कवि ने बादलों को गरजने के लिए क्यों कहा है? - kavi ne baadalon ko garajane ke lie kyon kaha hai?

Solution :  कवि निराला जी एक क्रांतिकारी कवि हैं। वे लोगों मे उत्साह बढ़ाकर क्रांति के द्वारा परिवर्तन लाने की बात कहते हैं। साथ ही प्यासे-शोषित-पीड़ित जन की आकाक्षाएँ पूरी करने की बात करते हैं। कवि का मानना है कि किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए कोमलता नहीं कठोरता की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि बादलों को बरसने के स्थान पर गरजने का आह्वान कर रहे हैं।

Home » Class 10 Hindi » NCERT Solutions for Class X Chhitij Part 2 Hindi Chapter 5- SuryaKant Tripathi ‘Nirala’

छितिज भाग -2 सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’


प्रश्न 1:कवि  बादल  से  फुहार,  रिमझिम  या  बरसने  के  स्थान  पर  ‘गरजने’  के  लिए  कहता  है, क्यों?
उत्तर:  कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि ‘गरजने’ के लिए कहा है; क्योंकि ‘गरजना’ विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है।


प्रश्न 2: कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?
उत्तर:  यह एक आह्वान गीत है। कवि क्रांति लाने के लिए लोगों को उत्साहित करना चाहते हैं। बादल का गरजना लोगों के मन में उत्साह भर देता है। इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।


प्रश्न 3: कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?
उत्तर:  ‘उत्साह’ कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है –
(1) बादल पीड़ित-प्यासे जन की आकाँक्षा को पूरा करने वाला है।
(2) बादल नई कल्पना और नए अंकुर के लिए विध्वंस, विप्लव औऱ क्रांति चेतना को संभव करने वाला है।
(3) बादल कविता में नया जीवन लाने में सक्रिय है।


प्रश्न 4: शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।

उत्तर: (1)  “घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
(2) “विद्युत-छवि उर में”
कविता की इन दोनों पंक्तियों में ही नाद-सौंदर्य मौजूद है।


प्रश्न 5:  जैसे बादल उमड़-घुमड़कर बारिश करते हैं वैसे ही कवि के अंतर्मन में भी भावों के बादल उमड़-घुमड़कर कविता के रूप में अभिव्यक्त होते हैं। ऐसे ही किसी प्राकृतिक सौंदर्य को देखकर अपने उमड़ते भावों को कविता में उतारिए।
उत्तर:  इस प्रश्न का उत्तर छात्र स्वयं दें।


प्रश्न 6:होली के आसपास प्रकृति में जो परिवर्तन दिखाई देते हैं
उत्तर:  होली के समय चारों तरफ़ का वातावरण रंगों से भर जाता है। चारों तरफ़ रंग ही रंग बिखरे होते हैं। प्रकृति भी उस समय रंगों से वंचित नहीं रह पाती है। प्रकृति के हरे भरे वृक्ष तथा रंग-बिरंगे फूल होली के महत्व को और अधिक बढ़ा देते हैं।


प्रश्न 7:छायावाद की एक खास विशेषता है अंतर्मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना। कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है
उत्तर: उड़ने को नभ में तुम
पर-पर कर देते हो,
उपर्युक्त पंक्तियों में कवि ने अपने अंतर्मन में उपस्थित उमंग की भावना को बाहर की दुनिया के माध्यम से प्रकट किया है।


प्रश्न 8:  कवि की आँख फागुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?
उत्तर:  फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।


प्रश्न 9:प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किन रुपों में किया है
उत्तर: प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन मन के उल्लास के रुप में किया है। मन में अगर उल्लास भरा होता है तो हमें अपने आस


प्रश्न 10:फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है
उत्तर:  फागुन में वर्षा होती है, बारिश की बूँदें वातावरण को स्वच्छ कर देती हैं तथा पूरा वातावरण सुंदर प्रतीत होता है। आसमान अत्यंत साफ़ सुथरा लगता है, प्रकृति में चारों तरफ़ हरियाली ही हरियाली होती है, वातावरण शीतल तथा शांत हो जाता है। इन्हीं विशेषताओं के कारण फागुन का मौसम अन्य सभी ऋतुओं से भिन्न होता है।


प्रश्न 11:  इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:  निराला छायावादी युग के प्रमुख कवि रहे हैं। इनकी काव्यगत विशेषताएँ इस प्रकार हैं –
(1) निराला ने छंद मुक्त होकर अपने काव्य की रचना की है।
(2) इनके काव्य में प्रकृति चित्रण के माध्यम से मानव हृदय की भावना व्यक्त की गई है।
(3) भावों की सूक्ष्म अभिव्यक्ति इनके काव्य की मुख्य विशेषता रही है।
(4) प्रस्तुत काव्य में तुकबंदी (लय बद्धता) के माध्यम से कविता को गीत के रुप में भी प्रस्तुत किया जा सकता है।
(5) कविता में सुंदर शब्दों का प्रयोग कर कविता को सुंदर रुप प्रदान किया गया है।


Home

कविबादलसेफुहार, रिमझिमयाबरसनेकेस्थानपर'गरजने' केलिएकहताहै, क्यों?

Question

कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर'गरजने' के लिए कहता है, क्यों?

Open in App

Solution

कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने' के लिए कहा है; क्योंकि 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है।

Suggest Corrections

19

Same exercise questions

Q.

कविता का शीर्षक उत्साहक्यों रखा गया है?

Q.

शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साहकविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।

Q.

कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है?

कवि बादल को गरजने के लिए क्यों प्रेरित करता है?

कवि बादल से गरजने के लिए कह रहे हैं क्योंकि 'गरजना' शब्द क्रान्ति विप्लव और विरोध का सूचक है। परिवर्तन के लिए आह्वान है। कवि को विश्वास है कि बादलों के गरजने से प्राणि जगत में नई स्फूर्ति और चेतना का संचार होगा। वे उत्साहित होकर नव निर्माण करेंगे।

उत्साह कविता में कवि बादल को गरजने के लिए क्यों कहता है बादल से कवि की अन्य अपेक्षाएँ क्या हैं?

बादल से कवि की अन्य अपेक्षाएँ क्या हैं? Solution : कवि निराला जी एक क्रांतिकारी कवि हैं। वे लोगों मे उत्साह बढ़ाकर क्रांति के द्वारा परिवर्तन लाने की बात कहते हैं। साथ ही प्यासे-शोषित-पीड़ित जन की आकाक्षाएँ पूरी करने की बात करते हैं

कवि बादलों को भयानक गर्जना करने का क्यों कहता है?

कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है, क्यों? उत्तर: कवि निराला बादल को क्रांतिदूत मानते हैं। अतः वे गर्जना करते हुए बरसने की याचना करते हैं, दुःखी लोगों के दुःख दूर करने के लिए वे क्रांति के समर्थक हैं, चुपके से परिवर्तन की बात न वे सोचते हैं और न उन्हें संभव प्रतीत होता है।

क बादलों की गर्जना का आह्वान कवि क्यों करना चाहता है उत्साह कविता के आधार पर स्पष्ट कीजिए?

Solution : बादलों की गर्जना से तात्पर्य क्रांतिकारी स्वर भरना है। कविता के माध्यम से कवि क्रांति की आवश्यकता को चिन्हित करता है। बादल क्रांति के प्रतीक हैं। यह क्रांति रूपी बादल पीड़ित प्यासे जन की आकांक्षाओं को पूरी करेगा और दूसरी तरफ वहीं बादल नई कल्पना और नए अंकुर उगाएगा।