैली को संबोधित करने जाना था, तो उन्होंने Ford Model T में सफर किया था। यह कार आज भी पुणे के विंचेज कार कलेक्टर अब्बास जसदनवाला के पास है। यह कार आज भी विंटेज कार रैलियों में नजर आती है। रॉल्स-रॉयसएक और विंटेज कार जिसे महात्मा गांधी के साथ जोड़ा जा सकता है, वह है रॉल्स-रॉयस कार जिसे कभी स्टार ऑफ इंडिया कहा जाता था। इस कार को विशेष रूप से राजकोट के महाराजा के लिए खास तौर पर बनाया गया था। महात्मा गांधी के पिता करमचंद राजकोट शाही परिवार में दीवान थे। कहा जाता है कि महात्मा गांधी के साथ-साथ इंग्लैंड की महारानी ने भी इसी कार में यात्रा की थी। Packard 120इस कार का उपयोग गांधी जी द्वारा 1940 के दशक की शुरुआत में किया गया था। उस समय बड़े-बड़े रईसों के पास ही कारें हुआ करती थीं। गांधी जी उस दौरान प्रसिद्ध उद्योगपति और स्वतंत्रता सैनानी घनश्याम दास बिरला की पैकर्ड में बैठे थे। एक भारतीय व्यापारी और दिल्ली क्लॉथ एंड जनरल मिल्स के संस्थापक लाला श्री राम के बारे में भी कहा जाता था कि उनके पास एक जैसी Packard 120 कार थी जिसका इस्तेमाल महात्मा गांधी भी करते थे। |