मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

Latest CBSE examination Based English Grammar

English grammar is the one of the best subject for students where they learn about noun pronoun adjective adverb conjuction interjection modals tense active and passive voice narration and clauses. latest examination based english grammar topics for cbse examination.

Topics covered in this section of english grammar are like noun, pronoun, adjective, adverb, conjuction, interjection, modals, tense, active, and, passive, voice, narration, preposition, auxilary verbs, helping verbs, question tag, removal of too, mood, determiners, and clauses

हमें किसी मिश्रण के विभिन्न अवयवों को पृथक करने की आवश्यकता क्यों होती है? दो उदाहरण लिखिए।

Solution

मिश्रण के विभिन्न अवयव को पृथक करने की आवश्यकता हमारे उद्देश्य के अनुसार पड़ती है जैसे दो भिन्न उपयोगी पदार्थों को पृथक करना, अनुपयोगी अवयवों को दूर करना, हानिकारक अवयव अथवा अशुद्धियों को दूर करना। दो उदाहरण जैसे चावलों से पत्थर को पृथक करना तथा मक्खन प्राप्त करने के लिए दूध का मंथन।

RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 3 पदार्थों का पृथक्करण are part of RBSE Solutions for Class 7 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 3 पदार्थों का पृथक्करण.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 7
Subject Science
Chapter Chapter 3
Chapter Name पदार्थों का पृथक्करण
Number of Questions Solved 52
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 7 Science Chapter 3 पदार्थों का पृथक्करण

पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर 

सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
गेहूँ से कंकड़ को अलग कौन-सी विधि द्वारा किया जाता है ?
(अ) फटकना
(ब) चुम्बक
(स) बीनना
(द) श्रेशिंग
उत्तर:
(स) बीनना

प्रश्न 2.
दही से मक्खन को कौन-सी विधि से अलग किया जाता है ?
(अ) आसवन
(ब) अपकेन्द्रण
(स) छानना
(द) वाष्पन
उत्तर:
(ब) अपकेन्द्रण

प्रश्न 3.
समांगी मिश्रण का उदाहरण है
(अ) शक्कर व दूध का मिश्रण
(ब) रेत व लोहे का मिश्रण।
(स) मिट्टी व पानी का मिश्रण
(द) तेल व पानी का मिश्रण
उत्तर:
(अ) शक्कर व दूध का मिश्रण

प्रश्न 4.
भाप को द्रव में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को कहते
(अ) वाष्पन
(ब) संघनन
(स) आसवन
(द) श्रेशिंग।
उत्तर:
(ब) संघनन

रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए|

प्रश्न 1.
चने व गेहूँ के मिश्रण से चने को …………. द्वारा पृथक् किया जाता है।
प्रश्न 2.
किसी द्रव का वाष्प में बदलना ………… कहलाता है।
प्रश्न 3.
शर्बत …………का उदाहरण है।
प्रश्न 4.
दवाइयाँ बनाने में ……………. जल का प्रयोग किया जाता है।
उत्तर:
1. बीनने
2. वाष्पन
3. समांगी मिश्राण
4. आसुत

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

लघु उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
लैगून किसे कहते हैं ?
उत्तर:
समुद्र के पानी से नमक बनाने के लिए समुद्री जल को छोटी-छोटी क्यारियों में इकट्ठा किया जाता है, जिन्हें लैगून कहते हैं।

प्रश्न 2.
समांगी मिश्रण को उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
समांगी मिश्रण (Homogenous Mix-ture)ऐसा मिश्रण जिसमें दो या दो से अधिक अवयव उपस्थित रहते हैं, किन्तु उन्हें अलग-अलग नहीं देखा जा सकता, समांगी मिश्रण कहलाता है; जैसे-शर्बत, नमक का जलीय विलयन, वायु आदि।।

प्रश्न 3.
नियंदन से क्या अभिप्राय है ? इसे चित्र द्वारा समझाइए।
उत्तर:
नियंदन (Filtration)-ठोस तथा द्रव के किसी मिश्रण में से अवयवों को पृथक् करना नियंदन कहलाता हैं।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

प्रश्न 4.
समांगी मिश्रण तथा विषमांगी मिश्रण में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ऐसे मिश्रण जिनमें दो या दो से अधिक अवयव उपस्थित रहते हैं। किन्तु इन्हें अलग-अलग नहीं देख सकते हैं, समांगी मिश्रण कहलाते हैं; जैसे-चीनी का पानी में घोल। इसके विपरीत ऐसे मिश्रण जिनमें उनके अवयवी पदार्थों को सामान्यतः अलग-अलग देखा जा सकता है, विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं; जैसे-पानी में तेल का मिश्रण।

प्रश्न 5.
अशुद्ध नमक से शुद्ध नमक प्राप्त करने की विधि का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अशुद्ध नमक से शुद्ध नमक को सबसे पहले पानी में घोल लिया जाती है। नमक पानी में घुल जाता है|
चाइना जबकि इसकी अशुद्धियाँ पानी में ए डिश तैरने लगती हैं। इन्हें छानकर अलग कर लिया जाता है। अब नमक के। शेष घोल को गर्म करते हैं जब तक
पूरा पानी न उड़ जाए। अब बर्तन में चित्र : वाष्पीकरण शुद्ध नमक शेष बचती है।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
रेत, नमक व लोहे की छीलन के मिश्रण में से इसके अवयवों को पृथक् करने की विधि लिखिए।
उत्तर:
रेत, नमक व लोहे की छीलन के मिश्रण में से इसके अवयवों को निम्न पदों में पृथक् किया जा सकता है|

चरण I. चुम्बकीय पृथक्करण-सबसे पहले मिश्रण को किसी कागज पर फैलाकर इसमें चुम्बक को बार-बार गुजारते हैं, जिससे लोहे की छीलन चुम्बक पर चिपक जाती है। चुम्बक से लोहे की छीलन को अलग कर लेते हैं।
चरण II. अवसादन-अब मिश्रण में रेत और नमक बचता है। मिश्रण को पानी में घोल लेते हैं और इसे थोड़ी देर के लिए छोड़ देते हैं। रेत बर्तन की तली में जमा हो जाता है। अब ऊपर के साफ दिखाई देने वाले जल को सावधानीपूर्वक दूसरे बर्तन में निथारते हुए उड़ेल लेते हैं।
चरण III. वाष्पन-विलयन में अब नमक और पानी | बचता है। विलयन को किसी चौड़े बर्तन में लेकर गर्म करते हैं। बर्तन का सारा पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है और नमक शेष बचता है। | इस प्रकार मिश्रण के तीनों अवयव पृथक् हो जाते हैं।

प्रश्न 2.
पृथक्करण की किन्हीं चार विधियों का सचित्र वर्णन कीजिए।
उत्तर:
पृथक्करण की विधियाँ
1. बीनना (Handpicking)-गेहूँ, चावल, दाल में अनुपयोगी पदार्थ; जैसे-अनाज, कंकड़, मिट्टी व अन्य

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

अशुद्धियाँ मिली होती हैं। जो प्राय: बहुत कम मात्रा में होती ।
हैं। इनकी आकृति एवं रंग गेहूँ, चावल एवं दाल से भिन्न | होता है। इन अशुद्धियों को हाथ से निकालते हैं। इस प्रक्रिया
को बीनना या हस्त चयन कहते हैं।

2. छानना (Sieving)-आटा गूंधने से पहले आटे को छानते हैं। भूसा व अन्य अशुद्धियाँ छननी के ऊपर रह जाती हैं और शुद्ध आटा छननी से छनकर नीचे आ जाता है। भवन निर्माण वाले स्थानों पर चालनों की सहायता से रेत में से कंकड़ तथा पत्थर अलग किए जाते हैं। इस प्रक्रिया को छानना या चालना कहते हैं।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

3. निष्पावन (Winnowing) –घरों में आपने सूप से गेहूँ एवं चावल को फटक कर साफ करते हुए देखा होगा। सूप की सहायता से अनाज में मिली। हल्की अशुद्धि को पृथक करने की प्रक्रिया को फटकना कहते हैं। खलिहानों में किसान अनाज को ऊँचाई से गिराते । हैं, अनाज भारी होने के कारण पास में | गिरता है, जबकि हल्का भूसा वायु के बुक की प्रवाह से दूरी पर अलग हो जाता है।
मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

सहायता से इस प्रकार किसी मिश्रण से अवयवों को पृथक करने की विधि को निष्पावन कहते हैं।
4. अपकेन्द्रण (Centrifugation) –बिलौनी की सहायता से दही को पात्र में वृत्ताकार घुमाया जाता है, जिससे भारी अवयव (छाछ) नीचे रह जाती है। एवं हल्का अवयव (मक्खन) ऊपर आ | जाता है। यह क्रिया अपकेन्द्रण कहलाती |
मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

चित्र-अपकेन्द्रण (दही को बिलौना)

प्रश्न 3.
पदार्थों का पृथक्करण क्यों आवश्यक है ? समझाइए।
उत्तर:
मिश्रण के अवयवों को पृथक (अलग) करने की आवश्यकता-कोई भी पदार्थ उसके शुद्ध रूप में होना महत्वपूर्ण होता है। कई पदार्थों में अशुद्धियाँ मिली होने के कारण उन्हें प्रयोग में नहीं लाया जा सकता है। अतः पदार्थ के शुद्ध रूप प्राप्त करने के लिए पृथक्करण किया जाता है।

मिश्रणों से अशुद्धियों को पृथक करके हम उनकी गुणवत्ता, शुद्धता, सामर्थ्य एवं उपयोगिता बढ़ा सकते हैं। साथ ही मिश्रण के घटकों का अनुपात ज्ञात कर सकते हैं। जैसे सीमेण्ट में अशुद्धि के कारण उसकी सामर्थ्य कम हो जाती है। सोने में अशुद्धियों से उसकी चमक कम हो जाती है। अशुद्ध जल को पीने से हम बीमार हो सकते हैं। अत: हम कह सकते हैं कि मिश्रण से अवयवों को पृथक करना हमारे जीवन में अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

पाठगत प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
शक्कर’ और ‘बालू मिट्टी में क्या अन्तर है ? (पृष्ठ 24)
उत्तर:
शक्कर एक पदार्थ है, जबकि बालू मिट्टी एक मिश्रण है।

प्रश्न 2.
हमारे दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले मिश्रणों के अवयवों को नीचे दी गई सारणी में लिखिए। (पृष्ठ 24)
उत्तर:
सारणी : दैनिक जीवन में उपयोग में आने वाले मिश्रणों के अवयव

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

प्रश्न 3.
यदि आपको गेहूँ, जौ, मक्का मिलाकर दिया जाए और इन्हें अलग करने के लिए कहा जाए तो आप क्या करेंगे ? (पृष्ठ 26)
उत्तर:
गेहूँ, जौ तथा मक्का को इनकी पहचान के आधार पर बीनकर अलग करेंगे।

प्रश्न 4.
गन्दले जल से मिट्टी जैसी अविलेय अशुद्धियों को कैसे दूर कर सकते हैं ? (पृष्ठ 27)
उत्तर:
नियंदन द्वारा।

प्रश्न 5.
आपने घरों में दही से मक्खन और छाछ को पृथक करते हुए देखा होगा। यह कैसे होता है ? (पृष्ठ 28)
उत्तर:
अपकेन्द्रण की क्रिया द्वारा छाछ नीचे तथा मक्खन इसके ऊपर तैरने लगता है।

प्रश्न 6.
घरों में प्रायः ऊनी वस्त्रों की सुरक्षा के लिए हम नैफ्थलीन की सफेद गोलियाँ रखते हैं। हम देखते हैं कि कुछ समय बाद वह गोलियाँ छोटी या गायब हो जाती हैं। ऐसा क्यों होता है ? (पृष्ठ 30)
उत्तर:
ऐसा ऊर्ध्वपातन के कारण होता है।

प्रश्न 7.
गन्दले जल में फिटकरी का उपयोग क्यों किया जाता है ?(पृष्ठ 31)
उत्तर:
फिटकरी से गंदले जल की गंदगी नीचे बैठ जाती है और ऊपर साफ पानी होता है।

प्रश्न 8.
जल में घुली हुई अशुद्धियों को कैसे दूर करते हैं ?
उत्तर:
जल में घुली हुई अशुद्धियों को आसवन द्वारा दूर कर सकते हैं।

क्रियात्मक कार्य

गतिविधि-2: (पृष्ठ 25)
प्रश्न-1
आप क्या देखते हैं ?
उत्तर:
आप देखेंगे कि बीकर में पानी तथा तेल की दो अलग-अलग परतें दिखाई देती हैं।
निष्कर्ष- ऐसे मिश्रण जिनमें उनके अवयवी पदार्थों (अवयवों) को सामान्यतः अलग-अलग देखा जा सकता है, विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

गतिविधि-7:(पृष्ठ संख्या 31)
प्रश्न-1
आप क्या देखते हैं ?
उत्तर:
हम देखते हैं कि बालू रेत बीकर में नीचे बैठ जाती है।
निष्कर्ष- मिश्रण में भारी अवयवों, के नीचे बैठ जाने की प्रक्रिया को अवसादन कहते हैं। अवसादित, रेत मिश्रण को बिना हिलाए-डुलाए

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

सावधानीपूर्वक दूसरे बीकर में स्थानान्तरित करने की प्रक्रिया को निथारना कहते हैं। .

क्रियात्मक कार्य

प्रश्न-निम्नलिखित मिश्रण बनाइए और उसमें से मूल पदार्थों को पृथक करिए
(अ) कपूर + नमक
(ब) जल + खाने का सोडा
(स) नमक + रेत
(द) मिट्टी + लोहे का बुरादा
(य) जल + सरसों का तेल
उत्तर:
छात्र उपर्युक्त मिश्रण बनाकर निम्न विधियों का प्रयोग करके अवयवों को पृथक करें
(अ) ऊर्ध्वपातन विधि का प्रयोग करके।
(ब) वाष्पन विधि का प्रयोग करके।
(स) अवसादन तथा वाष्पन विधियों का प्रयोग करके।
(द) चुम्बकीय पृथक्करण विधि का प्रयोग करके।
(य) निस्पंदन विधि का प्रयोग करके।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प का चयन कीजिए

प्रश्न 1.
निम्न में से विषमांगी मिश्रण है
(अ) चीनी का घोल
(ब) नमक का जलीय विलयन
(स) पानी में घुली मिट्टी
(द) सोडा वाटर
उत्तर:
(स) पानी में घुली मिट्टी

प्रश्न 2.
पानी और तेल का मिश्रण है।
(अ) समांगी मिश्रण
(ब) विषमांगी मिश्रण
(स) विलये
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) विषमांगी मिश्रण

प्रश्न 3.
दाल में से कंकड़ों को पृथक किया जा सकता है
(अ) बीनने से
(ब) निष्पावन से ।
(स) वाष्पन से।
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(अ) बीनने से

प्रश्न 4.
निस्पंदन द्वारा पृथक् किया जा सकता है
(अ) गंदले जल से शुद्ध जल
(ब) पानी से नमक
(स) रेत से लोहे का बुरादा
(द) ये सभी
उत्तर:
(अ) गंदले जल से शुद्ध जल

प्रश्न 5.
समुद्री जल से नमक प्राप्त किया जाता है
(अ) छानने द्वारा
(ब) निष्पावन द्वारा
(स) वाष्पीकरण द्वारा
(द) निथारने द्वारा
उत्तर:
(स) वाष्पीकरण द्वारा

प्रश्न 6.
एक किसान भूसे मिले हुए अन्न कणों को ऊँचाई से गिराता है, वह पृथक्करण की कौन-सी विधि का प्रयोग कर रहा है?
(अ) निस्यंदन विधि को.
(ब) श्रेशिंग विधि का
(स) ऊर्ध्वपातन विधि का
(द) निष्पावन विधि का
उत्तर:
(द) निष्पावन विधि का

रिक्त स्थान
निम्नलिखित वाक्यों में रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए

प्रश्न 1.
शक्कर एक पदार्थ है जबकि बालू मिट्टी …….. है।
प्रश्न 2.
मिश्रण में उपस्थित पदार्थों के मिश्रण को …………कहते हैं।
प्रश्न 3.
ठोस तथा द्रव के किसी मिश्रण में से अवयवों को पृथक करना ………… कहलाता है।
प्रश्न 4.
चुम्बक ……………. वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है।
प्रश्न 5.
नमक एवं नौसादर का पृथक्करण ………….. द्वारा किया जाता है।
उत्तर:
1. मिश्रण
2. अवयव
3. नियंदन
4. चुम्बकीय
5. ऊर्ध्वपातन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
मिश्रण कैसे बनता है?
उत्तर:
दो या दो से अधिक अवयवों को अनिश्चित अनुपात में मिलाने से मिश्रण बनता है।

प्रश्न 2.
मिश्रणों के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
मिश्रण दो प्रकार के होते हैं-

  • समांगी मिश्रण तथा
  • विषमांगी मिश्रण।

प्रश्न 3.
पृथक्करण किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मिश्रण से उनके अवयवों को पृथक करने की प्रक्रिया को पृथक्करण कहते हैं।

प्रश्न 4.
पृथक्करण की कोई दो विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
1. छानना,
2. वाष्पीकरण।

प्रश्न 5.
फिल्टर पेपर द्वारा पृथक् करने की कौन-सी विधि है ?
उत्तर:
नियंदन।

प्रश्न 6.
चुम्बक द्वारा किन पदार्थों को और किससे पृथक् किया जा सकता है ?
उत्तर:
चुम्बक द्वारा चुम्बकीय पदार्थों को अचुम्बकीय पदार्थों से पृथक् किया जा सकता है।

प्रश्न 7.
फिटकरी से जल शुद्ध करने में कौन-सी विधि प्रयोग की जाती है ?
उत्तर:
अवसादन एवं निथारना (Sedimentation and Decantation)

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
विषमांगी मिश्रण क्या है ? उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixture)- ऐसे मिश्रण जिनमें उनके अवयवी पदार्थों (अवयवों) को सामान्यतः अलग-अलग देखा जा सकता है, विषमांगी मिश्रण कहलाते हैं। उदाहरण-पानी में तेल का मिश्रण, रेत में बुरादे का मिश्रण।

प्रश्न 2.
श्रेशिंग क्या है ? चित्र बनाकर समझाइए।
उत्तर:
थ्रेशिंग (Threshing)- खेतों में विभिन्न दालों, धान के पौधों को सुखाया जाता है। तत्पश्चात् अनाज के कणों को अलग-अलग करने के लिए सूखे पौधों को | पत्थरों या लकड़ी के पट्टों पर पीटते हैं। अन्न कणों को पके हुए पौधों से अलग करने की प्रक्रिया को श्रेशिंग कहते हैं। इसके लिए आजकल श्रेशिंग मशीन का उपयोग होता हैं।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

प्रश्न 3.
वाष्पीकरण को एक उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर:
वाष्पीकरण (Vaporisation)- किसी द्रव का वाष्प में बदलना वाष्पीकरण कहलाता है। वाष्पीकरण द्वारा समुद्री जल से नमक प्राप्त किया जाता है। इसके लिए समुद्री जल को छोटी-छेटी क्यारियों में एकत्र करते हैं जिन्हें लैगून कहते हैं। सूर्य की गर्मी से जल वाष्प बनकर उड़ जाता है और नमक क्यारियों में बच जाता है।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित को उदाहरण सहित समझाइए
(अ) ऊर्ध्वपातन
(ब) अवसादने एवं निथारना।
उत्तर:
(अ) ऊर्ध्वपातन (Sublimation)- कुछ ठोस गरम करने पर सीधे गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं एवं ठण्डा करने पर वाष्प से बिना द्रव में बदले पुनः ठोस अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं। इस क्रिया को ऊर्ध्वपातन कहते हैं।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

उदाहरण-ऊर्ध्वपातन द्वारा नमक, एवं नौसादर के मिश्रण को अलग कर सकते हैं।
(ब) अवसादन एवं निथारना (Sedimentation and Decantation)- किसी मिश्रण को जल में घोलने पर भारी अवयवों के नीचे बैठ जाने की प्रक्रिया अवसादन कहलाती है। अवसादित मिश्रण को बिना हिलाए-डुलाए सावधानीपूर्वक दूसरे बर्तन में लेने की प्रक्रिया को निथारना कहते हैं।
उदाहरण-इन विधियों से गंदे जल से साफ जल प्राप्त किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
आसवन, वाष्पन एवं संघनन की क्रिया को समझाइए।
उत्तर:
(अ) आसवन (Distillation)- द्रवीय मिश्रण से विभिन्न द्रवों को निश्चित तापक्रम द्वारा पृथक् करना आसवन कहलाता है।
(ब) वाष्पन एवं संघनन (Evaporation and Condensation)- द्रव को वाष्प में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को वाष्पन कहते हैं। वाष्प को द्रव में परिवर्तित करने की क्रिया को संघनन कहते हैं।

मिश्रण का पृथक्करण क्यों आवश्यक है? - mishran ka prthakkaran kyon aavashyak hai?

किसी विलयन से वाष्पीकरण और संघनन विधि द्वारा शुद्ध द्रव को प्राप्त करने को आसवन कहते हैं।

We hope the RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 3 पदार्थों का पृथक्करण will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 3 पदार्थों का पृथक्करण, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.