कान्हा जी का जन्म कितने बजे होगा? - kaanha jee ka janm kitane baje hoga?

हिंदी न्यूज़ धर्मJanmashtami 2022 : कृष्ण जन्म के सुंदर योग इस बार जन्माष्टमी पर, जानें किस दिन मनेगा भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव

shree krishna janmashtami 2022 shubh muhrat date time : श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी इस बार रक्षाबंधन पर्व की तरह दो तिथियों में पड़ रहा है। ऐसे में जन्माष्टमी मनाए जाने को लेकर असमंजस बना हुआ है।

कान्हा जी का जन्म कितने बजे होगा? - kaanha jee ka janm kitane baje hoga?

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी इस बार रक्षाबंधन पर्व की तरह दो तिथियों में पड़ रहा है। ऐसे में जन्माष्टमी मनाए जाने को लेकर असमंजस बना हुआ है। 18 को भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी है, लेकिन पूरा दिन सप्तमी होगा इसके अलावा रात में रोहिणी नक्षत्र नहीं हैं। ज्योतिषाचार्य एवं कथावाचक सुनील शास्त्री कहते हैं कि ऐसे में अष्टमी का व्रत नहीं किया जा सकता है। अष्टमी तिथि रात 9.21 बजे से 19 को रात 10.59 बजे तक रहेगी। निशीथ पूजा योग 12.03 बजे से 12.47 बजे तक कुल 44 मिनट तक ही रहेगा, पारण सुबह 5.52 बजे कर सकेंगे।

सुनील शास्त्री के अनुसार इससे सुखद योग 19 को मिल रहा है। दिन भर अष्टमी का व्रत करें और रात नंदोत्सव में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा सकेगी। इस दिन उच्च राशि के चन्द्रमा में अष्टमी होगी। इस तिथि में बुध और सूर्य साथ-साथ रहेंगे। बुधादित्य योग भी बन रहा है। भाद्रपद मास में कृष्ण जन्माष्टमी प्रमुख त्योहार होता है। कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र में श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस बार जन्माष्टमी पर खास संयोग भी बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र 20 को 1.52 बजे से 21 को 4.39 बजे तक रहेगा।

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इस बार जन्माष्टमी में क्या है अलग

द्वापर युग में मथुरापुरी में भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि को मध्य रात में 12.00 बजे निशीथ बेला में वृषभ लग्न में उच्च राशि के चन्द्रमा में अजन्मे श्रीकृष्ण ने जन्म लिया। उस समय के कई सुंदर योग इस बार जन्माष्टमी में मिल रहे हैं। ज्योतिषाचार्य सुनील कुमार शास्त्री बताते हैं कि स्मार्त संप्रदाय के अनुसार 18 को निशीथ व्यापनी अष्टमी तिथि में तथा वैष्णव श्रीकृष्ण जन्मभूमि श्रीद्वारिकाधीश मंदिर सहित 19 अगस्त को सूर्य उदय व्यापिनी जन्माष्टमी मनाएंगे। अष्टमी तिथि 18 को रात 9.21 बजे से 19 को रात 10.59 बजे तक रहेगी।

कान्हा जी का जन्म कितने बजे होगा? - kaanha jee ka janm kitane baje hoga?

यह श्रीकृष्ण का कौन सा जन्मदिन है, आइए जानें 

इस साल क्या उम्र होगी कान्हा की? 

5242 वर्ष के हो जाएंगे ''कन्हैया"


भगवान श्रीकृष्ण इस साल 5242 साल के हो जाएंगे और 5243 वें वर्ष मे प्रवेश करेंगे। ज्योतिष गणित के मुताबिक भगवान कृष्ण द्वापर के अंत में धरती पर 125 वर्ष तक रहे कलियुग की आयु 5117 वर्ष बताई गई है अगर इन दोनों को जोड़ लिया जाए तो कन्हैया जी की सही उम्र निकल आती है।  

शास्त्रों में उल्लेखित है कि भगवान श्रीकृष्ण द्वापर के अंत में धरती पर 125 वर्ष तक रहे उनकी इस आयु 5117 वर्ष को जोड़ दिया जाए तो भगवान श्रीकृष्ण इस साल धरती पर अपने जीवन काल का 5242 वां वर्ष पूर्ण कर लेंगे। 25 अगस्त को ब्रज में मनाई जाने वाली श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर वे 5243 वें वर्ष मे प्रवेश करेंगे, ज्योतिष गणित से इस बात की पुष्टि होती है। 

Updated: Aug 25, 2022 06:42 AM | बारें में | संबंधित जानकारियाँ | यह भी जानें

Janmashtami Date: Smarta: Wednesday, 6 September 2023

कान्हा जी का जन्म कितने बजे होगा? - kaanha jee ka janm kitane baje hoga?

कृष्ण जन्माष्टमी त्यौहार, भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह हिंदू धर्म की वैष्णव परंपरा से संबंधित है। इस त्यौहार के अंतरगत भगवान श्री कृष्ण के जीवन के दृश्यों को नाटक, उपवास, भागवत पुराण कथा, रस लीला / कृष्णा लीला जैसे माध्यमों द्वारा मध्यरात्रि तक प्रायोजित किया जाता है, जैसा कि मध्यरात्रि को भगवान श्री कृष्ण का अवतरण समय माना जाता है।
जन्माष्टमी 2023:
6 सितंबर 2023 - स्मार्त
7 सितंबर 2023 - इस्कॉन, वैष्णव, गौड़ीय

जन्माष्टमी 2023 का शुभ मुहूर्त:
जन्माष्टमी, अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 03:38 बजे से शुरू हो रही है और 7 सितंबरको शाम 4:14 बजे समाप्त हो जाएगी।

जन्माष्टमी व्रत का संकल्प कैसे करें?
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर श्रीकृष्ण के सम्मुख व्रत का संकल्प करें। अपने हाथों में तुलसी का पत्ता पकड़कर यह संकल्प करें और व्रत के दौरान की गई किसी भी गलती के लिए पहले से क्षमा मांग लें। जन्माष्टमी पर पूरे दिन व्रत रखा जाता है और रात के 12 बजे कृष्ण की पूजा कर व्रत तोड़ा जाता है।

जन्माष्टमी व्रत पर कैसे करें पूजा:
❀ जन्माष्टमी के दिन स्नान आदि करके मंदिर की सफाई करें।
❀ इसके बाद सभी देवताओं का आह्वान करते हुए दीप प्रज्ज्वलित करें।
❀ फिर बाद में श्रीकृष्ण की पूजा शुरू करें, श्रीकृष्ण का जल से अभिषेक करें, श्रृंगार करें और भोग लगाएं। फिर ठाकुर जी का झूला झुलायें।
❀ फिर रात का इंतजार करते हुए दिन भर कृष्ण मंत्रों का जाप करें। रात 12 बजे भगवान का जन्मदिन मनाएं।
❀ कान्हा को दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
❀ अंत में बाल गोपाल की आरती करते हुए मंगल गीत गाएं।

संबंधित अन्य नाम श्री कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती, श्रीजी जयंती
सुरुआत तिथि भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
कारण भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस
उत्सव विधि रास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी

यह भी जानें
  • आरती कुंजबिहारी की
  • आरती: श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं
  • बाल कृष्ण आरती
  • मधुराष्टकम्: धरं मधुरं वदनं मधुरं
  • बधाई भजन: लल्ला की सुन के मै आयी
  • कृष्ण चालीसा
  • दिल्ली के प्रमुख श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर
  • भोग आरती: आओ भोग लगाओ प्यारे मोहन
  • भजन: अच्चुतम केशवं कृष्ण दामोदरं
  • भगवान श्री विष्णु के दस अवतार
  • ब्रजभूमि के प्रसिद्ध मंदिर
  • जानें दिल्ली मे ISKCON मंदिर कहाँ-कहाँ हैं?
  • दिल्ली के प्रसिद्ध श्री कृष्ण मंदिर
  • कृष्ण भजन
  • जन्माष्टमी स्टेटस
  • जन्माष्टमी विशेषांक 2023

Janmashtami in English

Janmashtami Krishna Janmashtami is a well-known festival that is celebrated as the birth of Bhagwan Krishna

कृष्ण जन्माष्टमी

6 September 2023

इस त्योहार के दौरान भगवान श्रीकृष्ण के जन्मस्थान मथुरा-वृंदावन में मुख्य रूप से रास लीला का आयोजन किया जाता है। रास का अर्थ सौंदर्य, भावना या मिठाई और लीला नाटक या नृत्य या अधिक व्यापक रूप से इसे ईश्वरीय प्रेम का नृत्य कहते है।
कृष्ण जन्माष्टमी को कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती और श्रीजी जयंती प्रमुख नामों से भी जाना जाता है।
जन्माष्टमी बांग्लादेश में एक राष्ट्रीय अवकाश है, और बांग्लादेश ढाकेश्वरी मंदिर, ढाका के राष्ट्रीय मंदिर से शुरू होता है। और श्री स्वामीनारायण मंदिर, कराची पाकिस्तान में भी मनाया जाता है।

दही हांड़ी

7 September 2023

दही हांड़ी उत्सव मुख्यतया भारतीय राज्य महाराष्ट्र और गुजरात मे धूम-धाम से मनाया जाता है। दही यानी (curd) और हांड़ी का मतलब मिट्टी से बने पात्र जैसे मटका / मटकी को कहा जाता है।
मथुरा के राजा कंस द्वारा किए गये अत्याचार, जिसमे प्रजा द्वारा सभी दूध उत्पाद का ज़रूरत से ज़्यादा माँग के विरोध स्वरूप। बाल्य काल मैं भगवान श्री कृष्ण अपने ग्वाला टोलियों के साथ घर-घर जाकर दूध से बने उत्पाद जैसे - दही, मक्खन आदि को लेकर अपने ग्वाला दोस्तों मैं बाँट दिया करते थे। इस विरोध स्वरूप प्रारंभ हुआ दही-हंडी महोत्सव।

छठी महोत्सव

12 September 2023

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के छह दिन बाद, बाल गोपाल श्री कृष्ण का छठी महोत्सव मनाया जाता है। जन्माष्टमी का पर्व भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव तथा छठी पूजन नामकरण उत्सव के रूप मे मनाया जाता है। भगवान श्री कृष्ण की छठी वाले दिन लोग अपने आराध्य का अपनी इच्छा के अनुसार नया नाम भी रखते हैं, जैसे माधव, लड्डू गोपाल, ठाकुरजी आदि।

भगवान कृष्ण की छठी के दिन उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहिनाए जाते हैं, तथा माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है, तथा भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की ही पूजा-अर्चना की जाती है।

संबंधित जानकारियाँ

आगे के त्यौहार(2023)

Smarta: 6 September 2023ISKCON, Vaishnav, Gauria: 7 September 2023

सुरुआत तिथि

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी

समाप्ति तिथि

भाद्रपद कृष्ण नवमी

मंत्र

हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की!, हरे कृष्ण!

कारण

भगवान श्री कृष्ण का अवतरण दिवस

उत्सव विधि

रास लीला, दही हांडी, पतंगबाजी

महत्वपूर्ण जगह

बरसाना, मथुरा, वृंदावन, ब्रज प्रदेश, श्री कृष्ण मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा, इस्कॉन मंदिर

पिछले त्यौहार

Chhati Mahotsav: 24 August 2022, ISKCON, Vaishnav, Gauria: 19 August 2022, Smarta: 18 August 2022, Chhati Mahotsav: 4 September 2021, Dahi Handi: 31 August 2021, Janmashtami: 30 August 2021, Chhati Mahotsav: 17 August 2020, Mathura, Vrindavan, Dwarka: 12 August 2020

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जन्माष्टमी 2023 तिथियाँ

FestivalDate
Smarta 6 September 2023
ISKCON, Vaishnav, Gauria 7 September 2023

कृष्ण जन्म कितने बजे होगा 2022?

इस साल रोहिणी नक्षत्र 20 अगस्त 2022 को सुबह 1 बजकर 53 मिनट पर शुरू होगा और 21 अगस्त 2022 को सुबह 4 बजकर 40 मिनट पर खत्म होगा. बता दें कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था जिस कारण जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र का काफी महत्व होता है.

कृष्ण जी का जन्म कितने बजे रात को होगा?

अवतरण एवं महाप्रयाण कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास में कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र के दिन रात्री के १२ बजे हुआ था ।

कान्हा जी कितने बजे जन्म लेंगे?

इस बार जन्माष्टमी की दो तारीखें बताई जा रही हैं, 18 अगस्त और 19 अगस्त. इस साल अष्टमी तिथि 18 अगस्त को रात 09 बजकर 20 मिनट से लेकर 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगी. जन्माष्टमी में चंद्रोदय व्यापिनी तिथि ली जाती है. 18 अगस्त को चंद्रोदय व्यापिनी तिथि अष्टमी होगी.

कृष्ण जन्म का मुहूर्त क्या है?

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था और धर्म शास्त्रों के अनुसार उनका जन्म रात्रि में ं12 बजे हुआ था.