केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने के क्या फायदे हैं? - kendreey vidyaalay mein padhane ke kya phaayade hain?


केंद्रीय विद्यालय संगठन


(खेल सेल)

बच्चे के व्यक्तित्व के सभी दौर के विकास के लिए लक्ष्य के तहत, केन्द्रीय विद्यालय संगठन खेल, शारीरिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य शिक्षा और प्रत्येक छात्र के विकास के लिए समान महत्व देता है। सुबह विधानसभा और खेल काल के दौरान सरल अभ्यास के अलावा, प्रत्येक बच्चे को प्रोत्साहित किया जाता है और इंटर हाउस प्रतियोगिताओं के माध्यम से पसंद के विभिन्न खेलों और खेल / योग गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जाता है। व्यक्तिगत खेलों की घटनाओं में प्रतिस्पर्धा करने के लिए सभी छात्रों को सात आयु समूहों में बांटा गया है, जबकि टीम खेलों में प्रतिस्पर्धा करने के लिए, उन्हें चार घरों में बांटा गया है।

केवीएस ने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों (25 क्षेत्र) में केवीएस (मुख्यालय) और क्षेत्रीय खेल कक्ष में राष्ट्रीय खेल कक्ष की स्थापना की है ताकि स्पोर्ट्स गतिविधियों, खेल इंफ्रास्ट्रक्चर स्वास्थ्य कार्यक्रम की योजना और विकास, सभी खेलों और खेलों की निगरानी और नियंत्रण की देखभाल हो सके। गतिविधियों, और केवी में सभी छात्रों के डेटा का मूल्यांकन। p>

प्राथमिक बच्चों के लिए प्रत्येक केवी एक अलग एक दिन मिनी स्पोर्ट्स 14 नवंबर को मिलें "बाला DIVAS" हर साल सामान्य न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) के तहत आयोजित करता है। राष्ट्रीय खेल दिवस हर साल 2 9 अगस्त को सभी केवी में मनाया जाता है। सभी केवी ने वर्ष में एक बार वार्षिक खेल दिवस भी आयोजित किया।

शारीरिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और मूल्यांकन कार्ड "स्वस्थ बच्चा - स्वस्थ भारत" भारत सरकार के एमएचआरडी माननीय मंत्री श्री पी। जावड़ेकर जी को 21 अगस्त 2017 को कोच्चि (एर्नाकुलम क्षेत्र) में लॉन्च किया गया। वैज्ञानिक और प्रभावी इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन से पहले केवीएस जेआईईटी, चंडीगढ़ और ग्वालियर में प्रत्येक केवी के एक सहायक आयुक्त, प्रिंसिपल, टीजीटी (पीएचई) और प्रत्येक केवी से दो पीआरटी दिए गए तीन चरण प्रशिक्षण। 11,39,936 के स्वास्थ्य आंकड़े दो में सुरक्षित किए गए हैं चरण। केवीएस के पास विभिन्न स्तर की खेल उपलब्धि यानी गोल्ड, सिल्वर और कांस्य और खेल और खेल के क्षेत्र में शिक्षकों की मान्यता प्राप्त सेवाओं पर नकद पुरस्कार के साथ पुरस्कार और खेल के लिए बच्चों को प्रेरित करने का प्रावधान है। p>

बकाया स्पोर्ट्स व्यक्तियों को अवसर और जोखिम प्रदान करने के लिए, केवीएस बच्चों ने पूरे वर्ष में सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं / टूर्नामेंट में टीम / व्यक्तिगत के रूप में भाग लिया।

  • स्कूल स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) द्वारा आयोजित नेशनल स्कूल गेम्स (एनएसजी)।
  • स्कूल स्पोर्ट्स प्रमोशन फाउंडेशन (एसएसपीएफ) टूर्नामेंट अलग-अलग स्तर पर।
  • भारत के सुब्रोटो फाउंडेशन द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सुब्रोटो कप फुटबॉल टूर्नामेंट।
  • भारत के एनएचटीएस द्वारा आयोजित जवाहर लाल नेहरू कप हॉकी राष्ट्रीय टूर्नामेंट।
  • माहेस, सरकार द्वारा आयोजित खेलो इंडिया स्कूल गेम्स। भारत का।
  • एसजीएफआई के बैनर के तहत इंटरनेशनल स्कूल फाउंडेशन-वर्ल्ड स्कूल चैम्पियनशिप।
  • केन्द्रीय विद्यालय संगठन को एसजीएफआई, सुब्रोटो कप सोसाइटी और एनएचटीएस द्वारा राज्य / इकाई का दर्जा दिया गया है।

केंद्रीय विद्यालय भारत की केंद्र सरकार के अधीन सीबीएसई बोर्ड से संबद्धित स्कूल हैं, जो भारत के कोने-कोने में स्थापित हैं। भारत में प्रथम केंद्रीय विद्यालय 1963 में खोला गया था और वर्तमान में भारत में 1200 से भी अधिक केंद्रीय विद्यालय क्रियाशील हैं। भारत के सभी केंद्रीय विद्यालयों के समूह को केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) कहा जाता है। भारत के विभिन्न केंद्रीय विद्यालय पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। शुरुआत में केंद्रीय विद्यालय भारतीय रक्षा सेनाओं के अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए खोले गए थे परन्तु वर्तमान में इन विद्यालयों में केंद्रीय / राज्य सरकार के अधिकारियों / कर्मचारियों के बच्चे पढ़ सकते हैं। और सीट खाली रहने पर सरकारी कर्मचारियों से भिन्न किसी भी वर्ग के अभिभावकों के बच्चों को भी केंद्रीय विद्यालयों में प्रवेश मिल सकता है। यहाँ पर इस लेख में आपको केंद्रीय विद्यालय और उसमें एडमिशन से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। अतः आइये जानते हैं कि केंद्रीय विद्यालय (KVS) क्या है और केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कैसे लें ?

  • केंद्रीय विद्यालय (KVS) क्या है
  • केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कैसे होता है
      • पहली कक्षा के लिए एडमिशन प्रक्रिया
      • दूसरी कक्षा से आठवीं कक्षा के लिए एडमिशन प्रक्रिया
      • 9वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया
      • 11वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया
      • माता-पिता के स्थानांतरण की स्थिति में एडमिशन प्रक्रिया
  • निष्कर्ष

केंद्रीय विद्यालय भारत सरकार के अधीन सीबीएसई बोर्ड से संबद्धित विद्यालय हैं, जिनमें पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। केंद्रीय विद्यालयों में छात्र अंग्रेजी या हिंदी माध्यम में से किसी भी एक माध्यम में पढ़ाई कर सकते हैं। भारत के सभी केंद्रीय विद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम का पालन किया जाता है। अतः यदि कोई छात्र एक केंद्रीय विद्यालय से भारत के किसी भी दूसरे केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन लेता है तो उसको पढ़ाई और पाठ्यक्रम समझने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है। केंद्रीय विद्यालय को अंग्रेजी में सेंट्रल स्कूल कहा जाता है।

केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कैसे होता है

केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में एडमिशन लेने के लिए प्रत्येक वर्ष ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किये जाते हैं। केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन की सबसे अधिक संभावना पहली कक्षा में ही होती है, क्योंकि भारत के प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में पहली कक्षा में सभी सीटें प्रथम बार भरी जाती हैं और सभी सीटें रिक्त होती हैं। पहली कक्षा के बाद किसी भी कक्षा में प्रवेश देने के लिए सम्बंधित विद्यालय मात्र सीट रिक्त होने पर ही आवेदन आमंत्रित करता है और दूसरी कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक सभी आवेदन सम्बंधित विद्यालय में ऑफलाइन माध्यम से जमा कराने होते हैं। केंद्रीय विद्यालय की अधिकतर कक्षाओं में विद्यार्थियों के लिए 40 सीटें होती हैं।

पहली कक्षा के लिए एडमिशन प्रक्रिया

भारत के किसी भी केंद्रीय विद्यालय की पहली कक्षा में एडमिशन लेने के लिए आवेदन करने के उपरांत लॉटरी प्रणाली या लकी ड्रा के माध्यम से विद्यार्थियों को एडमिशन के लिए चुना जाता है और इसके लिए कोई भी परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है।

पहली कक्षा में एडमिशन के लिए आये सभी आवेदनों को सर्वप्रथम निम्नलिखित श्रेणियों में बाँटा जाता है:-

  1. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चे और पूर्व सैनिकों के बच्चे।
  2. भारत सरकार के स्वायत्त निकायों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/उच्च शिक्षा संस्थान के कर्मचारियों के बच्चे।
  3. राज्य सरकार के कर्मचारियों के बच्चे।
  4. राज्य सरकार के स्वायत्त निकायों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम/उच्च शिक्षा संस्थान के कर्मचारियों के बच्चे।
  5. किसी अन्य वर्ग के बच्चे।

भारत के किसी भी केंद्रीय विद्यालय की पहली कक्षा में एडमिशन के लिए ऊपर लिखित 5 श्रेणियों के बच्चों को उपरोक्त लिखित क्रम में ही वरीयता दी जाती है। अर्थात यदि पहली श्रेणी के ही आवेदन कुल सीट संख्या से अधिक आ जाते हैं तो अन्य किसी श्रेणी के बच्चे के आवेदन पर एडमिशन के लिए विचार नहीं किया जाता है। परन्तु यदि उपरोक्त लिखित श्रेणी 1 से कुल आवेदन पर्याप्त संख्या में प्राप्त नहीं होते हैं तो सर्वप्रथम श्रेणी 2 के आवेदनों पर विचार किया जाएगा और इसी प्रकार बाद की श्रेणियों पर विचार किया जाएगा।

दूसरी कक्षा से आठवीं कक्षा के लिए एडमिशन प्रक्रिया

केंद्रीय विद्यालयों में दूसरी कक्षा से आठवीं कक्षा तक में एडमिशन के लिए भी आये हुए आवेदनों में से लॉटरी प्रणाली के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है और इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए भी कोई एडमिशन टेस्ट लिए जाने का कोई प्रावधान नहीं है। इन कक्षाओं में प्रवेश के लिए भी उपरोक्त लिखित श्रेणियों के क्रम के आधार पर ही वरीयता दी जाती है।

9वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया

केंद्रीय विद्यालयों की 9वीं कक्षा में एडमिशन के लिए 8वीं कक्षा के स्तर की अंग्रेजी (इंग्लिश), हिंदी, गणित (मैथ्स), विज्ञान (साइंस) और सामाजिक विज्ञान (सोशल साइंस) विषयों की एक प्रवेश परीक्षा आयोजित किये जाने का प्रावधान है। और छात्रों को इस प्रवेश परीक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर बनाई जाने वाली मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश दिए जाने का प्रावधान है। परन्तु 9वीं कक्षा में एडमिशन के लिए भी वरीयता का क्रम ऊपर लिखित श्रेणियों के आधार पर ही रहेगा।

9वीं कक्षा में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षा का पैटर्न निम्नलिखित होता है:-

विषय अधिकतम अंक परीक्षा की कुल अवधि कुल न्यूनतम उत्तीर्ण अंक
अंग्रेजी (इंग्लिश) 20
हिंदी 20
गणित (मैथ्स) 20
विज्ञान (साइंस) 20
सामाजिक विज्ञान (सोशल साइंस) 20
कुल 100 3 घंटे 33% (अनुसूचित जाति/ जनजाति/ दिव्यांग वर्ग के लिए 25%)

11वीं कक्षा की एडमिशन प्रक्रिया

केंद्रीय विद्यालयों की 11वीं कक्षा में एडमिशन के लिए छात्रों के 10वीं कक्षा में प्राप्तांकों के आधार पर मेरिट सूची बनाई जाती है और उस मेरिट सूची और सीटों की रिक्तियों के आधार पर उपरोक्त लिखित श्रेणियों के वरीयता क्रम के आधार पर एडमिशन दिया जाता है।

नोट: प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में आरक्षित वर्गों के लिए, सिंगल गर्ल चाइल्ड (बिना भाई-बहन की अकेली लड़की संतान) और शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act), 2009 के अनुसार एडमिशन के लिए नियमानुसार सीटें आरक्षित होती हैं।

माता-पिता के स्थानांतरण की स्थिति में एडमिशन प्रक्रिया

यदि किसी छात्र के सरकारी कर्मचारी माता या पिता का भारत के किसी एक स्थान से किसी भी अन्य स्थान पर स्थानांतरण (Transfer) हो जाता है तो सम्बंधित छात्र को माता-पिता के स्थानांतरण वाले स्थान पर स्थापित केंद्रीय विद्यालय में सीट संख्या के अतिरिक्त भी एडमिशन दिए जाने का प्रावधान है। परन्तु ऐसा करने के लिए छात्र को अपने पुराने केंद्रीय विद्यालय का स्थानांतरण प्रमाणपत्र (TC) और अपने माता / पिता का स्थानांतरण आदेश दिखाना होगा।

यह भी पढ़ें: सैनिक स्कूल में एडमिशन कैसे होता है?

निष्कर्ष

यहाँ पर इस लेख के माध्यम से आपको ‘केंद्रीय विद्यालय (KVS) क्या है और केंद्रीय विद्यालय में एडमिशन कैसे लें’ से सम्बंधित पूरी जानकारी दी गयी है। आप इस जानकारी का लाभ उठा कर योग्यता के आधार पर स्वयं का या सम्बंधित बच्चे का एडमिशन केंद्रीय विद्यालय में करा सकते हैं।

ये भी पढ़े: NCC (राष्ट्रीय कैडेट कोर) क्या है और NCC कैसे join करें ?

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केंद्रीय विद्यालय में कौन कौन से बच्चे पढ़ सकते हैं?

केंद्रीय विद्यालय भारत सरकार के अधीन सीबीएसई बोर्ड से संबद्धित विद्यालय हैं, जिनमें पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। केंद्रीय विद्यालयों में छात्र अंग्रेजी या हिंदी माध्यम में से किसी भी एक माध्यम में पढ़ाई कर सकते हैं। भारत के सभी केंद्रीय विद्यालयों में एक समान पाठ्यक्रम का पालन किया जाता है।

केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने से क्या होता है?

SC/ST विद्यार्थियों (25% कोटा) को निःशुल्क शिक्षा दी जाती है. कक्षा 8वीं तक बच्चों को फ्री शिक्षा प्रदान की जाती है जिसमे बोर्डिंग, हॉस्टल, यूनिफार्म और अध्ययन सामग्री सम्मलित होती है.

KVS का मतलब क्या होता है?

केन्द्रीय विद्यालय भारत में प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा का प्रबंध है, जो मुख्यतः भारत की केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के बच्चों के लिए बनाया गया है। इस की शुरुआत 1963 में हुई तथा यह तब से भारत के केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से अनुबन्धित है।

भारत में केंद्रीय विद्यालय कितने है?

Top Kendriya Vidyalayas in India 2023: –विद्या व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करती है और विद्या प्राप्त करने के लिए हर कोई विद्यालय जाता है। आज भारतवर्ष में कई नामचीन विद्यालय पाए जाते हैं लेकिन उनमे केंद्रीय विद्यालयों का नाम सबसे ऊपर आता है। वर्तमान समय में भारत में केंद्रीय विद्यालय की संख्या 1,225 है।