व्याकरण शिक्षण की सबसे प्राचीनतम विधि कौन सी है? - vyaakaran shikshan kee sabase praacheenatam vidhi kaun see hai?

प्राचीनतमः विधिः कः ?

This question was previously asked in

REET 2012 Level - 1 (Hindi/English/Sanskrit) Official Paper

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  1. पारायणविधिः 
  2. व्याख्याविधिः 
  3. सूत्रविधिः 
  4. आगमनविधिः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पारायणविधिः 

व्याकरण शिक्षण की सबसे प्राचीनतम विधि कौन सी है? - vyaakaran shikshan kee sabase praacheenatam vidhi kaun see hai?

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CT 1: Growth and Development - 1

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प्रश्न अनुवाद - प्राचीनतम (सबसे प्राचीन) विधि कौनसी है?

स्पष्टीकरण - पारायण विधि यह प्राचीनतम (सबसे प्राचीन) विधि है।

व्याकरण शिक्षण की सबसे प्राचीनतम विधि कौन सी है? - vyaakaran shikshan kee sabase praacheenatam vidhi kaun see hai?
Key Pointsव्याकरण शिक्षण की विधियाँ -

  • शिक्षण को रोचक, आकर्षक, सुग्राह्य बनाने के लिए विभिन्न विधियों का प्रयोग प्राचीनकाल से किया जाता रहा है। इन विधियों की चर्चा दो रूपों में की जा सकती है -

प्राचीन विधि

अर्वाचीन विधि

सूत्र विधि अथवा कंठस्थीकरण विधि

पाठ्यपुस्तक विधि

पारायण विधि

सहयोग अथवा समवाय विधि

अर्थावबोधन विधि अथवा वाद विवाद विधि

आगमन-निगमन विधि

व्याख्या विधि

भाषा संसर्ग विधि

अन्वय-व्यतिरेक विधि

 

पारायण विधि -

  • यह एक प्राचीन विधि है। 
  • यह विधि कंठस्थीकरण पर जोर देती है।
  • सस्वर पाठ करना भी इसी विधि का अंग है।
  • यही वह विधि है जो ज्ञान का संरक्षण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में करती है।
  • बिना अर्थ समझे वैदिक मंत्रों का सस्वर पाठ पारायण कहलाता है ।
  • पारायण करते समय ब्रह्मचारी पूर्व दिशा की तरफ मुख करता है।
  • पारायण करते समय बीच में कोई बातचीत नहीं होती ।
  • आचार्य पाणिनि के समय में पारायण विधि प्रचलित थी । 
  • इस विधि में नियमों की आवृत्ति की जाती है ।
  • पारायण करने वाले छात्र पारायणिक कहलाते हैं।
  • इस विधि से बालकों में रटने की प्रवृत्ति का विकास होता है । अतः यह विधि वर्तमान में व्याकरण शिक्षण के लिए उपयोगी नहीं मानी जाती है।

पारायण अनेक प्रकार का होता है -

  • जैसे पंचक अध्ययन:- पाठ को 5 बार पढ़ना।
  • पंच रूप अध्ययन :- सभी को 5 बार पढ़ना या पांच तरीके से पढ़ना। 
  • परीक्षा में एक अशुद्धि करने वाला छात्र :- एकनयिक। आदि।

अत: स्पष्ट है की पारायण विधि यह प्राचीन विधि है।

व्याकरण शिक्षण की सबसे प्राचीनतम विधि कौन सी है? - vyaakaran shikshan kee sabase praacheenatam vidhi kaun see hai?
Additional Information

  • व्याख्याविधिः - यह विधि भाषण विधि का ही रूप है। छात्रों की शंका समाधान के लिए इस विधि का प्रयोग किया जाता हैं। भारतीय विद्यालयों में इस विधि का सर्वाधिक प्रयोग किया जाता है। अर्थात् 'पदो का विच्छेद करना, पदो का अर्थ को कहना, विग्रह करना, अन्वय करना, आक्षेप का समाधान करना, ये पाँच लक्षण व्याख्या के है।
  • सूत्र विधि​: - सूत्र विधि-यह विधि व्याकरण में काम मेली जाती है। इस विधि के अन्तर्गत पहले छात्र को नियम बताये जाते है। बाद में उदाहरण बताये जाते है। अर्थात यह निगमन विधि का दुसरा रूप है। सूक्ष्म विषय को स्पष्ट करने के लिए सूत्र विधि काम में ली जाती है।
  • आगमनविधिः -  इसमें विशिष्ट अनुभवों और उदाहरणों के माध्यम से सामान्य नियमों का निर्माण किया जाता है। इसके द्वारा बच्चे सरल संप्रत्ययो के सहायता से नवीन ज्ञान का संचार करते हैं। व्याकरण शिक्षण में इस विधि का काफी महत्व है। यह प्राचीनतम विधि नहीं है। 

व्याकरण शिक्षण की सबसे प्राचीनतम विधि कौन सी है? - vyaakaran shikshan kee sabase praacheenatam vidhi kaun see hai?
Important Points

  •  उपर्युक्त विकल्पों में व्याख्याविधि और सूत्र विधि दोनों प्राचीन विधि है, परंतु पारायण विधि का संबंध वेदों के काल से माना जाता है, अर्थ समझते हुए वैदिक मन्त्रों के सस्वर पठन करने हेतु  पारायण विधि का उपयोग किया जाता था, अत: यह 'प्राचीनतम' विधि मानी जाती है।  

Last updated on Sep 29, 2022

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व्याकरण शिक्षण की सबसे प्राचीन विधि कौन सी है?

शिक्षक व्याकरण शिक्षण को रोचक, आकर्षक, सुग्राह्य करने के लिए विभिन्न विधियों का प्रयोग प्राचीन काल से ही करते आ रहे हैं। व्याकरण शिक्षण की सर्वश्रेष्ठ विधि आगमन निगमन विधि है। यह प्राचीनकाल में पाणिनि, पतंजलि ने क्रमश: स्वीकार की है। वर्तमान समय में आगमन निगमन विधि का प्रयोग करके व्याकरण शिक्षण सुग्राह्य किया जाता है।

भाषा शिक्षण की प्राचीनतम विधि कौन सी है?

भाषा सीखने की सर्वाधिक प्रचलित और प्राचीनतम विधि है.
भाषा कौशल की दक्षता प्रदान करना है इसका प्रमुख उद्देश्य है.
बोलने की अपेक्षा लिखने और पढ़ने पर तथा भाषा के तत्वों पर अधिक ध्यान दिया जाता है.
दोष लक्ष्य भाषा को कम महत्व दिया जाता है.
यह भाषा शिक्षण की वैज्ञानिक विधि नहीं है.

व्याकरण शिक्षण की कौन कौन सी विधि है?

1) (i) हाँ (iii) हाँ व्याकरण शिक्षण की विधियाँ हैं: भाषा - संसर्ग विधि या अव्याकृत विधि, निगमन विधि या सिद्धांत विधि, सूत्र विधि, पाठ्य-पुस्तक विधि, आगमन विधि, सहयोग विधि या समवाय विधि, विश्लेषण-संश्लेषण विधि

प्राथमिक स्तर पर व्याकरण शिक्षण की सर्वोत्तम विधि कौन सी है?

अव्‍याकृति प्रणाली- यह एक व्याकरण शिक्षण की विधि है इस विधि को“भाषा संसर्ग विधि" के नाम से भी जाना जाता है।